पडोसी ने मेरी माँ को मुता मुता कर चोदा

Dirty Mom Sex Story:

हेल्लो दोस्तों, मेरा नाम हरपाल है, और मैं शामली का रहने वाला हूँ, जो सहारनपुर के पास पड़ता है। ये मेरी जिंदगी की वो सच्ची घटना है, जिसने मेरी दुनिया को उलट-पुलट कर रख दिया। मेरी सीधी-सादी जिंदगी में उस दिन भूचाल आ गया, जब मुझे पता चला कि मेरी मम्मी दिशा का पड़ोस के मर्द राजेश के साथ चक्कर चल रहा है। कैसे, कब, क्या हुआ, सब कुछ मैं तुम्हें बताने जा रहा हूँ। ये कहानी इतनी रसीली, गंदी, और गर्म है कि तुम्हारा लंड पक्का तन जाएगा, और तुम रात-रात भर इसे याद करके मुठ मारोगे।

मेरी मम्मी का नाम दिशा है, उम्र 33 साल, लेकिन हुस्न ऐसा कि किसी 16 साल की कच्ची कली को भी मात दे दें। गोरी, चिकनी, और इतनी सेक्सी कि जब वो साड़ी में अपनी गांड मटकाकर मोहल्ले में निकलती है, तो जवान-बूढ़े सबके लौड़े खड़े हो जाते हैं। मम्मी का फिगर 36-30-32 का है। उनके मम्मे 36 इंच के, इतने टाइट और गोल कि देखकर मुँह में पानी आ जाए। उनकी गांड तो मानो दो बड़े-बड़े रसीले कद्दू, जो चलते वक्त लचक-लचक कर मटकती है। वो जब अपनी कमर को हल्का सा मोड़कर, गांड पीछे निकालकर चलती है, तो मोहल्ले के मर्द पागल हो जाते हैं। कितने मर्द उनकी चूत और गांड को चोदने के सपने देखते होंगे, कितने उनके पुट्ठों को दबाने की ख्वाहिश रखते होंगे, लेकिन सिर्फ चुदक्कड़ मर्द ही मेरी मम्मी की रसीली बुर का मजा ले पाते हैं।

मम्मी और पापा का डिवोर्स हो चुका है। पापा ने मम्मी को छोड़ दिया, क्योंकि मम्मी ने उनके दोस्त दिनेश के साथ चक्कर चलाया था। एक दिन पापा ने मम्मी को रंगे हाथों पकड़ लिया, और बस, डिवोर्स हो गया। अब घर में सिर्फ मैं और मम्मी रहते हैं। पापा के जाने के बाद मम्मी ने अपनी जवानी को और खुलकर जीना शुरू कर दिया। वो अक्सर साड़ी पहनती हैं, लेकिन जब चुदाई का मूड होता है, तो टाइट सलवार सूट में अपनी चूचियाँ और गांड को उभार देती हैं। उनकी चूचियाँ सूट में से ऐसे झाँकती हैं, जैसे किसी जेल से भागने को बेताब हों। मम्मी की गोरी कमर, गहरी नाभि, और मटकती गांड को देखकर मोहल्ले के मर्दों की आँखें फटी रह जाती हैं। लोग उन्हें “छमिया” कहकर पुकारते हैं, और मम्मी इस नाम से मटक-मटक कर और हँसती हैं।

पिछले कुछ महीनों से मम्मी का सजना-संवरना कुछ ज्यादा ही बढ़ गया था। सुबह उठते ही वो नहाने में घंटों लगातीं। साबुन मल-मलकर अपनी गोरी चमड़ी को और चमकातीं, खासकर अपनी चूचियाँ, चूत, और गांड को। फिर शीशे के सामने दो घंटे मेकअप करतीं—लाल लिपस्टिक, गहरा काजल, बड़ी बिंदी, और रेशमी बालों को खुला छोड़ देतीं। उनके बाल इतने लंबे और चमकदार कि देखकर लंड तन जाए। मैं सुबह 10 बजे कॉलेज निकल जाता था, और रात को जब लौटता, तो मम्मी का बेडरूम किसी चुदाई के अखाड़े जैसा दिखता। बिस्तर की चादर गीली, कंडोम के टुकड़े, टूटी चूड़ियाँ, गजरे के फूल, और कभी-कभी मम्मी की पैंटी भी बिखरी पड़ी रहती। मैं समझ नहीं पाता था कि ये सब क्या है। कंडोम देखकर मेरा दिमाग घूम जाता था। “कहीं मम्मी किसी मर्द के लौड़े से खेल रही हैं?” मैं मन ही मन सोचता, लेकिन उनसे पूछने की हिम्मत नहीं थी।

