माँ बनने के लिए लिया किरायेदार का लन्ड

नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम दक्ष है, ये कहानी दिल्ली के एक पॉश इलाके की है, चूंकि मेरी नई नई नौकरी लगी थी नोएडा के हॉस्पिटल में तो मैंने नोएडा के पास दिल्ली में एक कमरा किराये पर ले लिया था,

मैं दूसरी मंजिल पर रहता था जबकि धरातल और प्रथम तल के हिस्से में मकान मालिक, तीसरी मंजिल पर एक भैया और भाभी रहते थे अपने 6 साल के बच्चे के साथ ।

चूंकि उन लोगों का आना जाना मेरे फ्लोर के सामने से होता था तो कभी कभार भैया से हाय हेलो हो जाती थी, इसी तरह लगभग 2 महीने बीत गए थे और उन लोगों से बातचीत होने लगी थी, भैया किसी domestic call center में काम करते थे जिस वजह से कभी दिन में तो कभी रात में उनकी शिफ्ट होती थी ।

ऐसे ही एक दिन की बात है भैया की शिफ्ट रात की थी तो वो अपनी शिफ्ट पर शाम 7 बजे जा रहे थे, जाते हुए उन्होंने आवाज़ दी –
भैया – दक्ष सुनो, आज मेरी नाईट शिफ्ट है और बच्चे की तबियत कुछ गड़बड़ है, वैसे तो डॉक्टर को दिखा कर दवा ले आये हैं, लेकिन जरा ध्यान रखना बच्चे का, 2 दिन से छुट्टी पर हूँ, कुछ आराम है बच्चे को अभी तो सोचा आज ऑफिस चला जाता हूँ ।

मैं – आप निश्चिन्त होकर जाओ, अगर कोई जरूरत हो तो मै हूँ, नही तो आपको फ़ोन कर लूंगा ।

भैया के जाने के बाद मैं बच्चे को देखने गया तो भाभी ने बताया कि अभी सो रहा है और पहले से तो काफी आराम है । यह सुनकर मैं वापस आ गया अपने रूम पर और चाय बनाने लगा, तब तक भाभी आ गई और बोली –
भाभी – आपका खाना बना लिया था भैया के कहने पे,
मैं – अरे आपने तकलीफ क्यों की, मैं बना लेता ।
भाभी – कोई बात नही, हमने खाना बना लिया आप चाय बना रहे हो वो पिला दो हिसाब बराबर।

मैं – अरे बिल्कुल
और हम इधर उधर की बात करने लगे, तभी

मैं – भाभी अब तो आपका बच्चा 6 साल का हो गया, दूसरे का प्लान नही क्या ?
भाभी मेरे इस सवाल पर जरा सा क्षेप गई लेकिन उन्होंने जवाब दिया
भाभी – प्लान तो है लेकिन ईश्वर की शायद अभी मर्ज़ी नही है तो नही हो पा रहा, पिछले 1 साल से कोशिश कर रहे अगर हो जाएगा तो दोनों बच्चे एक दूसरे के साथ बड़े हो जाएंगे
मैं – तो किसी डॉक्टर से मिल लो, अगर कोई दिक्कत होगी तो सब ठीक हो जाएगा इलाज से
भाभी – ये तैयार नही हैं, कहते हैं जब 1 हो गया तो हो जाएगा दूसरा भी, हो सकता अभी समय ना हुआ हो इसका ।

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मुझे समझ आने लगा था कि भैया या भाभी में कोई कमजोरी है जिस वजह से ये समस्या है ।
कुछ दिन ऐसे ही बीत गए और मेरी भाभी से बातचीत होती रही ।

जिस दिन मेरा बर्थडे था उस दिन भैया मेरे लिए केक लेकर आये, हमने केक काटा और भैया इसके बाद ऑफिस चले गए । भाभी ने पूछा कि आज फिर क्या प्लान है

मैं – शाम को आज बाहर खाकर आऊंगा अगर आप चाहो तो चल सकते हो ।
भाभी – बाहर जाना ठीक नही लगेगा आप यहीं मंगा लो तो साथ मे खा लेंगे
मैं- क्या खाना पसंद करोगी आप ?
भाभी – वैसे पसंद तो मुझे पनीर बटर मसाला है, डोसा है, चाउमीन है, पास्ता है, लेकिन आज आपकी पसंद का खाया जाएगा

मैंने सारा खाना भाभी के पसंद का मंगा लिया, खाना देखने के बाद –
भाभी – अरे आपने तो मेरी पसंद का मंगा लिया।

भाभी ने पहले बच्चे को खाना खिलाया और उसके बाद बच्चे को सुलाने चली गई । जब वापस आई तो मेरी आँखें खुली रह गई वो एक दम सझ धज कर आई थी 1 पीस पार्टी ड्रेस में ।

