XXXX Sali Ki Hindi Chudai Kahani में पढ़ें कि मेरी बड़ी साली एक बार मुझसे चुद गई, लेकिन हर दिन चुदाई चाहती थी। घर में मौका मिलना कठिन था। इसके बाद मैंने क्या किया?
आपने पढ़ा कि मैंने अपनी बीवी की बड़ी बहन, यानी मेरी बड़ी चूत, की प्यास बुझाई थी।
वह मुझसे पूरी तरह संतुष्ट हो गई थी और थक गई थी।
उस रात मैं भी साली से चुदाई करके बहुत मजा लिया।
मेरी XXXX Sali Ki Hindi Chudai Kahani हुई।
आपने मेरी पिछली कहानी मैं और मेरी बेटी फाइनेंसर से चुदी। Hot Mom And Dauther Hindi Sex Story
पढ़ी थी।
उसने कहा, “अब तुम्हें मेरी चूत चोदनी है।”
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मैंने कहा ठीक है,उसके हाथ को पकड़ा और उसकी आंखों में देखा। मैं तुम्हें हर अवसर पर चुदाई करूँगा। मैं अब चला जा रहा हूँ। तुम भी सो जाओ; अगर शिवानी उठ गई तो क्या होगा?
वह कहि: ठीक है।
मैं अपने कमरे में आकर शिवानी के बगल में सो गया।
मेरी पत्नी की बड़ी बहन के साथ मेरी पहली चुदाई हुई।
इसके बाद
मैं सुबह करीब 10:00 बजे उठ गया जब प्रिया मुझे जगा रही थी।
रोशनी में उसके चेहरे को देखने पर मुझे लगा कि उसके चेहरे पर एक अलग चमक और मुस्कान है।
उठो अमन, बहुत देर हो गई, प्रिया ने मुस्कुराते हुए कहा।
मैंने समय को पूछा।
दस बज गये, उसने बताया।
पीछे से शिवानी ने कहा, “दीदी, उन्हें जल्दी से उठाओ, वे चाय पी लेंगे।”
हां, मैं इनके लिए चाय लेकर आयी हूँ, प्रिया बोली।
मैं उठकर प्रिया का चेहरा देखकर मुस्कुराने लगा।
मैं उसे गले से लगाना चाहता था, लेकिन मैंने अपने आप को रोक लिया।
प्रिया ने पूछा: क्या हुआ?
मैं तुम्हें किस करना चाहता हूँ, मैंने कहा।
उसने चाय रखकर मेरे होठों पर एक छोटा सा किस दिया।
मैंने जोर से उसकी चूची दबा दी।
नटखट अंदाज में उसने कहा, “कहीं के बदमाश हैं, रात भर इन्हें परेशान किया जाता है, फिर भी मन नहीं भरता?”
मैंने तुरंत पूछा: तुम्हारे मन में क्या भर गया?
प्रिया ने कहा, “सच कहूँ तो नहीं”, क्योंकि मैं बहुत प्यासी हूँ। और तुमने इतनी अच्छी तरह चुदाई की कि मेरी प्यास बढ़ गई। लेकिन हमारे आसपास कुछ बाधा हैं, जो ध्यान में रखनी चाहिए!
मैंने कहा: पूरी तरह सही! तुम्हारी चुदाई भी मुझे बहुत अच्छी लगी।
फिर मैं उठा और फ़्रेश होने गया।
वह भी शिवानी की रसोई में मदद करने लगी।
मैं आया और रसोई के बाहर बैठकर अख़बार पढ़ने लगा।
शिवानी ने अपनी बहन के चमकदार चेहरे को देखकर पूछा, दीदी, आज तुम्हारा चेहरा क्यों चमक रहा है?
मेरी पत्नी शिवानी और उसकी बड़ी बहन प्रिया भी बहुत बुरा मजाक करती थीं। दोनों बहनें कम दोस्त ज्यादा थीं।
शिवानी ने कहा कि यह चमक अश्लील लगती है। दीदी, क्या बात है?
