हाय फ्रेंड्स, आज मैं आपको cousin hot sex story बताऊंगा। मेरा नाम सचिन है, मैं अभी पुणे में एक कंपनी में जॉब करता हूँ। बात तब की है जब मैं 11 और 12 की पढ़ाई के लिए अपने मामा के घर रायपुर गया था। वहाँ मैं 2 साल तक रहा, तब मैंने पहली बार वहाँ जाकर हिलाना (मुठ मारना) सीखा था और मैंने अपने मामा के दोनों लड़कों के साथ ब्लू फिल्म भी वहीं पर पहली बार देखी थी। cute cousin sex story
मेरे मामा की एक बड़ी बेटी भी है जिसका नाम श्रृष्टि है, वो उस समय यूनिवर्सिटी से बी.ए. कर रही थी, उसकी हाइट 5’5″ होगी, दूध की तरह एकदम गोरा रंग और फिगर साली का एकदम लंड खड़ा कर देने वाला था 38 28 38। यारों अब आप ही सोच लो जब वो टॉप और मिनी स्कर्ट पहनती होगी तो क्या जलवे बिखेरती होगी साली।
कई बार मैं उसे घर के काम करते हुए मैं अपना हाथ उसकी गांड पर रगड़ देता था, तो वो थोड़ा सा हिल जाती थी। मेरा कॉलेज 12 बजे से 4 बजे तक होता था और श्रृष्टि का भी कॉलेज 12.30 से होता था। और मेरे मामा के लड़कों का सुबह 7 बजे से 2 बजे तक था, और मामा भी 8.30 को ऑफिस के लिए रोज निकल जाते थे।
घर में सिर्फ मैं, मेरी मामी, और मेरी श्रृष्टि ही रहते थे। मैं अपने ऊपर वाले कमरे में 11.30 बजे तक पढ़ता था और मामी और श्रृष्टि घर की सफाई करते थे। मेरी मामी कपड़े धोने के लिए नीचे आंगन में आकर कपड़े धोती थी। जो कि मेरे ऊपर वाले रूम के पीछे वाले दरवाजे से नीचे की ओर एकदम साफ-साफ दिखाई देता था।
और मामी रोज कपड़े धोने के बाद वहीं पर अपनी मैक्सी (नाइट गाउन) निकाल कर नहाने लगती थी। मैं ये नजारा रोज देखा करता था और रोज-रोज मामी के बड़े-बड़े बल्ल और उनकी सेक्सी सी चूत को देख के अपने 7 इंच के लंबे लंड को पकड़ के हिलाता था। और सारा स्पर्म किसी न्यूज़पेपर में गिरा के फेंक देता था। और जब कभी मामी सुबह-सुबह किसी आंटी के घर चली जाती थीं तब मुझे असली मौका मिलता था अपनी भूख को शांत करने का।
जब मामी चली जाती थी तो घर में मैं और सिर्फ श्रृष्टि ही बचते थे। और श्रृष्टि रोज 11.00 बजे नहाने जाती थी, और हमारे बाथरूम में एक दीवार के कोने में छोटा सा रोशनदान बना हुआ है। जैसे ही श्रृष्टि नहाने के लिए बाथरूम जाती थी मैं जल्दी से एक चेयर लगा के उस विंडो से उसे देखा करता था। ओह्ह्ह्ह्ह फक वो गोरा बदन और उसके बड़े-बड़े दोनों बल्ल और उसपे पिंक कलर का निप्पल।
