gay sex stories, हेलो दोस्तो मेरा नाम पीयूष है और मै नागपुर के पास एक छोटा शहर है वहा का रहने वाला हु। मेरी उम्र 21 है और दिखने में मै गोरा और स्लिम हू। मेरी हाईट 5.6 है।मेरे घर मे मै और मेरी मा रहती है। मेरी मा का नाम पुष्पा है मेरी मा की उम्र 39 है दिखने मे सावली है और मोटी भी।
इनके बूब्स जैसे छाती पर तरबूज लेकर घूमती हो। मेरी मा एक बंगले मे बर्तन, कपड़े और साफ सफाई का काम करती है। उस बंगले मे 65 साल के मकरंड दादाजी और उनकी पत्नी पदमा दादी रहती है। उनका बेटा और बहू और पोते विदेश में रहते है। दादाजी और दादीजी का खयाल रखने और वहा का काम करने की जिम्मेदारी मेरी मां की है। मां को पगार भी ज्यादा देते है। हमे कभी पैसे की कमी नहीं हुई।
मां सूबा 8 बजे काम को जाती है और रात को 8 बजे आती है। दादीजी की आंखों की रोशनी नहीं है। उन्हें दिखाई नहीं देता। पर दादाजी भलेही 65 के हो पर उनके शरीर से वो रूबाबदार लगते है। बड़ी बड़ी सफेद मुछे सावला रंग उन्हें देख कर तो वो 65 के लगते है पर आज भी हो फुर्तीले है।
मै अक्सर उनके बंगले पर जाता और मां की काम में मादत करता था।आप को मेरे बारे में बता दूमै भले हि लड़का हु पर मुझे लड़कियों वाले शौक है।जब घर पर कोई नहीं होता मै मां की साड़ी और चड्डी पहनता हू। और गांड़ में ऊंगली करता हु। gay sex stories
मुझे औरतों से जाड़ा मर्दों में इंटरेस्ट है दरअसल मैं गे हु।बंगले पर मेरे मा के अलावा एक और आदमी काम करता है। उसका नाम राजेश है। वो करीब 55 साल के है। वो बंगले के गेट पर सिक्योरटी है।अब मैं कहानी पर आता हु। जब भी मैं बंगले पर जाता था तब मैंने नोटिस किया दादाजी मम्मी के आसपास ही रहते थे। वो मम्मी को काम भी बताते और उनके साथ बाहोट बाते करते। जब मई जाता तो मेरे साथ भी घुल मिल गये थे।पहले मुझे लगा बुड्ढा मां से बाते करके टाइम पास करता होंगा। पर उनके इरादे सही नहीं थे।
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मैंने नोटिस किया तो देखा वो मां को बहाने से छूते भी थे। पर मुझे मेरी मा पर विश्वास था वो उस बूढ़े के झांसे में नहीं आने वाली। एक दीन की बात है दोपहर के 12 बजे होंगे मम्मी बर्तन धो रहीं तभी ददाजी ने आवाज़ दी
दादाजी :- टॉवल रूम में रह गया पुष्पा जरा लाकर देना मम्मी बर्तन धोने में बिजी थी तो मैं गया। और बाथरूम के दरवाजे पर खटखटाया तभी उन्होंने दरवाजा खोला और मेरा हात पकड़ कर मुझे अंदर खींच लाया।जैसे ही मैं अंदर गया तो उनको देख कर दंग रह गया।वो बिल्कुल नंगे थे। उनका लंड करीब 8,9 इंच लंबा और 3 मोटा था जो खड़ा था।
उसपर साबुन लगीं थी।तभी दादाजी ने हड़बड़ाते हुए टॉवेल लिया और अपने लंड को लगाया। और मुझे बाहर जाने को बोल। मां को समझ कर उन्होने मुझे खींच लिया था।मै बहार जाते हुएं इनके लंड के हिस्से को देख रहा था जो काफी उभरा था।उन्होने मेरी नजर पड़ ली। फिर बाहर आकर मेरे से बाते करने लगे मेरे कॉलेज के बारे में।
