Mami ki gand chudai – हाय दोस्तों, मैं अमित हूँ, मुंबई से, उम्र 20 साल। मैं एक बंगाली लड़का हूँ, रंग थोड़ा सांवला, कद 5 फीट 8 इंच, और बदन जिम में तराशा हुआ। अभी तक मैंने सेक्स नहीं किया था, पर मेरे दिमाग में हमेशा वही खयाल घूमते रहते थे। ये कहानी मेरी और मेरी मामी की है, जिनका नाम काली है। मामी 32 साल की हैं, रंग एकदम काला, पर बदन ऐसा कि देखकर किसी का भी लंड खड़ा हो जाए। उनकी चूत घनी झांटों से भरी, गांड गोल और भारी, और बदन चिकना, जैसे तेल से चुपड़ा हुआ। उनके बूब्स 34D के, भारी और रसीले, और उनकी कमर 30 की, जो उनकी गांड को और उभारती थी। उनके दो बच्चे हैं, 8 और 10 साल के, जो स्कूल में पढ़ते हैं। मेरी मामी का फिगर इतना हॉट था कि मैं जब भी उनके घर जाता, मेरी नजरें उनकी गांड और बूब्स पर टिक जाती थीं।
बात उस वक्त की है जब मैं अपने मामा के घर गया। मामा को ऑफिस के काम से दो दिन के लिए बाहर जाना था। मामा 38 साल के हैं, दुबले-पतले, और काम में इतने व्यस्त कि मामी को ज्यादा वक्त नहीं दे पाते। मामा के जाने के बाद घर में सिर्फ मैं, मामी और उनके दो बच्चे थे। पहले दिन रात को, जब मामी बच्चों को सुलाने आईं, मैं अपने कजिन्स के साथ उनके बेडरूम में सो रहा था। मामी ने उस रात एक टाइट सलवार-कुर्ता पहना था, जिसकी पीठ पर चेन थी। चेन थोड़ी खुली हुई थी, और मुझे उनकी नंगी पीठ दिख रही थी। उन्होंने ब्रा नहीं पहनी थी, और उनकी चिकनी, काली पीठ देखकर मेरा लंड तुरंत खड़ा हो गया। मैंने शॉर्ट्स पहने थे, अंदर अंडरवियर नहीं था, और मेरा 7 इंच का लंड शॉर्ट्स में तंबू बनाकर उभर रहा था।
मामी बच्चों को सुलाने के लिए उनके बीच में लेट गईं। उनकी पीठ मेरी तरफ थी, और मैंने धीरे से अपना हाथ उनकी पीठ पर रख दिया। उनकी चमड़ी इतनी गर्म और मुलायम थी कि मेरा लंड और सख्त हो गया। मैंने सोचा कि कुछ करूँ, पर डर भी लग रहा था। फिर भी, मैंने हिम्मत करके अपना हाथ उनकी कमर पर फेरा, और धीरे-धीरे उनकी गांड की तरफ ले गया। उनकी गांड इतनी भारी थी कि मेरे हाथ में समा ही नहीं रही थी। मैंने हल्के से दबाया, और मेरा लंड उनकी गांड से टच हो गया। उस वक्त मुझे ऐसा मजा आया कि मैं खुद को रोक नहीं पाया। मैंने अपनी पोजीशन बदली और जानबूझकर अपनी कमर को उनकी गांड से सटा दिया।
रात को नींद में मेरा लंड बार-बार उनकी गांड से रगड़ रहा था। सुबह जब मैं उठा, तो देखा कि मेरे शॉर्ट्स गीले थे। मेरा लंड इतना उत्तेजित था कि रात को ही मेरा वीर्य निकल गया था। मेरे शॉर्ट्स में ढेर सारा कम था, और मुझे याद आया कि मैंने नींद में मामी की गांड को पकड़ रखा था। मैं शर्मिंदा था, पर साथ ही उत्तेजना भी थी।
अगले दिन बच्चों को स्कूल की पिकनिक के लिए जाना था। वो सुबह चले गए और शाम 7 बजे तक लौटने वाले थे। मामी उन्हें स्कूल ड्रॉप करके लौटीं। मैंने नाश्ता किया और कंप्यूटर पर बैठ गया। सुबह के 9 बज रहे थे। तभी मामी ने मुझे उनके बेडरूम से आवाज दी। मैं मासूम बनकर गया, पर जैसे ही मैंने कमरे में कदम रखा, मेरा दिल जोर-जोर से धड़कने लगा। मामी बेड पर पूरी नंगी लेटी थीं। उनकी चूत गीली थी, और उस पर कम लगा हुआ था। उनकी टांगें फैली हुई थीं, और वो मुझे देखकर मुस्कुराईं। उनकी आँखों में एक अजीब सी चमक थी। उन्होंने मुझे पास बुलाया और बोलीं, “आ जा, अमित। कल तूने तो दिखा ही दिया, आज वो मजा दे भी दे।”
