Xxx Jungle Sex Story: जंगल सेक्स का मजा मुझे दिया मेरे कॉलेज की एक हसीन कुंवारी लड़की ने जो मुझे भी पसंद करती थी और एक सुनसान सड़क पर मुझसे लिफ्ट मांग कर मेरी कार में बैठ गई।
नमस्ते दोस्तो, कैसे हैं आप लोग?
मेरा नाम रोहन है और मैं मुंबई से हूँ।
यह मेरी पहली सेक्स कहानी है।
आशा है कि आपको मेरी जंगल सेक्स की कहानी अच्छी लगेगी!
मैं हमेशा से सेक्स का शोकिन रहा हूँ।
मेरी लंबाई 6 फीट है और लण्ड 7 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है जो किसी भी औरत की चूत का भोसड़ा बना दे।
अब ज्यादा वक़्त न जाया करते हुए सीधे कहानी पर आता हूँ।
बात कुछ महीने पहले की है।
त्यौहारों का समय था वह!
हमारे कॉलेज की छुट्टी हुई थी तो मैं अपने घर पुणे जाने के लिए अपनी कार निकाली और चल दिया।
मुझे रात में यात्रा करना बहुत पसंद है तो मैं रात के 9 बजे कॉलेज से निकला।
रात के लगभग 11 बज रहे थे, मैं धीमी आवाज में गाने बजा रहा था और 40 की रफ़्तार पर अपनी गाड़ी को चला रहा था।
तभी मुझे सामने रोड पर एक लड़की खड़ी हुई नजर आई जो लिफ्ट माँग राही थी।
पहले तो मुझे लगा कि वह चुड़ैल है क्योंकि बचपन से वैसी ही कहानियां सुनी रखी है।
फिर सोचा ‘नहीं यार कोई लड़की भी हो सकती है, जिसे मदद चाहिए होगी।’
तब तक मेरी गाड़ी उसके करीब पहुँच गई थी तो मैंने उसके पास अपनी गाड़ी खड़ी की।
फिर मैंने अपने गाड़ी का शीशा नीचे किया और बोला– जी आप कौन हैं और इतनी रात को यहां क्या कर रही हैं?
लड़की– जी मेरा नाम प्रिया है। मैं अपने घर पुणे जा रही थी पर बस रास्ते में खराब हो गई तो मुझे लिफ्ट चाहिए थी। अगले बस स्टैंड तक के लिए।
मैंने थोड़ी और पूछताछ करने के बाद उसे अपने साथ गाड़ी में बिठा लिया और हम चल पड़े।
फिर हम बातें करने लगे।
लड़की की गांड को खूब चोदा Hindi Sex Story
लड़की– मेरा घर पुणे में है।
मैं– मेरा घर भी तो पुणे में है, तुम अगर चाहो तो मेरे साथ चल सकती हो।
पहले तो उसने मना किया पर बाद में राजी हो गयी।
थोड़ी देर बाद वह सो गई।
शुरू में तो मेरा उसके प्रति कोई खराब इरादा नहीं थी।
परंतु उसका फिगर 34-28-36 देख कर मेरी नियत डगमगा जरूर गई थी।
मैंने कार चलाते हुए अपने एक हाथ को उसकी जांघ पर रख दिया और हल्के से सहलाने लगा।
पैंट के अंदर मेरा लण्ड भी खड़ा होने लगा।
उसे सोता हुआ देख मैंने उसकी चूची पर अपना हाथ रख दिया और हल्के से चूची को दबाने लगा।
तभी एक गाड़ी अचानक से सामने से आ गई तो उस गाड़ी की लाइट की वजह से उसकी आंख खुल गई।
मैंने जब उसे वापस देखा तो वह मुझे ही देख रही थी और मेरा हाथ उसकी एक चूची पर था।
मुझे लगा कि आज तो मेरी खैर नहीं!
फिर उसने कहा– यह क्या कर रहे हैं, आप?
मैं– सॉरी, मैं थोड़ा बहक गया था, मुझे माफ कर दो!
प्रिया – माफी नहीं, सजा मिलेगी!
और यह बोलते हुए वह हँसने लगी।
फिर वह बोली– मैं आपके ही कॉलेज में कला स्ट्रीम की छात्रा हूँ और मैं बहुत समय से आपको पसंद करती हूँ!
आगे वह बोली– मुझे पता चला कि आज आप अपने घर जाने वाले थे तो मैं आपके दोस्त से सारी जानकारियां इकट्ठा करके आपका ही इंतज़ार कर रही थी।
यह बात सुन के मेरी तो मानो लॉटरी लग गई हो।
मैंने उससे पूछा– क्या मैं तुम मुझे इतना पसंद करती हो?
उसने कहा– तुमसे चुदने को मैं न जाने कब से बेताब हूँ।
मेरी खुशी का तो ठिकाना ना रहा।
आगे एक जंगल का रास्ता था तो मैंने गाड़ी उस तरफ ले ली।
कुछ दूर आगे बढ़ने के बाद एक झाड़ के पीछे गाड़ी खड़ी कर के केबिन लाइट चालू कर दिया।
अब मैं उसे चूमने लगा।
वह भी मेरा साथ दे रही थी।
हमारी चूमाचाटी करीब 10 मिनट तक चलती रही और मैं उसकी टॉप के ऊपर से उसकी चूची को दबा रहा था।
फिर हम पीछे वाली सीट पर पहुंच गए।
पीछे पहुंचते ही मैंने उसे किस करना शुरू कर दिया।
मैं उसके होंठ, गाल, और गर्दन पर चूम रहा था।
फिर मैंने उसका टॉप निकाला और ब्रा के ऊपर से उसकी चूची को मसलने लगा।
अब हवस मेरी माथे पर चढ़ गई थी तो मैंने उसकी ब्रा निकाल दी।
क्या मस्त … चूचियां थी।
एकदम दूध जैसी सफेद और बीच में हल्के काले रंग की निप्पल।
मैं बारी–बारी दोनों चूची को चूस रहा था।
उसकी बस सिसकारियाँ निकल रही थी– आह … रोहन, चूस लो इन्हें!
