Bahen ko porn dekhte pakda – Bhai ne bahen ko pela Sex Story: हैदराबाद की गर्मियों की एक रात थी। मैं, सिद्धार्थ, अपने घर वापस आया था। मेरा घर शहर के एक शांत मोहल्ले में था, जहाँ रात को सिर्फ़ कूलर की हल्की भनभनाहट सुनाई देती थी। मैं 26 साल का हूँ, 5 फुट 10 इंच का कद, गठीला बदन, क्योंकि मैं कभी-कभी जिम जाता हूँ। मेरा लंड 7 इंच का है, जो पूरे जोश में 8 इंच तक तन जाता है। अब तक मैं 6 आंटी और 2 भाभी को चोद चुका हूँ, हर बार उनकी चूत को संतुष्ट करके। उनकी कहानियाँ बाद में सुनाऊँगा। लेकिन आज की कहानी मेरी बहन सुनंदा की है।
सुनंदा 22 साल की थी, गोरी, लंबे काले बाल जो उसकी कमर तक लहराते थे। उसका फिगर 34-28-36 का था—बड़े, गोल चूचे, पतली कमर, और भारी गोल गांड, जो किसी का भी लंड खड़ा कर दे। उसकी आँखें बादाम जैसी थीं, और उसकी हँसी में एक चंचल मासूमियत थी, जो दिल को छू लेती थी। घर पर वो टाइट टॉप और शॉर्ट्स पहनती थी, जो उसके कर्व्स को और उभारते थे। बचपन से ही मैं उसके नाम की मुठ मारता आया था। उसका फिगर देखकर कोई भी मर्द पागल हो जाए, लेकिन वो मेरे बारे में ऐसा कुछ नहीं सोचती थी। या शायद मुझे ऐसा लगता था।
मैं उस दिन थका हुआ था, लेकिन नींद नहीं आ रही थी। रात के 11 बज रहे थे। मैं अपने कमरे में लेटा था, नीली टी-शर्ट और ग्रे जींस पहने हुए। तभी मुझे हल्की सी खटपट सुनाई दी। मैं उठा और देखा कि सुनंदा के कमरे की लाइट जल रही थी। उसका कमरा मेरे कमरे के बगल में था, और दरवाज़ा हल्का सा खुला था। मैंने चुपके से झाँका। वो अपने लैपटॉप पर बैठी थी, हेडफ़ोन लगाए, और स्क्रीन पर कुछ ऐसा चल रहा था, जिससे उसकी आँखें चमक रही थीं। मैंने ध्यान से देखा—वो एक पोर्न साइट खोले हुए थी। एक लड़की स्क्रीन पर चिल्ला रही थी, “और जोर से चोदो!” सुनंदा का चेहरा लाल था, और उसका एक हाथ उसकी शॉर्ट्स के अंदर था। वो अपनी चूत में उंगली कर रही थी, धीरे-धीरे, और उसके मुँह से हल्की सी सिसकारियाँ निकल रही थीं— “आह्ह… मुझे लंड चाहिए… कोई तो चोद दे…”
मेरा लंड तुरंत खड़ा हो गया। 7 इंच का लंड अब 8 इंच का हो चुका था, जींस में तंबू बन गया था। मैंने फटाफट अपना फोन निकाला और उसका वीडियो रिकॉर्ड करना शुरू कर दिया। सुनंदा इतनी खोई थी कि उसे भनक भी नहीं पड़ी। वो अपनी उंगली को और तेज़ी से अंदर-बाहर कर रही थी, और उसकी साँसें भारी हो रही थीं। “आह्ह… कितना मोटा लंड है… मेरी चूत में डाल दो…” वो बड़बड़ा रही थी। मेरा दिल ज़ोर-ज़ोर से धड़क रहा था। मैंने सोचा, ये मौका है। अगर मैं सुनंदा को चोदना चाहता हूँ, तो अब प्लान बनाना होगा।
अगले दिन मैंने इंतज़ार किया। सुनंदा रात को फिर लैपटॉप पर बैठी। इस बार वो एक काला टाइट टॉप और लाल शॉर्ट्स पहने थी, जो उसकी जाँघों को पूरा दिखा रहे थे। मैंने फिर से रिकॉर्डिंग शुरू की। इस बार वो और बिंदास थी। उसने अपनी शॉर्ट्स नीचे सरकाई और अपनी चूत को सहलाने लगी। उसकी चूत गुलाबी थी, पूरी तरह शेव्ड, और उसकी क्लिट हल्की सी सूजी हुई थी। वो दो उंगलियाँ अंदर-बाहर कर रही थी, और उसका मुँह खुला था। “उम्म… लंड डालो ना… मेरी चूत प्यासी है…” उसकी आवाज़ में एक तड़प थी। मैंने पूरा वीडियो रिकॉर्ड किया और बाथरूम में जाकर मुठ मार ली। उस रात मेरा वीर्य इतना निकला कि मैं खुद हैरान रह गया।