मैं हैरान था, पर मेरे पैर अपने आप उनकी तरफ बढ़ गए। मैं उनके पास गया और उनके होंठों पर किस करने लगा। उनकी साँसें गर्म थीं, और उनके होंठ मुलायम। मैंने एक हाथ उनकी घनी झांटों वाली चूत पर रखा और उंगली अंदर डाल दी। उनकी चूत इतनी गीली थी कि मेरी उंगली आसानी से अंदर-बाहर होने लगी। मुझे अजीब सा लग रहा था, पर वो गीलापन और गर्मी मुझे पागल कर रही थी। मैंने अपना मुँह नीचे किया और उनकी चूत चूसने लगा। उसकी खुशबू इतनी कामुक थी कि मेरा लंड पत्थर की तरह सख्त हो गया। मैंने उनकी चूत को जीभ से चाटा, और वो सिसकारियाँ भरने लगीं, “आआआह… अमित… और चूस… ओहहह… मजा आ रहा है…”
मामी के बदन से पसीना बह रहा था, हालाँकि सर्दी का मौसम था। उन्होंने एसी चालू किया, जिससे कमरे में ठंड बढ़ गई। हम दोनों और करीब आ गए। मामी ने कहा, “बाहर रूम में मेरा पर्स है, उसमें कंडोम का बड़ा पैकेट है, जाओ ले आ।” मैं बाहर गया और पैकेट ले आया। जब मैं वापस आया, मामी बेड पर लेटी थीं, उनकी टांगें फैली हुई थीं, और वो अपनी चूत को सहला रही थीं। मैंने कंडोम का पैकेट खोला, पर उससे पहले मामी ने मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया। उनकी गर्म जीभ मेरे लंड पर फिसल रही थी, और मैं सिहर उठा। कुछ ही पलों में मेरे लंड से 3-4 बूँदें उनके मुँह में टपक गईं। उनका मुँह कम की गंध से भर गया, और उनका चेहरा सफेद पड़ गया।
मामी ने मेरे कम को अपनी नाभि पर मला और मुझे एक सेक्सुअल पिल दी। उस पिल ने मेरे बदन में आग सी लगा दी। मैंने बिना कंडोम के ही अपना लंड उनकी चूत में घुसा दिया। पहली बार था, और उनकी चूत इतनी टाइट थी कि मैं 5 मिनट में ही झड़ गया। मेरा सारा कम उनकी चूत में टपक गया। मैंने शर्मिंदगी से कहा, “सॉरी, मामी, आपकी चूत की गर्मी ने मुझे बाहर नहीं निकालने दिया।” वो हँस पड़ीं और बोलीं, “कोई बात नहीं, तेरे मामा से एक बार चुदाई कर लूँगी, तो कुछ नहीं होगा।”
15 मिनट बाद मेरा लंड फिर से तैयार था। इस बार मैंने कंडोम पहना और उनकी चूत में जोर-जोर से झटके देने शुरू किए। मामी चिल्लाने लगीं, “आआआह… अमित… चोद दे मुझे… ओहहह… और जोर से…” उनकी चूत से हल्का सा खून निकलने लगा। वो बोलीं, “4 साल बाद चुद रही हूँ… तेरा लंड बहुत मोटा और लंबा है।” उनकी चूत लाल हो गई थी। मैंने 4 कंडोम उनकी चूत में इस्तेमाल किए। बेडशीट पसीने और खून से गीली हो गई थी।
फिर मामी ने अपनी टांगें मेरे कंधों पर रखीं और मेरे हाथ उनकी गांड पर रखवाए। उन्होंने मेरा लंड अपनी गांड के छेद में घुसवाया। उनकी गांड इतनी टाइट थी कि मेरा लंड मुश्किल से अंदर गया। मैंने धीरे-धीरे झटके देने शुरू किए। बेड हिलने लगा, और उसका एक साइड टूट गया। शोकेस पीछे से निकल गया, और बेड नीचे झुक गया। मैं फिर भी उनकी गांड मारता रहा। मैंने 12 कंडोम उनकी गांड में इस्तेमाल किए। मामी सिसकार रही थीं, “आआआह… अमित… और मार… मेरी गांड फाड़ दे…”
फिर हम बाहर पार्क में घूमने गए। वहाँ मुझे टॉयलेट जाना पड़ा। टॉयलेट गंदा था, और कोई नहीं था। मामी अंदर आ गईं और मुझे किस करने लगीं। मैंने उनका ब्लाउज फाड़ दिया और उनके बूब्स को चूसने लगा। फिर मैंने उनकी चूत मारी, आधा बदन टॉयलेट के अंदर और आधा बाहर। हम देर तक वहीँ लेटे रहे, एक-दूसरे की बाहों में।
शाम 5 बजे हम घर लौटे। हमने साथ में नहाया। मैंने मामी की चूत साफ की और फिर से 6-7 बार कम उनकी चूत में टपकाया। पूरे दिन हमने चुदाई की। रात को बच्चे सो गए, तो हम छत पर स्टोर रूम में गए। वहाँ मैंने मामी को रस्सी से बांधा और उनकी गांड में 11 इंच का डिल्डो घुसाया। आधा डिल्डो बाहर ही रहा। उनकी गांड ढीली हो गई थी, और वो चिल्ला रही थीं, “आआआह… अमित… और मार… मेरी गांड फाड़ दे…” उनकी चूत से कम टपक रहा था।
मैं वहाँ दो हफ्ते और रुका। हर दिन मैंने मामी की चूत चूसकर उन्हें 7 बार ऑर्गेज्म दिया। उनकी चूत का स्वाद और गंध मुझे पागल कर देती थी।
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