मेरा नाम अटल है। मैं कानपुर में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा हूँ और एक किराए के फ्लैट में रहता हूँ। मेरे साथ दो दोस्त और रहते हैं, लेकिन अभी दोनों अपने घर गए हुए हैं, तो मैं फ्लैट में अकेला हूँ। ये बात मेरी पड़ोसन कंचन भाभी को पता थी। कंचन भाभी मेरे ही टावर की 17वीं मंजिल पर रहती हैं। दोस्तों, क्या बताऊँ, वो ऐसी औरत हैं कि जिसे देखकर किसी का भी लंड खड़ा हो जाए। उनकी खूबसूरती और सेक्सी फिगर का कोई जवाब नहीं। अभी तक उनका कोई बच्चा नहीं है, लेकिन उनकी जवानी ऐसी है कि कोई भी बिना मुठ मारे रह नहीं सकता। मैं तो सच कहूँ, कई रातें उनकी याद में बाथरूम में अपने लंड को शांत करता रहा हूँ।
कंचन भाभी की लंबाई अच्छी है, गोरा रंग, लंबे-लंबे काले बाल, पतली कमर और चौड़ी गांड। उनकी चूचियां, यार, क्या बताऊँ! बिल्कुल टाइट, भारी और आगे की ओर उभरी हुई। जब वो ब्लाउज में होती हैं, तो उनकी चूचियां ऐसे लगती हैं मानो ब्लाउज फटने को तैयार हो। और ऊपर से साड़ी का पल्लू जब साइड में सरक जाता है, तो वो नजारा! हाय! उनके गुलाबी होंठ, लंबी गर्दन, और चूतड़ों का उभार ऐसा कि देखते ही लंड टनटना शुरू हो जाए। उनकी लंबी उंगलियां और सेक्सी नाखून उनकी पहचान हैं। जब वो किसी को देखती हैं, तो उनकी आँखों में ऐसी चमक होती है कि मानो बरसात शुरू हो गई हो। भाभी हो तो कंचन भाभी जैसी, और बीवी मिले तो भी ऐसी ही!
मैं हर रात भगवान से यही दुआ करता हूँ कि मेरी शादी हो तो मेरी बीवी कंचन भाभी जैसी हो। उनके पति को मैं हमेशा “नमस्ते भैया” कहता हूँ, तो हल्की-फुल्की जान-पहचान हो गई है, लेकिन इतनी नहीं कि घर आना-जाना हो। हमारी सोसाइटी का व्हाट्सएप ग्रुप है, जिसमें मैं अक्सर उनकी डीपी देखता रहता हूँ। उनकी हर तस्वीर में वो इतनी सेक्सी लगती हैं कि बस मन करता है उन्हें चूम लूँ।
कल रात की बात है, करीब 9 बजे होंगे। मैंने खाना खा लिया था और अपने कंप्यूटर पर कुछ काम कर रहा था। तभी मेरा फोन बजा। देखा तो व्हाट्सएप कॉल थी। मैंने फोन उठाया, उधर से कंचन भाभी की आवाज आई, “अटल, मैं भाभी बोल रही हूँ, कंचन भाभी। जानते हो ना, 17वीं मंजिल वाली?” मैंने तुरंत कहा, “हाँ, हाँ, भाभी! नमस्ते!” वो हँस पड़ीं और बोलीं, “अरे, नमस्ते की क्या जरूरत? हेलो बोला कर, मैं थोड़ी-सी बड़ी हूँ, तू थोड़ा छोटा। दोस्तों की तरह बात कर मेरे साथ। सुन, एक जरूरी काम है। क्या तू 10 मिनट के लिए मेरे फ्लैट पर आ सकता है?”
