पड़ोसी लड़के ने मेरी चूत को जमकर चोदा

Padosi ladka sex story – Kuwara ldka sex story: जैसा कि आपने पिछली कहानी में पढ़ा कैसे मेरे देवर ने मुझे चुदाई करके मेरी सारी प्यास बुझा दी थी(कहानी का पिछला भाग: भाभी की प्यास और देवर का प्यार), लेकिन कुछ दिनों के मजेदार चुदाई के बाद मुझे मायके जाना पड़ा, मेरी मम्मी का तबीयत खराब था और मेरे माता पिता की इकलौती औलाद मैं ही हूं इसलिए मुझे जाना पड़ा, जाने के एक रात पहले पतिदेव कहीं बाहर गए हुए थे तो देवर जी ने भरपूर चुदाई किया और बोला भाभी आपकी राह देखूंगा जल्दी आना, मैं भी सोची थी जल्दी ही वापस आ जाऊंगी, लेकिन मम्मी की तबीयत ज्यादा खराब हो गई और डॉक्टरों ने कहा कि उन्हें पूरा आराम चाहिए जहां दवाइयों के साथ-साथ देखभाल जरूरी है, तो मुझे मायके में महीनों तक रुकना पड़ा, राजेश फोन पर बात करता लेकिन उसके काम की वजह से आ नहीं पाता था और उसकी आवाज सुनकर भी मेरी प्यास नहीं बुझती, विक्रम से भी फोन पर बात होती जहां वो मुझे अपनी चुदाई की याद दिलाता लेकिन दूर होने की वजह से मेरी चूत की गर्मी और बढ़ जाती, रातों में बिस्तर पर लेटकर मैं अपनी उंगलियां चूत में डालकर सहलाती जहां उंगलियों की रगड़ से थोड़ी राहत मिलती लेकिन वो देवर के लंड की मोटाई और गहराई जैसा मजा नहीं देती, मेरी त्वचा पर पसीने की बूंदें चिपकतीं और मैं करवटें बदलती रहती जहां मेरी जांघें आपस में रगड़तीं लेकिन वो कमी पूरी नहीं होती, मैं सोचती कि अब क्या करूं क्योंकि मायके में कोई ऐसा नहीं था जो मेरी इस आग को बुझा सके।

मायके में हमारे घर के ठीक बगल में एक परिवार रहता था जहां उनका लड़का राहुल अभी-अभी 18 साल का हुआ था, वो स्कूल खत्म करके कॉलेज की तैयारी कर रहा था लेकिन बहुत शर्मीला था और हमेशा किताबों में डूबा रहता जहां उसका चेहरा गोरा और आंखें बड़ी-बड़ी थीं लेकिन वो कभी सीधे नजर मिलाकर बात नहीं करता था, उसका कद लंबा था लेकिन बदन पतला और अनुभवहीन लगता, मैं उसे देखती तो सोचती कि ये लड़का कितना मासूम है लेकिन मेरी प्यास इतनी बढ़ गई थी कि मैंने सोचा क्यों न इसे आजमाऊं, लेकिन राहुल इतना शर्मीला था कि उसे पटाना कोई आसान काम नहीं था, मैंने कई कोशिशें शुरू कीं जैसे एक दिन जानबूझकर उसके घर गई और उसकी मां से बात करते हुए राहुल से पूछा “बेटा पढ़ाई कैसी चल रही है?” वो शर्मा गया और सिर्फ “ठीक है दीदी” कहकर सिर झुका लिया जहां उसके गाल लाल हो गए थे और हाथ कांप रहे थे, मैंने मुस्कुराकर कहा “कुछ मदद चाहिए तो बताना” लेकिन वो बस सिर हिलाकर चला गया, उसकी वो शर्माहट मुझे और आकर्षित कर रही थी क्योंकि मैं जानती थी कि वो वर्जिन है और कभी किसी लड़की को छुआ भी नहीं होगा, शाम को बालकनी में खड़ी होकर मैं उसे देखती जब वो घर से निकलता या खेतों की तरफ जाता जहां उसका ट्यूबवेल रूम था और वो वहां पढ़ाई करने जाता, उसकी चाल में एक अजीब सी मासूमियत थी जो मेरी चूत को गीला कर देती।

