Baap Beti Ki Chudai Ki Kahani, रानी पुणे में रहती थी और अपने पति और पिता के बीच एक ढोल की तरह बजती रही। उसने कभी पिता से तो कभी पति से चुदने की कहानी बताई। रूही की ये देसी कहानी आपको मुठ मार देगी।
मेरा नाम रानी है और आज मैं अपनी कहानी, पहले पति ने चोदा और फिर पिता ने सबको सुनाने जा रहा हूँ। यह सब मेरे साथ हुआ जब मैं 35 साल का था और मैं नवविवाहित था।
मेरे जीवन में इतनी चुदाई हुई कि आज मेरे पांच बच्चे हैं, इसलिए आपको मुझे जैसी सुंदर महिला की बात करनी पड़ेगी।
तो मैं खुश नहीं था और मेरे पिता से यौन संबंध हुआ। पिता जी मुझे चुदाई के बदले बहुत सारे पैसे देते थे। मेर माँ इसके बारे में कुछ नहीं जानती थी।
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मैं फिल्म एक्टर बनना चाहता था, इसलिए मुझे महंगे कपड़े और चीजे पसंद थे। अपने आप को मॉडल बनाने के चक्र में, मैंने अपने शरीर को चुदाई का माल बना डाला, जिसे देखकर पापा की नीयत गंदी हो गई।
अब चुदाई से तंग आकर मैं 27 वर्ष की उम्र में शादी करने का विचार किया। मैं मॉडल नहीं बन पाया, इसलिए मैं अपनी जिंदगी से हार मान गया। अब माँ ने मेरी शादी एक लड़के से कर दी जो बहुत थक गया था लेकिन पैसे वाला नहीं था।
मैंने अपने पति को शादी के कुछ दिन बाद अपने पास आने की अनुमति दी। मेरी चूचियों में खुजली मचने लगी और मेरी चुत अपने आप गीली हो गई, पता नहीं क्यों।
मैंने ब्रा खोली और अपने पति के सामने अपने स्तनों को दबाने लगा। उस समय मेरा पति काम से घर लोटा हुआ था और बहुत थका हुआ था। वह मेरे मोटे दूध और बड़ी-बड़ी काली चूचियों को देखकर बेहोश हो गया और मुझे अपने होठों पर चूमने लगा।
उसकी इस कार्रवाई से मैं कुछ डॉक्टर बन गया, लेकिन उसका मर्दाना तरीका मुझे बहुत अच्छा लगा। जब वह मेरी सलवार खोलने लगा, मैं सोचने लगा कि अब क्या करूँगा।
कुछ देर बाद, मेरे पति ने मेरे स्तनों पर धाबा बोला, जिससे मुझे लगा कि उसने शादी चुदाई के लिए की थी। धीरे-धीरे मेरी चुत से पानी टपकने लगा और मुझे भी बहुत प्यार होने लगा।
मैंने अपनी सलवार को जल्दी से खोलकर पति के सामने घोड़ी बन गया। मेरी मोटी गांड और गीली कच्छी देखकर मेरा पति भी पागल हो गया।
उसने मेरी गांड में मुँह देकर मेरी चुत को चाटने लगा, झटके से मेरी कच्छी उतारी। थोड़ी देर की चटाई के बाद, जब मैं लंड लेने के लिए तैयार हो गया, तो उसने अपना सूखा लंड निकाला, जिसके टोपे से पानी की बून्द लटक रही थी।
थोड़ा हिलाकर उसने अपना पूरा लंड मेरी योनी में धकेलना शुरू कर दिया। मैं बहुत पहले से चुदाई करती आ रही थी, इसलिए मेरा छेद बड़ा था।
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मुझे चोदने लगा, पति का लंड अंदर फिसल गया। उसके गर्म, सूखे लंड से मेरी काली चुत जलने लगी, और मैं अपने ही स्तनों को चूसते हुए बेरहम पति से चुदती रही।
वह धीरे-धीरे यौन क्रिया करना पसंद करता था और मेरे शरीर से निकलने वाले हर तरल को अपने मुँह में उतारना चाहता था। मैं भी अपनी आँखें बंद करके उसके प्यार भरे धको का आनंद लेती रही।
मेरी बड़ी गांड को पीछे से धक्का देते हुए मेरा पति मेरी कमर पर पड़ा हुआ था। मैं उसके लंड की रगड़ से काफी मज़ा ले रहा था जब वह अचानक अपने अंदर का जंवर जगा और जोर से अपने कूल्हे हिलाकर मेरी गांड मारने लगा।