मेरा दिल जोर-जोर से धड़कने लगा। मैंने कहा, “हाँ, भाभी, मैं 10 मिनट में आता हूँ।” फटाफट मैंने कपड़े पहने, एक नीली टी-शर्ट और जींस डाली, और लिफ्ट से 17वीं मंजिल पर पहुँच गया। बेल बजाई, और ऐसा लगा जैसे वो मेरा इंतजार ही कर रही थीं। दरवाजा तुरंत खुल गया। भाभी ने एक पतली सी काली नाइटी पहनी थी, जिसमें उनकी चूचियां साफ दिख रही थीं। वो नाइटी इतनी टाइट थी कि उनकी गांड का उभार भी बाहर से साफ नजर आ रहा था।
मैं अंदर गया, उन्होंने दरवाजा बंद किया और बोलीं, “बैठ, अटल, सोफे पर।” मैं सोफे पर बैठ गया। मैंने पूछा, “क्या बात है, भाभी? आपने मुझे याद किया?” वो मुस्कुराईं और बोलीं, “हाँ, क्यों, याद नहीं कर सकती?” फिर वो मेरे पास आकर बैठ गईं और बोलीं, “देख, अटल, मैं बोर हो रही हूँ। तुम्हारे भैया तीन-चार दिन के लिए बाहर गए हैं, कंपनी के काम से। मैं अकेली हूँ, मन नहीं लग रहा। और हाँ, एक बात पूछनी थी। मैं कुछ पढ़ाई-लिखाई करना चाहती हूँ, कोई ऐसा कोर्स बता जिससे मैं घर बैठे पैसे कमा सकूँ। या फिर कोई यूट्यूब चैनल बना दो, मैं अपनी सेक्सी अदाओं से लोगों को रिझाऊँ और पैसे कमाऊँ। क्या ये ठीक रहेगा?”
मैंने कहा, “भाभी, आजकल लोग यूट्यूब से खूब पैसे कमा रहे हैं। आपकी तो बात ही अलग है, आप चाहें तो लाखों लोग आपके दीवाने हो जाएंगे। लेकिन भैया को ये सब अच्छा लगेगा?” वो मेरे और करीब आईं, उनकी जांघ मेरी जांघ से सट गई। उन्होंने कहा, “इसलिए तो तुझे अकेले में बुलाया है, ताकि तू मुझे अच्छे से समझा दे।” दोस्तों, मुझे अब समझ आ रहा था कि ये सब उनका बहाना था। उनकी नाइटी में से उनकी चूचियां साफ दिख रही थीं, और वो ऐसा डियोडरेंट लगाए थीं कि मेरा लंड धीरे-धीरे खड़ा होने लगा।
वो मेरे और करीब आईं और बोलीं, “अटल, मैं बहुत पढ़ी-लिखी हूँ, लेकिन तुम्हारे भैया मुझे बाहर काम करने नहीं देते। उनको डर है कि कहीं मैं किसी के साथ चक्कर ना चला लूँ। लेकिन सच बताऊँ, वो मुझे बिस्तर पर खुश नहीं कर पाते। उनकी कमजोरी की वजह से मेरी जिंदगी बर्बाद हो रही है।” ये सुनकर मेरा दिमाग ठनक गया। मैंने कहा, “क्या भैया का किसी और के साथ चक्कर तो नहीं?” वो बोलीं, “नहीं, चक्कर की बात नहीं। बस उनकी कमजोरी है, जिसके कारण वो मुझे संतुष्ट नहीं कर पाते।”
वो और करीब आईं, उनकी गर्म साँसें मेरे चेहरे पर टकरा रही थीं। उन्होंने अपना हाथ मेरी जांघ पर रख दिया और बोलीं, “मेरी सहेलियों के बच्चे हो गए, लेकिन मेरा कोई बच्चा नहीं। लोग सवाल पूछते हैं, मैं क्या जवाब दूँ? मैं तो कोशिश करती हूँ, लेकिन कुछ होता ही नहीं।” उनकी बातें सुनकर मेरा लंड पूरा टाइट हो गया। उनकी जांघ मेरी जांघ से सट रही थी, और वो मेरी आँखों में देख रही थीं। अचानक उन्होंने अपना हाथ मेरे गाल पर रखा और सहलाते हुए बोलीं, “अटल, क्या तू आज रात मेरे साथ रहेगा? मैं आज तेरे साथ सोना चाहती हूँ।”
