साले की बीवी की सील तोड़ी और प्रेग्नेंट किया

Saale ki kuwari Biwi Ki chudai: जिंदगी का असली मजा अब आ रहा है, यार! जब नई-नवेली दुल्हन की चूत में लंड डालने का मौका मिले, वो भी अपनी नहीं, किसी और की बीवी को चोदने का, तो भला कौन मर्द खुश न होगा? आजकल मैं खुशी के साथ मलाई मार रहा हूँ। समझे ना, मलाई मारना? वो टाइट, रसीली चूत की चुदाई, जो हर मर्द का सपना होती है। ऐसा लगता है जैसे मेरी खुद की सुहागरात हो रही हो। आज मैंने सोचा, क्यों ना ये गर्मागर्म चुदाई की कहानी आपके साथ शेयर करूँ। तो लो, मेरे यारों, हाजिर हूँ अपनी हसीन और कामुक कहानी लेकर। उम्मीद है, इसे पढ़कर तुम्हारा लंड तन जाएगा और चूत में आग लग जाएगी।
मेरा नाम कुशाग्र है। मैं राजस्थान का हूँ, लेकिन दिल्ली में रहता हूँ। यहीं एक अच्छी-खासी जॉब करता हूँ। मेरी उम्र 30 साल है, और मेरी शादी को तीन साल हो चुके हैं। मेरी बीवी प्रिया एक स्कूल टीचर है, और वो अपनी जॉब में बिजी रहती है। ये कहानी मेरे साले रजत की बीवी खुशी की है। रजत 24 साल का है, और उसकी नई-नवेली दुल्हन खुशी 22 साल की है। रजत को बचपन से पोलियो है, जिसकी वजह से उसका एक पैर कमजोर है। लेकिन पैसे की कोई कमी नहीं। खानदानी बिजनेस है, ढेर सारी दौलत। इसी वजह से उसकी शादी हो पाई। खुशी गरीब घर की लड़की है, लेकिन उसकी खूबसूरती ऐसी कि दिल धड़कने लगे। मैंने ही उसका रिश्ता पक्का करवाया था। लड़की वालों को भरोसा दिलाया कि रजत बहुत अच्छा इंसान है, खुशी को जन्नत की सैर कराएगा। मेरी बातों से खुशी और उसका परिवार खासा इम्प्रेस हो गया था।
खुशी में जो बात मुझे सबसे ज्यादा भा गई, वो था उसका खुला दिमाग। वो हर बात में हँसती थी, और उसका अंदाज ऐसा कि कोई भी मर्द उसका दीवाना हो जाए। उसका फिगर? हाय, क्या बताऊँ! 34-26-36 का फिगर, गोरी-चिट्टी त्वचा, गुलाबी होंठ जो चूसने को मन करे, भरी-भरी चूचियाँ, पतली कमर, और वो चूतड़, जो चलते वक्त ऐसे हिलते थे जैसे लंड को चैलेंज दे रहे हों। मैं तो पहली मुलाकात में ही उसका फैन हो गया था। लेकिन मैं तो उसका जीजा था, सो बस मन में आग दबाकर रह गया। कोई भी मर्द, जिसे हॉट और सेक्सी लड़की चाहिए, वो खुशी को देखकर शादी से मना नहीं कर सकता था।
शादी धूमधाम से हो गई। बारात, खाना-पीना, सब शानदार। लेकिन सुहागरात? वो तो पूरी तरह फेल हो गई। अगले दिन मैंने खुशी से मजाक में पूछा, “क्या बात है, भाभी? रात कैसी कटी?” वो उदास होकर बोली, “जीजाजी, कुछ खास नहीं हुआ। लगता है रजत शर्माते हैं। ज्यादा कुछ नहीं हो पाया।” मैंने सोचा, शायद पहली रात की शर्मिंदगी होगी। लेकिन दूसरे दिन, तीसरे दिन भी यही कहानी। खुशी का चेहरा लटका हुआ था। मैं दिल्ली वापस आ गया, लेकिन एक हफ्ते बाद भी जब सुना कि रजत और खुशी के बीच कुछ नहीं हुआ, तो मैं चिंता में डूब गया। मैंने दोनों को हनीमून के लिए शिमला भेजने का प्लान बनाया। होटल बुक कर दिया, फ्लाइट्स का इंतजाम कर दिया। वो दोनों दिल्ली आ गए।
दिल्ली में मैंने रजत से हँसते हुए कहा, “क्या बात है, साले साहब? अभी तक मैडम को खुश नहीं कर पाए?” रजत का चेहरा लटक गया। उसने धीमी आवाज में कहा, “जीजाजी, एक सीरियस बात बतानी है।” फिर उसने सारी सच्चाई बयान कर दी। बोला, “मुझे सुहागरात के दिन ही पता चला कि मैं सेक्स नहीं कर पाता। मेरा लंड खड़ा तो होता है, लेकिन 10 सेकंड में ही ढीला पड़ जाता है। कोशिश करता हूँ, लेकिन वीर्य अपने आप निकल जाता है। मैं खुशी की चूत तक लंड ले भी नहीं पाता, सब कुछ खत्म हो जाता है।” ये सुनकर मेरे होश उड़ गए। मैंने सोचा, मैंने ही तो ये शादी करवाई, और अब खुशी की जिंदगी बर्बाद हो रही है। मुझे खुद पर गुस्सा और शर्मिंदगी महसूस होने लगी।
