निकिता भाभी को चोदने का सपना पूरा हुआ

हेलो दोस्तों मैं आदित्य एक बार फिर से अपनी सच्ची कहानी लेकर आप सबके सामने हाजिर हूँ ! ये कहानी इतनी गर्म है की आप सभी के लंड और चूतें पानी छोड़ने को मजबूर हो जाये !

ये कहानी मेरी बड़ी भाभी निकिता और मेरी है निकिता भब्बी की उम्र ३४ है और वो बेहद कामुक सुंदर और गदराई हुई माल है , उसके बड़े बड़े बूब्स ३६ साइज के और उसकी निकली हुई गांड बहुत बड़ी और क़ातिलाना है , लंबी है और एकदम गोरी , उसको देख कर कोई भी उसे बिना चोदे नहीं रह सकता !

भाभी को चोदने की मेरी इक्षा १० साल पुरानी है लेकिन कभी ऐसा मौका नहीं मिला हालांकि निकिता भाभी मुझसे बहुत खुली हुई थी और मुझे बहुत लाइन भी देती थी , और कभी कभी मुझे हग भी कर लेती थी , हम दोनों के बीच में बहुत तालमेल था , उसे देखते ही मुझे उसे चोदने का मन करता था पर कभी मौका नहीं मिला ! खैर ऊपर वाले ने मेरी सुनी और कुछ दिन पहले एक रिश्तेदार की शादी में जाने के लिए कानपुर जाना था पर घर में सब इतने व्यस्त थे की किसी के पास समय नहीं था और जाना भी जरूरी था , तो ये तय हुआ की मैं और निकिता भाभी जाएँगे !

अगले दिन मैंने टिकट की फर्स्ट एसी की और हम लोग रात वाली ट्रेन से कानपुर के लिए रवाना हो गए ,

मुझे याद है, मैं अपनी भाभी निकिता के लिए तरसता रहा हूँ. उसके रसीले बूब्स और मोटी गांड बस इसके बारे में सोचने से ही मैं उत्तेजित हो जाता हूँ. मैं सालों से उसे चोदना चाहता था, लेकिन कभी मौका नहीं मिला. ट्रेन में मैं उससे अपनी आँखें नहीं हटा पा रहा था, लाल पतलू साड़ी में निकिता भाभी एकदम माल लग रही थी और साड़ी जो उसके शरीर को सही जगहों पर कसकर पकड़े हुए थी. उसकी क्लीवेज पूरी तरह से दिख रहे थे और मैं पतले कपड़े से उसके कठोर निप्पलों की रूपरेखा देख सकता था..उसके बूब्स को देख कर मेरा लंड बेकाबू हो रहा था और मैं उसको छिपाने की कोशिश कर रहा था.

जैसे-जैसे ट्रेन आगे बढ़ती गई, डिब्बे धीरे-धीरे खाली होते गए जब तक कि केवल निकिता और मैं ही नहीं बचे. मैं अब और बर्दास्त नहीं कर पा रहा था मैं उसके करीब चला गया, मेरा हाथ उसकी जांघ पर टिका हुआ था. उसने मेरी तरफ देखा, उसकी आँखों में आश्चर्य और उत्तेजना चमक रही थी.

“आदित्य, तुम क्या कर रहे हो?” उसने फुसफुसाया, लेकिन उसने मेरा हाथ नहीं हटाया.

“मैं तुम्हें इतने लंबे समय से चाहता था, निकिता,” मेरी आवाज़ भारी थी. “मैं अब और खुद को रोक नहीं सकता.”

मैं झुक गया और उसके होंठों को किस कर लिया. भाभी सिसक उठी, उसकी जीभ मेरी जीभ से लग गई. मेरे हाथ उसके शरीर पर घूम रहे थे, उसके बूब्स और चूतड़ों को निचोड़ रहे थे, उसे महसूस कर रहे थे, भाभी भी गर्म हो रही थी और अपनी गांड मेरे हाथ से रगड़ रही थी,

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मैंने उसकी साड़ी खोलना शुरू कर दिया, उसके नंगे शरीर को अपनी भूखी आँखों के सामने देख कर मैं पागल हो गया . उसके बूब्स मेरी कल्पना से भी बड़े थे, और उसकी चुत गीली और मेरे लिए तैयार थी. मैंने अपना सिर नीचे किया और उसके एक निप्पल को अपने मुँह में ले लिया, उफ्फ क्या ग़ज़ब का स्वाद था भाभी सिसकियाँ लेने लगी उफ्फ आदि और चूसो खा जाओ मेरे बूब्स का आआह भाभी की  उंगलियाँ मेरे बालों में उलझ गईं.