मैंने और प्रयास बढ़ाए जैसे एक दिन उसके लिए घर पर बनी चाय और स्नैक्स भेजे और उसकी मां से कहा “राहुल को पसंद आएंगे”, शाम को उसकी मां ने बताया कि उसे अच्छे लगे लेकिन राहुल खुद आकर थैंक्स कहने नहीं आया जहां मैं थोड़ी निराश हुई लेकिन मेरी प्यास मुझे रुकने नहीं दे रही थी, रात में उसके बारे में सोचकर मैं अपनी चूत रगड़ती जहां मेरी उंगलियां गीली हो जातीं और मैं कल्पना करती कि राहुल का अनकट लंड मेरी चूत में घुस रहा है, लेकिन वो इतना शर्मीला था कि हफ्ते बीत गए और वो बस दूर से मुस्कुराता रहता, आखिरकार मैंने उसका फोन नंबर उसकी मां से मांगा और कहा “अगर पढ़ाई में मदद चाहिए तो मुझे कॉल कर लेना”, उस रात मैंने मैसेज किया “हाय राहुल, कैसी है पढ़ाई?” वो कई घंटों बाद रिप्लाई किया “ठीक है दीदी” जहां मैंने देखा कि वो ऑनलाइन आता लेकिन ज्यादा नहीं लिखता, मैंने रोज मैसेज करके बात बढ़ाई जैसे “क्या पढ़ रहे हो?” या “कॉलेज कब से शुरू?” और धीरे-धीरे वो खुलने लगा जहां उसकी टाइपिंग में हिचकिचाहट साफ दिखती लेकिन फोन पर बात करने लगा, उसकी आवाज में शर्माहट थी जैसे वो फुसफुसा रहा हो और मैं उसे हंसाती जहां मैं फ्लर्ट करती “तुम इतने शर्मीले क्यों हो राहुल, लड़कियां तो तुम्हें देखकर घायल हो जाती होंगी” और वो हंसकर कहता “नहीं दीदी ऐसी बात नहीं” लेकिन उसकी सांसें तेज हो जातीं, फिर मैंने व्हाट्सएप पर फोटोज एक्सचेंज शुरू किया जहां पहले मैंने अपनी एक साधारण फोटो भेजी “राहुल देखो आज मैंने क्या पहना है” एक टाइट ब्लाउज वाली जहां मेरे स्तन थोड़े उभरे दिख रहे थे, वो शर्मा गया और बोला “दीदी अच्छी लग रही हो” लेकिन मैंने कहा “तुम भी अपनी फोटो भेजो” वो कई बार मना करता लेकिन आखिरकार भेजी जहां उसके चेहरे की मासूमियत मुझे और गर्म कर देती, धीरे-धीरे फोटोज ज्यादा इंटीमेट हुईं जैसे मैंने अपनी जांघों की फोटो भेजी “राहुल देखो मेरी स्किन कितनी स्मूद है” और वो लाल हो जाता लेकिन देखता रहता, फिर मैंने उससे कहा “राहुल अपनी शर्ट उतारकर फोटो भेजो” वो बहुत शर्मा रहा था लेकिन भेजी जहां उसके चिकने छाती की फोटो देखकर मैं अपनी चूत सहलाने लगी।