मैंने खुशी को अकेले में बुलाया। उस वक्त रजत बाहर गया था, और प्रिया अपने मायके गई थी। मैंने खुशी से कहा, “मुझे आज रजत की सच्चाई पता चली। मैं तुमसे माफी माँगता हूँ। ये सब मेरी गलती है। तुम जो चाहो, वो कर सकती हो। चाहो तो मैं तुम्हारी दूसरी शादी करवा दूँगा।” खुशी ये सुनकर फूट-फूटकर रोने लगी। फिर गुस्से में बोली, “जीजाजी, अब शादी की बात कैसे सोच सकते हैं? मैं रजत को छोड़ नहीं सकती। जैसा है, वैसा ही ठीक है। यही मेरी किस्मत है।” उसकी आँखों में दर्द और वफादारी साफ दिख रही थी।
उन्होंने शिमला का प्लान कैंसिल कर दिया और बोले कि वो मेरे साथ दिल्ली में कुछ दिन रहेंगे। मैंने सोचा, ठीक है, प्रिया तो 10 दिन बाद आएगी, तब तक ये दोनों यहीं रह लें। लेकिन खुशी को देखकर मेरे मन में आग भड़कने लगी। उसकी हर अदा, उसका हँसना, उसका चलते वक्त चूतड़ों का हिलना, सब मेरे लंड को बेकाबू कर रहा था। वो भी मेरे करीब आने लगी थी। एक दिन मैं बिना नॉक किए उसके कमरे में चला गया। वो कपड़े बदल रही थी, बिल्कुल नंगी। उसका गोरा-चिट्टा बदन, 34C की भरी हुई चूचियाँ, गुलाबी निप्पल, और वो टाइट चूत, जिसके ऊपर हल्की-सी झांटें थीं, देखकर मेरा 7 इंच का लंड जींस में तन गया। मैं देखता ही रह गया। खुशी ने मुझे देखा, लेकिन शरमाने की बजाय मुस्कुराई। वो धीरे-धीरे कपड़े पहनने लगी, और मैं बस उसे निहारता रहा। कपड़े पहनने के बाद वो मेरे पास आई और बोली, “क्या बात है, जीजाजी? नियत खराब हो गई क्या?” मैंने हँसते हुए कहा, “खुशी, तुम तो कमाल की हो। भगवान ने तुझे बड़े फुर्सत से बनाया है।” वो उदास होकर बोली, “क्या फायदा, जीजाजी? ये सब बेकार है। इसे भोगने वाला कोई नहीं।”
मैंने कहा, “सॉरी यार, सब मेरी गलती है।” वो बोली, “ठीक है, जीजाजी। मैं आपको माफ कर सकती हूँ, अगर आप मुझे अपने ये 10 दिन दे दें, जब तक भाभी नहीं आती। मैं भी आपको देखकर बेचैन हूँ।” इतना कहते ही वो मुझसे लिपट गई। उसका गर्म बदन मेरे सीने से टकराया, और मेरे होश उड़ गए। हम दोनों एक-दूसरे को पागलों की तरह चूमने लगे। उसके गुलाबी होंठ मेरे होंठों पर थे, मैं उन्हें चूस रहा था, जैसे कोई भूखा शिकारी। मैंने पीछे से उसके चूतड़ों को जोर से दबाया, और मेरा लंड उसकी जाँघों के बीच रगड़ने लगा। वो सिसक रही थी, “आह… जीजाजी… उफ्फ… क्या कर रहे हो…” फिर वो अचानक पलटी, और उसका गोल-मटोल गांड मेरे लंड से टकराया। मैंने आगे से उसके ब्लाउज के ऊपर से चूचियों को मसलना शुरू किया। वो बस “आह… आह… और जोर से…” करती रही। उसका गांड मेरे लंड पर रगड़ रहा था, और मेरा लंड जींस के अंदर फटने को तैयार था। वो पूरी तरह कामुक हो चुकी थी।
तभी रजत बाथरूम से नहाकर निकला। वो दूसरे कमरे में कपड़े बदलने चला गया। उसने बाहर से आवाज दी, “जीजाजी, मैं सलून जा रहा हूँ, बाल कटवाने।” और वो निकल गया। रजत के जाते ही खुशी ने दरवाजा लॉक किया और मुझ पर टूट पड़ी। वो मेरे होंठों को चूमने लगी, जैसे कोई जंगली बिल्ली। मैंने भी जवाब दिया। उसे गोद में उठाया और चूमते-चूमते बेड पर पटक दिया। मैंने उसका ब्लाउज फाड़कर उतारा, फिर साड़ी खींच दी। वो सिर्फ काली ब्रा और पैंटी में थी। उसकी ब्रा के ऊपर से मैंने उसकी चूचियों को जोर-जोर से दबाया। वो सिसक रही थी, “आह… जीजाजी… उफ्फ… और जोर से… मेरी चूचियाँ मसल दो…” मैंने उसकी ब्रा का हुक खोला, और उसकी 34C की चूचियाँ मेरे सामने थीं। गुलाबी निप्पल सख्त हो चुके थे। मैंने एक निप्पल को मुँह में लिया और चूसने लगा, दूसरी चूची को हाथ से मसल रहा था। वो चिल्ला रही थी, “आह… ओह… हाय… जीजाजी… चूसो… और जोर से…”
