Stranger bull sex story – Double penetration sex story: एक सप्ताह हो चुका था, नेहा अब पूरी तरह बदल चुकी थी, पहले जहाँ वो थ्रीसम की बात पर शरमाती थी, अब उसकी आँखों में एक छुपी हुई भूख साफ झलकती थी, जैसे कोई आग सुलग रही हो जो कभी बुझने वाली नहीं। दिन भर ऑफिस में रहते हुए भी हम मैसेज पर एक-दूसरे को तड़पाते रहते, लेकिन रात को फोन सेक्स हमें बेहोश कर देता। नेहा अपनी चूत में उँगलियाँ घुमाते हुए कराहती, उसकी साँसें फोन में टूटती हुईं, गर्म और तेज आतीं, “रुद्रांश, जल्दी अगला प्लान करो ना, मुझे फिर वो मजा चाहिए, कोई नया लंड, अनजान, जो मुझे पागल कर दे, मेरी चूत अभी से गीली हो रही है”।
कहानी का पिछला भाग: बॉयफ्रेंड देखता रहा कैसे दोस्त ने गर्लफ्रेंड की चूत पेली
मैं मुस्कुराता और उसकी कराहटें सुनकर अपना लंड जोर-जोर से सहलाता, “हाँ बेबी, बहुत जल्द, इस बार और बेहतर होगा, तू बस तैयार रहना, तेरी चूत को अच्छे से भर दूँगा”। मैंने उसे नहीं बताया कि इस बार क्या सरप्राइज प्लान किया है, डबल पेनिट्रेशन, वो सोच रही थी कि फिर वही नॉर्मल थ्रीसम होगा, लेकिन मैंने मन ही मन तय कर लिया था कि इस बार दोनों छेद भरने हैं।
हमने उसी डेटिंग ऐप पर फिर से कपल प्रोफाइल एक्टिव की, इस बार स्पष्ट लिखा, यंग बुल 20-23 साल, फिट बॉडी, अच्छा मोटा लंड, होटल मीट ओनली। मैसेज की बाढ़ आ गई, नेहा बेड पर लेटकर, कभी पैंटी नीचे करके चूत सहलाते हुए फोटोज देखती और चुनती, उसकी आँखें चमकतीं, साँसें तेज हो जातीं। पहला लड़का था विक्रम, 21 साल का, फोटोज में बॉडी अच्छी लग रही थी, चौड़ा सीना, लेकिन जब लंड की फोटो भेजी तो नेहा हँस पड़ी और नाराज भी हुई, “ये देख, कितना पतला है, जैसे पेंसिल, रोहन वाला तो मोटा था ना, ये मेरी चूत को संतुष्ट नहीं करेगा, बस अंदर जाएगा और खो जाएगा, रिजेक्ट करो”। दूसरा था करण, 23 साल का, जिम बॉडी, एब्स साफ दिख रहे थे, लंड की फोटो में मोटाई ठीक थी, नसें उभरी हुईं, नेहा उत्तेजित हो गई, “ये अच्छा लग रहा है” लेकिन चैट में वो बहुत घमंडी निकला, “मैं तो रोज कपल्स के साथ करता हूँ, तुम लकी हो कि मैं आऊँगा, मैं तुम्हारी गर्लफ्रेंड को इतना चोदूँगा कि वो मुझे भूल नहीं पाएगी”, नेहा का मूड खराब हो गया, उसकी आँखें सिकुड़ गईं, “ये तो बहुत ओवरकॉन्फिडेंट है, मुझे ऐसे नहीं चाहिए जो मुझे ऑब्जेक्ट समझे, जैसे मैं उसकी ट्रॉफी हूँ, रिजेक्ट, ब्लॉक करो”। तीसरा था राहुल, फोटोज में हैंडसम, बॉडी एवरेज लेकिन चेहरा क्यूट, लंड ठीक-ठाक, वीडियो कॉल पर मिले तो