ये बर्थडे गिफ्ट मैं कभी नहीं भूलूँगी

दो साल पहले की बात है, मैंने, यानी किशोर त्यागी ने, एमबीए पूरा किया और दिल्ली में एक मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी शुरू कर दी। मेरी मौसी की बेटी पूजा चंडीगढ़ में जॉब करती थी। वो अपनी सहेली कोमल के साथ पेइंग गेस्ट के तौर पर रहती थी। पूजा और मैं भाई-बहन की तरह बहुत करीब थे, बचपन से ही हमारी खूब बनती थी। पूजा की सहेली कोमल को मैंने कभी नहीं देखा था, लेकिन पूजा अक्सर मजाक में कहती थी, “भैया, मैं तुम्हारी शादी कोमल से करवाऊँगी।” मैं भी हँसते हुए कह देता, “हाँ, ठीक है, करवा दे!”

एक बार मुझे दिल्ली से शिमला जाना था। त्योहारों का सीजन था, और चंडीगढ़ से शिमला की बस दो घंटे बाद थी। मैंने सोचा कि पूजा से मिल लिया जाए। मैंने उसे फोन किया। उसने कहा, “भैया, मैं मार्केट में हूँ, तुम यहीं आ जाओ।” मैं मार्केट पहुँचा तो पूजा के साथ एक लड़की थी, जिसका चेहरा इतना खूबसूरत था कि मैं एक पल को ठिठक गया। पूजा ने हँसते हुए कहा, “ये कोमल है!”

क्या बताऊँ कोमल के बारे में! गोरी, नाजुक सी, उसकी आँखों में एक अजीब सी चमक थी। उसका फिगर परफेक्ट था, जैसे प्रकृति ने उसे बड़े प्यार से तराशा हो। हमारी बस हाय-हैलो हुई, लेकिन उसकी मुस्कान ने मेरे दिल में कुछ हलचल मचा दी। पूजा कोमल को भी चिढ़ाती थी कि वो हम दोनों की शादी करवाएगी। उस मुलाकात के बाद मैं शिमला गया और फिर दिल्ली लौट आया।

पूजा हर रोज फोन पर कोमल की बात करती, “भैया, कोमल कैसी लगी?” मैं हँसकर टाल देता, लेकिन धीरे-धीरे कोमल मेरे दिमाग में बसने लगी। कुछ हफ्तों बाद मैंने हाँ कर दी। पूजा ने कोमल से बात की, और उसने भी हाँ कह दिया। कोमल के पापा मुझसे पहले मिल चुके थे, और मेरे परिवार को भी पूजा ने मना लिया। बस फिर क्या, हमारी फोन पर बातें शुरू हो गईं। पहले तो औपचारिक बातें, फिर धीरे-धीरे हमारी चैट्स में इमोजी, हल्की-फुल्की फ्लर्टिंग और फिर दिल की बातें होने लगीं।

दो महीने बाद हमारी सगाई मार्च में तय हो गई। अब जब भी मैं चंडीगढ़ जाता, कोमल से 1-2 घंटे के लिए मिल लेता। हम मार्केट में मिलते, कॉफी पीते, और धीरे-धीरे एक-दूसरे के करीब आने लगे। सगाई से दो हफ्ते पहले मेरे एक दोस्त के पिता का देहांत हो गया। मैं उनके यहाँ गया और वापसी में चंडीगढ़ रुक गया, कोमल से मिलने।

उस दिन बारिश हो रही थी। हम एक पार्क में गए, जहाँ पेड़ों के बीच एक छोटी सी छत थी। हम वहाँ बैठ गए। कोमल भीग चुकी थी, उसकी सलवार-कमीज बदन से चिपक गई थी, जिससे उसका फिगर और उभरकर सामने आ रहा था। उसने काँपते हुए कहा, “मुझे ठंड लग रही है।” मैंने हिम्मत जुटाकर उसे अपनी बाहों में ले लिया। उसका बदन इतना नरम था कि मेरे दिल की धड़कन तेज हो गई। उसने अपनी आँखें बंद कर लीं और अपना सिर मेरे कंधे पर रख दिया।

