मालिश वाली को चोदा

हाय दोस्तो, मेरा नाम जॉय है, उम्र 19 साल, और मैं मुंबई में रहता हूँ। ये बात काफ़ी पुरानी है, जब मेरे साथ एक ऐसी घटना हुई कि मेरी जिंदगी में मज़ा ही मज़ा हो गया। मेरी मम्मी के हाथ-पैर में बहुत दर्द रहता था, इसलिए उन्होंने एक मालिश वाली रखी थी, जिसका नाम रानी था। वो 20 साल की थी, साँवला रंग, लेकिन कमाल की खूबसूरत। उसकी बॉडी के कर्व्स तो ऐसे थे कि क्या बताऊँ—शायद 36-28-32। उसके बूब्स और गांड देखकर किसी का भी लंड खड़ा हो जाए। वो हर रविवार को हमारे घर मालिश करने आती थी। शुरू-शुरू में तो मुझे कुछ खास नहीं लगा, लेकिन एक दिन सब कुछ बदल गया।

उस दिन रानी मम्मी की मालिश कर रही थी। वो पसीने में भीग रही थी, और उसकी साड़ी ब्लाउज़ के पास से सरक गई थी। मैंने देखा कि उसके बूब्स ब्लाउज़ में से ऐसे उभर रहे थे जैसे पुरानी फिल्मों की हिरोइनों के। बड़े, टाइट, और नुकीले। बस, उसी दिन से मेरे मन में उसके लिए हवस जाग गई। मैं रात को उसकी सोचकर मुठ मारने लगा। ऐसा कई दिन चला। फिर एक रविवार को अचानक मम्मी-पापा को कहीं बाहर जाना पड़ गया। उनके जाने के थोड़ी देर बाद रानी आ गई।

रानी: “मेमसाहब कहाँ हैं?”

मैं: “मम्मी आज घर पर नहीं हैं।”

रानी: “अरे, कहाँ गईं? कब तक आएँगी?”

मैं: “कोई ज़रूरी काम था, तो मम्मी-पापा बाहर गए हैं। रात तक आएँगे।”

रानी: “ये क्या! मैं इतनी दूर यूँ ही चली आई?”

मैं: “अब क्या करें, अचानक जाना पड़ा। तू बैठ, पानी पी ले।”

वो बैठ गई, पानी पिया, और बोली, “अब क्या करूँ? इतनी जल्दी बस भी नहीं मिलेगी, और मालिश करने वाला कोई और भी नहीं है।”

मैंने मौका देखकर कहा, “वैसे मेरे हाथ-पैर में भी बहुत दर्द है। क्या तू मेरी मालिश कर देगी?”

रानी: “ठीक है, जब इतनी दूर आई हूँ, तो कर देती हूँ।”

मैंने उसे थैंक्स कहा, और वो अंदर आ गई।

रानी: “कहाँ-कहाँ दर्द है?”

मैं: “हाथ, पैर, और पीठ की मालिश करवा लूँ।”

रानी: “ठीक है, शर्ट और जींस उतारकर बैठ जा, मैं कर देती हूँ।”

मैंने शर्ट और जींस उतार दी, और सिर्फ़ चड्डी में बैठ गया। उसने मेरे हाथों पर तेल डाला और दबाना शुरू किया। जैसे ही उसका नरम हाथ मेरे हाथ पर लगा, मेरे बदन में जैसे करंट सा दौड़ गया। फिर वो मेरी पीठ मसलने लगी। उसकी उंगलियाँ मेरी पीठ पर जादू कर रही थीं। उसने कहा, “तेरी स्किन तो बहुत सॉफ्ट है।” उसका हाथ मेरी गांड तक पहुँच गया, और मुझे मज़ा आने लगा।

जब वो और तेल ले रही थी, तो गलती से ज़्यादा तेल गिर गया और उसकी साड़ी पर लग गया। वो उसे साफ़ करने लगी। मैंने कहा, “इस पर पानी डालकर बाहर रख दे।” वो थोड़ा शरमाई, लेकिन फिर वैसा ही किया। अब वो सिर्फ़ ब्लाउज़ और पेटीकोट में थी। उसका गोरा पेट और ब्लाउज़ में कैद बूब्स देखकर मेरा लंड टनटना शुरू हो गया। वो फिर से मालिश करने लगी। मैंने पूछा, “तू सबकी मालिश करती है, तुझे कभी मालिश की ज़रूरत नहीं पड़ती?”

वो बोली, “पड़ती तो है, लेकिन कौन करेगा?”

मैंने कहा, “मैं भी अच्छी मालिश करता हूँ। चाहे तो तेरी कर दूँ?”

