हाय फ्रेंड्स, मेरा नाम जितेंद्र है, मैं दिल्ली में रहता हूँ। मेरी उम्र 26 साल की है और मैं एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करता हूँ। मैं शादीशुदा हूँ, मेरी वाइफ बहुत प्यारी है, लेकिन मर्द का मन तो आप जानते ही हैं, कब कहाँ डोल जाए। मुझे अपनी वाइफ के अलावा एक सेक्सी नर्स को चोदने का मौका मिला, वो भी उसी नर्सिंग होम में जहाँ मेरी वाइफ भर्ती थी। आज मैं आपको ये कहानी सुनाने जा रहा हूँ, जो बिल्कुल सच्ची है और उम्मीद है आपको उतना ही मजा आएगा जितना मुझे आया था।
बात कुछ महीने पुरानी है। मेरी वाइफ की तबीयत अचानक खराब हो गई थी। बुखार तेज था और कमजोरी इतनी कि वो बिस्तर से उठ भी नहीं पा रही थी। हमने पहले तो घर पर दवाइयाँ दीं, लेकिन जब बात नहीं बनी तो डॉक्टर के पास गए। डॉक्टर ने चेक किया और बोले, “इन्हें एक दिन के लिए नर्सिंग होम में भर्ती करना पड़ेगा। ग्लूकोज चढ़ाना जरूरी है और कुछ टेस्ट भी करने होंगे।” मैंने हामी भर दी। वाइफ को लेकर एक छोटे से नर्सिंग होम में गए, जो हमारे घर से ज्यादा दूर नहीं था। वहाँ का माहौल शांत था, ज्यादा मरीज नहीं थे। वाइफ को एक प्राइवेट रूम में शिफ्ट किया गया, जहाँ दो बेड थे—एक वाइफ के लिए और दूसरा अटेंडेंट के लिए। मैंने सोचा, रात यहीं रुक जाता हूँ, वाइफ को अकेले छोड़ना ठीक नहीं।
रात के करीब 11 बज रहे थे। वाइफ को ग्लूकोज चढ़ रहा था और डॉक्टर ने जो दवा दी थी, उसमें नींद की गोली थी। वो गहरी नींद में सो रही थी, उसकी साँसें धीमी और नियमित थीं। मैं बगल के बेड पर लेटा था, लेकिन नींद नहीं आ रही थी। मन में टेंशन थी—वाइफ की तबीयत, अकेलापन, और मम्मी-पापा जो दूसरे शहर में रहते थे, उनकी चिंता। तभी रूम का दरवाजा हल्का सा खुला और एक नर्स अंदर आई। उसने व्हाइट यूनिफॉर्म पहनी थी, लेकिन उसका अंदाज कुछ अलग था। वो बोली, “अब इनका क्या हाल है?” उसकी आवाज में एक अजीब सी नरमी थी। मैंने कहा, “45 मिनट हो गए, सो रही है।” उसने वाइफ का ग्लूकोज चेक किया, पल्स देखा और बोली, “थोड़ा सुधार है, टेंशन मत लो।”
वो मेरी तरफ देख रही थी, आँखों में एक चमक थी। मैंने नोटिस किया कि उसका ब्लाउज का टॉप बटन खुला था, और उसका क्लीवेज साफ दिख रहा था। उसके बूब्स 34 साइज के होंगे, टाइट और गोल, जैसे किसी फिल्म की हीरोइन के। उसका फिगर भरा हुआ था—गोल-गोल चूतड़, मोटी जाँघें, और कमर पतली। उसकी चाल में एक नशा था, जैसे वो जानबूझकर मुझे ललचा रही हो। मैंने ज्यादा ध्यान नहीं दिया, लेकिन वो बार-बार आ रही थी। हर 10-15 मिनट में वो रूम में आती, कुछ चेक करती और चली जाती। दूसरी-तीसरी बार में मैंने गौर किया कि उसके ब्लाउज के और बटन खुल गए थे। अब तो उसका आधा बूब्स बाहर झाँक रहा था। वो मुझे देखकर हल्की सी मुस्कान देती, और उसका अंदाज इतना सेक्सी था कि मेरा ध्यान वाइफ से हटने लगा।