फिर मैं नीचे गया। उसकी पैंटी उतारी। उसकी चूत पूरी तरह गीली थी, और हल्की-सी झांटों से सजी थी। मैंने उसके पैर फैलाए और चूत को सूंघा। उसकी खुशबू ने मुझे पागल कर दिया। मैंने जीभ से उसकी चूत को चाटना शुरू किया। पहले हल्के से, फिर जोर-जोर से। वो तड़प रही थी, “आह… जीजाजी… उफ्फ… चाटो… मेरी चूत को खा जाओ…” उसकी चूत से नमकीन पानी निकल रहा था। मैंने उसकी क्लिट को जीभ से सहलाया, फिर चूत के होंठों को चूसा। वो बिस्तर पर मछली की तरह तड़प रही थी, “हाय… जीजाजी… प्लीज… अब डाल दो… मेरी चूत में आग लगी है…” मैंने उसे और तड़पाया। उसकी चूत को उंगलियों से सहलाया, फिर एक उंगली अंदर डाली। वो चीख पड़ी, “आह… मर गई… और डालो…” मैंने दो उंगलियाँ डालीं और अंदर-बाहर करने लगा। वो पागल हो रही थी, “प्लीज… जीजाजी… अब लंड डाल दो… मेरी चूत फाड़ दो…”
मैंने अपना लंड निकाला। 7 इंच का, मोटा और सख्त, जैसे लोहे का रॉड। मैंने उसे खुशी की चूत पर रगड़ा। वो तड़प रही थी, “प्लीज… जीजाजी… डाल दो… मेरी चूत को चोद दो…” मैंने धीरे से धक्का मारा। मेरा लंड बस एक इंच ही अंदर गया। उसकी चूत इतनी टाइट थी कि वो चीख पड़ी, “आह… दर्द हो रहा है… धीरे…” मैंने उसे चूमकर शांत किया। उसके निप्पल चूसे, उसकी चूचियों को मसला, और फिर दोबारा धक्का मारा। इस बार लंड आधा अंदर गया। उसकी चूत से खून निकलने लगा। वो रो रही थी, “हाय… मर गई…” मैंने उसे सहलाया, उसके होंठ चूसे, और तीसरे धक्के में मेरा पूरा लंड उसकी चूत में समा गया। वो चीखी, “आह… फट गई मेरी चूत… उफ्फ…” मैंने धीरे-धीरे अंदर-बाहर करना शुरू किया। अब उसे मजा आने लगा। वो गांड उठा-उठाकर चुदवाने लगी, “हाय… जीजाजी… चोदो… और जोर से… मेरी चूत फाड़ दो…” मैंने स्पीड बढ़ा दी। कमरे में “पच-पच… फच-फच…” की आवाजें गूँज रही थीं। वो चिल्ला रही थी, “आह… ओह… हाय… चोदो… मेरी फुद्दी को रगड़ दो…” 20 मिनट की चुदाई के बाद मैं झड़ गया। उसकी चूत मेरे वीर्य से भर गई। वो भी संतुष्ट होकर हाँफ रही थी।
खुशी ने कहा, “जीजाजी, जल्दी कर लो। रजत आता होगा। लेकिन रात को उसे खूब शराब पिलाना। हम रात भर चुदाई करेंगे।” शाम को मैंने मटन बनवाया और व्हिस्की मँगवाई। मैंने एक पेग लिया, लेकिन रजत ने खूब पी और लुढ़क गया। रात को मैं और खुशी फिर बेडरूम में थे। मैंने उसे फिर नंगा किया। इस बार मैंने उसकी चूत को लंबे समय तक चाटा। पहले जीभ से उसके क्लिट को सहलाया, फिर चूत के होंठों को चूसा। वो तड़प रही थी, “आह… जीजाजी… चाटो… मेरी चूत को खा जाओ…” मैंने उसकी चूत में उंगली डाली, फिर दो उंगलियाँ। वो चिल्ला रही थी, “हाय… और डालो… मेरी चूत फाड़ दो…” फिर मैंने अपना लंड उसकी चूत में डाला और जोर-जोर से चोदने लगा। वो चिल्ला रही थी, “आह… ओह… फाड़ दो… मेरी चूत… और जोर से…” कमरे में “थप-थप… फच-फच…” की आवाजें गूँज रही थीं। रात भर हमने चार बार चुदाई की। हर बार उसकी चूत और टाइट लग रही थी। वो हर बार चिल्लाती, “जीजाजी… चोदो… मेरी फुद्दी को रगड़ दो… आह…”
कुछ दिन बाद रजत को हमारे रिश्ते का पता चल गया। पहले तो उसे बुरा लगा, लेकिन फिर बोला, “जीजाजी, कमी मुझमें है। खुशी की खुशी के लिए मैं कुछ भी कर सकता हूँ।” उसने हमें शिमला जाने को कहा। हम तीनों शिमला गए। रजत अलग कमरे में सोता था, और मैं और खुशी एक कमरे में। वहाँ भी हमने दिन-रात चुदाई की। खुशी अब प्रेग्नेंट है। मैंने रजत के लिए एक स्टोर खुलवा दिया है। अब हम सब साथ रहते हैं। जब प्रिया स्कूल जाती है, तो मैं और खुशी दिन भर चुदाई का मजा लेते हैं।
आपको मेरी कहानी कैसी लगी? क्या आपने भी कभी ऐसी गर्मागर्म चुदाई का मजा लिया है? कमेंट में जरूर बताइए!

