बचपन के दोस्त ने गांड मरवाई

Gay sex story – Dost ki gand mari sex story: मैं घर में अकेला था और मुठ मार रहा था, तभी मेरा बचपन का दोस्त आ गया और उसने मेरे लंड को पकड़ कर चूसने लग गया, फिर मैं कौन सा कम था, मैंने भी उसकी गांड में अपना लंड पेल दिया.

मेरा नाम पवन है, पिछली कहानी में मैंने अपनी दोस्त की बीवी की चुदाई की थी और इस बार गे सेक्स स्टोरी में मेरे बचपन के दोस्त वरुण की और मेरी चुदाई की है, वरुण नाम प्राइवेसी के कारण बदला हुआ है.

कहानी का पिछला भाग: दोस्त की बीवी ने कड़क लंड पर सवार होकर उछली

मैं दिखने में काफी सुंदर हूं और मेरा लंड छह इंच लंबा है, मोटाई में भी दो इंच है जो हर किसी लड़की की चूत की प्यास मिटा सकता है.

बात उस समय की है जब मेरे घरवाले बाहर कहीं गए हुए थे और वो दिन तक नहीं आने वाले थे, मेरी एक लड़की के साथ सेटिंग थी पर अभी मेरा उसके साथ ब्रेकअप हो गया था और अब मैं अकेला था, घर के सभी गेट बंद करके मैंने सोचा क्यों न अपने लंड का पानी निकाला जाए.

मैं अपने रूम में गया और अपने सारे कपड़े खोल दिए, लैपटॉप में सेक्स कहानियां पढ़ने लग गया, मैं काफी समय से कहानियां पढ़ रहा था, सच में दोस्तों क्या रियल कहानियां होती हैं, मजा आ जाता है.

कहानी पढ़ने के बाद मेरा लंड फुंकारे मारने लगा पर मैंने सोचा अभी नहीं, इतना जल्दी भी क्या, मैं वैसे ही बैठ गया और अपनी सिगरेट की डब्बी निकाली, सिगरेट पीने लग गया और एक हाथ से अपने लंड को प्यार से सहलाने लग गया.

मैंने पूरे घर को तो लॉक कर दिया पर मैं छत वाले गेट को बंद करना भूल गया और मेरे दोस्त वरुण का घर भी मेरे घर के पास ही था, मुझे पता नहीं चला कि कब वरुण आ गया और मुझे देख रहा है.

मैं अपने मजे में लगा हुआ था और मुझे पता नहीं चला कि कब आया था वरुण, मैं तो अपनी मस्ती में लगा हुआ था और वरुण आकर वापस चला गया, कुछ देर लंड को सहलाने के बाद मेरे लंड ने पिचकारी मार दी.

मैं एक बार शांत हो गया और लेट गया.

मैं रात को भी अकेला था, मैं अपने दोस्त वरुण के घर गया और उसके पापा से बोला कि मम्मी पापा कहीं गए हुए हैं तो क्या आप रात को वरुण को मेरे घर पर भेज दोगे क्या.

तभी वरुण की मम्मी आ गई, बोली अगर आज रात का तुम हमारे घर का खाना खाओगे तो भेजेंगे.

हम सभी हंसने लगे और शाम हुई, मैं वरुण के घर गया और हम सब ने खाना खाया, मैं वरुण को अपने साथ अपने घर ले आया.

मैं अपने रूम में आ गया और अपना मोबाइल चलाने लग गया.

मैं फिर से सेक्स कहानी पढ़ने लग गया और मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया, मैंने देखा कि वरुण भी अपने मोबाइल में सेक्स स्टोरी ही पढ़ रहा था.

मैंने वरुण को कहा कि तू भी पढ़ता है क्या सेक्स कहानियां.

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वरुण बोला मैं पिछले काफी समय से पढ़ रहा हूं.

मैंने उससे कहा कि यार मेरा तो मुठ मारने का मन करने लग गया यार.

वरुण बोला करेगा कि तेरा इतना बड़ा लंड है.

मैंने जब ये बात सुनी तो मैं सुन रह गया.

मैंने उससे कहा साले तूने कब देख लिया.

वरुण बोला कल जब तू लैपटॉप में कहानी पढ़ कर मुठ मार रहा था.

वरुण बोला कोई बात नहीं ऐसे कर अपने दोनों साथ में मुठ मारते हैं यहीं पर, मुझे कोई दिक्कत नहीं थी क्योंकि मैंने बहुत सारे लड़कों की गांड मारी है.

मैंने उससे कहा कि ठीक है और मैंने कहा कि सारे कपड़े खोल कर मारेंगे, मुझे मजा नहीं आता.

वरुण झट से मान गया और उसने अपने सारे कपड़े खोल दिए, उसका बदन एकदम लड़कियों जैसा था, मैंने तो आज देखा था उसको बिना कपड़ों के.

मैंने भी अपने सारे कपड़े खोल दिए और उसका लंड छोटा सा था और मेरा तो आपको पता ही है.

