Bete ne bahan ki madad se mummy ko choda sex story: हेलो रीडर्स, मैं नील, उम्र 22 साल, वापस आ गया हूँ एक नई कहानी के साथ। मेरी फैमिली में चार लोग हैं। मैं, मेरी दीदी नेहा, उम्र 25 साल, स्लिम फिगर, 34-28-36, लंबे काले बाल, और चेहरा ऐसा कि कोई भी देखकर दीवाना हो जाए। मेरी मम्मी, उम्र 45 साल, अभी भी जवानी में ढलती हुई, 36-30-38 का फिगर, गोरी चमड़ी, और आँखें जो हर बार कुछ ना कुछ छुपाती सी लगती हैं। मेरे पापा, उम्र 47 साल, बिजनेस मैन, ज्यादातर घर से बाहर ही रहते हैं। पिछली कहानी में आपने पढ़ा था कि कैसे मैं और नेहा दीदी का रिश्ता भाई-बहन से आगे बढ़ गया और हम दोनों ने चुदाई की दुनिया में कदम रख दिया।
कहानी का पिछला भाग: बहेन की चुदाई की तलब का शिकार भाई-7
हम दोनों का रिश्ता अब पूरी तरह से बदल चुका था। हम हर दो-तीन दिन में चुदाई करते थे। नेहा दीदी की चूत की गर्मी और मेरे लंड का जोश हर बार हमें एक-दूसरे के और करीब ले आता था। हम दोनों को अब इसकी आदत सी हो गई थी। हर बार जब हम अकेले होते, दीदी की आँखों में वो शरारत और मेरे दिल में वो आग जल उठती थी। लेकिन अब कहानी में एक नया मोड़ आने वाला था, जो मेरे और दीदी के रिश्ते को और भी उलझा देगा।
एक सुबह की बात है। मैं और नेहा दीदी रात भर चुदाई के बाद थककर सो गए थे। रात को हमने इतना जोश में सेक्स किया था कि दीदी की ब्रा और पैंटी बेड के किनारे पड़ी थीं। मैं सुबह अपने रूम में चला गया था। दीदी अपने रूम में अकेली सो रही थीं। तभी मम्मी दीदी को उठाने उनके रूम में आईं। दीदी का रूम का गेट खुला था, क्योंकि रात को हम इतने थके थे कि गेट लॉक करना भूल गए। मम्मी अंदर आईं और दीदी को ब्रा-पैंटी में बेड पर लेटा देखकर गुस्से से लाल हो गईं।
मम्मी ने गुस्से में दीदी को झकझोरते हुए कहा, “नेहा, ये क्या तमाशा है? मैंने तुझे कितनी बार मना किया कि ऐसे आधी नंगी मत सोया कर!”
नेहा दीदी नींद में थीं, लेकिन मम्मी की आवाज़ सुनकर हड़बड़ा कर उठ बैठीं। अपनी ब्रा को ठीक करते हुए बोलीं, “सॉरी मम्मी, लेकिन रात को ऐसे सोने में ही मज़ा आता है। दिनभर तो टाइट कपड़ों में घूमते हैं, रात को तो थोड़ी राहत चाहिए।”
मम्मी का गुस्सा और बढ़ गया। “राहत चाहिए तो कम से कम दरवाजा तो लॉक कर लिया कर। घर में तेरा भाई है, पापा हैं, तुझे इतनी भी अक्ल नहीं?”
नेहा दीदी अब थोड़ा गुस्से में आ गईं। “मम्मी, आप मुझ पर क्यों चिल्ला रही हैं? बस गेट खुला रह गया, क्या हो गया? और वैसे भी, आप तो खुद पापा के साथ हर रात ब्रा-पैंटी में सोती होंगी। आपको तो पापा सपोर्ट करते होंगे, फिर मुझे क्यों रोक रही हैं?”
मम्मी का चेहरा अचानक उदास हो गया। “तेरे पापा तो अब कुछ करते ही नहीं…” इतना कहकर मम्मी रुक गईं, जैसे कुछ छुपाना चाहती हों। फिर बिना कुछ और बोले, उदास चेहरा लिए कमरे से बाहर चली गईं।
नेहा दीदी को मम्मी की ये बात अजीब लगी। वो सोच में पड़ गईं कि मम्मी बार-बार ऐसी बातें क्यों करती हैं और फिर चुप क्यों हो जाती हैं। दीदी ने कपड़े पहने और तैयार होकर मेरे रूम में आईं। मुझे बेड पर लेटा देखकर वो मेरे पास आईं और मेरे होंठों पर एक गर्म सा किस दे दिया।
“गुड मॉर्निंग, मेरे प्यारे भाई,” दीदी ने शरारती अंदाज़ में कहा।
मैंने दीदी को अपनी बाहों में खींच लिया और बोला, “गुड मॉर्निंग, मेरी जान।” मैंने दीदी को बेड पर लिटाया और उनके होंठों को चूमने लगा। उनकी साँसें तेज हो रही थीं, और मैंने उनके टॉप के ऊपर से उनके मम्मों को दबाना शुरू कर दिया। दीदी ने हल्का सा विरोध किया, “नील, रुक जाओ, मुझे तुमसे कुछ बात करनी है।”
मैंने चूमना बंद किया और पूछा, “क्या हुआ, दी? सब ठीक है ना?”