मैंने उसके पूरे जिस्म पर किस करने लगा पागलों की तरह उसके गोरे जिस्म को चाटने लगा मेरी जीभ उसकी चुत में अंदर बाहर होने लगी मैंने उसके पैरों को चौड़ा फैलाया और अपनी जीभ और अंदर तक उसकी चूत में डाल कर चाटने लगा उसका स्वाद बहुत गजब था मैंने उसे एक भूखे आदमी की तरह खाया, मेरी जीभ उसके गर्म, तंग छेद में गहराई तक जा रही थी.

“आह आह उफ़्फ़फ़ आदित्य!” वह हाँफने लगी, उसकी गांड उछल रही थी भाभी बोल रही थी रुको मत आदि और चाटो मेरी चूत को मैं कबसे तुम्हारे लिए बेताब थी मैं बता नहीं सकती इतना मज़ा ज़िन्दगी में कभी नहीं आया आदि आआआआआह् खा जाओ मेरी चूत फाड़ डालो इसे आज मैं तुम्हारी हूँ आदि मेरी जान जैसे चाहो आज मुझे रगड़ के चोदो !”

मैं भी लगातार उसकी चुत का पानी चाट चाट कर पी रहा था उसकी चुत २ बार झड़ चुकी थी मैं उसे चरम सुख तक पहुँचाना चाहता था, मैंने उसे चाटा और चूसा और अपनी जीभ से उसे तब तक चोदा जब तक वह मेरे नीचे तड़पने नहीं लगी, उसका शरीर तनाव में आ गया क्योंकि उसका चरम सुख करीब आ रहा था.

“हे भगवान, आदि मैं फिर से झड़ने वाली हूँ आह्ह उफ़्फ़्फ मैं आ रही हूँ!” वह चिल्लाई, उसकी चुत मेरी जीभ के चारों ओर सिकुड़ गई क्योंकि वह जोर से आई.

मैंने उसके चुत के पानी को फिर से चाट लिया, हर बूंद का स्वाद लिया, मैंने उसके शरीर पर वापस किस करते हुए अपना लंड भाभी के मुंह के पास ले गया मैंने कहा भाभी चूसो इसे आज से ये लंड तुम्हारा है जी भर के चुस इसे साली रंडी बहुत तड़पायी है मुझे अपने जिस्म को दिखा के आज तेरी चुत और गांड सब फाड़ दूँगा निकिता भाभी मेरी आवाज़ भारी हो रही थी मैंने फिर कहा भाभी आज तुम्हें बहुत बुरी तरह से चोदना है मुझे !  भाभी ने लपक कर मेरा लंड अपने मुंह में भर लिया और जोर जोर से चूसने लगी , आहह उफ्फ भाभी मेरी जान मजा आ गया उफ्फ़फ़ और चूसो बहुत देर तक अपना लंड चुसवाने के बाद भाभी बोली आदि मेरी जान अब मत तड़पाओ मुझे चोदो, आदित्य. मुझे जोर से चोदो और तब तक मत रुकना जब तक तुम थक ना जाओ , मैंने कहा आज मैं रुकने वाला नहीं हूँ साली राँड तू देखते जा आज तेरी चुत का भोसड़ा बना दूँगा मैं !

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मैंने लंड भाभी की चुत के छेद पर रखा और  मेरा लंड फिसल कर जोर से भाभी की चुत में घुस गया, उसे पूरी तरह से भर दिया भाभी की चुत बहुत गीली थी, उसकी चूत ने मेरे लंड को मुट्ठी की तरह जकड़ लिया मैंने हिलना शुरू कर दिया, धीरे-धीरे बाहर खींचते हुए फिर वापस अंदर धकेलते हुए, एक के बाद एक जोरदार धक्के देके मैं भाभी की चुदाई करने लगा , aaaaaaaahhhhh आदि साले मादरचोद थोड़ा रहम कर मेरी चूत फट जाएगी आदि आराम से चोद मेरी जान मैं कहीं भागी नहीं जा रही हूँ भाभी ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगी थी ,

“ओह आदित्य!” वह चिल्लाई, उसके नाखून मेरी पीठ में गड़ गए. “और जोर से! और तेज!”

मैंने आज्ञा का पालन किया, उसे लगातार चोदते हुए, हमारे जिस्म के एक-दूसरे से टकराने की आवाज़ से डिब्बे भर गए. उसने अपनी टांगें मेरी कमर के चारों ओर लपेट लीं, मुझे और अंदर तक खींच लिया, मुझे आगे खिचने लगी

“मुझे ऐसे चोदो जैसे तुम सच में चाहते हो,” वह हाँफने लगी, उसके बूब्स हर धक्के के साथ उछल रहे थे. “मुझे दिखाओ आदि आज अपनी मर्दानगी जो तुम्हारा भाई नहीं दिखा पाया कि एक असली मर्द कैसा चोदता है.”