मैं और वरुण अब बिना कपड़ों के थे, मैं अपने लंड को हिलाने लग गया और वरुण भी हिलाने लगा, कुछ देर बाद वरुण बोला भाई मैं तेरे लंड को पकड़ कर मुठ मार दूं क्या.

मैंने उससे ठीक है कहा, उसने मेरे लंड को पकड़ा और मुठ मारने लग गया.

मैंने भी उसका लंड पकड़ लिया और आगे पीछे करने लग गया.

वरुण को सेक्स चढ़ गया.

गे सेक्स स्टोरी में वरुण खड़ा हुआ और एकदम से मेरे लंड को अपने मुंह में ले लिया, ग्ग्ग्ग.. ग्ग्ग्ग.. गी.. गी.. गों.. गों.. गोग, जैसे आवाजें निकलने लगीं.

मैंने बोला ये क्या कर रहा है यार तू मेरा दोस्त है.

वरुण बोला मेरे से कंट्रोल नहीं हो रहा है जब इतना बड़ा लंड सामने हो तो कैसे रहूं.

वरुण बहुत बुरी तरह से मेरे लंड को चूसने लग गया, ग्ग्ग्ग.. ग्ग्ग्ग.. गी.. गी.. गों.. गों.. गोग, और कुछ देर में ही मेरे लंड ने उसके मुंह में पिचकारी मार दी.

अब मैं बेड पर लेट गया.

मैंने वरुण के लंड को पकड़ा और उसके लंड का पानी निकाल दिया, उसका जल्दी ही पानी निकल गया.

हम दोनों बेड पर लेट गए और मैंने पूछा भाई ये सब कब से.

वरुण बोला मैं तो बचपन से तेरे से प्यार करता हूं पर आज तेरा लंड देख कर खुद पर कंट्रोल नहीं कर पाया और चूसने लग गया.

मैंने उससे कहा कि सिर्फ चूसना है या.

वरुण बोला मैंने आज तक किसी से मरवाई नहीं है पर मन बहुत है भाई तेरे मन में आए वैसे कर.

मैं अब कुछ नहीं कहा और उसके होंठों को चूसने लग गया, वरुण भी मेरा पूरा साथ दे रहा था.

मैं उठा और उसके लंड को चूसने लग गया, मैंने जैसे ही उसके लंड को मुंह में लिया उसकी आह निकल गई और बोला ओह्ह माय गॉड.. मजा आ गया.. ग्ग्ग्ग.. ग्ग्ग्ग.. गी.. गी.. गों.. गों.. गोग.

कुछ देर चूसता रहा और फिर एक से वरुण खड़ा हुआ और मेरे लंड को चूसने लग गया, सच में दोस्तो जब कोई लड़का लंड चूसता है न बहुत मजा आता है.

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अगर कभी किसी गे की गांड मारने का मौका मिले तो उसे छोड़ना मत.

कहानी पर वापस आते हैं, वरुण मेरे लंड को चूस रहा था और उसने लंड को फिर से खड़ा कर दिया, ग्ग्ग्ग.. ग्ग्ग्ग.. गी.. गी.. गों.. गों.. गोग.

मैं उठा और उसकी टांगों को उठाया और उसकी गांड को देखा तो क्या मस्त गांड थी.

मैंने वरुण से बोला कि यार आज तक बहुत लड़कों की गांड मारी है पर तेरी गांड एकदम गोरी है साले कहां छुपा था तू.

मेरे पास तेल तो था नहीं बस पास में वैसलीन की एक डब्बी पड़ी थी तो मैंने उठा कर वैसलीन ही लगा ली उसकी गांड पर और अपने लंड पर.

वैसलीन लगाने के बाद मैंने उसकी गांड में अपने लंड को सेट किया और एक झटके से लंड को उसकी कुंवारी गांड में पेल दिया.

जैसे ही मेरे लंड का टोपा अंदर गया तो वरुण चिल्लाने लगा और बोला भाई बहुत दर्द हो रहा है, आह.. ह्ह्ह.. इह्ह.. ऊई.. ऊईईई.

मैंने उसकी एक नहीं सुनी और उसके पैरों को कस कर पकड़ा और एक और झटका मारा, अबकी बार मेरा पूरा लंड उसकी गांड में चला गया.

इस बार वो रोने लग गया और बोला भाई बहुत दर्द हो रहा है मैं मर जाऊंगा, आह ह ह ह ह्हीईई आअह्ह्ह्ह.

मैंने उससे कहा कि पहली बार है न तो दर्द होगा बस पांच मिनट और दर्द सहले.

मैं उसके लंड को सहलाने लगा और एक हाथ से उसके निप्पल को छेड़ने लग गया.

कुछ देर बाद वरुण नॉर्मल हो गया.

अब मैंने अपना काम शुरू कर दिया और उसकी गांड में लंड को पेलने लग गया.