उसकी आवाज पतली और बात करने का तरीका बिल्कुल बच्चा लग रहा था, जैसे अभी-अभी कॉलेज जॉइन किया हो, नेहा बोली, “ये तो बहुत कच्चा है, आवाज सुनकर ही मजा खत्म हो गया, मुझे जवान चाहिए पर मर्दाना, ये तो लग रहा है पहली बार कर रहा होगा, नेक्स्ट”। कई और आए, एक शादीशुदा निकला, उसने रिंग वाली फोटो गलती से भेज दी, नेहा बोली “नहीं, रिस्क नहीं लेना”। दूसरा सिर्फ फोटोज भेजकर गायब हो गया, तीसरा सिर्फ ओरल चाहता था, “मैं सिर्फ चाटना और चुसवाना पसंद करता हूँ”, नेहा हँसते हुए बोली, “ये तो मुझे चोदेगा ही नहीं, पास”। नेहा फ्रस्ट्रेटेड हो रही थी, रात को फोन पर बोली, “कितने लड़के हैं पर कोई परफेक्ट नहीं, मेरी चूत तड़प रही है”। मैं उसे और तड़पाता, “सही वाला मिलेगा, धैर्य रख”।
आखिरकार एक लड़के पर नजर ठहर गई, 22 साल का कॉलेज स्टूडेंट, फोटोज में जिम बॉडी कमाल की, चौड़ा सीना, कसी हुई एब्स जो शर्ट के नीचे से भी उभर रही थीं, चेहरा हैंडसम, मुस्कान मारक, और लंड की फोटो देखकर नेहा की साँसें रुक सी गईं, मोटा, लंबा, नसें फटी हुईं, टिप गुलाबी और चमकदार, वो बेड पर लेटकर फोटो जूम करके देख रही थी, उसकी उँगलियाँ अपनी चूत पर तेजी से घूमने लगीं, “ये, परफेक्ट है, देख रुद्रांश, कितना मोटा है, मेरी चूत को फाड़ देगा, हाँ, यही चाहिए, नाम क्या है, आर्यन, जल्दी कॉल करो”। हमने उसे कॉफी डेट पर बुलाया, वो आया तो नेहा की नजरें उसकी बाजुओं और छाती पर अटक गईं, उसकी जांघें बेचैनी से रगड़ रही थीं, उसकी साँसें थोड़ी तेज हो गईं जब उसने मुस्कुराकर नेहा की आँखों में देखा, उसकी मर्दाना खुशबू कॉफी शॉप में भी फैल गई। बातें अच्छी चलीं, वो नर्वस था लेकिन जोश से भरा, उसकी आवाज गहरी और आत्मविश्वास वाली। मैंने अलग से उसे मैसेज किया, सरप्राइज डबल प्लान है, तैयार, उसने तुरंत हाँ कहा, “बिल्कुल, नेहा इतनी हॉट है, दोनों छेद लूँगा”।
आखिरकार वो रात आ गई। दिल्ली के एक लग्जरी होटल के स्वीट रूम में हम पहुँचे, मुलायम किंग साइज बेड जिसकी चादरें सफेद और चिकनी थीं, डिम गोल्डन लाइट्स जो कमरे को मदहोश बना रही थीं, बड़ी मिरर वाली दीवारें जिनमें हर कोण से सब साफ दिखता था, हवा में हल्की लैवेंडर की खुशबू जो नेहा की परफ्यूम से मिलकर और मादक हो गई। नेहा ने खुद को पूरी रंडी की तरह तैयार किया था, लाल लेस वाली ब्रा-पैंटी जो उसके दूध जैसे गोरे शरीर पर आग लगा रही थी, ऊपर से टाइट ब्लैक ड्रेस में उसके भरे हुए कर्व्स, गोल-गोल गांड और उभरे हुए स्तन साफ झलक रहे थे, होंठों पर गहरी लाल लिपस्टिक