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कई दिनों की बातों के बाद मैंने फोन सेक्स की तरफ मोड़ा जहां एक रात जब घर वाले सो गए मैंने उसे कॉल किया और बोला “राहुल क्या तुम कभी किसी लड़की के साथ घूमे हो?” वो शर्मा गया और बोला “नहीं दीदी” जहां उसकी आवाज कांप रही थी, मैंने कहा “बताओ ना मैं तुम्हारी दीदी हूं कुछ नहीं कहूंगी” और धीरे-धीरे बातें गर्म हुईं, मैंने पूछा “तुम्हें लड़कियों में क्या पसंद है?” वो बोला “दीदी आप जैसी” जहां मैं हंसी और बोली “अच्छा मेरे बारे में क्या सोचते हो?” वो चुप हो गया लेकिन मैंने जारी रखा “राहुल कभी सोचा है कि मैं कैसी दिखती हूं बिना कपड़ों के?” वो हैरान हो गया “दीदी ये क्या कह रही हो” लेकिन मैंने अपनी चूत सहलाते हुए बोला “राहुल मेरी चूत गीली हो रही है तुम्हारी आवाज सुनकर, तुम्हारा लंड कैसा है?” वो सांसें तेज लेने लगा और बोला “दीदी मैंने कभी नहीं देखा” जहां मैं समझ गई कि वो वर्जिन है, मैंने कहा “पैंट खोलो और लंड को सहलाओ राहुल” और मैंने अपनी उंगलियां चूत में डाली जहां गीली रगड़ की आवाज आ रही थी “आह ह ह ह ह्हीईई आअह्ह्ह्ह आह्ह ह्ह आऊ ऊऊ ऊउइ ऊई उईईई राहुल ऐसा करो”, वो भी साथ में कर रहा था “दीदी आह ग्ग्ग्ग ग्ग्ग्ग गी गी गी गों गों गोग” जहां उसकी आवाज में दर्द और मजा मिला हुआ था, हम दोनों फोन पर झड़ गए जहां उसका वीर्य निकलने की सिसकारी मुझे और गर्म कर रही थी, ये फोन सेक्स कई रातों तक चला और वो धीरे-धीरे खुल गया जहां मैंने उसे बताया कि मैं कितनी प्यासी हूं और उसे मिलकर चुदाई करना चाहती हूं लेकिन वो डरता था “दीदी अगर किसी को पता चल गया तो” लेकिन मैंने मनाया कि दिन में खेतों के ट्यूबवेल रूम में कोई नहीं आता, फिर मैंने वीडियो कॉल पर चीजें आगे बढ़ाई जहां एक रात मैंने वीडियो कॉल की और अपनी चूत दिखाई “राहुल देखो कितनी गीली है तुम्हारे लिए” और मैंने उंगलियां डालकर दिखाया “आह राहुल अब तुम अपना लंड दिखाओ और सहलाओ मेरे लिए कम निकालो” वो शर्मा रहा था लेकिन कैमरा ऑन किया और अपना अनकट लंड दिखाया जहां मैंने कहा “राहुल सहलाओ जोर से और कम निकालो मेरे लिए दिखाओ” वो सहलाने लगा और सिसकते हुए झड़ गया जहां उसका सफेद कम कैमरे पर दिखा जो मुझे पागल कर रहा था “राहुल ये कम मेरी चूत में डालो कल्पना करो” और मैं भी झड़ गई, ये वीडियो कॉल पर कम दिखाना और मांगना कई बार हुआ जहां मैं कहती “राहुल आज फिर कम निकालो मेरे लिए वीडियो पर” और वो करता जहां उसका कम निकलते देखकर मेरी प्यास और बढ़ जाती।

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आखिरकार कई प्रयासों के बाद वो मान गया जहां मैंने देखा कि वो अब मैसेज में भी गर्म बातें करने लगा था, एक दिन दोपहर में जब घर वाले सो रहे थे और बाहर तेज धूप थी मैंने उसे मैसेज किया “राहुल ट्यूबवेल रूम में आओ अभी” वो डरते हुए आ गया जहां रूम में घुसते ही मैंने दरवाजा बंद किया और ट्यूबवेल की गड़गड़ाहट बाहर की आवाजों को दबा रही थी, रूम में हल्की रोशनी थी और मिट्टी की सोंधी खुशबू फैली थी जहां राहुल शर्मा रहा था और उसकी नजरें नीची थीं, मैंने उसे करीब खींचा और उसके होंठों पर किस किया जहां उसके होंठ कांप रहे थे और पहली बार का स्वाद मासूम था लेकिन गर्म, “राहुल डरो मत मैं सिखाऊंगी सब” मैंने बोला और उसके शर्ट के बटन खोले जहां उसकी चिकनी छाती पर हल्के बाल थे और त्वचा गोरी चमक रही थी, वो कांप रहा था लेकिन उसका लंड पैंट में तन गया था जहां मैंने महसूस किया कि वो उभरा हुआ है, मैंने अपना ब्लाउज उतारा और मेरे बड़े स्तन बाहर आ गए जहां धूप की हल्की किरणों से मेरे निप्पल्स चमक रहे थे और हवा की ठंडक उन्हें कड़ा कर रही थी, राहुल की आंखें फटी रह गईं “दीदी ये…” लेकिन मैंने उसके हाथ पकड़कर अपने स्तनों पर रखे “दबाओ राहुल जोर से” जहां उसके हाथ ठंडे थे लेकिन धीरे-धीरे दबाने लगा और मैं सिसक उठी “आह राहुल अच्छा लग रहा है”।r/IndianGoddess - Wait is over...

