रात को हुई खट-खट फिर चूत फटी फट-फट

Sesi sex story – सभी पाठकों को मेरा नमस्ते! मेरा नाम मोहित है। उम्र 19 साल, कद 5 फीट 7 इंच, रंग गोरा, और जिम की मेहनत से शरीर गठीला और भरा हुआ। मैं थोड़ा शर्मीला हूँ, लेकिन जब बात दिल से दिल तक जाती है, तो शर्म धीरे-धीरे छूमंतर हो जाती है। मैं एक छोटे से शहर का लड़का हूँ, जहाँ हर कोई एक-दूसरे को जानता है। ये मेरी पहली कहानी है, और उम्मीद है कि ये आप सबके दिल को छू लेगी।

ये बात दो साल पहले की है। मैंने दसवीं के इम्तिहान दिए थे, और स्कूल की छुट्टियाँ चल रही थीं। मन में बेचैनी थी, कुछ नया करने की चाह थी। सोचा, क्यों न मामा के घर हो आऊँ। मामा का घर पास के एक गाँव में था, जहाँ हवा में मिट्टी की सोंधी खुशबू और खेतों की हरियाली थी। मैं वहाँ पहुँचा तो मामा-मामी ने बड़े प्यार से स्वागत किया। मामा एक किसान थे, उम्र करीब 40 साल, और मामी, जिनका नाम रीना था, 35 साल की, गोरी, भरे हुए बदन वाली, और हमेशा हँसते हुए चेहरा। उनके घर का माहौल गर्मजोशी से भरा था।

मामा के घर में दो कमरे थे, एक रसोई, और सामने एक छोटा-सा बरामदा। एक कमरे के साथ स्टोर रूम जुड़ा था, और बाहर की तरफ बाथरूम। घर छोटा लेकिन साफ-सुथरा। वहाँ एक लड़की अक्सर आया करती थी। उसका नाम था पूजा। जब मैंने मामी से उसके बारे में पूछा, तो पता चला कि पूजा उनकी पड़ोसन थी, 18 साल की, दूध-सी गोरी, और ऐसी खूबसूरती कि बस देखते ही बनती थी। उसका फिगर 34-28-36 का था, और जब वो चलती थी, तो उसकी मटकती गांड देखकर समय जैसे ठहर जाता था। लाल होंठ, छोटी-छोटी कजरारी आँखें, और बाल जो कमर तक लहराते थे। वो किसी अप्सरा से कम नहीं थी। पूजा मामी को चाची कहती थी, और मैं उसे देखते ही उसका दीवाना हो गया।

पहली बार उसे देखकर मेरे दिल में कुछ-कुछ होने लगा। मैंने मामी से पूजा के बारे में बात की। मामी ने हँसते हुए कहा, “अरे, मोहित, तू तो पहले ही उसका शिकार हो गया!” मैं शरमा गया, लेकिन मन में एक चिंगारी सी जल उठी। अगले दिन पूजा फिर आई। मामी ने उससे मेरी बात करवाई। पूजा थोड़ी शर्मीली थी, लेकिन उसकी आँखों में एक चमक थी, जो बता रही थी कि वो भी मुझसे प्रभावित थी। मामी ने बाद में बताया कि पूजा को भी मैं पसंद हूँ। बस, फिर क्या था, मेरे दिल में लड्डू फूटने लगे।

हम दोनों ने सुबह-शाम टहलना शुरू किया। गाँव की पगडंडियों पर, खेतों के बीच, हम बातें करते, हँसते, और एक-दूसरे को जानने लगे। पूजा की हँसी में एक अजीब-सी मिठास थी, और उसकी बातें सुनकर मेरा दिल बेकरार हो उठता था। चार दिन बाद मामा को किसी जरूरी काम से हिसार जाना पड़ा। अब घर में सिर्फ मैं और मामी रह गए। मामी को पूजा बहुत पसंद थी, और वो अक्सर उसे घर बुला लेती थीं।