मेरा दिल जोर-जोर से धड़क रहा था। मैंने हकलाते हुए कहा, “लेकिन भाभी, अगर किसी को पता चल गया तो?” वो हँसीं और बोलीं, “कैसे पता चलेगा? तू बोलेगा या मैं बोलूँगी? कोई तीसरा यहाँ है क्या?” उनकी बात सुनकर मेरी हिम्मत बढ़ गई। वो बार-बार अंगड़ाइयाँ ले रही थीं, उनकी चूचियां नाइटी में ऊपर-नीचे हो रही थीं। उनकी साँसें तेज थीं, और मेरी साँसें भी तेज हो रही थीं। मैं पहली बार किसी औरत के इतने करीब था, वो भी रात के 9:30 बजे।
अचानक उन्होंने मेरे गाल पर एक चुम्मा दे दिया। मेरे पूरे शरीर में करंट दौड़ गया। मैंने उनके चेहरे को सहलाया, तो वो अपनी आँखें बंद कर लीं। मैंने हिम्मत करके अपना हाथ उनकी चूचियों पर रखा। उनकी चूचियां इतनी मुलायम और भारी थीं कि मैं पागल हो गया। उन्होंने मेरे हाथ को कसकर पकड़ा और अपनी चूचियों पर दबाया। फिर वो मुझे अपनी ओर खींचकर मेरे होंठ चूमने लगीं। उनके गुलाबी होंठ मेरे होंठों पर थे, वो मेरे गाल, मेरी गर्दन, मेरे होंठ चूम रही थीं, जैसे बरसों से प्यासी हों।
हम दोनों ने एक-दूसरे को कसकर पकड़ लिया और होंठों को लॉक कर लिया। मैं उनके होंठ चूस रहा था, उनकी जीभ मेरी जीभ से खेल रही थी। दोस्तों, ऐसा लग रहा था जैसे मैं स्वर्ग में हूँ। उन्होंने मुझे खींचा और अपने बेडरूम में ले गईं। उनका बेडरूम शानदार था, बड़ा सा गद्दा, मुलायम चादरें, और हल्की रोशनी। उन्होंने मुझे बेड पर धक्का दे दिया और अपनी नाइटी उतार फेंकी। उनकी गोरी चूचियां मेरे सामने थीं, बिना ब्रा के, निप्पल्स गुलाबी और टाइट।
वो मेरे ऊपर चढ़ गईं और मेरी टी-शर्ट उतारने लगीं। मैंने उनकी मदद की और अपनी टी-शर्ट फेंक दी। उन्होंने मेरी उंगलियों में अपनी उंगलियां फंसाईं और मेरे होंठ चूसने लगीं। उनकी चूचियां मेरी छाती पर रगड़ रही थीं, उनकी गर्म साँसें मेरे चेहरे पर टकरा रही थीं। मेरा लंड अब जींस में तंबू बना रहा था। वो नीचे आईं, मेरी जींस का बटन खोला, और मेरा 7 इंच का लंड बाहर निकाल लिया। वो मेरी आँखों में देखते हुए मेरे लंड को अपने मुँह में लेने लगीं। “आआह्ह,” मैं सिसकार उठा। वो मेरे लंड को चूस रही थीं, जैसे कोई लॉलीपॉप हो। उनकी जीभ मेरे लंड के टोपे पर घूम रही थी, और वो मेरी गोटियों को सहला रही थीं।
मैंने उनके बाल पकड़े और उनके मुँह में धक्के देने लगा। वो “उम्म्म… उम्फ्फ” की आवाजें निकाल रही थीं। फिर मैंने उन्हें ऊपर खींचा और उनकी चूचियों को मुँह में ले लिया। उनके निप्पल्स को चूसते हुए मैंने उनकी चूचियों को जोर-जोर से दबाया। वो “आआह्ह… अटल… और जोर से…” कह रही थीं। मैंने उनकी चूत पर हाथ फेरा, वो पूरी गीली थी। मैंने उनकी चूत को सहलाया, उनकी क्लिट को रगड़ा, और वो सिसकारियाँ भरने लगीं, “उउउ… हाय… अटल, चाट इसे…”