और मेरा सर चूचियों के ऊपर दबा रही थी।
मेरे पैंट में मेरा लण्ड फड़फड़ा रहा था।
ऐसा लग रहा था कि अभी वह मेरा पैंट फाड़ के बाहर निकल आएगा।
तभी वह मेरे पैंट के ऊपर से लंड को सहलाने लगी।
धीरे–धीरे करके उसने मेरे सारे कपड़े उतार दिए।
मेरे लण्ड को देखकर बोली– तेरे लिये तो मैं ना जाने कितनी तड़पी हूँ, न दिन में और न ही रात में मुझे चैन आता है! आज तुझे अपने अंदर ले के ही मेरी प्यास भुजेगी।
फिर मेरे लंड को चूसने लगी।
वह ऐसा लण्ड चूस रही थी कि मुझे लगा कि मैं स्वर्ग का देवता हूँ।
करीब 10 मिनट तक चूसने के बाद मैं उसके मुंह में ही झड़ गया और वह सब पी गयी।
फिर मैंने उसे पूरा नंगा कर दिया और उसकी चूत देखी तो देखता ही रह गया।
क्या चूत थी … एकदम सफेद, एक भी बाल नहीं और अंदर से पूरी गुलाबी।
मुझसे रुका नहीं गया और मैंने उसकी चूत को चाटना चालू कर दिया।
वह सिर्फ सिसकारियां लिए जा रही थी और अपने हाथो से मेरे सर को चूत पर दबा रही थी।
करीब 5 मिनट बाद वह मेरे मुंह मैं झड़ गयी।
स्वाद में चूत का पानी नमकीन था, पर मैं पूरा पी गया।
फिर हम 69 की अवस्था में हो लिए और एक दूसरे को चाटने लगे।
थोड़ी देर तक लन्ड चुसवाने के बाद मेरा लौड़ा फिर से सख्त हो गया।
फिर मैंने उसके बैग में से क्रीम निकाली और अपने लण्ड पर लगाई फिर उसकी चूत पर भी लगाई।
और उसकी चूत पर मैंने अपना लंड सेट करके एक जोरदार धक्के के साथ चूत में अपना आधा लंड पेल दिया।
दर्द से उसकी चीख निकल गई।
दर्द मुझे भी हुआ क्योंकि मेरा भी पहली बार ही था।
फिर कुछ देर ऐसे ही रहे और एक–दूसरे को चूमते हुए पड़े रहे।
थोड़ी देर में जब दर्द शांत हुआ तो मैंने उसकी चूत में एक और धक्का लगाया तो उसकी चूत में लंड पूरा चला गया।
फिर वो अपनी गांड हिलाने लगी तो मैंने उसे चोदना शुरू कर दिया।
गाड़ी पूरी तरह से हिल रही थी और जंगल के सन्नाटे में सिर्फ पच–पच की आवाज निकल रही थी।
फिर मैंने उससे डॉगी पोज़ में चोदने को कहा और उसे पेलने लगा।
लगभग 10 मिनट तक पेलने के वाद मेने उसकी चूत में ही अपना सारा माल गिरा दिया।
फिर मैंने अपना लण्ड बाहर निकाला तो देखा पूरे लंड पर खून लगा हुआ था।
तो मैंने पानी से उसे साफ किया और वैसे ही आ के गाड़ी मैं बैठ गया।
वह मेरी गोदी में आकर बैठ गई तो मेरा लण्ड फिर से खड़ा हो गया।
मेरा लण्ड उसकी गांड में चुभ रहा था।
फिर वह पलट कर मेरे लण्ड को हिलाने लगी।
इस बार मैंने अपना लन्ड उसकी चूची के बीच में रखा और उसकी चूचियों को चोदने लगा।
यार क्या मस्त अनुभव था।
अभी भी उस जंगल की रात को याद करके लंड खड़ा हो जाता है।
फिर मैंने उसे उठ कर और अपने लंड पर बैठने को कहा।
वह लण्ड पर ऊपर नीचे कूदने हुए चुदने लगी।
करीब 15 मिनट बाद मैं फिर से झड़ गया।
फिर हम ने समय देखा तो रात के 2 बज रहे थे।
फिर हम दोनों ने अपने–अपने कपड़े पहने और आगे वाली सीट पर आ के बैठ गए।
उसने कहा– आज सारी तमन्ना पूरी हो गई! मैं हमेशा से आपसे चुदने की ताक में रहती थी। इस वज़ह से मैं हर रोज आपके बारे में सोच कर फिंगरिंग करती थी!
यह सब सुनने के बाद मैंने उसे चूमा।
फिर हम घर के लिए चल पड़े।
आपको मेरी जंगल सेक्स की xxx स्टोरी कैसी लगी?