प्रिया ने शिवानी की आंखों में देखते हुए उसकी पप्पी ली। अमन बाहर बैठे हैं, सुनकर क्या सोचेंगे?
शिवानी ने कहा,… मुझसे क्यों शर्मआ रही है”। सच-सच बता?
प्रिया ने कहा कि ऐसा नहीं है, बस रात में अच्छी नींद आई है। अधिक कुछ नहीं।
हमारा समय इसी तरह बीता जा रहा था।
हम दोनों के लिए वह दिन बहुत खास था। हम दोनों की नजरें बीच-बीच में मिलते ही मुस्कुरा जाती।
लेकिन मैं इन बातों को शिवानी से बचाने के लिए कर रहा था।
नहीं तो उसे संदेह होता।
रात को अकेला पाकर उसने मुझसे पूछा कि क्या आज रात मैं चुदाई करूँगा?
मैंने कहा कि अगर शिवानी नहीं रोका तो मैं आ जाऊंगा।
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ठीक है, उसने कहा।
हम सबने रात भर खाया।
लेकिन मैं जानता था कि शिवानी आज मुझे छोड़ने को तैयार नहीं है।
जैसा कि मैंने पहले बताया था, शिवानी भी चुदाई करने में बहुत रुचि रखती है।
तो उस रात मैंने शिवानी से पूरी तरह चुदाई की है।
जब वह शिवानी को चुदाई कर रहा था, तो शिवानी ने कहा, “आज आप में एक अलग ही उत्साह है।” क्या हुआ?
नहीं, मैंने कहा।
लेकिन मुझे याद है कि उस समय प्रिया आ रही थी।
क्योंकि आप एक रात में कितनी बार भी अपनी नई चूत को चोद ले, लेकिन जब तक आप उसे लगातार चोद कर संतुष्ट नहीं हो जाते, तब तक आपको उसकी याद नहीं आती।
मैं भी प्रिया के बदले शिवानी की चुदाई कर रहा था, क्योंकि मुझे उसकी बहुत याद आ रही थी।
आज सुबह 8:00 बजे के आसपास प्रिया फिर से चाय लाकर मुझे जगाने लगी।
और उस समय मैं सिर्फ लुंगी पहनकर सो गया था, शिवानी की चुदाई करके। मैं खड़ा था और लुंगी भी उस पर से हट गई थी।
जबकि शिवानी रसोई में थी, प्रिया पूरी तरह से इधर थी और मेरे लिंग को सहलाने लगी।
उसने यह भी नहीं सोचा कि शिवानी के आने पर क्या होगा।
और दरवाजा भी खुला था।
रात में वह कुछ बहुत प्यासी हो गई थी, इसलिए वह मेरे लिंग को सहलाने लगी।
मेरी नींद धीरे-धीरे टूटने लगी, जब प्रिया लंड को मुंह में लेकर चूसने लगी।
क्योंकि वह भी ऐसा करती है, मैंने सोचा कि शिवानी है।
वह भी मुझे शिवानी लगती थीं, इसलिए मैं उसके माथे पर हाथ सहला रहा था।
वह भी लंड को प्यार से चूसे जा रही थी।
जब मैं अच्छे से सो गया, तो मैंने देखा कि यह प्रिया है।
मैंने पूछा: तुम क्या कर रही हो?
उसने कहा कि रात को बहुत याद आई। मैं अपने आप को रोक नहीं पायी जब मैंने आपके लंड को इस तरह नंगा देखा तो मुझे चुदाई का मन करने लगा।
मैंने कहा कि दरवाजा खुला है, शिवानी आ जाएगी।
उसने कहा कि वह रसोई में है और अभी नहीं आएगी।
उसने इतना कहा और फिर से लंड चूसने लगी।
वह मेरी बात मानने वाली नहीं थी अब वह और अधिक जोर से चूसने लगी और कहा, “जल्दी अपना पानी निकालो!”