यार मैं तो देख के पागल हो जाता था, और जब नीचे देखता था तब तो यार, वो उसकी चूत की लिप्स दोनों एकदम टाइट-टाइट थीं और दोनों चिपक के एकदम फूले हुए थे। मैं हमेशा उसके गोरे सेक्सी बदन को देख कर अपने मोटे और 7 इंच के लंड को हाथों में पकड़ के जोर-जोर से हिलाता था। और करीब 15-20 मिनट हिलाने के बाद मेरा सारा रस निकल जाता था, और एकदम रिलैक्स फील होता था। और मैं उस स्पर्म को एक पेपर में लपेट के कहीं भी फेंक देता था।
ऐसे ही 2-3 महीनों तक चलता रहा। मैं अपनी मामी और अपनी श्रृष्टि को नंगा देख-देख कर अपने आप को कंट्रोल में रखता था। और मैं किसी ना किसी बहाने से श्रृष्टि के गांड पे अपने हाथ को भी रगड़ देता था लेकिन वो कभी कुछ भी नहीं बोलती थी और मैं हमेशा उसके दोनों बल्ल को भी घूरता रहता था। और जब वो कॉलेज के लिए तैयार होती तो मेरा भी वही टाइम था कॉलेज जाने का, तो मुझसे हमेशा पूछा करती थी कि आज मैं कैसी लग रही हूँ।
और मैं हमेशा उसे अच्छे-अच्छे कॉम्प्लिमेंट दे कर खुश कर देता था। कभी कहता कि आप आज हॉट लग रही हो तो कभी कहता कि आप बहुत ज्यादा सेक्सी लग रही हो आदि। और वो बहुत खुश हो जाया करती थी, और हम दोनों साथ में ही निकलते थे। वो अपनी स्कूटी पे और मैं अपनी साइकिल पे। दिन ऐसे ही चलता रहा। एक दिन उसने मुझसे बोला कि चलो आज कॉलेज बंक कर के कोई मूवी देखने चलते हैं।
हम दोनों कॉलेज बंक करके 12 से 3 का शो देखने चले गए वहाँ पर जैसे ही हमने पिक्चर हॉल में एंटर किया एकदम अंधेरा था। हम दोनों अपने-अपने सीट पर बैठ गए। हमारे जस्ट आगे वाली सीट पे एक कपल बैठ हुआ था, मूवी स्टार्ट हो गई। करीब 15-20 मिनट बाद वो दोनों कपल किसिंग करने लगे, और उसी समय मूवी में भी सेक्सी डांस चल रहा था। मैं और श्रृष्टि उन दोनों को देख रहे थे और फिर कभी एक-दूसरे को।
और वो दोनों कपल एक-दूसरे को पागलों की तरह किस किये जा रहे थे। ये सब देखा के मेरा लंड एकदम कड़क हो के खड़ा हो गया था। ये सब देखते-देखते 3 घंटे खत्म हो गए और हम मूवी हॉल से बाहर आ गए। लेकिन मूवी हॉल से बाहर आने के बाद हम दोनों में कुछ-कुछ चेंज आ गया था, श्रृष्टि मुझसे थोड़ा बोल्ड हो कर बातें करने लगी थी।
श्रृष्टि: वो लड़का लड़की तो एकदम पागल हो गए थे।
(मैं ये सुन कर मैं थोड़ा हैरान तो था लेकिन काफी खुश भी था) मैं: हाँ सच में पूरे 3 घंटे उन्होंने सिर्फ किसिंग ही करते रहे।
श्रृष्टि: तो क्या और भी कुछ करना चाहिए था क्या?