Related Posts

इसे भी पढ़ें   पहली बार बुर और लंड वाला खेल खेला गुड़िया ने
Report this post

1 thought on “साले की बीवी की सील तोड़ी और प्रेग्नेंट किया”

  1. हसबैंड मे कोई कमी है और वो अपनी बीवी को बहुत प्यार करता है और किसी बीमारी के कारण या शारीरिक कमजोरी के कारण उसको किसी और से खुश करवाता है तो इसमें गलत ही क्या है बस लड़का अच्छा हो ओर बात को राज रखे तो कोई दिक्कत नहीं है आज बहुत ऐसे लोग है जिनको समस्या है पर वो लड़ते थोड़े है?आपस में बात करते है और लाइफ को एंजॉय करते है बस थोड़ा ओपन माइंडेड होने ओर एक दूसरे को समझाने की जरूरत है हाई क्लास लोगो में तो ये चीजें होती आ रही है और हो रही है लोग क्या कहेंगे? ये मत सोचो लोगो का काम ही कहना है लाइफ आपकी है घुट घुट कर जीने से अच्छा है खुलकर जियो और इस छोटी सी जिंदगी को एंजॉय करो टाइम ओर जवानी जाने के बात सिर्फ ओर सिर्फ पछतावा बचाता है
    (bbc dm फॉर ओनली रियल मीट)

    👉👌💦🐂🍆🧕🤰🤱💃❤️

    प्रतिक्रिया

Leave a Comment