अब मैं भी उत्साहित था। लंड उसके मुंह में जोर से धक्के मारने लगा।
वह मानने वाली नहीं थी, इसलिए मैं भी जल्दी झरना चाहता था।
लेकिन रात भर इतनी चुदाई हुई थी कि लंड जल्दी नहीं झर रहा था।
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मैं करीब सात मिनट के बाद प्रिया के मुंह में झड़ गया जब मेरा पानी छूटा।
लंड से निकले पानी को प्यार से पीते हुए प्रिया ने कहा, “चूत में नहीं तो मुंह में तुम्हारा लंड लेकर अच्छा लगा।” आज रात मुझसे चुदाई करो!
तब वह चली गई।
वह दिन भर मेरा लंड दबाती और अपनी चूची दबाती रहती।
मैं मजा ले रहा था लेकिन डर भी था।
उसके होठों पर किस कर लेता, लेकिन उस रात उसकी चुदाई नहीं हुई।
प्रिया ने अगली सुबह भी काम किया।
लेकिन मुझे डर था कि शिवानी को पता चलेगा तो क्या होगा।
इस प्रकार दो या तीन दिन निकल गए।
शिवानी जाना ही नहीं चाहती थी। वह पहले भी आती थी, लेकिन 15 से 20 दिन बाद ही जाती थी।
लेकिन अब उसकी हरकतें बढ़ती जा रही थी, इसलिए हर दिन उसे रोकना मुश्किल हो रहा था।
फिर उसने कहा, “हम दोनों एक ही घर में रहते हैं, हम सिर्फ सुबह में लंड चूसना नहीं सह सकते।” मैं जल्दी मर जाऊँगी।
मैंने उसे बताया कि शिवानी अभी मुझे छोड़ नहीं रही है और उसे भी हर दिन चुदाई चाहिए।
प्रिया ने जब वह अधिक तड़पने लगी तो कहा, “ठीक है, किसी तरह जुगाड़ करो, कहीं बाहर चलो।” एक बार और मुझे मार डालो।
फिर मैंने विचारों को दौड़ाया।
मेरा एक दोस्त यहीं रहता है और मैं उसकी पत्नी से बहुत अच्छी दोस्ती हैं. एक अच्छे दोस्त की तरह, मैं उससे सब कुछ शेयर करता हूँ।
तो मेरे मन में सिर्फ उसका विचार आया।
मैंने भाभी जी को फोन करके सब कुछ बताया।
उसका नाम निशा था और वह बहुत खुले दिल की थी।
शिवानी नहीं जानती? उसने पूछा।
मैंने कहा कि मैंने पूरी जानकारी दी है। फिर भी आप पूछ रहे हैं कि क्या शिवानी जानती है?
उन्होंने कहा: ठीक है, आ जाओ। बहुत दिनों बाद मेरी प्यास बुझती है। हम किसी की मदद करें!
मैं कल आ रहा हूँ, मैंने कहा।
उसने कुछ देर चुप रहकर कहा, “अमन, बताओ कि प्रिया को चूत में पानी मिल जाएगा।” लेकिन मेरे क्या होगा? क्या तुम सिर्फ प्रिया से प्यार करोगे? आखिरकार, मैं भी प्यासी हूँ। आपने मुझे क्यों नहीं देखा?
मेरे मन में अभी सिर्फ प्रिया थी; मैं सिर्फ उसकी चुदाई करना चाहता था।
लेकिन निशा की चूत भी मुझे बिन मांगे मिली।
फिर मैंने कहा कि पहले प्रिया को चोदने दो।
सावधान रहो. मुझे भी जल्दी ही प्यास बुझानी है।
मैंने सिर्फ कहा-ठीक है, बिना सोचे कि वह मेरे दोस्त की पत्नी है।
फिर उसने कहा, “फिर भी मुझे एक चीज चाहिए!”
मैंने पूछा: क्या?