अगले दिन मैंने सुनंदा को कॉर्नर किया। वो लिविंग रूम में थी, एक सफ़ेद टॉप और नीली शॉर्ट्स में, जो उसके चूचों को टाइट कर रहे थे। मैंने उसे फोन दिखाया और कहा, “सुनंदा, ये देख।” उसका चेहरा लाल पड़ गया। वो हड़बड़ा गई, “ये… ये क्या है, सिद्धार्थ? तूने ये कब लिया?” मैंने कहा, “कल रात। और ये वीडियो मैं मम्मी-पापा को दिखा सकता हूँ।” वो घबरा गई, “नहीं, प्लीज़! ऐसा मत कर।” मैंने उसकी आँखों में देखा और कहा, “तो फिर मेरी बात मान। मुझे तुझे चोदना है।” वो चौंक गई, लेकिन उसकी आँखों में डर के साथ-साथ कुछ और भी था—शायद उत्सुकता।
वो पहले मना करने लगी, “नहीं, सिद्धार्थ, ये गलत है… तू मेरा भाई है।” लेकिन मैंने कहा, “सुनंदा, वीडियो सबको दिखा दूँगा।” वो चुप हो गई। फिर धीरे से बोली, “ठीक है… लेकिन किसी को मत बताना।” मैंने उसे पास खींचा और उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए। उसका मुँह गर्म था, और उसकी साँसें तेज़। पहले तो वो हिचकिचाई, लेकिन फिर उसने मेरे होंठों को चूमना शुरू कर दिया। उसकी जीभ मेरी जीभ से टकराई, और हम दोनों एक-दूसरे को चूसने लगे।
मैंने धीरे से उसका टॉप ऊपर उठाया। उसने अंदर ब्रा नहीं पहनी थी। उसके चूचे बड़े, गोल, और एकदम टाइट थे। उसके निप्पल गुलाबी थे, और वो पहले से ही सख्त हो चुके थे। मैंने एक चूचे को मुँह में लिया और चूसने लगा। “आह्ह… सिद्धार्थ… और ज़ोर से…” सुनंदा सिसकारी। मैंने उसके निप्पल को दाँतों से हल्का सा काटा, और वो चिहुंक उठी। “उम्म… मेरे राजा… चूसो इन्हें…” उसकी आवाज़ में वासना थी। मैंने उसके दोनों चूचों को बारी-बारी से चूसा, उनके बीच अपनी जीभ फिराई, और उन्हें ज़ोर-ज़ोर से दबाया। “आह्ह… सिद्धार्थ… फाड़ दो मेरे चूचे…” वो चिल्लाई।
फिर मैं नीचे झुका और उसकी शॉर्ट्स उतार दी। उसकी चूत पूरी तरह गीली थी, और उसकी खुशबू मेरे दिमाग में चढ़ रही थी। मैंने उसकी क्लिट को अपनी जीभ से छुआ, और वो तड़प उठी। “आह्ह… सिद्धार्थ… चाट मेरी चूत…” मैंने उसकी चूत को चाटना शुरू किया, उसकी क्लिट को अपनी जीभ से रगड़ा, और दो उंगलियाँ उसकी चूत में डाल दीं। उसका पानी बह रहा था, और मैंने उसका सारा रस पी लिया। “उम्म… कितना मज़ा आ रहा है…” वो सिसक रही थी।
उसने मेरी जींस खोली और मेरा लंड बाहर निकाला। मेरा 8 इंच का लंड पूरा तना हुआ था, उसका सुपारा गुलाबी और चमकदार। वो उसे देखकर बोली, “इतना मोटा लंड… मेरी चूत फट जाएगी…” फिर उसने मेरे लंड को अपने मुँह में लिया और चूसने लगी। उसकी जीभ मेरे सुपारे पर घूम रही थी, और वो थूक के साथ उसे और गीला कर रही थी। “उम्म… कितना मज़ेदार है तेरा लंड…” वो चूसते हुए बोली। मैंने उसके बाल पकड़े और उसके मुँह को चोदना शुरू किया। कुछ देर बाद मैंने अपना सारा वीर्य उसके मुँह में डाल दिया। वो उसे चाटते हुए बोली, “यम्मी…”
अब मैंने उसे बेड पर लिटाया और उसकी गांड की तरफ़ ध्यान दिया। उसकी गांड का छेद छोटा और गुलाबी था। मैंने उसे चाटना शुरू किया, अपनी जीभ को उसके छेद में अंदर-बाहर किया। “आह्ह… सिद्धार्थ… मेरी गांड चाटो… और ज़ोर से…” वो चिल्ला रही थी। मैंने उसकी चूत में फिर से उंगलियाँ डालीं और साथ में उसकी गांड को चाटता रहा। उसका शरीर काँप रहा था।