मैं – अरे ये क्या है
भाभी – पसन्द नही आया क्या
मैं – उम्मीद नही थी इसकी, आप तो कमाल लग रही
भाभी – बस कमाल,
मैं – बहुत खूबसूरत लग रही बाकी इससे ज्यादा कुछ नही कह सकता, वो शायद अच्छा ना लगे
भाभी – बोलो भी, मैं बुरा नही मानूँगी
मैं – आप बहुत सेक्सी लग रही एक दम पटाका की तरह, काश आपके पति आपको देखते तो बेहोश हो जाते
भाभी – आप तो नही हुए
मैं शर्मा कर रह गया

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इसके बाद हमने खाना खाया
भाभी – आओ डांस करते हैं लेकिन स्लो वॉइस के गाने पर ताकि नीचे आवाज़ ना जाये
इसके बाद हम डांस करने लगे, एक दूसरे को देखकर

अचानक से भाभी ने मेरे हाथों पर किस कर दिया और बोली ये रहा आपका गिफ्ट

मैं- बस इतना सा गिफ्ट
भाभी – बाकि तो खुद लेना पड़ेगा
इतना सुनकर मैं उनके होठों पर टूट पड़ा और हम एक दूसरे के होठों को खा जाने को तैयार थे, हमारा थूक एक दूसरे में समाता जा रहा था,

इस सबमे कब हमारे कपड़े उतर गए पता ही नही चला, मैं अब धीरे धीरे उनके गले से होते हुए दूध को निचोड़ने लगा

भाभी – उम्म आह और जोर से चूसो, इनको खा जाओ आज
मेरा एक हाथ उनकी पुस्सी तक जा चुका था और उनके दाने को मसल रहा था जिससे भाभी और अधिक मचल रही थी ।

मैं उनकी नाभि से होते हुए उनके चूत पर टूट पड़ा जिससे वो पागलों की तरह अपना सर पटकने लगी और बोलती है खा जाओ इसको
आह आआआह चुसस्सों ………खा जाओ आज तक पति ने कभी नही चूसी बहुत मजा आ रहा है

इतना कहते हुए झड़ गई भाभी

भाभी – ऐसा आज तक कभी नही हुआ मेरे साथ आज तो बिना चुदाई के ही झड़ गई मैं

थोड़ी देर बाद हमने फिर से एक दूसरे के साथ 69 मे खेलना शुरू कर दिया, भाभी के मुखचोदन के बाद, भाभी – मेरे को चोद दो पहले अभी बाकि बाद में कर लेंगे

अब मेरा 6+ तैयार था गहराई में जाने को,

मेरे झटका मरते ही भाभी थोड़ा आराम से करना और जल्दी मत करना पता चले 5 मिनट में ही झड़ जाओ

मुझे हंसी आ गई इस बात पर और मन मे सोचा कि आज कहलवा ना दिया कि अब छोड़ दो मुझे, तब बताना

जैसे जैसे धक्के लगने लगे भाभी
भाभी – आह ऊह मजा आ रहा…..चोदते जाओ, मजा आ रहा मैं आने वाली हूँ ये कहते ही वो झड़ गई

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लेकिन मैं तो दौड़ रहा था अब कुतिया बनाकर चोदना चालू किया, लगभग 20 मिनट की ताबड़तोड़ चुदाई के बाद भाभी ने कहा कि अब मै थक गई हूं और अब नही चुद सकती, थोड़ा रुक जाओ ।

मैंने भाभी को गोद मे उठाकर चोदना चालू कर दिया, भाभी आह आह तो कर रही थी लेकिन थक बहुत गई थी, अगले पल मैं भी आने वाला था,जो भाभी को मैंने बोला ।

अंदर ही निकल दो शायद ऊपर वाले कि यही मर्ज़ी हो
मैं- ऊपर वाली तो तुम हो जान
मेरे इतना कहते ही शर्मा गई ।

इसी के साथ मैं आह आह मैं गया कहते हुए उनकी चूत में झड़ गया💦💦

हम दोनों ही पसीने से तर बतर थे और ऐसे ही पड़े रहे।

रात में हमने 2 बार चुदाई की और सुबह 4 बजे तक भाभी अपने कमरे में चली गई

इसी तरह हमारा कामसूत्र चलता रहा और अगले महीने पता चला कि उनका महीना नही हुआ और वो पेट से हैं । इसके बाद मैंने वहां से रूम छोड़ दिया ताकि प्राइवेसी बनी रहे और कोई उनको दिक्कत ना हो, मैं आज भी उन सबके टच में हूँ और पता चला कि उनके पुत्र हुआ है ।

कुछ इस तरह से मेरी कहानी चली, मुझे नही पता कि ये सही हुआ या गलत लेकिन भाभी और उनका परिवार उस बच्चे से खुश है

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