मुझे आप दोनों की चुदाई देखनी है, बोली।
मैंने कहा कि घर तुम्हारा है और तुम जानते हो कि कहां से देखना है।
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वह कहती है: ठीक है, कल आ जाओ।
मैंने जाकर प्रिया को बताया कि जगह का इंतजाम हो गया है। कल हम दिन में काम से निकलेंगे और दो घंटे में चुदाई का खेल खेलकर वापस आ जाएंगे।
मेरी पत्नी शिवानी उस समय बाहर गई हुई थी। बाजार से लौटते ही प्रिया मुझे कस के किस करने लगी।
उसने कहा, तुरंत मेरा काम पूरा करो!
मैंने पूछा, “तुम क्या कर रही हो?” शिवानी आएगी।
प्रिया ने कहा कि बाजार गई है। अभी समय लगेगा।
मैंने कहा कि वे कल जाने वाले हैं।
बोली: कृपया! मैं अब बर्दाश्त नहीं करूँगी!
मैंने कहा: ठीक है!
मैं भी गर्म हो गया था जब उसने मुझे एक लंबी किस दी।
मैं उसकी चूची पर किस करने लगा और दबाने लगा।
वह मुझसे पूरा सट गई, मेरा लंड भी नीचे था।
साड़ी उठाकर चोद दो, बोली।
मैंने कहा कि हम कमरे में जाएँ।
बोली, उठो!
उसकी चूची को दबाते हुए उसे ले जाकर मैंने उसे बिस्तर पर पटक दिया और पूछा कि क्या मैं जानता था कि तुम इतनी चुदक्कड़ हो!
उसने कहा कि मैं चुदक्कड़ हूँ ही और पैंट के अंदर हाथ डालकर मेरे लंड को सहलाने लगी। मैं सिर्फ समय और सही औरत का इंतजार कर रहा था, और दोनों मिल गए।
मैं उसे चुंबन दिए जा रहा था।
अब वह बर्दाश्त नहीं कर सकती थी, तो उसने कहा, “मेरी चुदाई करो।”
अब मुझे भी डर नहीं था क्योंकि मेरी बीवी शिवानी अभी घर पर नहीं थी।
मैं खड़ा था।
मैं उसकी चूत को चाटना चाहता था क्योंकि मुझे चुदाई से पहले चूत चाटना पसंद है।
उसने कहा कि यह सब कल करना। अब किसी भी तरह मेरी चुदाई करो, मुझे थोड़ा आराम मिलेगा।
तो मैंने तुरंत उसकी साड़ी ऊपर की। उसने अंदर पेंटी नहीं पहनी हुई थी उसकी चूत बाहर निकली।
मैंने उसकी चूत पर हाथ लगाया और उसकी इश्स निकल गई।
उसकी चूत में बहुत पानी निकल रहा था, मेरे हाथ पर पूरा पानी आ गया।
उस पानी को पीकर मुझे बहुत अच्छा लगा।
फिर मैंने उसे एक बार लंड चूसने को कहा।
तुरंत प्रिया ने लंड को मुंह में लेकर चूसने लगी।
फिर उसने कहा, “अब गीला हो गया… वैसे भी मेरा पूरा गीला है।” जल्दी करो!
मैंने उसकी चूत पर लंड रखकर तेज धक्का देने लगा।
वह फिर आसमान में उड़ने लगी, कहते हुए, “मैं उस दिन से बहुत तड़पी हूँ, तुम्हारे बिना बर्दाश्त करना मुश्किल होता है।”
मैंने कहा, “ठीक है, कल तुम्हारी हर आग बुझ जाएगी।”
फिर हमारी चुदाई शुरू हुई।
उसने उसकी चूची को जोर से दबाते हुए चुदाई शुरू कर दी।
मेरी साली इतना मजा ले रही थी कि मैं भी डर गया कि शिवानी आ जाएगी।
लेकिन प्रिया को कोई डर नहीं था; वह सिर्फ मज़ा ले रही थी।
मैं जोर से झटके मार रहा था।
मैं बहुत जोर से धक्के मारा।
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मैं भी दस मिनट की चुदाई के बाद जल्दी निकलना चाहता था।
मेरा निकलने वाला था, तो मैंने प्रिया से पूछा-कहां निकालूं?