और बात करते करते मेरे जांघो पर हात फेरने लगे। कभी मेरे गालों को टच करते। तो कभी मेरे कंधो को दबाते।अब उनका रोज का हो गया था। मुझे भी अच्छा लगने लगा था। और मै भी ऐसे दिखाने लगा जैसे मै लड़की हू और मुझे सब अच्छा लग रहा है।धीरे धीरे मुझे वो इतने अच्छे लगने लगे की मै उनकी कछियो को सूंघता। उनकी बारे में सोच कर गांड़ मे ऊंगली करता। gay sex stories
वैसे हो एक दिन वो नहाकर बाहर आये तो मैं बाथरूम में गया और इनका कच्छा उठाकर उसे सुंघके लगा और लंड वाले हिस्से को चाटने लगा। और फ़िर मम्मी के साथ काम करके शाम को वापस घर गया।
मुझे दादाजी बाहोत अच्छे लगे थे। पहले मैं कभी कभी बंगले पर जाता था पर अब मै जैसे कॉलेज खतम हुआ सीधा बंगले पर जानें लगा था।
अगले दीन मै कॉलेज को छूटी थी तो मां के साथ गय और मां को मदत करने लगा। फिर मां पोछा लगाने लगी और माई। और मै दादाजी का नहाने जानें का इंतजार कर रहा था। कुछ देर बाद दादाजी नहाने गये और फ़िर वापस आये।
मम्मी को बाहर झाड़ू लगाने जानें दिया और मै बाथरूम मे घुस गाया । मैंने दादाजी का कच्छा उठाया और उसे सूंघने लगा और अपने चहरे पर फेरने लागा तभी उनके कच्चे पर मुझसे सफेद सफेद चिपका पाणी दिखा। मै उसे चाटने लगा। मै खुश था की दादाजी का स्पर्म का स्वाद मिल रहा।
तभी मैंने दरवाजा बंद नहीं किया था।
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और मै आपने ही काम में लग गया। तभी दादाजी ने मुझे देख लिया।ये बात मुझे पता नहीं थी।जब मैं वापस आया तो दादाजी ने मुझे बुलाया और मुझसे बाते करने लगे। बातो बातो में उन्होन मुझे कहा तूने क्या खाया है बाथरूम मे। मै एकदम से डर गया। इनको पता चल गया। अगर मां को बताया तो क्या होंगा। ये सब मरे दिमाग मे चलने लगा।तभी मई मुखर गया और डरते डरते बोलने लगा मै:- कुछ भी तो नहीं। वो मै कपड़े बाल्टी मे रखने गया था।
वो मुस्कुराते हुऐ मेरे जांघो को कस के पकड़ कर बोले
दादाजी:- डरो मत बेटा सच बोलो। मै किसी को नहीं बताऊंगा।
मैंने सब देख लिया।मै शर्माकर सिर निचे झुका लिया था। तभी उन्होन अपने हात बदाकर सर ऊपर उठाया और बोले बोलो क्या कर रहें थे। मै शर्माकर इधर उधर देखने लगा।दादाजी:- स्माइल करते हुए बोले ,,, मेरे कच्छे पर कुछ लागा था क्या।उतने में मेरी मां आई और मुझे बुलाया और मुझे दादीजी को खाना लेकर जानें बोल। मै दादीजी के रूम मे खाना लेकर गया।फिर रात को हम वापस घर आएपर मेरे दिमाग में आज का सीन चल रहा था।
जिस हिसाब से दादाजी मुझसे बात कर रहें थे। मुझे पक्का पता था वो मुझे छोड़ने वाले नहीं है।मै खुश भी था और डर भी लग रहा था।क्यू की मैंने कभी अपनी गांड़ नहीं मरवाई थी।और जितना मैंने पोर्न में देखा और कहानियों मे पड़ा था मुझे पता था गांड मरवाने में बहोत दर्द भी होता है और मज़ भी आता है।अगले दीन सुबह मेरे मा को कॉल आया तब मैं कॉलेज जानें की तैयारी कर रहा था।gay sex stories