मैं: नहीं मैं तो बस ऐसे ही बोल रहा हूँ।
उसके बाद हम अपनी स्कूटी पे बैठे और घर आ गए। घर आने के बाद हमारे दिमाग में वही सब सीन चल रहा था। मैं अब और पागल होता जा रहा था। मुझे अब किसी भी कीमत पे श्रृष्टि को चोदना ही था चाहे जो हो जाये। लेकिन कैसे पहला स्टेप लूं मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था। फिर एक दिन गलती से मैंने जो स्पर्म से लिपटा हुआ पेपर मेरे एक पैंट की पॉकेट में ही रह गया था और जब श्रृष्टि ने कपड़े धोने के लिए पैंट चेक किया तो उसे वो पेपर मिल गया।
वो उस पेपर को लेके सीधे मेरे पास मेरे ऊपर वाले रूम में अचानक से आ गई और मैं मामी को नहाते हुए देख कर अपना लंड जोर-जोर से हिला रहा था। और श्रृष्टि मेरे कमरे में कब आई मुझे पता भी नहीं चला और वो दरवाजे के पास खड़े हो कर मुझे और मेरे लंड को देख रही थी।
लेकिन उसने कुछ नहीं बोला और जब तक मेरा पानी निकल नहीं गया तब तक वो वहीं पे खड़ी हो कर देख रही थी। और स्पर्म निकलने के बाद जैसे ही मैं रिलैक्स हो कर घूमा तो श्रृष्टि को देख कर डर सा गया और जल्दी से अपना पैंट पहन लिया। और फिर श्रृष्टि ने पूछा।
श्रृष्टि: सचिन ये तुम क्या कर रहे थे।
मैं: सॉरी श्रृष्टि दीदी मैं अब दोबारा ऐसा कभी नहीं करूंगा। प्लीज आप किसी को इसके बारे में मत बोलना प्लीज़्ज़………
श्रृष्टि: (श्रृष्टि ने अपने हाथ से वो पेपर दिखाते हुए बोला) और ये पेपर किसका है?
मैं: ये भी मेरा है और इसपे जो स्पर्म लगा हुआ है वो भी मेरा ही है।
श्रृष्टि: तुम्हें शर्म नहीं आती कि तुम अपनी मामी को देख कर ऐसा गंदा काम करते हो।
मैं: सॉरी श्रृष्टि दी……. मैं अब नहीं करूंगा।
श्रृष्टि: तुम्हारी कोई जीएफ नहीं है क्या?
मैं: नहीं है तभी तो ऐसा कर रहा था।
श्रृष्टि: ठीक है पहली बार तुम्हें मैं छोड़ रही हूँ लेकिन अगर दोबारा तुमने ऐसा काम किया तो मैं सब को बता दूंगी।
उसके बाद हम दोनों रेडी हो कर कॉलेज चले गए लेकिन पूरा दिन मेरे दिमाग में श्रृष्टि और मेरी मामी ही आ रही थी। मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूं। उधर दूसरी तरफ श्रृष्टि के दिमाग में भी मेरा 7 इंच का लंबा लंड आ रहा था (जो मुझे उसने बाद में बताया)। हम दोनों की हालत खराब होती जा रही थी। फिर शाम को हम दोनों घर आ गए लेकिन किसी की हिम्मत नहीं हो रही थी कि एक-दूसरे से बात करें।
फिर कुछ देर बाद श्रृष्टि मुझसे नॉर्मल बात करने लगी मुझे भी थोड़ा अच्छा लगा। और मैं भी उससे नॉर्मल हो कर बात करने लगा। अगले दिन सुबह जब मैं ऊपर के रूम में पढ़ रहा था तो श्रृष्टि आ गई और बोलने लगी कि “मैं बस ऊपर देखने आई हूँ कि कहीं तुम फिरसे तो नहीं अपना मोटा सा लंड लेकर हिला रहे हो ना।” मैं इतना सुनते ही हैरान हो गया और अब मुझे भी कॉन्फिडेंस आ रहा था।
मैंने बोला “नहीं श्रृष्टि दीदी मैं तो पढ़ रहा हूँ।”
श्रृष्टि: अगर मैं कहूं कि मैं तुम्हारे राज को छुपाने के बदले मुझे कुछ चाहिए तो क्या तुम मुझे दोगे।
मैं: हाँ श्रृष्टि दी आप जो बोलो मैं करने को तैयार हूँ।
श्रृष्टि: तो ठीक है मुझे आज फिर से देखना है तुम्हारा लंड।
मैं: क्यों?
