बूढ़े मजबूर ने मारी मेरी बुर।

Antarvasna mms भाभी चुदाई का मजा बड़े उम्र के कर्मचारी ने लिया उसकी कॉलोनी में एक हॉट भाभी ने एक कर्मचारी को पेशाब करते देखा।

प्रिय, मैं रश्मि आपकी सेवा में फिर से उपस्थित हूँ।

मैं उम्मीद करती हूँ कि आपको मेरी पिछली सेक्स कहानी

पति के पोस्टिंग के बाद चूत में खुजली। Desi Bhabhi Ki Chut Ki Kahani

पसंद आया था.

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जैसा कि आप जानते हैं, मेरे पति एक संस्था में काम करते हैं।

इस बार उनका ट्रांसफर एक नए स्थान पर हुआ, जहां मुझे एक कर्मचारी का लंड मिला।

कैसे प्राप्त हुआ?

यही मैं इस Xxx इंडियन भाभी चुदाई कहानी में बता रही हूँ!

हम सब वहां चले गए।

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वहां कंपनी ने क्वार्टर बनाए थे। वहां प्रत्येक इमारत में तीन मंजिलें थीं।

हमें भवन में सबसे नीचे वला क्वार्टर मिला।

मैं नयी था, इसलिए मैं अधिकतर समय अपने घर पर रहती था।

वहां की महिलाओं ने भी किसी से अधिक बातचीत नहीं की।

आप जानते हैं कि मेरा वजन 34-32-36 है।

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मैं घर पर नाइटी में रहती थी क्योंकि हमारे घर पर जल्दी कोई नहीं आता था।

एक दिन, बाहर कुछ लोग खड़े होकर ये होना चाहिए, वो होना चाहिएआपस में बहस कर रहे थे।

मैं चुपचाप सुनने लगी।

मैंने देखा कि बिल्डिंग मेंटीनेंस का काम चल रहा है।

हमारी इमारत के पीछे और आगे भी इमारत थी।

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उन्होंने पहले पीछे की बिल्डिंग से काम शुरू किया।

हमारे कमरे के बाहर एक खिड़की थी, जहां से बाहर का सब कुछ देखा जा सकता था।

मैंने सोचा कि इनका काम देखकर मेरा समय कट जाएगा।

मैं खिड़की पर परदा रख दिया।

ऐसे ही मैंने पर्दे को साइड से हल्का सा हटा कर रख दिया, ताकि मैं बाहर का नजारा और अंदर का नजारा दोनों देख सकूं।

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मैं भी अंदर की लाइट बंद रखती थी।

इसी तरह पहला दिन निकल गया।

अगले दिन, वहां पर एक 55 साल का अधेड़ आया।

उसका शरीर गठीला था, चौड़ा लंबा और धोती पहने हुए था।

मैं खिड़की से उसकी ओर देखता था।

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मैंने सोचा कि वह यहां पर खुदाई करने आया होगा।

जब वह आया, उसने अपनी धोती उठा ली और पेशाब करना शुरू कर दिया।

पहले मुझे शर्म आती थी, लेकिन जब मैंने देखा कि उसका लंड किसी घोड़े के लंड से कम नहीं था, तो मुझे शर्म आ गई।

मैं देखती रह गया जब उसने अपना लिंग हिलाया।

बहुत बड़ा लंड था।

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मैं गर्म हो गयी और अपनी नाइटी में हाथ डालकर अपनी चूत को रगड़ने लगी।

जैसा कि मैंने पहले बताया था, बाहर से कोई भी कमरे में नहीं देख सकता था, लेकिन अंदर से सब कुछ दिखाई देता था।

मैंने उसे देखा।

थोड़ी दूरी पर वह खुदाई करने लगा।

मैंने उसकी ओर देखा और अपनी उंगली अपनी चूत में डालने लगी।

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थोड़ी देर बाद मैं झड़ गयी और ऐसे ही लेटी रही।