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एक रात मामी खाना बना रही थीं। मैं टीवी देख रहा था, और तभी पूजा आ गई। उसने गुलाबी रंग का सूट पहना था, जिसमें वो और भी हसीन लग रही थी। हम दोनों टीवी देखने लगे, लेकिन उसकी नजरें बार-बार मुझ पर टिक रही थीं। मैं भी चोरी-चोरी उसे देख रहा था। मामी ने खाना परोसा, और हम तीनों ने साथ बैठकर खाना खाया। खाने के बाद मामी और पूजा एक कमरे में सोने चले गए, और मैं दूसरे कमरे में। मन में बेचैनी थी, नींद नहीं आ रही थी। पूजा की वो मुस्कान, उसकी आँखें, और उसका मटकता हुआ बदन मेरे दिमाग में घूम रहा था।

रात करीब 11 बजे होंगे। अचानक दरवाजे पर खट-खट की आवाज आई। मेरी नींद खुल गई। मैंने दरवाजा खोला तो बाहर पूजा खड़ी थी। उसने काले रंग की नाइटी पहनी थी, जो उसके गोरे बदन पर चमक रही थी। उसकी साँसें तेज थीं, जैसे वो घबराई हुई थी। मैं उसे देखकर स्तब्ध रह गया। “पूजा, तुम?” मैंने धीरे से पूछा। उसने बिना कुछ बोले मेरी तरफ देखा और अंदर आ गई। मैंने दरवाजा बंद किया, और वो मेरे पास आकर बेड पर बैठ गई।

“मोहित, मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूँ,” उसने धीमी आवाज में कहा। उसकी आँखों में एक अजीब-सी बेचैनी थी। मैंने जवाब दिया, “मैं भी, पूजा।” और फिर मैंने हिम्मत करके उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए। उसके होंठ रसीले संतरे जैसे थे। मैं उन्हें चूसने लगा, और वो भी मेरा साथ देने लगी। उसकी साँसें गर्म थीं, और मेरे बदन में आग-सी लग गई। मैंने उसे धीरे से बेड पर लिटाया और उसकी चूचियों को हल्के-हल्के दबाने लगा। “आह… मोहित… आह…” वो सिसकारियाँ लेने लगी। उसकी आवाज सुनकर मेरा लंड पैंट में तन गया।

मैंने उसकी नाइटी के ऊपर से उसकी चूचियों को जोर-जोर से दबाना शुरू किया। वो बोली, “धीरे, मोहित… दर्द हो रहा है… मैं कहीं भागी नहीं जा रही।” उसकी आवाज में शरारत थी। मैंने हँसते हुए कहा, “अरे, मेरी जान, तुझे तो मैं आज पूरा प्यार दूँगा।” मैंने धीरे-धीरे उसकी नाइटी उतारी। अब वो सिर्फ लाल रंग की ब्रा और पैंटी में थी। उसका गोरा बदन चाँदनी रात में चमक रहा था। मैंने अपनी शर्ट और पैंट उतार दी, और अब मैं सिर्फ अंडरवियर में था।

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पूजा ने जब मेरा 8 इंच का काला लंड देखा, तो उसकी आँखें फटी की फटी रह गईं। “ये… इतना बड़ा?” उसने डरते हुए कहा। मैंने हँसते हुए कहा, “डर मत, मेरी रानी, ये तेरा ही है।” मैंने उसकी ब्रा का हुक खोला, और उसकी चूचियाँ आजाद हो गईं। गोल, भरी हुई, और निप्पल्स गुलाबी रंग के। मैंने एक निप्पल को मुँह में लिया और चूसने लगा। “उम्म… आह… मोहित… और जोर से…” वो सिसकारी भरने लगी। मेरी जीभ उसके निप्पल्स पर गोल-गोल घूम रही थी, और वो मेरे सिर को अपनी चूचियों पर दबा रही थी।

मैंने उसकी पैंटी भी उतार दी। उसकी चूत एकदम साफ थी, जैसे गुलाब की पंखुड़ियाँ। मैंने उसकी चूत पर अपनी जीभ रखी और चाटना शुरू किया। उसकी चूत से एक मादक खुशबू आ रही थी। “आह… मोहित… ये क्या कर रहा है… उफ्फ… मैं मर जाऊँगी…” वो चिल्ला रही थी। मैंने उसकी चूत को और जोर से चाटा, मेरी जीभ उसकी चूत के दाने को छू रही थी। वो अपने कूल्हे उठा-उठाकर मेरे मुँह में अपनी चूत रगड़ने लगी। “आह… उह… मोहित… और चूस… मेरी चूत को खा जा…” उसकी बातें सुनकर मेरा लंड और सख्त हो गया।