मैंने उसे और कसकर गले लगाया। उसकी साँसें मेरे गले पर महसूस हो रही थीं। मेरी छाती पर उसके मुलायम, गर्म स्तनों का दबाव मुझे बेचैन कर रहा था। मेरा लंड धीरे-धीरे खड़ा होने लगा। ये मेरा पहला ऐसा अनुभव था। मैंने धीरे से पूछा, “कोमल, क्या मैं तुम्हें किस कर सकता हूँ?” उसने कुछ नहीं कहा, बस अपनी आँखें बंद रखीं। मैंने पहले उसके माथे पर एक हल्का सा चुम्बन किया, फिर उसके गालों पर। आखिरकार, मैंने अपने होंठ उसके नरम, गर्म होंठों पर रख दिए। धीरे-धीरे मैं उसके होंठ चूसने लगा। क्या एहसास था! बारिश की फुहारें, उसकी गर्म साँसें, और वो नरम होंठ—मैं जैसे किसी और दुनिया में था।

वो भी मेरा साथ देने लगी। उसकी जीभ मेरे होंठों से टकराई, और हम दोनों एक-दूसरे को और जोश से चूमने लगे। बारिश में किसी लड़की को चूमने का वो एहसास मैं शब्दों में बयान नहीं कर सकता। काफी देर तक हम यूं ही चूमते रहे, लेकिन हमने शादी से पहले ज्यादा आगे नहीं बढ़ने का फैसला किया था।

कुछ दिन बाद हमारी सगाई हो गई। अब जब भी हम मिलते, एक-दूसरे को चूमने का मौका नहीं छोड़ते। एक बार पार्क में चूमते-चूमते हम दोनों इतने गर्म हो गए कि रुकना मुश्किल हो गया। लेकिन पार्क में कुछ और करना मुमकिन नहीं था। दिल्ली लौटकर मैंने कोमल को मैसेज किया, “आज मेरा दिल नहीं मान रहा, फोन पर ही मुझे किस करो।”

वो हँसते हुए बोली, “अच्छा, कैसे?”

मैंने कहा, “आज मैं तुम्हें सारी रात चोदना चाहता हूँ।”

वो चौंक गई और बोली, “चोदना? वो क्या होता है?”

मैंने कहा, “सेक्स!”

उसने मासूमियत से कहा, “वो तो हमने किया न!”

मुझे झटका लगा। मैंने पूछा, “कब किया?”

वो बोली, “अरे, हर बार तो चूमते हो!”

मैं हँस पड़ा। फिर मैंने पूछा, “तुम्हें सेक्स के बारे में क्या पता है?”

उसने कहा, “जब होंठ चूमते हैं, उसे सेक्स कहते हैं।”

इसे भी पढ़ें   होटल में देखी जापानी माँ बेटे की चुदाई

मैं हँसते-हँसते लोटपोट हो गया। मुझे यकीन नहीं हो रहा था कि उसे सेक्स का असली मतलब नहीं पता। मैंने उसे धीरे-धीरे समझाया कि सेक्स क्या होता है, क्यों करते हैं, और इसमें क्या-क्या होता है। वो शरमा गई, लेकिन उत्सुकता से सुनती रही। फिर मैंने उसे फोन सेक्स के बारे में बताया। उस रात से हम रोज रात को फोन सेक्स करने लगे। उसे भी इसमें मजा आने लगा।

अगली बार हम एक मूवी देखने गए। थिएटर में लोग कम थे। मैंने उसका कंधा सहलाना शुरू किया। उसकी साँसें तेज होने लगीं। उसने अपना सिर मेरे कंधे पर रख दिया। मैंने उसके होंठ चूमने शुरू किए, और वो भी पूरा साथ दे रही थी। मैंने अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी, उसकी जीभ को चूसने लगा। उसकी सिसकारियाँ शुरू हो गईं—आआह्ह… म्मम्म… ऊऊऊ…

मैंने धीरे से उसकी कमीज में हाथ डाला और उसके पेट को सहलाने लगा। उसका बदन गर्म था, जैसे आग सी जल रही हो। उसकी साँसें और तेज हो गईं। मैंने हिम्मत करके अपना हाथ ऊपर किया और उसकी ब्रा के ऊपर से उसके स्तनों को दबाने लगा। वो 32 साइज के गोल, नरम स्तन थे, जिन्हें छूते ही मेरा लंड तन गया। वो सिसकार रही थी—म्मम्म… आआह्ह… मम्म…

मैंने धीरे से उसकी ब्रा के अंदर हाथ डाला। उसके निप्पल्स सख्त हो चुके थे। मैं उन्हें मसलने लगा। उसकी सिसकारियाँ अब और तेज हो गईं—आआह्ह… ऊऊऊ… मम्म… जान… मैं पागल हो रहा था। मैंने पूछा, “कोमल, क्या मैं तुम्हारी सलवार में हाथ डाल सकता हूँ?”