वो थोड़ी देर चुप रही, फिर बोली, “ठीक है, कर दे।”

मैंने कहा, “लड़कियों की मालिश ब्लाउज़ में नहीं होती। तुझे ब्लाउज़ और पेटीकोट उतारना पड़ेगा।”

उसने मना किया, “नहीं, मैं नहीं उतारूँगी। तू ऐसे ही कर दे।”

वो लेट गई। मैंने उसके हाथों से शुरू किया, फिर उसके पैरों पर मालिश करने लगा। धीरे-धीरे मैं उसका पेटीकोट ऊपर उठाने लगा। उसने कुछ नहीं कहा। फिर मैं उसकी पीठ मसलने लगा। उसका पेटीकोट घुटनों तक था। मैंने उसे सीधा किया और उसके पेट पर मालिश शुरू की। मैंने पूछा, “कैसा लग रहा है?”

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वो बोली, “बहुत मज़ा आ रहा है।”

मैंने हिम्मत करके कहा, “अगर और मज़ा चाहिए, तो ब्लाउज़ हटाने दे।”

वो बोली, “मुझे शरम आती है।”

मैंने कहा, “शरम कैसी? मैं भी तो सिर्फ़ चड्डी में हूँ।”

वो मान गई। मैंने उसका ब्लाउज़ खोला। जैसे ही ब्लाउज़ हटा, मेरी आँखें फटी की फटी रह गईं। उसके बूब्स काली ब्रा में कैद थे, इतने बड़े और टाइट कि मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया। मैंने ब्रा के किनारों से मालिश की, फिर उसके पेट पर। फिर बिना पूछे मैंने उसके पेटीकोट की डोरी खोल दी। वो अचानक बोली, “ये क्या कर रहा है?”

मैंने कहा, “इसे भी उतार दे, और मज़ा आएगा।”

मैंने उसका पेटीकोट उतार दिया। अब वो सिर्फ़ ब्रा और पैंटी में थी। उसकी चूत पैंटी के ऊपर से साफ़ दिख रही थी। मैंने पैंटी के किनारों पर मालिश की। फिर वो पलट गई। मैं उसकी पीठ मसल रहा था, और मैंने उसकी ब्रा का हुक खोल दिया। उसने कुछ नहीं कहा। मेरी हिम्मत और बढ़ गई। मैंने धीरे-धीरे उसकी पैंटी उतारनी शुरू की। वो अचानक बोली, “ये क्या कर रहा है?”

मैंने कहा, “सॉरी, मैं तुझे फुल बॉडी मसाज देना चाहता हूँ, इसलिए ये भी उतार रहा था।”

वो पीठ के बल लेटी रही। मैंने कहा, “शरम मत कर, इसमें क्या शरम?”

वो बोली, “ठीक है।”

मैंने उसकी गांड पर मालिश शुरू की। उसकी गांड इतनी चिकनी और भारी थी कि मेरा लंड फटने को तैयार था। मैंने उसे सीधा होने को कहा। जब वो सीधी हुई, उसके बड़े बूब्स देखकर मेरा लंड पूरा तन गया। मैंने उसके बूब्स पर मालिश शुरू की। अचानक उसका हाथ मेरे लंड पर पड़ गया। वो मेरा लंड सहलाने लगी।

फिर उसने मेरी चड्डी उतार दी और मेरा लंड हिलाने लगी। वो बोली, “मैं जानती हूँ तू मेरे साथ चुदाई करना चाहता है। मैं भी इसके लिए तड़प रही हूँ।”

ये सुनकर मैंने उसके बूब्स को ज़ोर-ज़ोर से दबाना शुरू किया। मैंने उसके बड़े बूब्स चूसने शुरू किए। उसके भूरे निप्पल्स कमाल लग रहे थे। बूब्स बड़े और टाइट थे, मैं उन्हें चूसता रहा। फिर मैं उसकी नाभि पर आया, उसे चूमा और चाटा। फिर मैं उसकी चूत की तरफ गया। उसकी चूत पर हल्के-हल्के बाल थे। मैंने उसकी चूत के पास हाथ रखा, आसपास सहलाया, फिर उसे चूमा और चाटना शुरू किया। वो पागल हो गई, ज़ोर-ज़ोर से चिल्लाने लगी, मेरे बाल पकड़ लिए। मैंने एक उंगली उसकी चूत में डाली, और उसकी चीख निकल गई। फिर मैंने उसकी चूत को चाटना शुरू किया, धीरे-धीरे, फिर तेज़। उसे और मज़ा आने लगा। मैंने दो उंगलियाँ डालीं और ज़ोर-ज़ोर से अंदर-बाहर करने लगा।