चुदाई के उत्साह में, उसने मेरे बाल पकड़े और मेरी गांड पर चाटे जड़ने लगा। मुझे कभी मजे के साथ दर्द की आदत नहीं थी।
पर मैं नहीं जानता कि पति के खड़े लंड पर धोका देना क्या होगा। मैं डरकर उसके चाटो से अपनी गांड लाल करती रही और उसका लंड अपने अंदर लेती रही।
बस उसके बाद मेरे पति ने मेरी चुत में झाड़ दिया। उस दिन से, हर दिन काम से घर आकर मेरी चुदाई करने लगा। जबरदस्त चुदाई के कारण मेरे स्तन लटकने लगे और चुत का दरवाजा खुला हुआ था। मैं जल्द ही एक रंडी की तरह दिखने लगी।
मैं एक हफ्ते की चुदाई से परेशान होकर अपने माता-पिता के घर वापस चली गई। पिताजी Baap Beti Ki Chudai Ki Kahani ने मेरे शरीर पर नजर डाली जब मैं वहा गई। हमने आज तक कभी जबरदस्त सेक्स नहीं किया क्योंकि पापा ऐसा करते तो मेरे शरीर पर कुछ निशान पड़ जाते, जिससे मम्मी मुझसे हजारों सवाल पूछती।
मेरे देसी पापा ने उस समय सोचा कि अगर वह मुझे अभी चुदाई करेंगे तो कोई नहीं जानेगा कि पति ने मुझे पहले ही चुदाई करके मुझे इस हालत में डाल दिया है।
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मैं चुदाई की इतनी लत लगी हुई थी कि मैं उसके बिना रह नहीं पाती थी और सेक्स से दूर भागती थी।
घर वापस जाने पर भी मेरे पिता ने मुझे नहीं छोड़ा। यही मेरी पारिवारिक चुदाई कहानी का वास्तविक आनंद है।
उसी रात मेरे कमरे में मेरे पापा आए और मुझे गले लगाकर गर्म करने लगे। मैं उसकी ओर देखकर सोचने लगी कि वे अब मुझे क्या करेंगे।
जैसे-जैसे मेरा भी पापा के साथ सेक्स करने का मन हुआ, मैंने भी उसके शरीर को गमर करना शुरू कर दिया।
मैंने उनका लटका लंड खड़ा करने के लिए उनके पजामे में हाथ डाला।
लंड खड़ा होते ही उन्होंने मेरी चुत को गर्म करना शुरू कर दिया। उन्हें अपनी काली चुत चाटने के लिए मैंने अपने पैर कोले।
मेरी चुत देखकर पिता ने कहा कि वह पहले से बड़ी नहीं हो गई है? मेरे पास उनका कोई जवाब नहीं था। तब उन्होंने मेरी ब्रा खोली और मेरे स्तन लटकने लगे, जो उन्हें और अधिक उत्तेजित कर दिया।
वह मेरी चुत में लंड डालते रहे और मेरे झूलते स्तनों पर चाटे मारने लगे। देर बाद उन्होंने मेरी कमर हिलाकर मुझे चोदा। वो मेरे स्तन दबाते या मेरी गांड चाटते।
वो जो कुछ भी कर रहे थे, मुझे इसमें मज़ा आ रहा था। उन्हें देखकर मेरी चुत से पूरी रात पानी टपक रहा था।
वह मेरे मुँह पर कुछ देर चुदाई की।
मैं अगले दिन वहाँ से वापस अपनी पत्नी के घर चली गई, क्योंकि मैंने सोचा कि पति को सेक्स रोकने पर ऐसा नहीं हुआ।
जब मैं दिन-रात की चुदाई से तंग आकर वापस घर आई तो पापा यहाँ थे।
तो दोस्तों, मैं हर दिन हर रात सेक्स करने का मजा लेती रही, लेकिन मैं भी बहुत परेशान हो गई। पिताजी और मैं डोल बजाते रहे। इस तरह रोजाना अपने पिता और पति से चुदवा-चुदवा कर दोनों की रखैल बन गयी।
अगर आप सभी को मेरी कहानी पिता और पति दोनों की रखैल बन गयी | Baap Beti Ki Chudai Ki Kahani पसंद आयी हो तो इसे अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ जरूर शेयर करे ताकि वो भी अपने चुत और लंड को सहला सके। धन्यवाद।