उसने डरते हुए कहा, “कोई देख लेगा।”

लेकिन उसकी आँखों में वासना साफ दिख रही थी। मैंने धीरे से उसकी सलवार में हाथ डाला और उसकी पैंटी के ऊपर से उसकी चूत को सहलाने लगा। उसकी चूत गर्म और गीली थी। मैंने उसकी पैंटी के अंदर हाथ डाला। उसने अपनी चूत के बाल साफ किए हुए थे। एकदम चिकनी, गुलाबी चूत थी। मैं उसे मसलने लगा। कोमल ने मेरी गर्दन पर अपने होंठ रख दिए और चूसने लगी। उसकी सिसकारियाँ अब और तेज हो गईं—म्मम्म… आआह्ह… ऊऊऊ…

मैंने एक उंगली उसकी चूत में डाल दी। वो और जोर से सिसकारी—आआह्ह… ऊऊऊ… जान… मैंने उंगली अंदर-बाहर करनी शुरू की। उसने मेरी गर्दन पर दाँत गड़ा दिए और काटने लगी। उसकी चूत पूरी गीली हो चुकी थी। उसने अचानक कहा, “बस करो… मुझे कुछ हो रहा है!”

शायद वो चरमसुख के करीब थी। तभी मूवी खत्म हो गई, और हमने जल्दी से खुद को ठीक किया।

कुछ दिन बाद मेरा जन्मदिन था। कोमल ने पूछा, “क्या गिफ्ट चाहिए?”

मैंने हँसते हुए कहा, “मैं तुम्हें बिना कपड़ों के देखना चाहता हूँ।”

वो शरमाई, लेकिन बोली, “ठीक है, पर कहाँ?”

मैंने कहा, “तुम्हारी किसी सहेली के घर।”

उसने अपनी सहेली दीप्ति से बात की, जो अकेले कमरा लेकर रहती थी। दीप्ति मान गई। मैं उस दिन का बेसब्री से इंतजार करने लगा। आखिरकार वो दिन आ गया। कोमल ने सफेद स्कर्ट और काला टॉप पहना था। उसका फिगर इतना सेक्सी लग रहा था कि मैं उसे देखता ही रह गया। हमने केक लिया और दीप्ति के घर पहुँचे। दीप्ति ने हमारा स्वागत किया। हमने केक काटा, लंच किया, और फिर दीप्ति ने कहा, “मुझे कुछ काम है, मैं 1-2 घंटे में आती हूँ।”

वो चली गई, और अब हम दोनों अकेले थे। मैंने कोमल को अपनी बाहों में लिया और उसे जोर से गले लगाया। उसकी साँसें मेरे चेहरे पर महसूस हो रही थीं। मैंने उसके होंठ चूसने शुरू किए। वो भी मेरे होंठों को चूसने लगी। हमारा चुंबन इतना गहरा था कि हम दोनों की साँसें तेज हो गईं। मैंने उसकी कमर को सहलाया, उसकी पीठ पर हाथ फेरा, और धीरे-धीरे उसके कूल्हों तक पहुँचा। उसका बदन गर्म था, और उसकी साँसें मेरे कानों में गूँज रही थीं। मैंने उसे बिस्तर पर बिठाया और उसके गालों को चूमते हुए उसकी गर्दन पर होंठ ले गया। उसकी सिसकारियाँ शुरू हो गईं—आआह्ह… म्मम्म…

मैंने कहा, “कोमल, मेरा गिफ्ट कहाँ है?”

वो शरमाते हुए बोली, “क्या?”

मैंने कहा, “तुमने वादा किया था, मुझे तुम्हारा बदन बिना कपड़ों के देखना है।”

वो शरमा कर मेरी छाती में सिर छुपा लिया। मैंने कहा, “प्लीज, जान!”

वो बोली, “मुझे शर्म आ रही है।”

मैंने कहा, “क्या मैं खुद उतार दूँ?”