जो चूमने को पुकार रही थी, आँखों में मोटा काजल, बाल खुल्ले लहराते, और वो मादक परफ्यूम जो कमरे में आते ही हमें मदहोश करने लगा। मैंने उसे पीछे से गले लगाया, उसकी गांड पर हाथ फेरते हुए, लंड को उसकी गांड की दरार में रगड़ते हुए कान में फुसफुसाया, “आज तू बहुत खतरनाक लग रही है, आज तेरी चूत अच्छे से भरवाऊँगा”। वो सिहर उठी, मेरे लंड को पीछे से महसूस करके कराहते हुए बोली, “हाँ, आज फिर पूरी रात चुदाई, मेरी चूत अभी से पानी छोड़ रही है”।
हमने वोदका के शॉट लिए, बर्फ की ठंडक और वोदका की जलन ने नेहा की हल्की नर्वसनेस को मदहोशी में बदल दिया, उसकी आँखें चमकने लगीं, गाल लाल, साँसें गर्म। लड़का समय पर आया, टाइट शर्ट में उसकी मसल्स फट रही थीं, उसकी ताजा मर्दाना खुशबू, पसीना और कोलोन मिलकर, कमरे में घुल गई। तीनों सोफे पर बैठे, ड्रिंक्स पीते हुए हल्की बातें कीं, लेकिन नेहा की साँसें पहले से तेज थीं, उसकी जांघें बेचैनी से रगड़ रही थीं, उसकी ड्रेस का निचला हिस्सा थोड़ा ऊपर सरक गया था और उसकी गोरी जांघें चमक रही थीं। मैंने माहौल गरम किया, नेहा के कंधे पर हाथ फेरा, उसकी गर्दन पर गर्म साँसें डालीं, उसकी त्वचा की वो मुलायम, मीठी खुशबू सूँघते हुए, फिर लंबा गहरा किस किया, जीभें एक-दूसरे में उलझी हुईं, उसके होंठों का मीठा, गर्म स्वाद मेरे मुँह में फैल रहा था, उसकी जीभ मेरी जीभ को चूस रही थी। वो पूरी तरह खुल गई, कराहते हुए मेरी जीभ चूसने लगी, उसके हाथ मेरे बालों में कस गए। लड़का चुपचाप देख रहा था, उसकी साँसें तेज, पैंट में उभार साफ दिख रहा था।
मैंने नेहा की टाइट ब्लैक ड्रेस को धीरे-धीरे ऊपर सरकाया, उसकी मुलायम जांघें पूरी तरह नंगी हो गईं, फिर ड्रेस उसके स्तनों तक पहुँची, लाल लेस ब्रा के हुक पीछे से दिख रहे थे। मैंने जानबूझकर हुक नहीं खोले, सिर्फ़ ब्रा को ऊपर सरकाया ताकि उसके भरे हुए गोल स्तन आधे बाहर लटकने लगें, गुलाबी निप्पल्स ब्रा के लेस से रगड़ खाकर और सख्त हो गए। नेहा की साँसें तेज हो गईं, उसकी छाती हर साँस के साथ ऊपर-नीचे हो रही थी, जैसे वो खुद ब्रा फाड़कर बाहर निकालना चाहती हो। मैंने अपना मुँह उसके बाएँ स्तन के पास ले जाकर पहले सिर्फ़ गर्म गर्म साँसें डालीं, बिना छुए, हवा की तरह। वो काँप उठी, उसकी कमर अपने आप ऊपर को उचकी, पीठ सोफे पर टिकी लेकिन शरीर आगे झुक गया, “रुद्रांश, उफ्फ़, साँसें महसूस हो रही हैं, कुछ करो ना, तड़पा रहे हो”। लड़के ने भी दूसरी तरफ वही किया, उसकी नम, गर्म साँसें दाएँ निप्पल पर पड़ रही