श्रृष्टि: ठीक है नहीं दिखाना है तो मत दिखाओ मैं तो मम्मी को सब कुछ बता दूंगी।
मैं: ओके… ओके…. मैं दिखाता हूँ।
इतना बोलते ही श्रृष्टि खुश हो गई और उसने जल्दी से मेरे रूम का दरवाजा अंदर से बंद कर दिया। अब वो मेरे पास आ कर बैठ गई थी और मैंने अपना लंड बाहर निकाला। लंड को निकालते ही श्रृष्टि ने उसे अपने हाथ में ले लिया और श्रृष्टि अब मेरे लंड को धीरे-धीरे दबा भी रही थी और हिला भी रही थी। और कुछ ही सेकंड में मेरा लंड एकदम कड़क हो गया, और मैंने उसे बोला थोड़ा जोर-जोर से हिलाने के लिए।
तो वो जोर-जोर से हिलाने लगी मुझे अब और मजा आ रहा था। श्रृष्टि और जोर-जोर से हिलाने लगी मैं एकदम पागल हो गया था और उसी समय मैं श्रृष्टि के बल्ल को दबा रहा था। उसे भी मजा आ रहा था, तभी मेरा सारा स्पर्म निकल गया और श्रृष्टि के कपड़े और हाथ पे लग गया। मैं 2 मिनट के लिए शांत हो गया और अब मैंने बोला श्रृष्टि तुमने तो मेरा लंड देख भी लिया है अब तुम भी मुझे अपना बल्ल और चूत दिखाओ ना।
तो उसने बोला अभी नहीं अभी मम्मी आ जायेंगी, जब हमारे पास ज्यादा टाइम होगा तब मैं तुम्हें दिखाऊंगी। और फिर हम दोनों तैयार हो कॉलेज चले गए। अब शाम हो गई थी हम घर आ गए थे लेकिन सब लोग घर पे थे इसलिए हम कुछ भी नहीं कर पा रहे थे।
अब हम दोनों मौका तलाशने लगे कि कब हम एक सेकंड के लिए भी अकेले हों। बस हम तुरंत किस करना शुरू कर देते थे, श्रृष्टि मेरा लंड दबाने लगती थी और मैं उसका बड़े-बड़े बल्ल दबाने लगता था किस करते-करते।
काफी दिनों तक यही चलता रहा। फिर एक दिन वो हसीन पल आ ही गया, मामी के भाई की शादी थी तो हमने बोला कि आप जाओ हम बाद में आ जायेंगे। मामी 4 दिन पहले ही चली गईं, अब मेरे और श्रृष्टि के खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा, हम बहुत खुश थे। मामी अगले दिन सुबह-सुबह शादी में चली गईं, मामा भी ऑफिस चले गए और उनके दोनों लड़के भी स्कूल चले गए। अब घर में सिर्फ हम दोनों ही रह गए थे।
मामा के जाते ही हम दोनों ने एक-दूसरे को जोर से गले लगा लिया और एक-दूसरे को पागलों की तरह किस करने लगे। श्रृष्टि अपने लिप्स को मेरे मुँह में डाल रही थी और मैं भी उसे जोर से किस कर रहा था और अपने दोनों हाथों से उसके दोनों बड़े-बड़े बल्ल को दबा रहा था। करीब 10 मिनट तक हम किस करते रहे। मैं उसे किस करते-करते बेडरूम लेकर आ गया और उसे प्यार से बेड पर लेटा दिया।
और अब मैं श्रृष्टि के ऊपर लेट कर उसे किस कर रहा था और बूब्स को दबा रहा था। मैं फिर धीरे-धीरे श्रृष्टि के टॉप के अंदर अपना हाथ डाल तो देखा कि आज श्रृष्टि ने अपना ब्रा भी नहीं पहना है और मेरा हाथ सीधे श्रृष्टि के दोनों बल्ल पे आ गया है। क्या मस्त फीलिंग थी यार। मेरा 7 इंच का लंड एकदम कड़क हो गया था, अब मुझे कंट्रोल नहीं हो रहा था।