थोड़ी देर बाद उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया। मेरा पूरा मुँह उसकी चूत के रस से भीग गया। मैंने उसका रस चाटा, और वो शर्म से लाल हो गई। “मोहित, ये क्या था?” उसने शर्माते हुए पूछा। मैंने कहा, “ये तो बस शुरुआत है, मेरी जान।” मैंने अपना लंड उसके मुँह की तरफ किया। पहले तो वो डर गई, बोली, “नहीं… मैं ये नहीं कर सकती।” लेकिन मेरे थोड़ा मनाने पर वो मान गई। उसने मेरे लंड को अपने नरम होंठों से छुआ और धीरे-धीरे चूसना शुरू किया। “उम्म… मोहित… तेरा लंड इतना सख्त है…” वो चूसते हुए बोली। मैं उसके बूब्स दबा रहा था, और वो मेरे लंड को लॉलीपॉप की तरह चूस रही थी।

“बस कर, पूजा… अब तुझे चोदने का टाइम है,” मैंने कहा। वो शरमाई, लेकिन उसकी आँखों में एक आग थी। “मोहित, धीरे करना… मुझे डर लग रहा है,” उसने कहा। मैंने उसकी चूत पर अपना लंड रखा और रगड़ने लगा। “उफ्फ… मोहित… अब डाल दे… और मत तड़पा…” वो बेकरार हो रही थी। मैंने थोड़ा थूक लगाया और लंड को उसकी चूत पर सेट किया। मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रखे और एक जोरदार धक्का मारा। लंड का सुपारा उसकी टाइट चूत में घुस गया। “आह… मम्मी… मर गई…” वो चिल्लाई। उसकी आँखों से आँसू निकल आए।

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मैं रुक गया और उसकी चूचियों को सहलाने लगा। “बस, मेरी जान, थोड़ा दर्द होगा… फिर मजा आएगा,” मैंने उसे समझाया। दो-तीन मिनट बाद मैंने फिर धक्का मारा। इस बार आधा लंड अंदर चला गया। उसकी चूत से खून की कुछ बूँदें टपकीं। “मोहित… निकाल दे… बहुत दर्द हो रहा है…” वो रोने लगी। मैंने उसे चूमा और कहा, “थोड़ा सब्र कर, मेरी रानी।” मैं धीरे-धीरे लंड को अंदर-बाहर करने लगा। धीरे-धीरे उसका दर्द कम हुआ, और वो भी अपनी गांड उठाकर मेरा साथ देने लगी। “आह… मोहित… अब मजा आ रहा है… और जोर से…” वो सिसकारियाँ ले रही थी।

मैंने उसे कसकर पकड़ा और जोर-जोर से धक्के मारने शुरू किए। “फट… फट… फट…” की आवाज कमरे में गूँज रही थी। उसकी चूत इतनी टाइट थी कि मेरा लंड हर धक्के में जन्नत की सैर कर रहा था। “मोहित… चोद मुझे… मेरी चूत को फाड़ दे…” वो चिल्ला रही थी। मैंने उसे घोड़ी बनाया और पीछे से उसकी चूत में लंड डाला। “आह… उह… मोहित… और गहरा… मेरी चूत को पूरा भर दे…” वो गांड हिलाकर मेरा साथ दे रही थी। मैंने उसके बाल पकड़े और और जोर से धक्के मारे।

20 मिनट की चुदाई के बाद मैं झड़ गया। इस बीच पूजा तीन बार झड़ चुकी थी। उसका बदन पसीने से भीगा हुआ था। मैंने उसे बाहों में लिया और चूमा। “मोहित, ये तो जन्नत थी,” उसने शरमाते हुए कहा। उस रात मैंने उसे दो बार और चोदा। पहले मिशनरी में, फिर उसे अपनी गोद में बिठाकर। हर बार वो मेरे लंड की दीवानी होती गई।

उसके बाद जब भी मैं मामा के घर जाता, पूजा की प्यास बुझाना मेरा फर्ज बन गया। हमारी चुदाई की रातें गाँव की उन शांत रातों में आग लगा देती थीं।

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