थीं। अब दोनों निप्पल्स हवा और साँसों से काँप रहे थे, सूजकर लाल हो गए थे। नेहा की आँखें बंद, मुँह से छोटी-छोटी सिसकारियाँ निकल रही थीं, उसके हाथ हमारे सिरों की तरफ बढ़े लेकिन हमने पीछे हट गए, टेजिंग जारी। मेरे दिमाग में विचार चल रहा था, ये अच्छी घरेलू लड़की अब अनजान लड़के की साँसों से भी तड़प रही है, उसकी चूत से खुशबू और तेज हो रही है। आखिरकार मैंने जीभ की सिर्फ़ नोक से बाएँ निप्पल को छुआ, एक हल्का सा लिक। नेहा का शरीर बिजली लगने की तरह झटका खाकर ऊपर उछला, “आह्ह, हाय रे, दोनों तरफ, जीभ की नोक, बस इतना सा, और करो ना”। लड़के ने भी वही किया। अब हम जीभ से हल्के घेरे बना रहे थे, चूस नहीं रहे थे। नेहा की सिसकारियाँ कराहट में बदल गईं, “दोनों एक साथ मेरे बूब्स को तड़पा रहे हो, मैं पहले सिर्फ तेरी थी रुद्रांश, अब अनजान की जीभ भी, चूसो जोर से, मेरे निप्पल्स फट जाएँगे, दर्द अच्छा लग रहा है”। तब जाकर हमने मुंह में लिया, जोर से चूसा, हल्के दाँत गड़ाए, लार से तर कर दिया। उसके स्तन चमकने लगे, निप्पल्स सूजकर दोगुने हो गए। नेहा की चूत से वो तेज मादक खुशबू और गाढ़ी हो गई, कमरे में फैलकर हमें और पागल कर रही थी।
मैंने उसकी लाल पैंटी धीरे से नीचे सरकाई, उसकी फूली हुई, चिकनी चूत सामने आ गई, क्लिट सूजी हुई, रस की बूंदें जांघों पर लहरा रही थीं, जैसे कोई मोती टपक रहा हो। मैंने ग्लास से एक आइस क्यूब निकाला, पहले उसके निप्पल्स पर फिराया, ठंडक से नेहा सिहर उठी, “ओह्ह, ठंडा, जलन, उफ्फ़”। फिर आइस को उसकी क्लिट पर रगड़ा। वो तड़प उठी, कमर ऊपर को उठ गई, “स्सी, ठंडा, मेरी चूत पर बर्फ, पिघल रही है, आह इह्ह”। फिर मैंने गर्म जीभ से चाटा, ठंडक और गर्मी का कंट्रास्ट। लड़के ने भी शामिल हो गया। हम बारी-बारी से, कभी एक साथ, कभी आइस फिर जीभ, नेहा की चूत को लार, रस और पिघली बर्फ से तर कर रहे थे। नेहा पागल हो रही थी, अपनी चूत हमारे मुँह पर रगड़ते हुए बोली, “दो जीभें, मेरी चूत पर नाच रही हैं, अनजान होकर भी क्लिट ऐसे चूस रहे हो जैसे रोज रंडियाँ चाटते हो, देख रुद्रांश, तेरी गर्लफ्रेंड तेरे सामने अनजान की जीभ से तड़प रही है, मम्मी-पापा सोचते होंगे उनकी बेटी घर पर है, और यहाँ होटल में दो मुँह चटवा रही हूँ, आह्ह, ओह्ह, इह्ह, झड़ रही हूँ”। वो झड़ गई, उसका रस हमारे मुँह पर छिटक गया।
लंड बाहर आए। नेहा घुटनों पर बैठ गई, दोनों चूसने लगी, गले तक लेते हुए, लार टपकाते हुए, आँखें ऊपर देखकर, ग्ग्ग्ग, ग्ग्ग्ग, गी गी गी, गों गों गोग। “तेरा जवान लंड, कितना कड़ा, नसें फटी हुईं, मम्म, दोनों एक साथ मुंह में नहीं आ रहे”। लड़का कराह रहा था, “नेहा, तुम्हारी जीभ, कमाल है”।