मैंने भी अब उसको घूरना शुरू कर दिया। साला, मर्द का दिल तो कच्चा होता है। वाइफ बेड पर बीमार पड़ी है, और मैं नर्स के पीछे पड़ रहा हूँ। मैं उठा और बाहर गया। वो काउंटर पर बैठी थी, रजिस्टर में कुछ लिख रही थी। मैंने उसे हल्की सी स्माइल दी और बाहर सिगरेट पीने चला गया। 15 मिनट बाद जब लौटा, वो मुझे देख रही थी, जैसे मेरा इंतजार कर रही हो। मैं रूम में आया, और 5 मिनट बाद वो फिर आ गई। इस बार उसने कहा, “कोई सेवा चाहिए? आप परेशान लग रहे हो।” उसकी आवाज में एक छेड़खानी थी। मैंने कहा, “रात के 12 बजे क्या कर सकती हो?” वो हँसी और बोली, “जो भी रात को हो सकता है, सब करूँगी। वैसे, तुम बहुत हैंडसम हो।” मैंने भी मजे लेते हुए कहा, “तू भी तो कमाल की माल है।”
बस, इतना कहते ही वो मेरे करीब आ गई। उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और बोली, “क्या आज रात रंगीन करना चाहते हो?” मैंने कहा, “धीरे बोल, वाइफ सुन लेगी।” वो हँसी और बोली, “वो 2 घंटे तक नहीं उठेगी, दवा का असर है।” मैंने कहा, “हाँ, रंगीन करना चाहता हूँ।” इतना कहते ही उसने मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए। मैंने भी उसे अपनी बाहों में भर लिया और जोर-जोर से किस करने लगा। उसके गोल-गोल बूब्स इतने बड़े थे कि एक हाथ में नहीं आ रहे थे। मैंने उसके बूब्स दबाए, वो सिसकारियाँ भरने लगी। उसने मेरे लंड को पैंट के ऊपर से पकड़ लिया और सहलाने लगी। मैंने उसकी स्कर्ट ऊपर की और पैंटी के ऊपर से उसकी चूत को रगड़ना शुरू कर दिया।
मेरे दिमाग में अचानक ख्याल आया, “अरे, अगर वाइफ उठ गई तो?” मैंने कहा, “यार, वाइफ उठ गई तो गड़बड़ हो जाएगी।” वो हँसी और बोली, “रुक, मैं अभी सब ठीक करती हूँ।” वो बाहर गई और 2 मिनट बाद वापस आई। उसने वाइफ के ग्लूकोज में एक इंजेक्शन लगाया और बोली, “अब तुम्हारी वाइफ 4 घंटे तक नहीं उठेगी। अब तू मुझे 4 घंटे तक चोद सकता है।” मैंने हँसते हुए कहा, “साली, तू तो बड़ी शातिर है।” वो बोली, “ऐसे हैंडसम मर्द को देखकर कोई भी शातिर हो जाए।”
वो फिर बाहर गई और 5 मिनट बाद वापस आई। उसने बताया कि नर्सिंग होम में अब कोई नहीं है। मेन गेट बंद हो चुका था, डॉक्टर जा चुकी थी, और बाकी स्टाफ भी चला गया था। वो अंदर आई और दरवाजा लॉक कर दिया। फिर उसने अपने कपड़े उतारने शुरू किए। पहले ब्लाउज, फिर स्कर्ट। अब वो सिर्फ ब्रा और पैंटी में थी। उसका बदन देखकर मेरा लंड तन गया। उसके बूब्स ब्रा में कैद थे, गोल और टाइट। उसकी नाभि गहरी और सेक्सी थी। उसकी जाँघें मोटी और चिकनी, और गाँड इतनी गोल कि देखते ही चोदने का मन करे। उसके होंठ लाल-लाल, आँखें काजल से सजी, जैसे कोई अप्सरा हो।