वो चुप रही और मुस्कुराई। मैंने धीरे से उसका काला टॉप ऊपर किया, उसकी गोरी कमर दिखने लगी। मैंने टॉप उतार दिया। अब वो गुलाबी ब्रा में थी। उसके 32 साइज के गोल, गोरे स्तन ब्रा में कसकर बंधे थे, जैसे दो रसीले फल हों। मैंने उसके कंधों को चूमा, उसकी ब्रा की स्ट्रैप को धीरे से नीचे खिसकाया। उसकी साँसें तेज हो गईं। मैंने ब्रा के हुक खोल दिए, और उसके स्तन आजाद हो गए। क्या नजारा था! गोल, नरम, और सख्त निप्पल्स जो गुलाबी रंग के थे। मैंने उन्हें हल्के से छुआ, और उसकी सिसकारी निकल गई—आआह्ह… म्मम्म…

इसे भी पढ़ें   भोली बेटी चुदक्कड़ निकली

मैंने उसके स्तनों को चूमना शुरू किया। पहले हल्के से, फिर धीरे-धीरे जोर से। मैंने एक निप्पल मुँह में लिया और जीभ से चूसने लगा, जैसे कोई बच्चा दूध पी रहा हो। उसकी सिसकारियाँ तेज हो गईं—आआह्ह… ऊऊऊ… जान… मैंने दूसरे स्तन को हाथ से दबाया, उसका निप्पल उंगलियों से मसला। वो मेरे सिर को अपने स्तनों पर दबाने लगी, जैसे मुझे और करीब खींचना चाहती हो। मैंने जोर-जोर से चूसना शुरू किया, कभी बाएँ स्तन को, कभी दाएँ। उसकी सिसकारियाँ अब चीख में बदल रही थीं—म्मम्म… आआह्ह… ऊऊऊ… जान… और चूसो…

मैंने उसके पेट पर kisses किए, उसकी नाभि पर जीभ फिराई। उसका बदन काँप रहा था। मैंने कहा, “अब अपनी छोटी जान दिखाओ।” (मैं उसकी चूत को छोटी जान कहता था।)

वो कुछ बोलने की हालत में नहीं थी। मैंने उसकी सफेद स्कर्ट की जिप खोली और उसे धीरे से नीचे खिसकाया। अब वो सिर्फ गुलाबी पैंटी में थी। उसकी गोरी जाँघें देखकर मेरा लंड और सख्त हो गया। मैंने उसकी जाँघों को चूमना शुरू किया, धीरे-धीरे ऊपर की ओर बढ़ते हुए। उसकी सिसकारियाँ तेज हो गईं—आआह्ह… ऊऊऊ… मम्म… मैंने उसकी पैंटी को हल्के से नीचे खिसकाया। उसकी चूत बिल्कुल साफ थी, गुलाबी रंग की, और गर्मी से तप रही थी। उसने शरमाते हुए अपनी टाँगें सिकोड़ लीं, लेकिन मैंने उन्हें धीरे से खोल दिया। मैंने उसकी चूत पर हाथ फेरा, वो गीली थी, जैसे कोई गर्म चाशनी हो। वो तड़प रही थी—म्मम्म… आआह्ह… ऊऊऊ… जान…

मैंने कहा, “मैं छोटी जान को चूमना चाहता हूँ।”

उसने कुछ नहीं कहा, बस सिसकारती रही। मैंने अपने होंठ उसकी चूत पर रख दिए और हल्के से चूमा। फिर जीभ से उसकी चूत की फाँकों को चाटने लगा। उसकी सिसकारियाँ अब चीख में बदल गईं—आआह्ह… ऊऊऊ… मम्म… जान… और चाटो… मैंने उसकी चूत की गहराई में जीभ डाली, उसका रस मेरी जीभ पर आ रहा था, जैसे कोई मीठा अमृत। मैंने एक उंगली अंदर डाली और धीरे-धीरे अंदर-बाहर करने लगा। उसने मेरा सिर अपनी चूत पर दबा लिया, जैसे मुझे और गहराई में ले जाना चाहती हो। उसकी सिसकारियाँ अब बेकाबू थीं—आआह्ह… ऊऊऊ… मम्म… जान… और तेज…

मेरी उंगली पर हल्का खून लगा, शायद उसकी सील टूटी थी। मैंने उसे चौपाया स्टाइल में खड़ा किया और दो उंगलियों से उसकी चूत को मसलने लगा। वो चिल्ला रही थी—आआह्ह… ऊऊऊ… तेज करो… फाड़ दो मेरी चूत… मैंने और जोर से उंगलियाँ चलाईं। उसकी चूत से पच-पच की आवाजें आ रही थीं। वो अचानक गिर पड़ी और मेरी बाहों में समा गई। उसकी आग ठंडी हो चुकी थी, लेकिन मेरा 7 इंच का लंड अभी भी तन रहा था।

मैंने कहा, “क्या मेरा लंड देखोगी?”