अब वरुण दर्द के साथ आह्ह्ह… मर गया….भाई और जोर से ….फाड़ दे…सारा डाल दे भाई … कहने लगा, आह इह्ह ओह्ह ओह ! आह.. ह्ह्ह.. इह्ह.. ऊऊ.. ऊउइ ..ऊई ..उईईई.

मैं 15 मिनट तक उसको ऐसे ही चोदता रहा अब मैं खड़ा हुआ और वरुण को बोला भाई अब तू आजा ऊपर.

वरुण उठा और मैं नीचे लेट गया और वरुण ऊपर बैठ गया, मैंने अपने लंड को पकड़ा और उसकी गांड में सेट किया और उसकी जांघ को पकड़ कर नीचे खींच लिया, एकदम से उसकी गांड में लंड समां गया.

अबकी बार फिर से वरुण के मुंह से आह्ह्ह्ह…मर गया निकला और अब वरुण खुद ही उछलने लगा और अपनी गांड में मेरे लंड को लेने लगा, आह्ह.. ह्ह.. आऊ.. ऊऊ.. ऊउइ ..ऊई ..उईईई.

साथ साथ में उह्ह ..आहाह..मजा आ गया भाई आज तो ….आज से मैं तेरी रंडी ….चोद भाई ……फाड़ दे मेरी गांड को.

10 मिनट तक उछलने के बाद वरुण थक गया और बोला भाई मैं थक गया हूं, मैंने उसे नीचे उतारा और उसको डॉगी बना लिया, उसकी चुदाई शुरू कर दी.

अब बस कुछ ही देर में मेरे लंड ने पानी छोड़ दिया और आज तो पानी बहुत निकला, अब मैं भी निढाल होकर लेट गया.

कुछ देर लेटने के बाद मेरा फिर से मूड बना गया और मैं उसके लंड को सहलाने लगा, वरुण भी मूड में था वो भी मेरे लंड से खेलने लग गया और अब हम दोनों 69 पोजीशन में आ गए और एक दूसरे के लंड को चूसने लग गए, ग्ग्ग्ग.. ग्ग्ग्ग.. गी.. गी.. गों.. गों.. गोग.

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कुछ देर चूसने के बाद मैं खड़ा हुआ और उसको उल्टा लिटा लिया और उसकी गांड में थोड़ा सा थूक लगाया और अपने लंड को एक ही झटके में पेल दिया.

वरुण के मुंह से आह्ह.. निकल गया और अबकी बार वरुण खुद की अपनी गांड को उठा कर झटके मारने लग गया, आह इह्ह ओह्ह ओह ! आह.. ह्ह्ह.. इह्ह.. ऊऊ.. ऊउइ ..ऊई ..उईईई.

इस बार वरुण बहुत थक गया पर मेरे लंड का पानी निकलने का नाम नहीं ले रहा था और मैं उसको एक घंटे तक पेलता रहा, जब मेरा माल निकलने वाला था तो मैंने अपना लंड उसकी गांड से निकाला और वरुण के मुंह में डाल दिया.

अब वरुण मेरे लंड को चूसने लग गया, मैंने उसे कहा कि मेरा निकलने वाला है पर वरुण ने मेरे लंड को अपने मुंह से नहीं निकाला.

दो ही मिनट बाद मेरा सारा माल उसके मुंह में निकल गया और मैं हांफने लगा और बेड पर लेट गया, वरुण अभी भी मेरे लंड को चूस रहा था, उसने मेरे माल की एक एक बूंद को चाट-चाट साफ कर दिया.

उस रात मैंने और वरुण ने पूरी रात में तीन बार चुदाई की और फिर हम सो गए.

सुबह मैं उठा और मुझे पापा का कॉल आया कि हम सात दिन तक घर नहीं आ पाएंगे.

मैंने वरुण के घरवालों को कहा कि मम्मी पापा सात दिन तक घर नहीं आएंगे, एक तो मुझे सात दिन तक खाना खिलाना पड़ेगा और दूसरा वरुण को मेरे पास भेजना पड़ेगा रात को मेरे साथ सोने के लिए.

एक दिन की बात है मैं दिन में वरुण की गांड मार रहा था और हमें पता नहीं चला कि कब उसकी छोटी सिस्टर आ गई और उसने तब तो कुछ नहीं बोला और हमने उसे देखा भी नहीं था.

शाम को जब मैं अकेला था तब पिंकी आई और मेरे से बोली कि तुझे मेरा ही भाई मिला था गांड मारने के लिए, लड़कियां मर गई क्या सारी.

जब मैंने पिंकी के मुंह से ये बात सुनी तो मेरे होश उड़ गए, ये क्या बोल रही है ये.

दोस्तों अब मैं आपको अगली कहानी में बताऊंगा कि मैंने कैसे पिंकी को मनाया.

कहानी का अगला भाग: बहन ने भाई की गांड मारते देखा और खुद चुत मरवाई

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