मां:- बेटा दादाजी ने बोला है आज तुम कॉलेज मत जाना बंगले पर आना जरूरी काम है।मैंने कहा थिक है मां और मै मां के साथ बंगले पर गया।तभी दादाजी बोले चलो थोड़ा नागपुर में काम है। मेरे साथ तुम भी होंगे तो अच्छा होगा। शायद देर हो जाए आने में।मै भी मान गया।करीब 10 बजे हम निकले जाते समय हमने होटल से खाना लिया था। और दादाजी ने शराब की बोतल लियो थी। फिर हम फॉर्महाउस पोहचे
मै:- दादाजी हमे तो नागपुर जाना था ना
दादाजी:- नही रे,, वो तो बहाना बनाना पड़ा। मुझे तो तुमार साथ अकेले में काम था।मै डर गया और इधर उधर देख कर डर छुपाने लगा दादाजी डरो मत तुमे कल वाला पानी पिलाऊंगा से मै शर्मा भी रहा था और डर भी रहा था।फिर हम फॉर्महाउस के अंदर गये तो वहा का हाल देख कर पता चला ये तो दादाजी का अय्याशी का अड्डा था।
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पहले तो वो मुझसे इधर उधर की बाते करने लगें।फिर मुझसे पूछा कभी किसी लड़के ने पीछे की दरवाजे से एंट्री लीमै शरमाते हुऐ नाही में गर्दन हिलाई।तभी वो मेरे और करीब आये और मुझे गले लगाकर गालों पर पप्पी ली।फिर उन्होन टीवी चालू किया और उसमे Gay Porn लगाये ,,, उसमे एक बेटा अपने बाप के उमर के आदमी के साथ जंगल में अपनी गांड़ मरवा रहा था।
एक विडियो हिंदी एमएमएस था जिसमे एक मुस्लिम बुड्ढा जवान लड़के को निचे लेटा कर चोद रहा था।ये सब देख कर मुझे पसीना आने लगा और मेरे अंदर भी सेक्स का भुकार चढ़ गया। दादाजी मुझे गले लगाया और मेरे गले को किस करते करते मेरी शर्ट खोलने लगें। फिर उन्होने अपना कुर्ता उतार दिया। फिर वो मेरे होटों को चूमने लगें।अब मै भी उनको साथ दे रहा था।
उन्होने मेरी बनियान और जीन्स उतारी। और मेरे बूब्स को चूसने लग। और मारे होटों को भी ऐसे चूस रहें थे जैसे मुझे खा जायेंगे। मेरे मूंह में अपनी जुबान डाल कर पूरा चाट रहें थे। और मेरे गालों को चाटने लगें।
एक gay sex stories हात से मेरी चड्डी उतारने लगें। और मुझे चूमते चूमते मेरी नाभि ताक आते और नाभि में जीभ फेरने लगें।मुझे बानियां निकलने का इशारा किए तो मैंने उनकी बनियान निकली और अब हो पैजामे का नारा खोल कर पायजामा उतार फेका। अब मै पूरा नंगा था और दादाजी सिर्फ़ कच्छे में।
दादजी निचे झुक कर मेरे जांघो को चूमने लगें और मेरे जांघो की बगल को चटनी चाटते मेरे लंड को मुंह मे लेने लगें।मेरे मूंह से आहउह आईआहा सिसकारियां निकलने लगी थी।मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मै स्वर्ग में हू। कुछ देर मेरे लंड और गोटियों को चूसा तो मेरे लैंड से पानी निकलने लगा।उन्होन वी मुंह में लिया और मेरे मूंह के पास आकर किस करने लगें। और सारा पाणी मुझे पिलाया।