कभी-कभी मैंने मम्मी को मोहल्ले के मर्दों के साथ हँसते-बोलते देखा था। खासकर राजेश, जो हमारा पड़ोसी था। राजेश 35-36 साल का तंदुरुस्त मर्द था, चौड़ी छाती, भारी डोले, और मोटा-मोटा लंड, जो उसकी टाइट जींस में से साफ दिखता था। वो एक छोटी सी दुकान चलाता था, लेकिन उसकी बातें और स्टाइल ऐसा कि मोहल्ले की औरतें उस पर फिदा थीं। मम्मी को वो अक्सर “दिशा रानी” कहकर पुकारता, और मम्मी हँसकर अपनी कमर मटकातीं। मुझे शक तो था, लेकिन पक्का यकीन नहीं था।

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एक दिन, करीब 10 दिन पहले, मैं कॉलेज से जल्दी लौट आया था। उस दिन मेरी क्लास छूट गई थी, और मैंने सोचा कि घर जाकर टीवी देखूँगा। साइकिल तेजी से चलाकर मैं घर पहुँचा। “मम्मी! मैं आ गया!” मैंने आवाज लगाई, लेकिन कोई जवाब नहीं आया। घर सूना था। मैंने किचन, आँगन, सब जगह देखा, लेकिन मम्मी कहीं नहीं थीं। तभी पहली मंजिल से कुछ अजीब-सी आवाजें आईं— “उई… उई… ओह्ह माँ… सी सी…” कामुक सिसकियाँ, जैसे कोई चुदाई के मजे में डूबा हो। मेरा दिल जोर-जोर से धड़कने लगा। मैं सीढ़ियाँ चढ़ने लगा, और आवाजें और तेज हो गईं। “आआआ… अह्ह… और जोर से… मेरी चूत चाट!” ये मम्मी की आवाज थी।

मैं दबे पाँव ऊपर वाले कमरे की ओर बढ़ा। दरवाजा हल्का-सा खुला था, और अंदर से गर्म, गंदी आवाजें आ रही थीं। मैंने चुपके से झाँका, और जो देखा, उसने मेरी जिंदगी हमेशा के लिए बदल दी। मेरी मम्मी दिशा, पूरी तरह नंगी, बिस्तर पर थीं, और राजेश, वो पड़ोसी मर्द, उनकी चूत को मुँह लगाकर चाट रहा था। मम्मी की टाँगें चौड़ी थीं, और वो अपनी गांड उछाल-उछालकर राजेश का मुँह अपनी बुर में घुसा रही थीं। “ओह्ह राजेश… तू कितना मस्त चाटता है… मेरी चूत का रस पी जा!” मम्मी चीख रही थीं।

पहली बार मैंने मम्मी को नंगा देखा था। साड़ी में तो वो हुस्न की मल्लिका थीं, लेकिन नंगी वो किसी रंडी से कम नहीं लग रही थीं। उनकी गोरी चमड़ी, गोल-गोल चूचियाँ, और भारी-भारी पुट्ठे देखकर मेरा लंड पतलून में तन गया। उनकी चूचियों के निप्पल गहरे भूरे, और उनके चारों तरफ काले घेरे इतने सेक्सी कि मैं बस देखता रह गया। मम्मी की चूत गुलाबी, रसीली, और चिकनी थी, जैसे कोई ताजा फूल। राजेश उसकी चूत को चाट रहा था, और मम्मी “आआआ… ईईई… अह्ह… मम्मी…” की सिसकियाँ ले रही थीं।

राजेश ने मम्मी की चूत के होंठों को दाँतों से हल्का-हल्का काटा, और मम्मी चीख पड़ीं, “उई माँ… आराम से… मेरी बुर फट जाएगी!” लेकिन राजेश ने कोई रहम नहीं किया। उसने अपनी जीभ चूत के अंदर तक डाली, और मम्मी की कमर उछलने लगी। फिर उसने मम्मी को पलट दिया और बोला, “दिशा रानी, अब तेरी चूचियों का नंबर!” वो मम्मी की चूचियों पर टूट पड़ा। एक चूची को मुँह में लिया, और दूसरी को जोर-जोर से दबाने लगा। मम्मी “अह्ह… ओह्ह… राजेश… और चूस… मेरे मम्मे खा जा!” चीख रही थीं। राजेश ने दोनों चूचियों को बारी-बारी चूसा, निप्पल को दाँतों से काटा, और मम्मी मजे में पागल हो रही थीं।

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फिर राजेश नीचे की ओर बढ़ा। मम्मी के चिकने पेट पर जीभ घुमाई, उनकी गहरी नाभि में जीभ डालकर चाटने लगा। मम्मी “उई… अई… ओह्ह माँ…” सिसक रही थीं। राजेश ने मम्मी की नाभि को इतना चूसा कि वो गीली हो गई। मम्मी ने उसके बाल पकड़े और बोलीं, “राजेश, बस उपर-उपर से मजे लेगा, या मेरी चूत का बूर फाड़ेगा?” राजेश हँसा और बोला, “ठहर मेरी रंडी, आज तेरी चूत और गांड दोनों की माँ चोद दूँगा!”