मैंने उसके बूब्स को पकड़ा, उन्हें निचोड़ते और गूंथते हुए जैसे मैंने उसे और जोर से, और तेज, और गहराई से चोदा. वह मेरे नीचे कराह उठी और तड़पने लगी, उसकी चुत मेरे लंड के चारों ओर फड़फड़ा रही थी, भाभी की चुत लगातार पानी छोड़ रही थी वो झड़ गई थी

“मैं भी झड़ने वाला था मैंने भाभी को बोला भाभी  मैं तुम्हारे चुत को अपने पानी से भर दूँगा.”

“हाँ आदि डाल दो अपना बीज मेरी चुत में मेरी जान aaaaahhhhh उसकी आवाज़ इच्छा से भरी हुई थी. “मेरे आदित्य. मुझे अपना बच्चा दे दो आदि भर दो मेरी चुत में अपना माल !

एक आखरी शक्तिशाली धक्के के साथ, मैंने खुद को उसके चुत के अंदर गहराई तक डाल दिया और साला माल निचोड़ दिया उसकी गर्म चुत में ! मेरा लंड अभी भी धड़क रहा था भाभी ने मेरे लंडके हर आखिरी बूंद तक को निचोड़ लिया था.

हम एक साथ गिर पड़े, हमारे शरीर पसीने और वीर्य से सने हुए थे. मैंने उसे बहुत चूमा, उसकी जीभ को चूसते हुए उसकी मादक खुश्बू का मजा लिया.

वह तो बस शुरुआत थी. कानपुर में अगले दो दिनों तक, हमने बहुत बुरी तरह चुदाई की , होटल के हर कमरे में, हमने बिस्तर पर, फर्श पर, दीवार के सहारे, शॉवर में चुदाई की हमने तब तक चुदाई की जब तक हम थक कर चूर नहीं हो गए मैंने भाभी की चुत उसके मुंह उसकी गांड सब जगह उसकी चुदाई की सच में मैंने जन्नत का मजा लिया हर बार चोदके भाभी को चरमसुख तक पहुँचाया, मेरी जीभ, मेरी उंगलियाँ, मेरा लंड उसे ऐसे आनंद की ऊंचाइयों तक ले गया जो उसने पहले कभी अनुभव नहीं किया उसने मेरे लंड  को एक रंडी की तरह चूसा, मेरे लंड को गले में गहराई तक ले गई, मेरी लंड की लंबाई पर घुटती रही. होटल में आखरी दिन भाभी ने  मुझ पर रिवर्स काउगर्ल की तरह सवारी की, उसकी गांड मेरे लंड पर उछल रही थी क्योंकि उसने खुद को मुझ पर पटक दिया था, उसके बूब्स मेरे चेहरे पर हिल रहे थे.

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हमने एक-दूसरे से बहुत गंदी बातें कीं, एक-दूसरे को बताया कि हम एक-दूसरे के साथ क्या करना चाहते थे, हम एक-दूसरे से क्या करवाना चाहते थे. हमने इतनी जोर से और इतनी बार चुदाई किया कि हम दोनों खरोंचों और दांतों के निशानों से ढके हुए थे, हमारे भावुक पल के यादगार निशान.

जब तक हमें घर लौटना पड़ा, हम दोनों थके हुए और संतुष्ट थे. हम जानते थे कि हमने जो किया था वह गलत नहीं था या था पर हम दोनों एकदम संतुष्ट थे जानते थे कि हमने एक ऐसी रेखा पार कर ली थी जिसे वापस नहीं किया जा सकता था. लेकिन हम दोनों ने एक दूसरे के साथ ये सफ़र रोमांचक बना दिया था !

जब हम घर वापस जाने वाली ट्रेन में चढ़े, तो मैं यह सोचने से खुद को रोक नहीं पाया कि आगे क्या होगा. क्या हम अपना संबंध जारी रखेंगे, मेरे भैया की पीठ पीछे छिपकर? या हम सब भूलने की कोशिश करेंगे,

केवल समय ही बताएगा. लेकिन एक बात निश्चित थी – मैं निकिता भाभी की चूत का स्वाद, अपने हाथों में उसके बूब्स  का एहसास, उसके कराहने की आवाज को कभी नहीं भूलूंगा जब मैंने उसे बेहोश कर दिया था. और मैं जानता था कि वह भी इसे कभी नहीं भूलेगी. दोस्तों आपको ये कहानी कैसी लगी जरूर मेल करके बतायें !

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