हम 69 की पोज़ीशन में आ गए। वो मेरा लंड चूस रही थी, और मैं उसकी चूत चाट रहा था। उसकी चूत का रस मेरे मुँह में बह रहा था, और उसकी सिसकारियाँ कमरे में गूँज रही थीं। “आह्ह… सिद्धार्थ… और चाटो… मेरी चूत को चूस लो…” वो मेरे लंड को थूक से गीला कर रही थी, और मैं उसकी चूत में उंगलियाँ डाल रहा था।
फिर उसने कहा, “बस कर, सिद्धार्थ… अब डाल दे अपना लंड… मेरी चूत तरस रही है…” मैंने उसकी चूत पर अपना लंड रगड़ा। उसकी चूत इतनी गीली थी कि मेरा सुपारा आसानी से फिसल रहा था। मैंने धीरे से लंड डाला, लेकिन वो टाइट थी। पहली बार था ना, तो लंड अंदर नहीं गया। मैंने पास रखा तेल लिया, अपने लंड पर लगाया, और उसकी चूत पर भी मला। फिर एक ज़ोर का धक्का मारा। मेरा आधा लंड अंदर चला गया। सुनंदा चिल्ला उठी, “आह्ह… निकालो… दर्द हो रहा है!” मैंने कहा, “बस थोड़ा सा, फिर मज़ा आएगा।” मैंने एक और धक्का मारा, और मेरा पूरा 8 इंच का लंड उसकी चूत में समा गया।
वो फिर चिल्लाई, “प्लीज़… निकालो…” लेकिन मैंने धीरे-धीरे अंदर-बाहर करना शुरू किया। कुछ देर बाद उसकी सिसकारियाँ बदल गईं। “आह्ह… सिद्धार्थ… और ज़ोर से… चोदो मुझे…” मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी। उसकी चूत मेरे लंड को जकड़ रही थी। “थप… थप… थप…” की आवाज़ कमरे में गूँज रही थी। “आह्ह… ओह्ह… मेरे राजा… फाड़ दो मेरी चूत… मैं तेरी रंडी हूँ…” सुनंदा चिल्ला रही थी। मैंने और ज़ोर लगाया, मेरा लंड उसकी चूत की गहराइयों को चीर रहा था।
हमने पोज़ीशन बदली। मैंने उसे घोड़ी बनाया। उसकी गांड ऊपर थी, और उसकी चूत चमक रही थी। मैंने पीछे से अपना लंड डाला और ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारने लगा। “आह्ह… सिद्धार्थ… मेरी चूत को फाड़ दो… और ज़ोर से…” वो चिल्ला रही थी। मैंने उसके बाल पकड़े और उसे और तेज़ी से चोदा। 35 मिनट तक मैंने उसे चोदा, और इस दौरान वो 5 बार झड़ चुकी थी। उसकी चूत से खून निकल रहा था, लेकिन वो मज़े में थी। आखिरकार मैंने अपना सारा वीर्य उसकी चूत में डाल दिया।
अगली सुबह वो थोड़ा दर्द में थी, लेकिन सब ठीक हो गया। उस दिन घर पर कोई नहीं था। हमने बाथरूम में साथ नहाने का प्लान बनाया। मैंने उसे शावर के नीचे खड़ा किया। उसने एक पतली सी पिंक नाइटी पहनी थी, जो गीली होने पर उसके बदन से चिपक गई। उसके निप्पल साफ़ दिख रहे थे। मैंने साबुन लिया और उसके चूचों पर मलना शुरू किया। “आह्ह… सिद्धार्थ… कितना मज़ा आ रहा है…” वो सिसकारी। मैंने उसकी चूत को साबुन से साफ़ किया, और वो मेरे लंड को सहलाने लगी।
फिर मैंने उसे दीवार के सहारे खड़ा किया और उसकी गांड में लंड डालने की कोशिश की। उसकी गांड का छेद बहुत टाइट था। मैंने तेल लगाया और धीरे-धीरे लंड डाला। वो चिल्ला उठी, “आह्ह… दर्द हो रहा है… धीरे करो…” लेकिन मैंने धीरे-धीरे धक्के मारने शुरू किए। कुछ देर बाद वो मज़े लेने लगी। “आह्ह… मेरी गांड मारो… और ज़ोर से…” हमने शावर के नीचे 20 मिनट तक चुदाई की।
जब तक मैं हैदराबाद में था, हमने हर मौके पर मज़े लिए। सुनंदा की चूत और गांड मेरे लंड की दीवानी हो गई थी।
क्या आपको मेरी और सुनंदा की ये चुदाई की कहानी पसंद आई? अपनी राय कमेंट में बताएँ।