प्रिया ने कहा, “जल्दी से जोर से धक्के मारो… मैं फिर से आने वाली हूँ।”
मैं जोर से धक्के मारने लगा, जिससे उसकी चूत बहुत फच गई।
तब वह झड़ गई और कहा, “लंड जल्दी निकालो, मुझे पानी पीना है।”
मैंने तुरंत उसकी चूत से लंड निकालकर उसके मुंह में डाल दिया, जिससे वह झड़ गयी।
बाद में मैं प्रिया के सामने लेट गया।
थोड़ी देर बाद मैं लेट गया और उठा।
उसने मुझे खींच लिया।
मैंने कहा कि शिवानी आ जाएगी।
उसके बाद मैं बाहर चला गया।
थोड़ी देर बाद वह बाहर आई और मुझे धन्यवाद दी।
थोड़ी देर बाद शिवानी आई, लेकिन तब तक सब ठीक था।
मुझे कल के लिए फ्रेश और तैयार होना था, इसलिए उस रात मैंने शिवानी की चुदाई नहीं की।
उस दिन प्रिया और मैं कुछ बहाना करके चले गए।
थोड़ी देर में हम दोनों निशा के घर पहुंच गए।
जैसे निशा मेरा इंतजार कर रही थी।
उसने प्रिया को नमस्कार करते हुए कहा, “तुम बहुत प्यास बुझाते हो?” अब मैं भी लाइन में हूँ और मुझे भी आपकी जरूरत है।
मैंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
वह फिर कही: मैं जा रही हूँ, आप दोनों खुश रहें।
मुझे कोई दिक्कत नहीं होगी, प्रिया ने कहा।
प्रिया ने उसे गले लगाकर कहा, “तुम्हारा बहुत बहुत धन्यवाद, निशा!”
फिर निशा ने मुझे अंदर ले जाकर कमरे को दिखाया और कहा कि मैं बाहर ही हूँ। कोई संदेह नहीं होना चाहिए।
मैंने कहा: ठीक है!
प्रिया का चेहरा सिर्फ सेक्स से भर गया था।
जैसे ही मैं कमरे में घुस गया, प्रिया मेरे ऊपर टूट पड़ी।
मैंने प्रिया को कहा कि थोड़ा सब्र करो।
उसने कहा कि वह इंतजार नहीं करेगी। मैं ही जानता हूँ कि मैंने रात कैसे काटी है। शिवानी को चुदाई करेंगे।
मैंने उसे किस करने लगा और कुछ नहीं कहा।
मैं क्या कर सकता था?
मैं उसके सारे कपड़े उतारने लगा।
उसने मेरे भी कपड़े उतार दिए और हम दोनों पूरी तरह से नंगे हो गए, क्योंकि वह जल्दी से मेरा साथ देना चाहती थी।
फिर मेरे सर को अपनी चूची पर जोर से दबाने लगी और कहा, “मेरे राजा, जल्दी करो… पहली बार जल्दी चुदाई करो।”
लेकिन मैं वही करना चाहता था।
मैं चुसाई करते हुए धीरे-धीरे उसके पेट पर आ गया और दांत से उसके पेट पर किस करने लगा।
वह बेहोश होती जा रही थी।
मैं उसे अधिक पागल बनाना चाहता था।
झटके से मैं नीचे बैठकर उसकी चूत में दो उंगली डाल दी।
क्या कर रहे हो? वह क्रोधित हो गई।
मैंने कुछ नहीं कहा।
तब मैं जोर से साली की चूत चूसने लगा।
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उसकी छाती थरथराने लगी।
मैं उसे ले गया और उसे बेड पर बैठाया।
मैंने कमरे की ओर देखा तो निशा हमें खिड़की से देख रही थी।
मैं जानता हूँ कि ये यहाँ से देखना चाहती हैं।
उसने फिर कहा, “जल्दी से मेरी चूत में अपना लंड डालो।”
मैंने कहा कि मैं पहले तुम्हारी चुदाई करूँगा।
मैंने साली की चूत को सहलाते हुए अपना लंड निकाला। उसकी चूत पहले से ही गीली थी।
मैं एक झटके में उसकी चूत में अपना लंड डालने लगा।
रात भर यही विचार करने से मैं भी थोड़ा बेसब्र हो गया था।
ऊपर से मैं शिवानी की चुदाई नहीं करने के कारण उत्तेजित था।
मैं धक्के मारने लगा।
प्रिया के चेहरे पर दर्द था, लेकिन वह खुशी से मज़ा ले रही थी—यह बहुत दिलचस्प था! ऐसा ही करते रहो!