दीदी ने मम्मी वाली पूरी बात बताई। कैसे मम्मी उदास हो गई थीं, और कैसे वो बार-बार कहती हैं कि पापा कुछ करते नहीं। मैंने ध्यान से सुना और बोला, “दी, लगता है कुछ गड़बड़ है। तुम ऐसा करो, आज जब पापा ऑफिस चले जाएँ, मैं भी कॉलेज के लिए जल्दी निकल जाऊँगा। तुम मम्मी के साथ अकेले में बात करो और पता लगाओ कि माजरा क्या है।”
नेहा दीदी ने सहमति में सिर हिलाया। “हाँ, ये ठीक रहेगा। मैं पहले मम्मी से माफ़ी माँगूँगी, फिर धीरे-धीरे बात निकालूँगी।”
मैंने दीदी को फिर से अपनी बाहों में खींच लिया। हम दोनों के होंठ एक-दूसरे से मिल गए। मैंने दीदी के टॉप के नीचे हाथ डाला और उनकी ब्रा के ऊपर से उनके मम्मों को सहलाने लगा। दीदी की साँसें और तेज हो गईं। “आह्ह… नील, अभी नहीं… तुझे जल्दी जाना है,” दीदी ने हँसते हुए कहा, लेकिन उनकी आवाज़ में वो शरारत थी।
मैंने हल्का सा दबाव डाला और बोला, “बस थोड़ा सा मज़ा, दी।” मैंने उनकी ब्रा का हुक खोल दिया और उनके निप्पल्स को उंगलियों से सहलाने लगा। दीदी की आँखें बंद हो गईं, और वो “उम्म… आह्ह…” की आवाज़ें निकालने लगीं। मैंने उनके निप्पल्स को हल्का सा चूमा, और उनकी चूत को जीन्स के ऊपर से सहलाया। दीदी ने मुझे धक्का देकर हँसते हुए कहा, “बस कर, बदमाश! अब तैयार हो जा।”
मैं हँसते हुए उठ गया और तैयार होने चला गया। दीदी भी कॉलेज के लिए तैयार होने लगीं। ब्रेकफास्ट के बाद पापा ऑफिस चले गए, और मैं भी कॉलेज के लिए निकल गया। अब घर में सिर्फ दीदी और मम्मी थीं।
नेहा दीदी ने मौका देखकर मम्मी के पास जाकर उन्हें गले लगाया। “मम्मी, मुझे माफ़ कर दो। सुबह मैंने आप पर गुस्सा कर दिया।”
मम्मी ने हल्की सी मुस्कान दी, लेकिन उनकी आँखों में उदासी साफ दिख रही थी। “ठीक है, नेहा। लेकिन मेरा मन अभी भी उदास है।”
दीदी ने मौका देखकर कहा, “मम्मी, मुझे आपसे एक बात पूछनी है। लेकिन पहले आप वादा करो कि आप मुझे डाँटेंगी नहीं।”
मम्मी ने हैरानी से देखा। “पहले बता, क्या बात है?”
“नहीं मम्मी, पहले आप वादा करो,” दीदी ने जिद की।
मम्मी ने हँसते हुए कहा, “ठीक है, वादा किया। अब बता, क्या पूछना है?”
दीदी ने मम्मी का हाथ अपने सिर पर रखवाया और बोली, “मम्मी, मेरी कसम। अब जो भी पूछूँगी, सच-सच बताना।”
मम्मी थोड़ा घबरा गईं। “नेहा, ये क्या किया तूने? ये गलत है।”
“मुझे नहीं पता, मम्मी। बस मुझे सच चाहिए,” दीदी ने गंभीर स्वर में कहा।
मम्मी ने गहरी साँस ली। “ठीक है, पूछो। मैं सच बोलूँगी।”
दीदी ने सीधे सवाल दागा, “मम्मी, आप सुबह क्यों उदास हो गई थीं? और ये जो आप बार-बार कहती हैं कि पापा कुछ करते नहीं, वो क्या बात है? आप हर बार बोलते-बोलते रुक क्यों जाती हैं?”
मम्मी ने नज़रें झुका लीं। “ऐसा कुछ नहीं है, नेहा। छोड़ दे ये बात।”
“मम्मी, आपने कसम खाई है। सच बताइए,” दीदी ने दबाव डाला।
मम्मी चुप रहीं, लेकिन दीदी ने फिर कहा, “प्लीज मम्मी, मुझे बताइए। मैं आपकी बेटी हूँ। आप मुझसे कुछ नहीं छुपा सकतीं।”
मम्मी ने गहरी साँस ली और फिर चुप हो गईं।
अगले भाग में जानिए कि नेहा दीदी मम्मी से क्या-क्या सच उगलवाती हैं, और क्या मम्मी अपने दिल का राज खोलती हैं। अपनी राय और कमेंट्स ज़रूर दें।
कहानी का अगला भाग: बेटे ने मम्मी को अपना अगला शिकार बनाया-2
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