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फिर मैंने उसकी पैंट उतारी और उसका अनकट लंड बाहर आया जहां फोरस्किन पूरी तरह ढकी हुई थी और लंड 6 इंच का था लेकिन तना हुआ और नसें फूली हुईं, मैंने देखा कि वो वर्जिन है क्योंकि फोरस्किन आसानी से पीछे नहीं सरक रही थी जहां मैंने धीरे से छुआ तो राहुल सिसक उठा “दीदी दर्द हो रहा है” क्योंकि फोरस्किन टाइट थी और पहली बार छूने से जलन हो रही थी, मैंने कहा “राहुल धीरे-धीरे सब ठीक होगा” और मैंने लंड को मुंह में लिया जहां उसका नमकीन स्वाद और फोरस्किन की मुलायमाहट मेरी जीभ पर लगी लेकिन जैसे ही मैंने जीभ से फोरस्किन पीछे करने की कोशिश की राहुल चिल्लाया “आह दीदी जलन हो रही है” जहां मैंने थूक लगाकर धीरे से सहलाया और चूसना शुरू किया “ग्ग्ग्ग ग्ग्ग्ग गी गी गी गों गों गोग आह राहुल धीरे-धीरे मजा आएगा” लेकिन वो दर्द से कांप रहा था क्योंकि अनकट लंड की फोरस्किन पहली बार पीछे सरकने से त्वचा में खिंचाव और छोटी-छोटी दरारें पड़ रही थीं जो जलन पैदा कर रही थीं, मैंने रुककर कहा “राहुल अगर दर्द ज्यादा है तो रुक जाते हैं” लेकिन वो बोला “नहीं दीदी जारी रखो” जहां उसकी आंखों में दर्द और उत्सुकता थी।

राहुल की सिसकारियां बढ़ गईं “दीदी आह ये दर्द लेकिन मजा भी है” मैंने उसे रुकने नहीं दिया और धीरे-धीरे चूसा जहां फोरस्किन थोड़ी ढीली हो गई लेकिन हर रगड़ पर वो सिसकता, फिर मैंने अपनी साड़ी उतारी और नंगी हो गई जहां मेरी चूत गीली थी और उसकी नमी टपक रही थी जिसकी खुशबू रूम में फैल गई, मैंने राहुल को नीचे लिटाया जहां घास की चटाई पर उसकी पीठ लगी और मैंने कहा “अब मेरी चूत चाटो” लेकिन वो शर्मा रहा था “दीदी मैंने कभी नहीं किया” मैंने उसके सिर को अपनी चूत पर दबाया “जीभ अंदर डालो राहुल चाटो” जहां वो धीरे-धीरे चाटने लगा और उसकी जीभ की गर्म लेकिन अनाड़ी रगड़ मुझे झनझनाहट दे रही थी “आह ह ह ह ह्हीईई आअह्ह्ह्ह आह्ह ह्ह आऊ ऊऊ ऊउइ ऊई उईईई राहुल जोर से चाटो” मैं झड़ गई जहां मेरा रस उसके मुंह पर लगा और वो उसे चाटते हुए कांप रहा था, अब मैंने उसे ऊपर लिया और उसका लंड अपनी चूत पर रगड़ा जहां उसकी फोरस्किन की वजह से लंड का टिपा ढका था और रगड़ पर वो फिर सिसका “दीदी जलन हो रही है” मैंने थूक लगाकर फोरस्किन थोड़ी पीछे की लेकिन वो दर्द से कराह उठा “आह दीदी फट रही है त्वचा” क्योंकि पहली बार की वजह से फोरस्किन में छोटी दरारें पड़ गईं थीं और हल्का खून भी निकला जहां मैंने रुककर कहा “राहुल अगर नहीं हो पा रहा तो ठीक है” लेकिन वो बोला “नहीं दीदी जारी रखो मैं सह लूंगा”।