मैंने श्रृष्टि के टॉप को जल्दी से निकाल कर उससे अलग कर दिया। टॉप निकालते ही श्रृष्टि शर्मा गई और उसने अपने दोनों हाथों से अपनी आँखें बंद कर लीं। और जैसे ही मैंने टॉप निकाला, दो बड़े-बड़े बल्ल आज मेरे आँखों के इतने करीब कि मुझे यकीन ही नहीं हो रहा था। मैं पागलों की तरह उसके दोनों बल्ल को दबा-दबा के चूसने लगा अब।
श्रृष्टि: आआह्ह्ह्ह….आआह्ह्ह्ह……. सचिन थोड़ा धीरे करो ना, बहुत मजा आ रहा है। सचिन आई लव यूऊऊऊ……
मैं भी श्रृष्टि के दोनों बल्ल को करीब 20 मिनट तक चूसता रहा। और श्रृष्टि अपने हाथ से मेरे लंड को पकड़ के दबा रही थी, मुझे भी बहुत मजा आ रहा था। पहली बार कोई लड़की मेरे लंड को दबा रही थी, मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था, मैं एकदम सातवें आसमान में था।
मैं अब धीरे-धीरे अपना राइट हैंड श्रृष्टि की पैंटी में डाल कर अपनी बीच वाली फिंगर से उसकी चूत में डाल कर हिलाने लगा। उसकी चूत एकदम गर्म हो चुकी थी, और उसकी चूत के दोनों लिप्स एकदम फूले हुए थे। क्योंकि श्रृष्टि अभी तक वर्जिन थी, उसे अभी तक किसी ने चोदा नहीं था। अब मेरी एक्साइटमेंट और बढ़ गई थी। मैंने धीरे-धीरे श्रृष्टि की पैंटी निकाल दी, अब श्रृष्टि मेरे सामने बेड पर पूरी तरह से नंगी लेटी हुई थी।
उसके चूत पे हल्के-हल्के बाल थे, और उसकी चूत एकदम टाइट और फूली हुई थी और श्रृष्टि की चूत हल्की-हल्की काँप भी रही थी। क्योंकि वो आज पहली बार चुदने जा रही थी। मैंने भी अपना टी-शर्ट, और लोअर निकाल दिया और अब मैं भी पूरी तरह से नंगा था और श्रृष्टि के ऊपर लेटे हुआ था। मैं अब एक हाथ से श्रृष्टि के बल्ल को दबाता और दूसरे बल्ल को चूस रहा था।
श्रृष्टि के बल्ल के दोनों निप्पल एकदम कड़क हो गए थे और श्रृष्टि जोर-जोर से आआह्ह्हाााह्ह्ह्ह……. ऊऊऊऊऊऊ…. ओह्ह्ह्ह्ह……. साह्ह्ह्ह्हीीीीन्न्न्न.. आई लव यू कर रही थी। श्रृष्टि की इस तरह की आवाज सुन कर मैं भी बहुत ज्यादा एक्साइटेड हो गया था। अब मुझे भी कंट्रोल नहीं हो रहा था और अब मैंने श्रृष्टि की चूत के पास अपना मुँह ले गया और हल्का सा श्रृष्टि की चूत को किस किया।
तो श्रृष्टि सहम गई और उसने अपने दोनों हाथों से मेरे बाल और हाथ को पकड़ लिया। और अब मुझे भी श्रृष्टि की चूत की स्मेल पसंद आने लगी, मैं और मैं भी उसकी चूत को जोर-जोर से चाटने लगा। और श्रृष्टि की चूत से लगातार पानी निकल रहा था और श्रृष्टि पागल हो रही थी एक्साइटमेंट की वजह से। फिर मैंने अपना लंड श्रृष्टि की चूत के ऊपर रगड़ने लगा, और अब उसे भी मजा आ रहा था।
श्रृष्टि: सचिन अब और कंट्रोल नहीं हो रहा है प्लीज़्ज़्ज़…. अपना लंड मेरी चूत में डाल के मुझे जोर-जोर से चोदो ना….