फिर मुझे बाहों में लेकर चिपकने लगें। और मुझे आपने ऊपर लेकर किस करने लगें।फिर धीरे धीरे मेरे सिर को निचे करते गाये । अब मै गर्दन से होकर उनकी बालो से भर छाती चाटने लागा। इनके बूब्स को चूसने लागा। इनके बॉडी बहुत बाल थे। और मै चाट चाट कर उनकी छाती गीली कर दि तुनहोने मुझे निचे दबाया और मैंने उनकी बॉडी को चूमते चूमते लंड तक गया। पहले तो मैं कच्छे के ऊपर से ही लंड को मूंह में पकड़ रखा था फिर उनका कच्छा निचे करके लंड को मुंह में लिया। और चूसने लगा। जैसा विडियो में मैंने देखा था वैसे ही करने लगा। मैं उनकी लंड पर थूकता और मूंह में लेकर चूसता। दादाजी:- हाई हा आह उह क्या चूसता है रे तू आय हाय हाय आह उहमै इनके मुरझाए घोटियों को भी मूंह में ले रहा था।उनको लंड पूरा मेरे मूंह में नाही आ रहा था।तो मैं निचे से चाट भी रहा था। तभी दादाजी ने मेरे बाल पकड़ कर दबाया तो उनका लंड गले तक गया।कुछ देर बाद मेने मूंह से निकाला और मै खांसने लगा।
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फिर दादाजी उठे और बगल की रूम से गाड़ी का ऑयल लाए। अब मुझे डर लग रहा था।दादाजी:- क्या हुआ,,मै:- दादाजी आज सिर्फ़ ऐसा ही करते है ना। आप का पानी निकाल दूंगा। दादाजी:- बेटा डरो मत मैं ऐसे करूंगा की तुम दर्द ही नही होंगा। और ऑयल लगाने से दर्द नही होता।उल्टा होकर लेट जाओ।मै उल्टा होकर लौट गया। फिर दादाजी नई मेरे गांड के छेद को फैलाया और छेद में ऑयल डालने लगेंऔर फिर एक ऊंगली से छे में अंदर तक ऑयल डालने लगें। मुझे छेद पे हल्की सी जलन होने लगीं।थोडी देर बड़ उन्होन2 उंगलियां गांड में डाली तो मुझे दर्द होने लागा। करीब 5 मिनट उंगली अंदर बाहर करने लगें।फिर बाथरूम से दो बाल्टी लेकर आये । एक में पाणी था और एक खाली थी। तभी उन्होनआपने लंड पर ऑयल लगाया और मसलने लगें। और फिर मुझे चूतड फैलाने को बोला मेने आपने चूतड फैलाए। उन्होने एक हात से गांड के छेद पर लंड रखा और हल्का सा दबाया। तो उनका सूपड़ा आसानी से अन्दर गया। मुझे जादा दर्द नाही हुआ पर जलन हुई।
न्होनऔर ऑयल डाला और धीरे धीरे लंड गांड में पूरा उतारने लगें। अब मुझे दर्द भी बहोत होने लगा पर धीरे धीरे डालने की वजह से मै सेह पा रहा था।मेरे आंखो से आंसू निकल रहें थे और मै धीरे से रोने लगा था। तभी दादाजी मेरे ऊपर लेट कर बोले
दादाजी:- बस अब दर्द नाही होंगा। पूरा लंड गांड मे गया है।मै:- रोते हुये बोला बहुत दर्द हो रहा है, दादाजी निकालो प्लीज़। मै रोने लगादादाजी:-बस होगया बेटा पूरा गया है। थोडदेर ऐसे ही रुकता हू फिर दर्द खत्म हो जायेगा।दादाजी मेरे ऊपर लेट कर मेरे गर्दन को चूमने लगें। उनका पूरा वेट मूजपे था।मैं:- आप का वेट बहोत है। मुझे सांस लेने में तकलीफ हो रही।फिर दादाजी ने अपने बातो पर ऊपर उठे।gay sex stories
और मेरे गले को चाटने लगें। फिर मेरे गालों को पागलों की तर चाट रहें थे।दादाजी 5 मिनट तक वैसे ही रहें.. फिर बोले
दादाजी:- अब दर्द कम हुआ क्या?