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फिर मैंने धीरे से उसका लंड अपनी चूत में घुसाया जहां मेरी गीली चूत ने उसे आसानी दी लेकिन जैसे ही फोरस्किन पीछे सरकी राहुल चिल्लाया “आआआह दीदी दर्द हो रहा है जैसे जल रहा हो” क्योंकि अनकट लंड की संवेदनशील त्वचा पहली बार एक्सपोज हो रही थी और मेरी चूत की गर्मी और रगड़ उस पर जलन पैदा कर रही थी, मैंने धीरे-धीरे धक्के मारे जहां हर धक्के पर वो सिसकता “ओह दीदी आह ह्ह्ह इह्ह ओह्ह” लेकिन धीरे-धीरे दर्द कम हुआ और मजा आने लगा क्योंकि फोरस्किन ढीली हो गई थी, हम घंटों चुदाई करते रहे जहां ट्यूबवेल की आवाज हमारी कराहों को छिपा रही थी और रूम में पसीने की खुशबू फैल गई थी, मैंने उसे डॉगी स्टाइल सिखाया जहां पीछे से घुसाते हुए फोरस्किन फिर खिंची और वो फिर दर्द से बोला “आह दीदी जोर से मत” लेकिन मैंने धीरे किया, फिर मैंने उसकी गांड में उंगली डाली लेकिन वो डर गया “नहीं दीदी वो मत” तो मैंने सिर्फ चूत पर फोकस किया जहां उसका लंड अब आसानी से अंदर-बाहर हो रहा था, “राहुल जोर से पेलो आह इह्ह ओह्ह ओह आह ह्ह्ह इह्ह” वो तेज हो गया और हम दोनों एक साथ झड़ गए जहां उसका गर्म वीर्य मेरी चूत में भर गया लेकिन झड़ने के बाद वो दर्द से कराह उठा “दीदी अब जलन हो रही है” क्योंकि वीर्य और रस की चिपचिपाहट फोरस्किन की दरारों में लग गई थी, मैंने उसे साफ किया और कहा “पहली बार ऐसा होता है राहुल अगली बार कम दर्द होगा” जहां उसकी आंखों में संतुष्टि लेकिन दर्द था, उस दिन के बाद हमारी मुलाकातें जारी रहीं लेकिन मम्मी की तबीयत ठीक होने पर मैं वापस लौट आई जहां विक्रम इंतजार कर रहा था लेकिन राहुल का वो दर्द भरा लेकिन मजेदार अनुभव मेरे दिल में छिपा रहा, ससुराल आकर भी कभी-कभी उसके साथ वीडियो कॉल करती थी जहां यहां देवर जी ने चुदाई का मजा देना शुरू कर दिया था लेकिन मैं राहुल को अपना काम निकल जाने के बाद छोड़ने वाली नहीं थी इसलिए उसे भी मजा देती थी वीडियो कॉल पर, जैसे मैं अपनी चूत दिखाती और कहती “राहुल कम निकालो मेरे लिए दिखाओ” और वो करता जहां उसका सफेद कम देखकर मैं झड़ जाती, लेकिन फिर उसने कॉलेज में जीएफ बना ली जहां वो अब ज्यादा बिजी हो गया और हमारी वीडियो कॉल बंद हो गई, उसके बाद एक बार और मैं मायके गई थी तो उसने फिरसे चोदा जहां अब उसका अनुभव बढ़ गया था और दर्द कम था लेकिन वो मासूमियत अभी भी थी जो मुझे और गर्म कर देती।

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