थोड़ी देर बाद उसकी चूत ने मेरे मुँह पर पानी छोड़ दिया। वो उठी और मेरा लंड चूसने लगी। वो मेरे लंड को आइसक्रीम की तरह चूस रही थी। वो मेरे टट्टों से खेल रही थी, फिर ज़ोर-ज़ोर से मेरा लंड हिलाने लगी। थोड़ी देर बाद मेरा लंड भी उसके मुँह पर झड़ गया। मैंने उसे उठाया, बेडरूम में ले गया, और बिस्तर पर पटक दिया। मैंने उसकी चूत फिर से चाटी, और वो मेरा लंड चूस रही थी। 10 मिनट बाद अब उसकी चुदाई की बारी थी।

मैंने अलमारी खोली, लॉकर से कंडोम निकाला—मुझे पता था पापा कंडोम कहाँ रखते हैं। उसने मुझे कंडोम पहनाया। मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रखा। वो बिस्तर पर लेटी थी, दोनों टाँगें फैलाकर। मैंने धीरे-धीरे लंड अंदर डाला। आधा लंड गया, फिर मैंने एक झटके में पूरा लंड अंदर पेल दिया। उसकी चीख निकल गई, और उसकी चूत से खून बहने लगा। मैंने ज़ोर-ज़ोर से उसे चोदना शुरू किया। अब उसे दर्द के साथ मज़ा भी आने लगा।

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मैंने उसकी टाँगें और चौड़ी कीं और ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारने लगा। उसकी चूत इतनी गीली थी कि मेरा लंड हर धक्के में “पच-पच” की आवाज़ कर रहा था। मैंने एक हाथ से उसके बूब्स को मसला, और दूसरे हाथ से उसकी गांड को पकड़कर उसे अपनी तरफ खींच रहा था। रानी चिल्ला रही थी, “आह्ह… जॉय… तू मेरी चूत फाड़ देगा… और ज़ोर से… चोद मुझे…” मैंने उसकी चूत में इतने ज़ोर से धक्के मारे कि बिस्तर हिलने लगा। उसकी चीखें और सिसकारियाँ पूरे कमरे में गूँज रही थीं।

मैंने उसे तड़पाने के लिए धक्के धीमे किए। वो गुस्से में बोली, “कुत्ते, रुक मत… पेल ना मेरी चूत को…” मैं हँस पड़ा और फिर से पूरी ताकत से पेलने लगा। उसका पूरा बदन मेरे नीचे काँप रहा था। मैंने उसकी एक टाँग अपने कंधे पर रखी, ताकि मेरा लंड उसकी चूत की गहराई तक जाए। उसकी चूत मेरे लंड को जकड़ रही थी, जैसे वो मुझे कभी छोड़ना ना चाहती हो। मैंने उसकी चूत के दाने को उंगलियों से रगड़ा, और वो पागल हो गई, “आह्ह… जॉय… तू कमाल है… मेरी चूत को मार दे…”

मैंने उसे पलट दिया और घोड़ी बनाया। उसकी भारी, चिकनी गांड मेरे सामने थी। मैंने उसे दोनों हाथों से पकड़ा और अपना लंड उसकी चूत में पीछे से डाल दिया। मैं ज़ोर-ज़ोर से पेलने लगा। रानी चीख रही थी, “आह्ह… मेरी चूत फट जाएगी… और ज़ोर से… मेरी गांड भी मार दे…” मैंने उसकी गांड पर ज़ोर का थप्पड़ मारा, और वो और जोश में आ गई। उसकी गांड लाल हो रही थी, और हर थप्पड़ के साथ वो और ज़ोर से सिसकार रही थी। मैंने उसकी कमर पकड़कर उसे अपनी तरफ खींचा और धक्कों की स्पीड बढ़ा दी। उसकी चूत इतनी गीली थी कि मेरा लंड आसानी से अंदर-बाहर हो रहा था, लेकिन उसकी टाइटनेस मुझे दीवाना बना रही थी।

मैंने उसे फिर से सीधा लिटाया और उसकी टाँगें हवा में उठा दीं। मैंने अपना लंड उसकी चूत में डाला और इतनी तेज़ी से धक्के मारे कि बिस्तर चरमराने लगा। रानी की चीखें अब रंडी जैसी हो गई थीं, “जॉय… मैं मर जाऊँगी… आह्ह… तू रुक मत… मेरी चूत को चोद डाल… मैं तेरी रंडी हूँ…” मैंने उसके बूब्स को ज़ोर-ज़ोर से मसला, उसके निप्पल्स को चुटकी में लेकर खींचा, और वो दर्द और मज़े में चिल्ला रही थी। मैंने उसकी चूत को उंगलियों से रगड़ा, और वो और बेकाबू हो गई।