हम दोनों बगल के बेड पर लेट गए। मैंने पहले उसके बूब्स को ब्रा के ऊपर से दबाया, फिर ब्रा उतार दी। उसके निप्पल गुलाबी और सख्त थे। मैंने 10 मिनट तक उसके बूब्स चूसे, दबाए, और काटे। वो सिसकारियाँ भर रही थी, “आह… जितेंद्र… और जोर से…” मैंने उसकी पैंटी उतारी। उसकी चूत पूरी तरह गीली थी, जैसे रस टपक रहा हो। मैंने उसकी चूत में उंगली डाली, वो चिल्लाई, “उफ्फ… मर गई…” मैंने उसकी चूत चाटी, उसका स्वाद नमकीन और नशीला था। फिर मैंने उसकी गाँड में उंगली डाली, वो और जोर से सिसकारी। मैंने उसके मुँह में भी उंगली डाली, और वो उसे चूसने लगी जैसे लंड चूस रही हो।
वो अचानक उठी और बोली, “अब तेरा लंड चाहिए।” उसने मेरी पैंट उतारी और मेरा 7 इंच का लंड बाहर निकाला। वो उसे देखकर बोली, “हाय, कितना मोटा है!” उसने मेरा लंड मुँह में लिया और आइसक्रीम की तरह चूसने लगी। कभी जीभ से चाटती, कभी पूरा मुँह में लेती। मेरा बदन सिहर रहा था। वो बोली, “अब बर्दाश्त नहीं होता, चोद डाल मुझे। मेरी चूत फाड़ दे।” मैंने उसकी टाँगें फैलाईं और एक जोरदार धक्का मारा। मेरा लंड उसकी चूत में पूरा घुस गया। वो चिल्लाई, “आह… मर गई… और जोर से…” मैंने उसे तेज-तेज चोदना शुरू किया। उसकी चूत इतनी टाइट थी कि हर धक्के में मजा दोगुना हो रहा था।
कभी मैं ऊपर, कभी वो ऊपर। हमने मिशनरी, डॉगी, और 69 पोजीशन में चुदाई की। उसकी गाँड इतनी सेक्सी थी कि मैंने उसे डॉगी स्टाइल में चोदते वक्त उसकी गाँड पर थप्पड़ मारे। वो चिल्ला रही थी, “हाँ… और मार… फाड़ दे मेरी चूत…” करीब 30 मिनट की चुदाई के बाद मैंने अपना माल उसकी चूत में ही छोड़ दिया। वो हाँफ रही थी, लेकिन बोली, “अभी तो रात बाकी है, और चोद।”
हमने रात में 4 बार चुदाई की। हर बार अलग पोजीशन, अलग मजा। दूसरी बार मैंने उसकी गाँड मारी। उसकी गाँड इतनी टाइट थी कि लंड घुसने में दर्द हुआ, लेकिन उसने कहा, “धक्का मार, फाड़ दे।” तीसरी बार हमने 69 किया, और चौथी बार उसने मेरे लंड पर बैठकर उछल-उछलकर चुदाई की। हर बार वो इतनी जोश में थी कि मैं हैरान था।
सुबह 8 बजे डॉक्टर आई। वाइफ की नींद खुल चुकी थी। डॉक्टर ने वाइफ से पूछा, “कैसी तबीयत है?” वाइफ ने कहा, “अब अच्छी है, डॉक्टर।” डॉक्टर ने मेरी तरफ देखा और बोली, “चलो, आराम हो गया। तुम्हारा हसबैंड तुम्हें बहुत प्यार करता है। देखो, लग रहा है रात भर नहीं सोया, आँखें लाल हो गई हैं।” वाइफ ने कहा, “हाँ, डॉक्टर, मुझे भी लग रहा है इनका चेहरा देखकर कि ये रात भर नहीं सोए। बहुत अच्छे हसबैंड हैं मेरे।”
नर्स वहाँ खड़ी थी, चुपके से मुस्कुरा रही थी। मुझे शर्मिंदगी हो रही थी। लोग मेरे बारे में इतना अच्छा सोच रहे थे, और मैंने रात भर नर्स को चोदा था। मन में ग्लानि थी, लेकिन साथ ही एक अजीब सा सुकून भी। उस रात का मजा मैं जिंदगी भर नहीं भूल सकता।