उसने मम्मी के पैर और चौड़े किए और उनकी गुलाबी बुर को घूरने लगा। मम्मी की चूत इतनी रसीली थी कि राजेश का मुँह लार टपकाने लगा। उसने दो मिनट तक चूत को बस देखा, फिर मम्मी के ऊपर झुका और उनकी बुर को चूसने लगा। उसकी जीभ मम्मी की चूत के होंठों पर तेजी से चल रही थी। मम्मी “आआआ… ओह्ह… और चाट… मेरी चूत का पानी पी!” चीख रही थीं। राजेश ने चूत के दाने को उँगली से रगड़ा, और मम्मी की कमर हवा में उछलने लगी। उसने अपनी जीभ चूत के अंदर तक डाली, और जब सफ़ेद रस निकला, तो उसने मुँह लगाकर चाट लिया।

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फिर राजेश ने मम्मी को घुटनों पर बिठाया और बोला, “अब मेरे लौड़े का स्वाद चख, दिशा रानी!” उसने अपना 10 इंच लंबा और 4 इंच मोटा लंड निकाला, जो किसी गधे के लौड़े जैसा था। मम्मी ने लंड को हाथ में लिया और बोलीं, “हाय राजेश, तेरा लोडा तो मेरी चूत की जान ले लेगा!” वो लंड को चूमने लगीं, फिर मुँह में लेकर चूसने लगीं। राजेश ने मम्मी के बाल पकड़े और उनका मुँह अपने लंड पर दबा दिया। मम्मी गैग करने लगीं, “उग्ग… उग्ग…” उनकी आँखों से पानी निकल रहा था, लेकिन वो लंड को और गहराई तक ले रही थीं। राजेश “हाँ रंडी, पूरा लोडा चूस… मेरे माल का स्वाद ले!” चीख रहा था। मम्मी ने लंड को चूसा, और जब राजेश का माल निकला, तो उन्होंने मुँह खोलकर सारा माल पी लिया। कुछ बूँदें उनकी चूचियों पर गिरीं, और मम्मी ने उँगली से उठाकर चाट लिया। “हम्म… कितना गाढ़ा माल है तेरा!” मम्मी ने हँसकर कहा।

फिर राजेश ने मम्मी को बिस्तर पर लिटाया और बोला, “अब तेरी चूत की बारी!” उसने मम्मी की टाँगें उठाईं और अपना लंड चूत के छेद पर रखा। एक जोरदार धक्का मारा, और लंड पूरा अंदर चला गया। मम्मी चीखीं, “हाय माँ… तेरा लोडा मेरी बुर फाड़ देगा!” राजेश ने कोई रहम नहीं किया। वो धचाक-धचाक चोदने लगा। कमरे में “फच-फच” की आवाजें गूँज रही थीं। मम्मी की चूचियाँ हर धक्के के साथ उछल रही थीं। वो “सी सी… हा हा… ऊँ ऊँ… उनहूँ…” की कामुक आवाजें निकाल रही थीं। राजेश ने मम्मी की चूत पर थूक दिया और और तेज पेलने लगा। मम्मी “आआआ… और जोर से… मेरी चूत फाड़ दे!” चीख रही थीं।

20 मिनट तक राजेश ने मम्मी की चूत चोदी। कभी मम्मी को नीचे लिटाया, कभी ऊपर बिठाया, कभी उनकी टाँगें कंधों पर रखीं। मम्मी की चूत पूरी गीली थी, और राजेश का लंड उसमें आसानी से अंदर-बाहर हो रहा था। आखिर में उसने मम्मी की चूत में माल गिरा दिया। मम्मी थककर हाँफ रही थीं, लेकिन राजेश ने कहा, “अभी तो गांड बाकी है, मेरी रानी!” मम्मी हँसीं और बोलीं, “चल कमीने, मेरी गांड भी मार ले!”