मै:- आह थोडथोड हो रहा
दादाजी:- अब तुमेे मजा आयेगा इतना बोल कर धीरे धीरे लंड को अन्दर बहर करने लगें।मुझे अब भी दर्द हो रहा था। पर अब उनका लंड मेरी गांड में एडजेस्ट हो गया था। वो धीरे धीरे धक्के दे रहें थे। मेरे दोनों हतो को अपने हाथों से पकड़ कर मेरे गर्दन को चूमते हुवे वो मेरी गांड मार रहें थे।अब मेरे रोने की आवाज़ काम हुई देख वो अपनी स्पीड धिरे धिरे बड़ाने लगें…कुछ देर बाद उन्होने अपने हाथो को मेरे छाती के निचे किया और मेरी छाती को मसलने लगें। और अब उनकी स्पीड बड़ गई थी। और पुरे रूम मे पच पच की आवाज़ आने लगीं थी।मुझे भी अब मजा आने लगा ।
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मै:- आहा उह आह आई उई हा आहा
दादाजी आहादादाजी:- मजा आ रहा है ना? आहा उह
मै:-बहोत मजा आ राहा है। करो दादाजी आई उह करते रहिए दादाजी अब एक हाथ मेरे उह में डाल कर एक हाथ से बूब्स दबाने लगें करीब 8,10 मिनिट बाद उन्होनअपना लंड मेरे गांड पर दबाया और रुक गये।मेरे गांड में मुझे गरम गरम पानी महसूस हुआ। फिर उन्होन लंड बाहर निकाला। उनका लैंड अभी भी थोड टाइट था। पर उनके काले लंड पर मेरी पीली पोट्टी लगीं थी। और थोडा खून भी था
।मैने एक हात से अपनी गांड की छेद को छुआ तो छेद पूरा खुल गया था। मेरी 3 उंगलियां भी आसानी से अन्दर जा रही थी।मुझे आपने हाथ पर कुछ महसूस हुआ मैने देखा तो खून था। दादाजी:- कुछ नही होता पहली बार खून निकलता है।इतना बोल के अपना लंड धोने लगें। मै उठ के बैठा तो दादाजी का पानी मेरे गांड से लिक हो रहा था। चादर पर उनके पानी के साथ मेरा खून भी था। दादाजी ने एक ग्लास और शराब की बोतल लाए और पानी लाया,, फिर बेड पर बैठ कर पैग बनाने लगें
दादाजी:- मै पैग बनाता हु तब तक लंड चूसोमै उलटा लेट के लंड चूसने लगा।
मै:- दादाजी आप ने कितने लडको की गांड मारी दादाजी:- तू पहला लड़का है। जो पसंद आया। मस्त गांड है तेरी बहुत मझा आया। लंड चूसते हुये मै :-पर मेने जितना सोचा था उतना दर्द नही हुआ दादाजी:- पहली बार प्यार से मारते है। दर्द नही होता।दादाजी:- ये ली एक पग मार जलन कम होगी मै:- उल्टी तो नहि होगी ना। मैने कभी नहि पी शराब दादाजी:- एक पग से कुछ नहि होता।
फिर मुझे आधा ग्लास शराब पिलाई और खुद भी पी। और मेरे बाल पाकड़ कर लंड चुसवाने लगें। लेंड चूसते चूसते मै इनके बालो से भरे जांघो को भी चाट रहा था।दादाजी मुझे और शराब पिलाने लगें दादाजी:- तेरी गांड मारकर जीतना मज़ आया उतना तो तेरी मा की गांड मारकर भी नहि आया।मै:-आप ने मां को भी चोदा दादाजी:- हा तेरी मां को तो एक दीन छोड़ कर चोदता हू।तूने देखे नहि तेरे मां के बूब्स कितने बड़े बड़े है। वो मैने ही बनाये । मै:- मुझे लगता था आप उनसे ऐसे ही बात करते हों। आप मां पर ट्राई कर रहें हों gay sex stories
दादाजी:- तेरे मां को तो मैं 4 सालो से चोद रहा हू यकीन नहि होता तोड़रुक एक मिनिट, इतना बोलकर दादाजी उठे और मोबाइल का विडियो चालू किया। जो टीवी में दिख रहा था।मै देखता ही रह गया। मेरी मां एक हाथ में मोबाइल पकड़ कर विडियो बना रही थी और एके हाथ से लंड पकड़ कर मूंह में ले रही थी। थोड देर मे दादाजी का पानी मुंह में चूसकर दादाजी को किस करने लगीं।दूसरे विडियो मे मां बाथरूम में बैठ कर मूंह खोल रही है और दादाजी मुंह में मूत रहें है। दादाजी:- देखा कितनी चुड़ककड़ है तेरी माऔर एक देख।