मैं कुछ देर बाद उठकर नहाई।

फिर मैंने देखा कि वह काम पूरा करके चला गया।

उसके जाने का समय 6.30 बजे था।

मैं भी खाना बनाने चली गई।

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मेरे पति रात में आए।

चुदाई की आग मेरे शरीर में भड़क रही थी।

खाने के बाद मैं अपने पति को सहलाने लगी तो वह मुँह घुमाकर सो गया, कहते हुए कि मैं थका हुआ हूँ किसी और दिन करेंगे।

मैं पूरी रात सो नहीं पायी।

मेरी आंखों के सामने उसी कर्मचारी का लंड घूमता रहा।

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मैं अगली सुबह उठकर मैंने अपने पति के लिए भोजन बनाया।

वह सुबह निकलकर रात में वापस आते थे, इसलिए दिन का खाना बनाकर टिफिन भी दे दिया।

जब वे चले गए, मैं जल्दी से नहाने गई और अपने बाल धोने लगी।

क्योंकि उस कर्मचारी के आने का समय होने वाला था, मैं जल्दी से अपना सारा काम करके उसके लंड को देखने के लिए मरी जा रही थी।

नहा कर आई और उसके लिए बैठ गई।

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10 बजे वह आया।

उसे देखते ही मुझे बुरा लगा।

मैं उसकी ओर देखती रही।

फिर मैं उठ गयी और पर्दा हटाया। बाद में मैंने कमरे की लाइट भी जला दी।

मैंने अब एक और कदम उठाया। मैं एक स्पैगट्टी पहन रही थी और ब्रा नहीं पहनी थी। बस पैंटी पहनी हुई थी।

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स्पैगट्टी बिना बाजू की होती है और फ्रॉक की तरह दिखती है।

अब मैंने सोचा कि अगर ये पेशाब करने आए तो बात बने।

तब वह आया और वहीं काम करने लगा।

हमारा कमरा खिड़की से सटा था।

मैंने अपने फोन का कैमरा वहीं ऑन करके रख दिया, ताकि मैं बाद में पता लगा सकूँ कि इसने मुझे देखा या नहीं।

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मैं अब खिड़की से थोड़ा दूर थी।

मैं गाना गाने लगी और बेड पर झुक कर चादर सही करने लगी जब वह आया।

थोड़ी देर बाद मैं डॉगी की तरह उल्टी हो गई, ताकि वह मेरी कच्छी देख सके।

मेरी स्पैगट्टी इतनी छोटी थी कि झुकने पर मेरी गांड दिखाई देती थी।

कुछ पंद्रह मिनट बाद मैं उठकर इधर-उधर देखने लगी।

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मैंने उसे वहीं खड़ा देखा।

मैं अब वहां से चला गयी।

थोड़ी देर बाद मैं आयी तो वह सामने काम करने लगा।

वह मेरी गांड देखकर अपना लंड हिला रहा था जब मैं फोन उठा कर देखा।

उसका लंड लगभग आठ इंच का था।

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मैं उस वीडियो को देखते हुए अपनी चूत सहलाती रही।

थोड़ी देर में मैं गिर पड़ा।

मैंने अगले दिन भी वही स्पैगट्टी पहनी।

मैडम जी, पीने का पानी मिलेगा? उसने खिड़की से पूछा।

हाँ हां, मैंने कहा।

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वह मेरे घर में आ गया।

मैंने उसे बैठने को कहा।

वह बैठ गया।

मैंने उसके सामने झुक कर फर्श साफ करने का नाटक करने लगी, साथ ही पानी की बोतल और गिलास भी दे दी।

उस समय ब्रा नहीं पहनी थी, इसलिए मेरे चूचे बहुत हिल रहे थे।

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तब मैंने देखा कि वह अपने लौड़े को हाथ से दबाकर खड़ा कर रहा था।

यह देखकर मैं उठी और तेज आवाज में अपना दर्द व्यक्त किया।

क्या हुआ मालकिन? उसने सुनकर पूछा।

मैंने कहा कि मोच आ गया।

तुम आराम करो, मैं चलता हूँ, उसने कहा।

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मैंने कहा कि आप किधर जा रहे हैं। मेरे पास आओ। मेरे पैर में बाम डालकर चले जाओ।