मैं नीचे गया, उनकी टाँगें फैलाईं, और उनकी गुलाबी चूत को चाटने लगा। उनकी चूत इतनी गर्म और रसीली थी कि मैं पागल हो गया। मैंने अपनी जीभ उनकी चूत के अंदर डाली, उनकी क्लिट को चूसा, और वो मेरे बाल पकड़कर चिल्लाने लगीं, “मादरचोद, चाट मेरी चूत! आज मेरी गर्मी निकाल दे!” उनकी गालियाँ सुनकर मेरा जोश और बढ़ गया। मैंने उनकी गांड के छेद को भी चाटा, और वो “आआह्ह… उफ्फ्फ…” की आवाजें निकाल रही थीं।
फिर वो अचानक उठीं और बोलीं, “अब बस, अटल! अपना लंड डाल दे मेरी चूत में!” मैंने उनकी टाँगें अपने कंधों पर रखीं, अपना लंड उनकी चूत पर रगड़ा, और एक जोरदार धक्का मारा। “आआआह्ह्ह!” वो चिल्ला उठीं। मेरा लंड उनकी टाइट चूत में पूरा घुस गया। मैं धक्के देने लगा, और वो नीचे से अपनी गांड उठा-उठाकर मेरे लंड को और गहराई में ले रही थीं। “उफ्फ्फ… चोद मुझे… और जोर से… रंडी बना दे मुझे!” वो चिल्ला रही थीं।
मैंने उनकी चूचियों को पकड़ा, उनके निप्पल्स को मसला, और जोर-जोर से धक्के मारे। “पच-पच-पच” की आवाजें कमरे में गूँज रही थीं। हर धक्के के साथ उनकी चूचियां उछल रही थीं। फिर मैंने उन्हें घुमाया और कुतिया की तरह चोदने लगा। उनकी गांड मेरे सामने थी, मैंने उनकी चूत में पीछे से लंड डाला और जोर-जोर से ठोकने लगा। वो “आआह्ह… मादरचोद… और गहरा!” चिल्ला रही थीं।
फिर मैंने उनका गांड का छेद देखा, जो गीला और टाइट था। मैंने पूछा, “भाभी, गांड मारूँ?” वो बोलीं, “हाँ, मादरचोद, मेरी गांड भी मार!” मैंने थूक लगाया और अपना लंड उनकी गांड में धीरे-धीरे घुसाया। वो दर्द से कराह उठीं, “उउउ… धीरे… आआह्ह…” लेकिन फिर वो मजे लेने लगीं। मैंने उनकी गांड में धक्के मारे, और वो “उफ्फ्फ… चोद दे मेरी गांड!” चिल्ला रही थीं।
करीब 10 मिनट बाद वो सीधी लेट गईं और बोलीं, “अटल, अपना माल मेरी चूत में छोड़ दे। मैं तेरे बच्चे की माँ बनना चाहती हूँ।” मैंने फिर से उनकी चूत में लंड डाला और जोर-जोर से चोदने लगा। वो अपनी गांड घुमा-घुमाकर मेरे लंड को अंदर ले रही थीं। “आआआ… उफ्फ्फ… चोद दे मुझे!” वो चिल्ला रही थीं। मैं भी जोश में आ गया और बोला, “रंडी, आज तेरी चूत फाड़ दूँगा!” करीब 15 मिनट की चुदाई के बाद मैंने अपना सारा माल उनकी चूत में छोड़ दिया। “आआआह्ह्ह!” हम दोनों एक साथ झड़ गए।
वो शांत हो गईं। उनके बाल बिखर गए थे, काजल फैल गया था, और लिपस्टिक उनके होंठों से गाल तक फैल गई थी। उनका गोरा बदन पसीने से चमक रहा था। मैं उनके बगल में लेट गया, और कब नींद आ गई पता ही नहीं चला। रात को 2 बजे वो फिर मुझे जगाईं और बोलीं, “अटल, एक बार और चोद दे।” मैंने फिर से उन्हें चोदा, इस बार और जोर-जोर से। फिर 4 बजे एक और राउंड चुदाई के बाद मैं अपने फ्लैट पर वापस आ गया।
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