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अगले विडियो में राजेश मेरी मां को डॉगी स्टाइल में चोद रहा था। फिर मां के बालो को पकड़ कर मूंह चोद रहा था। दादाजी पग बना रहें थे। राजेश आधा ग्लास पीकर आधे ग्लास में मूतता है और मां को पिलाता है। मां नशे में सब कुछ करती दिखी।दादाजी ने विडियो बंद किया
दादाजी:- घोड़ी बनमै डॉगी स्टाइल में आया फिर दादाजी पीछे से लेंड अन्दर डालने लगें। थोडी देर बाद चोदना शुरू किया।10मिनिट चोदने के बाद दादाजी:-गांड को ऊपर उठाओ मैने गांड ऊपर उठाई और दादाजी जोर जोर से चोदने लगें। दादाजी:- आहा ओ आहा माझा आ गाया तुझे चोद कर साले रण्डी की औलाद। तेरी मां की गांड ने कभी इतना मज़ा नहि आया। मै:- आहा आह उह जीतना मज़ा चाहे लेलो दादजी ।
मै आप का हू । आहा उह उई मा दादाजी अब मेरे गांड पर चाटे मारने लगे और जोर से चोदने लगें। फिर रुके और मुझे मोबाइल मांगा मेरे सामने ला मोबाइल मैन उन्हें दिया।उन्होने विडियो रिकॉर्ड चालु किया। और फ़िर से चोदने लगें दादाजी:- इधर देखमै आंखे बंद करके आह उह करके मेझे से पीछे देखने लगा। दादाजी गांड पर चाटे मारकर चोदने लगें। तभी ददाजी की स्पीड बड़ी। और उन्होन लंड गांड से बहर निकला और गांड के छेद कैमरा में कैद करने लगें। फिर लंड को धोकर मेरे मूंह पर आते। है और मेरे बाल पकड़ कर मेरे मुंह में लंड दिया और मीरा मुंह चोदने लगे।और एके हात से रिकॉर्ड भी कर रहे थे और मेरे गले पर थप्पड़ मार कर बोले gay sex stories
दादाजी:- बहोत शौक था ना मेरे लेंड का पानी पीने का। अब तेरे मुंह मे निकलता हू। मेरी चड्डी चटनी नहि पड़ेगी उतने में वो मेरे मुंह में और मेरे चहरे पे झड गया गाए मै सब पी गया और दादाजी मेरा चहरा चाट कर साफ करने लगें फिर किस किए और मुझे चिपक कई लेट गये फिर हमने खाना खाया और सो गये करीब 5 बजे मेरी आंख खुली तो दादाजी भी सो रहें थे।इनका कला लेंड मुरझा गया था। और अब मेरी गांड में बहोत जलन हो रही थी
।मै:- दादाजी 5 बज गए उठो जाना है।दादाजी बोले सोजा टाइम है अभी घर जानें को इतना बोलके उन्होन मुझे अपनी ऊपर खींचा और मैं उनकी छत पर सर रख कर सोने लागा।करीब 6 बजे दादाजी उठे और मुझे उठाया। फिर हम बाथरूम गये और साथ में नहाने लगें। तभी दादाजी ने मुझ निचे बैठ कर लेंड चूसने को कहा। और मै चूसने लागा।दादाजी का लेंड फिर टाइट हो गया।
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दादाजी:- मुंह खोल। मैने मूंह खोला तो दादाजी मेरे मुंह मे मूतने लगें मै भी पीने लगा फिर उन्होन गांड पर साबुन लगाकर मुझे चोदा। और हम रयारी करके वापस गए। दादाजी ने मुझे घर छोड़ा और खुद अपने बंगले गये । मां ने मुझे बोला क्या काम था इनके साथ तो बहाना बनाया पता नहीं। मुझे दिनभर घुमाते रहें। किसी से मिलते और मैं इंतजार करता बैठ के।
मां:- अच्छा।फिर हम सो गएसुभा मम्मी ने मुझे उठाया तो मुझे चलते वक्त दर्द हो रहा था।मम्मी ने झट से पहचान लिया मैन और दादाजी ने कोनसा काम किया।दो दीन मेरी गांड को आराम मिलने के बाद दादानी और राजेश जी ने मुझे और मां को एकसाथ चोदा अगर आप को कहानी अच्छी लगें तो commet करे