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लड़के ने नेहा को बेड पर लिटाया, चूत में डाला। नेहा चीखी, “आआह्ह, कितना मोटा, पेल, जोर से, ओह्ह ह्ह्ह इह्ह”। लड़के ने तेज ठोकना शुरू किया, चप-चप तेज। मैं मुंह में। नेहा को लगा कि बस यही होगा। फिर मैं नीचे लेट गया, नेहा मेरे ऊपर आई, उसकी गर्म, गीली चूत ने मेरे लंड को धीरे-धीरे निगला। वो खुद नीचे बैठी, कराहते हुए, “आह्ह, रुद्रांश, तेरा लंड हमेशा इतना परफेक्ट, ऊऊ ऊइ”। लड़का पीछे से आया, पहले उसने नेहा की गांड पर जीभ फेरी, गीला किया, लार से तर। नेहा सिहर उठी, “उफ्फ़, गांड चाट रहे हो, गंदे हो तुम”। फिर उसने दो उँगलियाँ डालीं, घुमाई। नेहा की कमर अपने आप आगे-पीछे होने लगी, “हाय, क्या कर रहे हो, बस चूत में ही”। लेकिन लड़के ने अपना मोटा लंड गांड पर रखा, सिर्फ़ टिप अंदर की। नेहा चौंक गई, उसकी आँखें फैल गईं, शरीर काँप उठा, “अरे नहीं, गांड में भी, सरप्राइज, आह्ह, धीरे, तेरा मोटा लंड गांड में घुस रहा है, रुद्रांश, तूने प्लान किया था ना, हरामी, आअह्ह्ह्ह्ह”। लड़के ने धीरे-धीरे पूरा डाला। अब दोनों लंड एक साथ थे। नेहा की आँखें नम हो गईं, मुँह से सिर्फ़ सिसकारियाँ, शरीर पसीने से तर, “आआह्ह, बहुत भरी हुई हूँ, दोनों तरफ लंड, जल रही हूँ, मेरी चूत और गांड फट रही हैं, पर, अच्छा, रुको मत, ह्ह्ह ओह्ह ओह”। हमने हल्के धक्के शुरू किए, फिर स्पीड बढ़ाई। मिरर में नेहा खुद को देख रही थी, बाल बिखरे, मुँह खुला, पसीना टपकता, दो लंड अंदर-बाहर। वो और पागल हो गई, “मिरर में देखो, कितनी फूहड़ लग रही हूँ, मैं खुद को पहचान नहीं पा रही, दोनों लंड अंदर, मादरचोद, दोनों हरामी मिलकर मेरी इज्जत लूट लो, मेरी अच्छी वाली इज्जत आज खत्म कर दो, मैं तुम दोनों की सस्ती रंडी हूँ, पेलो जोर से, आह ह ह ह ह्हीईई आअह्ह्ह्ह्ह”।
नेहा कई बार झड़ी, उसकी चूत और गांड सिकुड़कर हमें निचोड़ती रहीं, उसका रस बह रहा था, बेड गीला हो गया। हम भी झड़े। पूरी रात पाँच राउंड चले, हर बार डबल पेनिट्रेशन, अलग-अलग पोजीशन में, कभी नेहा ऊपर, कभी डॉगी में दोनों तरफ से। सुबह नेहा थकी लेकिन मुस्कुराती हुई, शरीर अभी काँपता हुआ, मेरे सीने से लिपटकर बोली, “ये सरप्राइज, कमाल था, दर्द भी मजा था, अब मैं इसके बिना नहीं रह सकती”। मैंने उसके होंठ चूसकर कहा, “हर बार नया सरप्राइज मिलेगा, मेरी डबल पेनिट्रेशन की रंडी”।