उसकी चूत भी दर्द कर रही थी।
तब मैं उसके ऊपर लेट गया और उसके होठों को काटने लगा।
दर्द के कारण वह हल्का सा चिल्ला रही थी, लेकिन यह उसे मनोरंजन देता था।
फिर मैं उसकी चूची को हल्के से काटने लगा।
मैं उसके चूत में धक्के मारे जा रहा था जब साली मेरा सर अपनी छाती पर दबा रही थी।
यह सिलसिला लगभग पंद्रह मिनट चला होगा।
वह कभी तेज तो कभी धीरे धक्के मार रहा था।
चुदाई का आनंद उसका दर्द बदल गया था।
मैं भी बहुत खुश था।
अब मैं जोर से धक्के मारने लगा, मैं निकलने वाला था. मैंने पूछा-कहां निकालूँ?
तुम्हारा जूस पीना है, साली ने कहा।
जैसे ही मैंने उसकी चूत में से अपना लंड निकाला, वह तुरंत मेरा लंड चूसने लगी।
थोड़ी देर तक उसके मुंह में धक्के मारने के बाद, वह मेरे लंड का पूरा पानी पी गई और कहा, “बहुत मज़ा आया”। आप बहुत अच्छे हैं!
मैंने फिर दो घंटे में उसकी चूत दो बार मारी और उसने भी मजे से चुदवाया।
चुदाई के बाद मैंने बाहर देखा तो निशा नहीं थी।
तब साली अपने कपड़े को पहनकर बाहर निकली।
निशा हमें देखकर हंस पड़ी।
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निशा को देखकर प्रिया शर्मा रही थी।
फिर भी निशा ने प्रिया से पूछा: क्यों मुझे ऐसा लगता था? आपकी आवाज पूरे कमरे में गूंज रही थी।
प्रिया को शर्म आ गई।
फिर भी निशा ने कहा, “हय रे… अब शर्माना क्यों?” फिर से आना. दोनों के लिए मेरा कमरा मुफ्त है।
मैंने निशा से कहा कि वह प्रिया को बताएगी कि कब फिर आना है. मैं कैसे कह सकता हूँ?
तुम भी न, प्रिया ने शरमाते हुए कहा।
चाय पी लो, निशा ने कहा।
मैंने कहा: बनाओ!
नहीं दीदी, मुझे शर्म आ रही है।
ठीक है, मैं अभी कुछ नहीं कहूंगी, बोली निशा। आप आ रहे हैं!
उसने मुझसे कहा, “अमन, जल्द आओ!”
मैं निकल गया।
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मैंने पूछा कि क्या आपने देखा है।
उसने कहा कि पहली दो चुदाई देखीं। उसके बाद, मेरी आग और भड़क गई जब मैंने साहसिक चुदाई को देखा। मेरे लिए भी जल्दी से समय निकालो।
मैंने उसे “ठीक है” कहा और प्रिया को वहां से अपने घर ले गया।
इसलिए, प्रिया और मैंने अपने दोस्त के घर पर एक बार फिर चुदाई की!
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