मैंने उसका मुँह अपनी तरफ किया और उसकी जीभ को चूसने लगा। उसकी गर्म साँसें मेरे मुँह में थीं। मैंने उसकी गांड में उंगली डाली, और वो चिल्ला उठी, “आह्ह… जॉय… तू मेरी गांड भी मार दे…” मैंने उसकी गांड में दो उंगलियाँ डालीं और ज़ोर-ज़ोर से अंदर-बाहर करने लगा। उसकी चूत और गांड दोनों मेरे कब्जे में थीं। मैंने उसे फिर से घोड़ी बनाया और इस बार अपना लंड उसकी गांड में डाल दिया। उसकी गांड इतनी टाइट थी कि मेरा लंड अंदर जाने में मुश्किल हो रही थी, लेकिन मैंने ज़ोर का धक्का मारा। वो चीख पड़ी, “आह्ह… मेरी गांड फट गई… धीरे कर, कुत्ते…” लेकिन मैं रुका नहीं, और ज़ोर-ज़ोर से उसकी गांड मारने लगा।

मैंने उसे बिस्तर पर लिटाया और खुद नीचे लेट गया। वो मेरे ऊपर चढ़ गई और मेरा लंड अपनी चूत में डाल लिया। वो ज़ोर-ज़ोर से उछलने लगी, और उसके बूब्स मेरे सामने हिल रहे थे। मैंने उसके बूब्स पकड़े और ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगा। वो चिल्ला रही थी, “आह्ह… जॉय… तू मेरा मालिक है… मेरी चूत और गांड दोनों तेरी हैं… चोद मुझे…” मैंने उसकी गांड में फिर से लंड डाला और नीचे से धक्के मारने लगा। उसकी सिसकारियाँ और मेरे धक्कों की आवाज़ पूरे कमरे में गूँज रही थी।

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मैंने उसे खड़ा किया और दीवार के सहारे चोदने लगा। उसकी एक टाँग मैंने अपने कंधे पर रखी और ज़ोर-ज़ोर से उसकी चूत में लंड पेलने लगा। वो चिल्ला रही थी, “जॉय… तू मुझे रंडी बना दे… मेरी चूत को फाड़ डाल…” मैंने उसकी चूत और गांड दोनों को बारी-बारी चोदा। हमने घंटों तक अलग-अलग पोजीशन में चुदाई की।

आखिर में मैंने कंडोम उतारा और उससे कहा, “मेरा लंड चूस।” वो मेरे लंड को रंडी की तरह चूसने लगी। मैंने उसका मुँह चोदा, और उसकी जीभ मेरे लंड के सुपारे पर नाच रही थी। फिर मैंने अपना लंड उसके बूब्स के बीच रखा और ज़ोर-ज़ोर से रगड़ने लगा। थोड़ी देर बाद मेरा लंड फिर से झड़ गया, और मेरा माल उसके बूब्स और मुँह पर गिर गया। वो मेरे माल को चाट गई और मुस्कुराने लगी।

हम बाथरूम में गए और नहाने लगे। वहाँ भी मैंने उसकी चूत चाटी, उसके बूब्स से खेला, और उसकी गांड में उंगली डाली। वो फिर से सिसकारने लगी, “जॉय… तू मुझे पागल कर देगा…” नहाने के बाद हम बाहर आए। मैंने अपने मोबाइल से उसकी नंगी तस्वीरें लीं। फिर उसने कपड़े पहने। मैंने उसे ज़ोर से लिप किस किया, उसके बूब्स दबाए, और उसकी चूत पर हाथ फेरा। उसने मेरा लंड फिर से चूसा और चली गई।

उस दिन के बाद रानी और मेरी चुदाई का सिलसिला शुरू हो गया। जब भी मम्मी घर पर नहीं होतीं, मैं रानी को बुला लेता। एक बार तो मम्मी के सामने ही उसने मुझे अपनी चूत की तस्वीर भेज दी, और मैं बाथरूम में जाकर मुठ मारने लगा। रानी भी अब पूरी रंडी बन चुकी थी। वो मेरे लंड की दीवानी थी, और मैं उसकी चूत और गांड का।

एक बार हमने रात को छत पर चुदाई की। वो सिर्फ़ पेटीकोट में थी, और मैंने उसे छत की दीवार के सहारे चोदा। उसकी चीखें रात के सन्नाटे में गूँज रही थीं। एक बार उसने मुझे अपने घर बुलाया, और वहाँ मैंने उसे पूरे दिन चोदा। उसकी चूत और गांड दोनों को मैंने इतना पेला कि वो दो दिन तक ठीक से चल नहीं पाई।

रानी अब मेरी पर्सनल रंडी बन चुकी है। वो कहती है, “जॉय, तेरा लंड मेरी चूत का मालिक है।” मैं भी उसकी चूत और गांड का दीवाना हूँ। हमारी चुदाई की कहानी अब भी चल रही है। जब भी मौका मिलता है, मैं उसकी चूत और गांड को चोदकर मज़े लेता हूँ। दोस्तो, आपको मेरी और रानी की ये चुदाई की कहानी कैसी लगी? ज़रूर बताना।

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