उसने शरमाते हुए कहा, “हाँ।”

मैंने अपनी पैंट की जिप खोली और मेरा तना हुआ लंड बाहर निकाला। वो उसे देखकर चौंक गई, “हाय राम! इतना बड़ा? मैंने तो बच्चों का देखा था, वो तो छोटा होता है।”

मैंने हँसते हुए कहा, “बच्चे बड़े होते हैं तो ये भी बड़ा हो जाता है। छूकर देखो।”

उसने मेरे लंड को हाथ में लिया, उसकी गर्म हथेली मेरे लंड पर थी। वो उसे धीरे-धीरे मसलने लगी, जैसे कोई नया खिलौना देख रही हो। अचानक उसने उसे चूम लिया। मैंने कहा, “ये क्या कर दिया?”

वो बोली, “तुम मेरी चूत चूम सकते हो तो मैं क्यों नहीं?”

मैंने कहा, “आई लव यू, जान।”

वो मेरे लंड को चूसने लगी, जैसे कोई लॉलीपॉप हो। उसकी जीभ मेरे लंड के सुपारे पर घूम रही थी। मैंने उसका सिर पकड़ लिया और उसके मुँह में धीरे-धीरे धक्के मारने लगा। मेरी सिसकारियाँ निकल रही थीं—आआह्ह… मम्म… कोमल… और चूसो… मेरा रस उसके मुँह में निकल गया। उसने सारा रस निगल लिया और बोली, “ये क्या था?”

मैंने कहा, “यही तो असली चीज है।”

उसे वो स्वाद पसंद आया। हमने एक-दूसरे को गले लगाया। तभी दीप्ति आ गई। कोमल खुश थी कि मैंने अपना वादा निभाया और सेक्स नहीं किया।

कुछ दिन बाद हमारी शादी की तारीख फिक्स हो गई। कोमल के मम्मी-पापा कुछ दिन के लिए बाहर गए थे। घर पर सिर्फ पूजा और कोमल थीं। हमने प्लान बनाया कि कोमल के घर पर मिलेंगे। पूजा दिन में ऑफिस चली जाती थी। कोमल ने कहा, “मुझे सेक्स का पूरा मजा लेना है।”

मैंने कहा, “ठीक है, इस बार हम सेक्स करेंगे।”

मैंने तीन कंडोम खरीदे और शनिवार शाम को दिल्ली से चंडीगढ़ निकल गया। रात 12 बजे कोमल के घर पहुँचा। पूजा और कोमल जाग रही थीं। हमने खाना खाया और बातें कीं। पूजा सोने चली गई और हँसते हुए बोली, “कुछ गलत मत करना!”

हम हँस पड़े। एक घंटे तक हम बातें करते रहे। फिर कोमल मेरी गोद में आकर बैठ गई। मैंने उसे बाहों में जकड़ लिया और उसके होंठ चूसने लगा। उसकी जीभ मेरे मुँह में थी, और मैं उसे चूस रहा था। हम दोनों गर्म हो गए। हम बेडरूम में गए और रजाई में घुस गए। मैंने उसकी कमीज ऊपर की और उसके स्तनों को चूसने लगा। वो मेरी छाती पर काटने लगी—आआह्ह… मम्म… ऊऊऊ…

इसे भी पढ़ें   देसी कुँवारी चुत चुदाई - Seal pack village girl

मैंने उसकी सलवार उतारी और उसकी चूत को चाटने लगा। वो सिसकार रही थी—आआह्ह… ऊऊऊ… मम्म… जान… चोद दो मुझे… उसकी चूत फाड़ दो…

मैंने कहा, “कंडोम मेरी पैंट में है।”

पैंट दूसरे कमरे में थी, जहाँ पूजा सो रही थी। कोमल ने कहा, “रहने दो, वो जाग जाएगी।”

मैंने उंगली उसकी चूत में डाली और उसे चोदने लगा। उसने मेरा लंड मुँह में लिया और चूसने लगी। हमने एक-दूसरे की प्यास बुझाई और सो गए।

सुबह पूजा ऑफिस चली गई। मैंने कोमल को रसोई में पीछे से पकड़ लिया और उसकी गर्दन चूमने लगा। उसने सलवार-कमीज पहनी थी, जो उसके कूल्हों पर चिपक रही थी। मैंने उसे पलटकर अपनी बाहों में लिया और उसके होंठ चूसने लगा। उसकी साँसें तेज थीं, और वो मेरे सीने से चिपक गई। मैंने उसे गोद में उठाया और बेडरूम में ले गया।