राजेश ने मम्मी को कुतिया बनाया। मम्मी ने अपना सिर बेड पर रखा, घुटने मोड़े, और अपनी गांड ऊपर उठा दी। उनकी गांड इतनी बड़ी और गोल थी कि राजेश पागल हो गया। उसने मम्मी के पुट्ठों को सहलाया, चूमा, और फिर उनकी गांड के छेद पर थूक दिया। मम्मी “उई… उई… ओह्ह माँ…” सिसक रही थीं। राजेश ने अपनी जीभ गांड के छेद में डाली और चाटने लगा। मम्मी “हाय राजेश… तू मेरी गांड का दीवाना है!” चीख रही थीं। राजेश ने एक उँगली गांड में डाली, और मम्मी चीख पड़ीं, “आह्ह… धीरे…!” लेकिन राजेश ने दो उँगलियाँ डालकर तेजी से अंदर-बाहर की।

फिर उसने अपना मोटा लंड मम्मी की गांड के छेद पर रखा और एक जोरदार धक्का मारा। मम्मी चीखीं, “हूँउउ… माँ… आराम से… मेरी गांड फट जाएगी!” लेकिन राजेश ने धीरे-धीरे चोदना शुरू किया। मम्मी की गांड का छेद ढीला हो गया, और राजेश तेजी से पेलने लगा। वो मम्मी के पुट्ठों पर चट-चट चांटे मार रहा था। मम्मी “सी सी… हा हा… फक मी… मेरी गांड मार!” चीख रही थीं। राजेश ने मम्मी की गांड में थूक डाला और और तेज चोदने लगा। 25 मिनट तक उसने मम्मी की गांड मारी, और आखिर में गांड में ही माल गिरा दिया। मम्मी थककर बिस्तर पर गिर पड़ीं।

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मैं ये सब दरवाजे के पीछे से देख रहा था। मेरा लंड पतलून में टनटना रहा था। तभी मुझे टॉयलेट लगी, और मैं वहाँ से हट गया। 15 मिनट बाद जब लौटा, तो राजेश फिर से मम्मी को चोदने की तैयारी कर रहा था। मम्मी बोलीं, “जल्दी चोद, मेरा बेटा हरपाल अब आने वाला है!” राजेश ने कहा, “चल रंडी, अब तेरा मुँह चोदता हूँ!” उसने मम्मी को घुटनों पर बिठाया और अपना लंड उनके मुँह में ठूँस दिया। मम्मी फिर गैग करने लगीं, “उग्ग… उग्ग…” लेकिन वो लंड को पूरा गले तक ले रही थीं। राजेश ने मम्मी के मुँह में माल गिराया, और मम्मी ने सारा माल चाट लिया। “तेरा माल तो अमृत है!” मम्मी ने हँसकर कहा।

मैं ये सब देखकर पागल हो गया था। मेरी मम्मी, जो मुझे शरीफ लगती थीं, एक नंबर की चुदक्कड़ थीं। अब मुझे सब समझ आया। पापा ने मम्मी को क्यों छोड़ा था। मम्मी ने दिनेश के साथ चक्कर चलाया था, और अब राजेश उनकी चूत और गांड का मालिक था। उस रात मैं सो नहीं पाया। बार-बार मम्मी की चुदाई का सीन दिमाग में घूमता रहा। मैंने 6 बार मुठ मारी, लेकिन मन नहीं भरा।

अगले दिन मैंने मम्मी के कमरे में एक छुपा कैमरा लगाया। कुछ दिन बाद राजेश फिर आया। इस बार उसने मम्मी को पहले मुँह में चोदा, फिर चूत, और आखिर में गांड। मम्मी हर बार की तरह चीख रही थीं, “राजेश… मेरी बुर फाड़… मेरी गांड का कुआँ बना दे!” मैंने वो वीडियो रिकॉर्ड किया और 3000 रुपये में अपने दोस्त को बेच दिया। धीरे-धीरे वो वीडियो शामली, यूपी, दिल्ली, और पंजाब तक वायरल हो गया।

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एक शाम मैं और मम्मी खाना खा रहे थे। मम्मी के फोन पर वो वीडियो आया। उन्होंने अपनी चुदाई देखी और हक्की-बक्की रह गईं। उनकी आँखें मुझे घूर रही थीं, लेकिन वो कुछ नहीं बोलीं। कुछ महीनों तक उन्होंने राजेश को घर बुलाना बंद कर दिया, लेकिन उनकी चूत की भूख ज्यादा दिन नहीं रुकी। जल्द ही वो फिर से चुदवाने लगीं। मेरी मम्मी की चुदक्कड़पन की कहानी यहीं खत्म नहीं होती, दोस्तों। ये तो बस शुरुआत थी।

 कहानी आपको कैसे लगी, अपनी कमेंट्स जरुर दे।

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