मैं भी अपना लंड श्रृष्टि की चूत में डालने लगा लेकिन श्रृष्टि की चूत टाइट होने की वजह से मुझे भी दर्द हो रहा था। लेकिन मैंने भी सोच लिया था कि मुझे आज श्रृष्टि को चोदना ही है। सो मैंने धीरे-धीरे अपना लंड श्रृष्टि की चूत में डालने लगा, अब उसे भी दर्द हो रहा था।
उसने अपने दोनों पैरों को एकदम कड़क कर लिया था। मैं अब धीरे-धीरे अपना लंड श्रृष्टि की चूत में डाल रहा था और करीब आधा लंड जाने के बाद श्रृष्टि की आवाज निकल गई और उसकी वर्जिनिटी लूज़ हो चुकी थी और उसे अब दर्द हो रहा था। मैंने फिर अपना लंड थोड़ा और अंदर डाला तो उसे और दर्द हुआ। फिर मैंने 5 मिनट तक अंदर-बाहर करने के बाद अपना लंड श्रृष्टि की चूत में से निकाल लिया।
देखा तो मेरे लंड पे 1-2 ड्रॉप्स खून लगा हुआ है, मैं समझ गया कि श्रृष्टि अब अच्छे से चुदने के लिए पूरी तरह से तैयार है। मैंने फिर देर न करते हुए अपना मोटा लंड श्रृष्टि की चूत में डाल दिया। उसे फिर से दर्द हुआ लेकिन इस बार उसे ज्यादा मजा आ रहा था। और अब मैंने अपना पूरा 7 इंच का लंड श्रृष्टि की चूत में घुसा दिया था। अब उसे भी मजा आ रहा था, मैंने भी अपनी स्पीड बढ़ा दी, उसे और भी मजा आ रहा था।
श्रृष्टि: सचिन और जोर-जोर से चोदो ना मुझे और जोर….. से……. कम ऑन….. ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह।
मैं: हाँ जानेमन मैं भी आज तुझे जोर-जोर से चोद-चोद के रंडी बना दूंगा।
और मैं भी उसे जोर-जोर से शॉट मारने लगा और श्रृष्टि भी मेरा साथ देने लगी। श्रृष्टि अपनी कमर उठा-उठा के अपनी चूत और जोर-जोर से मरवा रही थी। करीब 20 मिनट तक श्रृष्टि को चोदने के बाद श्रृष्टि ने बोला कि मुझे कुछ हो रहा है, कुछ निकलने वाला है। मैं समझ गया, मैंने भी अपनी स्पीड और बढ़ा दी और जोर-जोर से चोदने लगा। तभी श्रृष्टि ने मुझे जोर से गले लगा लिया और उसने अपना पानी छोड़ दिया।
मैंने भी अपनी स्पीड बढ़ा कर श्रृष्टि को चोद रहा था, तभी मेरा भी स्पर्म निकल गया। और मैंने अपना पूरा पानी श्रृष्टि की चूत में ही छोड़ दिया और उसके बाद मैं श्रृष्टि के ऊपर ही लेट गया। मेरा लंड अब भी श्रृष्टि की चूत में था, हम 20 मिनट बाद फिर उठे और मैंने श्रृष्टि को फिर से चोदा। अब वो पहले से ज्यादा मजा ले रही थी।
उस दिन हमने 3 बार सेक्स किया और साथ में नहाया भी, और जब भी मैं रायपुर जाता हूँ तो श्रृष्टि को चोदता हूँ। और एक खास बात और बताना है, अब मैं अपनी मामी को भी चोदता हूँ। मेरी मामी को श्रृष्टि ने ही कन्विंस कर लिया था, जिसकी स्टोरी मैं आपको अगली स्टोरी में बताऊंगा।
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