मैंने उसकी कमीज धीरे-धीरे उतारी। उसकी गुलाबी ब्रा में उसके 32 साइज के स्तन तने हुए थे। मैंने ब्रा के ऊपर से ही उसके स्तनों को दबाया, फिर हुक खोलकर उन्हें आजाद किया। मैंने उसके निप्पल्स को चूमा, जीभ से चाटा, और हल्के से काटा। वो सिसकार रही थी—आआह्ह… मम्म… ऊऊऊ… जान… और चूसो…

मैंने उसकी सलवार का नाड़ा खोला और उसे नीचे खिसकाया। उसकी गुलाबी पैंटी भीग चुकी थी। मैंने पैंटी उतारी और उसकी चूत को चूमना शुरू किया। उसकी चूत गीली थी, और उसका रस मेरी जीभ पर आ रहा था। मैंने जीभ अंदर डाली और उसकी चूत की गहराई में चाटने लगा। वो चिल्ला रही थी—आआह्ह… ऊऊऊ… जान… फाड़ दो मेरी चूत…

मैंने कंडोम निकाला और अपने 7 इंच के लंड पर चढ़ाया। मैंने कोमल को बिस्तर पर लिटाया और उसके ऊपर चढ़ गया। मैंने लंड उसकी चूत पर रखा और धीरे से धक्का मारा। लंड का सुपारा अंदर गया। वो चीख पड़ी—आआह्ह… धीरे… दर्द हो रहा है…

मैं रुक गया और उसके होंठ चूसने लगा। मैंने उसके स्तनों को सहलाया, उसके निप्पल्स को मसला, ताकि उसका दर्द कम हो। फिर मैंने धीरे से धक्का मारा। इस बार मेरा लंड और अंदर गया। वो फिर चीखी, लेकिन इस बार उसकी चीख में दर्द के साथ-साथ मजा भी था। मैंने धीरे-धीरे धक्के मारने शुरू किए। उसकी चूत टाइट थी, और मेरा लंड उसे धीरे-धीरे खोल रहा था। पच-पच की आवाजें कमरे में गूँज रही थीं।

कोमल अब मेरा साथ दे रही थी। वो अपनी गांड उठाकर मेरे धक्कों का जवाब दे रही थी—आआह्ह… तेज करो… चोदो मुझे… और जोर से… मैंने स्पीड बढ़ा दी। उसकी चूत से हल्का खून निकल रहा था, उसकी सील टूट चुकी थी। मैंने उसे घोड़ी बनाया और पीछे से लंड डाला। उसकी चूत अब और खुल गई थी, और वो जोर-जोर से सिसकार रही थी—आआह्ह… ऊऊऊ… जान… फाड़ दो… और तेज…

मैंने उसे दीवार के सहारे खड़ा किया और उसकी एक टाँग उठाकर लंड अंदर डाला। वो मेरे कंधों पर झूल रही थी, और मैं उसे जोर-जोर से चोद रहा था। फिर मैंने उसे गोद में उठाया और खड़े-खड़े चोदा। वो मेरे गले से लिपट गई और चिल्ला रही थी—आआह्ह… ऊऊऊ… मम्म… चोदो… और चोदो…

अब वो मेरे ऊपर चढ़ गई। उसने मेरे लंड को अपनी चूत में लिया और जोर-जोर से उछलने लगी। उसकी चूत से पच-पच की आवाजें आ रही थीं, और वो बेकाबू हो रही थी—आआह्ह… ऊऊऊ… जान… मैं गई… मैंने उसे कसकर पकड़ लिया और और तेज धक्के मारे। हम दोनों एक साथ चरमसुख पर पहुँचे। मेरा रस कंडोम में निकल गया, और वो मेरी बाहों में निढाल हो गई।

हमने बाथरूम में एक और राउंड किया। गर्म पानी की फुहारों के बीच मैंने उसकी चूत को फिर से चाटा, और उसने मेरा लंड चूसा। फिर हमने बाथरूम में ही चोदा। तीसरा राउंड किचन में हुआ, जहाँ मैंने उसे काउंटर पर बिठाकर चोदा। तीनों कंडोम खर्च हो गए।

कोमल बोली, “मैंने कभी नहीं सोचा था कि शादी से पहले ऐसा करूँगी। ये गिफ्ट मैं कभी नहीं भूलूँगी। आई लव यू।”

हमारी शादी को दो साल हो गए। हम आज भी उस बारिश वाले किस और पहले सेक्स को याद करते हैं।

आपको हमारी कहानी कैसी लगी? अपने विचार कमेंट में जरूर बताएँ।

Related Posts

Report this post

Leave a Comment