ठीक है, उसने कहा।

मैंने कहा कि मुझे अपना सहारा देकर अंदर ले जाओ।

तब उसने कुछ सोचा और मुझे अपने साथ ले जाने लगा।

मैं उसके लिए एक फूल सी थी, इसी से उसकी शक्ति का अंदाजा लगा रही थी।

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मुझे अंदर ले जाकर बेड पर लेटा दी।

मैंने उसे बाम उठाने का संकेत देते हुए कहा कि वहाँ बाम रखी है; उसे उठाकर मेरे पैर पर लगा दो।

उसने बाम उठाकर मेरी ओर देखा।

दिमाग लगाते हुए, मैंने पहले अपनी पीछे की तरफ बाम लगाने की सोची ताकि वह शांत हो जाए।

मैं लेट गयी और उससे बाम लगाने के लिए कहा।

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उसने मेरे पैर में बाम लगाना शुरू किया।

मैंने उससे कहा कि वह मेरे घुटनों से ऊपर तक लगाए।

मेरे पैर को सहलाने में उसने मजा लिया।

मैं सीधा हो गयी और आंखें बंद करके लेटी रही जब मैंने समझा कि ये गर्म हो रहा है।

मैंने अपनी आंखें हल्के से खोलकर देखा कि उसका लंड फौलाद की तरह कड़क हो गया था।

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उसने अपने हाथ से बाम को मेरी टांग पर मलना शुरू किया और ऊपर चढ़कर मेरी जांघों तक पहुँचा।

वह मेरी चड्डी तक देखने लगी, मेरी स्पैगट्टी हटाकर।

उसके द्वारा मेरी चूत पर हाथ फेरते ही मुझे एक आह आ गई।

उसने मेरी इच्छा को समझा।

उसने अपने हाथ को मेरी स्पैगट्टी में ऊपर की ओर रखा और मेरे बूब्स को दबाने लगा।

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मैंने आंखें खोली और धोती के ऊपर से उसके लंड को सहलाने लगी।

तू बहुत सुंदर है, उसने कहा, स्पैगट्टी निकालकर।

मैंने हंसते हुए कहा, “ठीक है, तो फिर इस चीज का आनंद लो!”

उसने यह कहते ही मेरे होंठ चूसने लगा।

मैं भी उससे लिपट गयी और पूरी तरह उसको जकड़ लिया।

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वह मेरे मम्मों को बहुत तेज़ी से दबाने लगा।

मैंने कहा, “अया आहहह हल्के से करो।” दर्द हो रहा है।

लेकिन वह नहीं मान रहा था और मेरे दूध को मसलता रहा।

अब वह मेरा दूध चूसने लगा।

वह मेरे निप्पल को अपने होंठों में दबाकर तेजी से खींच रहा था।

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मैं बहुत हैरान थी।

मैं भी अपने दूध उससे चुसवा रही थी।

कुछ देर बाद, उसने मेरी पैंटी निकालकर मेरी चूत को चाटने लगा।

मेरे मुँह से आआहह और चूसो की मादक आवाजें निकलने लगीं।

मेरी कामुक आवाजें उसे और तेज करने लगीं।

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उसने मेरी चूत चाटकर मेरी आंखों में देखा और एक मस्त हाथी की तरह उठकर अपना लंड मेरे मुँह के आगे रखा।

मैं उसके मूसल सा तनतनाता लंड से मोहित हो गयी।

मैं बिना सोचे समझे उसके लंड को चूसने लगी।

मेरे मुँह में बस उसका लंड का सुपारा जा रहा था।

मेरे मुँह में पूरा लंड नहीं जा पा रहा था, क्युकि उसका लंड काफी बड़ा था इसलिए मेरे मुँह से गुउ गुउ की आवाजें आने लगीं।

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उसने फिर मेरी टांगें खोल दीं और मेरी चूत पर लंड घिसना शुरू कर दिया।

मैं उसके लंड को जल्दी से अपनी चूत में लेना चाहती थी।

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बिना देरी किए, उसने सीधा धक्का देकर मेरी चूत को फाड़ डाला।

मेरी घिग्गी सी बंध गई और मेरी चुत फट गई।

जिन्दगी में मैंने कभी इतना बड़ा लंड नहीं लिया था।

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वैसे भी, बीस दिन से मेरे पति ने मुझे नहीं पेला था, इसलिए लंड मेरी चूत में कॉर्क की तरह फंस गया था।

उसने मेरे मुँह को अपने हाथ से दबाया, मैं दर्द से कसमसा रही थी।

मुझे कुछ देर बाद राहत मिलने लगी।

मैंने देखा कि अभी भी उसका काफी लंड बाहर था।

वह मेरी आंखों में देख रहा था और अपनी इच्छा पूरी करने की कोशिश कर रहा था।

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उसकी मर्जी को भांपते हुए मैंने कहा, “बस और मत डालना… मैं दर्द से मर गयी बस आहह!”

उसने मेरी बात सुनते ही हल्के धक्के मारने लगे।

कुछ समय की पीढ़ी के बाद अब मुझे खुशी आने लगी।

उसने एक तेज धक्का मारा और पूरा लंड अंदर डाल दिया जब उसने देखा कि Antarvasna mms भाभी चुदाई कर रही है।

मैं रोने लगी: आहहह, मैं मर गयी!

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तो उसने तुरंत मेरे होंठ चूसने शुरू किये।

थोड़ी देर में मैं शांत हो गयी और उसके साथ काम करने लगा।

अब उसके लम्बे मोटे लंड से चुदवाने में मुझे भी मज़ा आ रहा था।

उसने लगभग आधा घंटे तक मुझे चोदा और मेरी चूत में झड़ गया।

तब हम दोनों कुछ देर आराम करके फिर से मज़ा लेने लगे।

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उस दिन उसने मुझे दो बार और चोदा।

मैं तुम्हारी गांड मारना चाहता हूँ, वह कहते हुए मुझे घोड़ी बनाकर चोद रहा था।

मैंने कहा कि तुम्हारा लंड मेरी चूत में दर्द कर रहा था। तो ये मेरी गांड को फाड़ ही देगा।

ठीक है, मैं एक रास्ता बताता हूँ, उसने कहा। आज आप अपनी गांड में तेल लगाकर एक छोटी बोतल डालकर रखें। कल मैं तुम्हारी गांड मारूंगा।

मैंने कहा, “ठीक है… मैं भी कोशिश करूंगी कि अपनी गांड में तुम्हारा लंड बर्दाश्त कर लूँ।”

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उसने मेरे दूध को मसलता हुआ पूछा, “पहले कभी गांड मरवाई है?”

नहीं, मेरे आदमी को गांड मारने का शौक नहीं है, मैंने कहा।

तुम्हारे आदमी का लंड बेकार है, वह हंसा। उसने तुम्हारी चूत को सही ढंग से नहीं खोला।

वह मुझे चोदते हुए मेरी चुत में झड़ गया।

मेरे बाजू में लेटकर वह एक बीड़ी पीने लगा।

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उसने कहा, “मेरा लंड चूसकर साफ करो।”

मैंने उसका लंड चूसकर उसे साफ कर दिया।

बाद में वह अपने कपड़े पहनने लगा।

वह मुझे चूमकर चला गया, मैंने उसे कुछ पैसे दिए।

उसके जाने के बाद मैं नहायी और अपनी चूत में उंगली करके उसका सारा माल निकालकर लिया।

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अगली कहानी में मैं आपको बताऊँगी कि अगले दिन मैंने उसके साथ आए एक और कर्मचारी साथी से सेक्स किया।

फिर दोनों ने मुझे पीछे से एक साथ चोदा।

आपको मेरी Antarvasna mms भाभी चुदाई कहानी कैसी लगी जानना चाहती हूँ।

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