डर के बाद चुदाई का असली मजा

virgin chut sex story – pehli chudai kahani sex story: मेरा नाम मीना है, मैं अब 25 साल की हूं, लेकिन ये कहानी तीन साल पुरानी है, जब मैं 22 साल की थी, उस समय मेरी एक लड़के से गहरी दोस्ती थी, हमारी दोस्ती को तीन साल हो चुके थे, मेरे बॉयफ्रेंड का नाम विवेक था, वो मुझसे तीन साल बड़ा था, मतलब उसकी उम्र 25 साल की थी.

विवेक हमेशा मुझे सेक्स के लिए कहता रहता था, लेकिन मैं डर की वजह से मना कर देती थी, मैंने कभी सेक्स नहीं किया था, और सुना था कि पहली बार बहुत दर्द होता है, इसलिए मैं टालती रहती थी, पर मैं उससे बहुत प्यार करती थी.

एक दिन हम फोन पर बात कर रहे थे, विवेक बोला, जानू मेरा सेक्स करने का बहुत मन कर रहा है, चल आज करते हैं, मैंने फिर मना कर दिया, लेकिन इस बार वो नहीं माना, बोला यार मैंने भी सुना है कि पहली बार दर्द होता है, लेकिन मैं भी तो पहली बार ही कर रहा हूं, हम दोनों एक दूसरे से इतना प्यार करते हैं, मेरे प्यार के लिए इतना तो कर सकती हो ना.

उसके प्यार की बात सुनकर मैं पिघल गई, मेरा भी मन कर रहा था कि एक बार ट्राई तो करूं, मैंने कहा, बाबू दर्द होगा ना, मुझे डर लगता है, काफी देर मनाने के बाद विवेक ने मुझे मना ही लिया, हमने डिसाइड किया कि अब सेक्स करेंगे ही.

विवेक ने पूछा, कोई जगह है मिलने की, मैंने कहा, रात को आ जाना, घर पर मम्मी और पापा गांव गए हैं, सिर्फ दादी अकेली हैं, विवेक बहुत खुश हो गया, बोला ठीक है मैं आ जाऊंगा, हमारे गांव में उसकी बुआ रहती थी, इसलिए वो आसानी से आ सकता था, वो निकल पड़ा, गांव आकर मुझे कॉल किया, मैं रात का इंतजार करने लगी.

रात करीब 12 बजे विवेक आया, मैं गेट पर गई, उसके साथ उसकी बुआ का लड़का भी था, उसे हमारे बारे में सब पता था, वो विवेक को छोड़कर चला गया, मैं और विवेक रूम की तरफ जा रहे थे कि तभी दादी उठ गईं, पेशाब करने आईं, मेरी तो जान ही निकल गई, मैंने विवेक को पानी की टंकी के पास छुपा दिया.

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कुछ देर बाद दादी वापस अपने रूम में चली गईं, फिर मैं विवेक को अपने रूम में ले गई, रूम में पहुंचते ही मैं उसके गले लग गई, बहुत डर गई थी, कुछ देर बाद नॉर्मल हुई, विवेक ने मेरे माथे पर किस किया, बोला पहले क्यों नहीं बुलाया मिलने.

मैं चुप रही, बेड पर बैठ गई, विवेक भी पास बैठा, उसने मेरी जांघ पर हाथ रख दिया, मुझे अच्छा लगने लगा, फिर उसने मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए, किस करने लगा, पहले तो मैं शर्मा रही थी, लेकिन जल्दी ही मजा आने लगा, मैं भी उसका साथ देने लगी, आह विवेक.

उसने मुझे बेड पर लिटा दिया, गले पर किस करने लगा, मुझे नशा सा चढ़ने लगा, मैं उसके बालों में हाथ फेरने लगी, अब उसने एक हाथ मेरे बड़े बूब्स पर रख दिया, मेरे खानदान में सभी लड़कियों के बूब्स बड़े होते हैं, विवेक एक बूब को मसल रहा था, फिर मुझे खड़ा किया, टीशर्ट निकाल दी, ब्रा निकालने लगा तो मैंने मना किया, लेकिन वो नहीं रुका, ब्रा भी उतार दी.

अब मैं ऊपर से पूरी नंगी थी, सिर्फ लोअर में, विवेक ने मेरे बूब्स मुंह में ले लिए, चूसने लगा, आह्ह कितना मजा आ रहा था, इह्ह विवेक, फिर वो पेट पर किस करता हुआ नीचे आया, पता ही नहीं चला कब मेरी लोअर उतार दी, अब सिर्फ पेंटी में थी, मुझे बहुत शर्म आ रही थी, पैर मोड़ लिए, लेकिन विवेक ने पैर खोल दिए, एक उंगली से चूत सहलाने लगा.

जैसे ही सहला रहा था, मेरी चूत से पानी निकलने लगा, पेंटी गीली हो गई, अब मेरा भी मन चुदाई करने का हो रहा था, सोच रही थी जल्दी लंड निकालो और चूत में डाल दो, विवेक ने पेंटी उतार दी, चूत में उंगली डाल दी, बोला जानू मेरे कपड़े भी निकाल दो.

मैं उठी, उसके सारे कपड़े उतार दिए, अब वो सिर्फ अंडरवियर में था, उंगली से चुदाई कर रहा था तो अजीब सा लग रहा था, मन तो कर रहा था जल्दी चुदाई करो, लेकिन डर भी था कि पहली बार दर्द होगा, मैं यही सोच रही थी कि विवेक ने अंडरवियर उतार दी, मेरे ऊपर आ गया, चूत पर लंड रगड़ने लगा.

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थोड़ी देर रगड़ने के बाद उसने छोटी सी चूत पर अपना बड़ा लंड सेट किया, एक झटका मारा, लंड थोड़ा अंदर गया, मेरी चीख निकल गई, आह्ह्ह मां, मैं उसे धक्का देने लगी, विवेक 5 सेकंड रुका, फिर दूसरा झटका, आधा लंड अंदर, इस बार तो जान ही निकल गई, मैं हाथ जोड़कर बोली बहुत दर्द हो रहा है, प्लीज आज नहीं, कभी और करेंगे.

लेकिन विवेक नहीं रुका, होंठों पर होंठ रखकर किस करने लगा, एक हाथ से बूब्स मसलने लगा, कुछ देर बाद दर्द कम हुआ, मुझे अच्छा लगने लगा, तभी विवेक ने जोरदार झटका मारा, पूरा लंड चूत में घुसा दिया, लगा किसी ने गर्म सरिया पेल दी हो, मैं रोने लगी, चक्कर आने लगे, बोली विवेक छोड़ दो, बहुत दर्द है.

विवेक मेरे ऊपर लेटा रहा, किस करता रहा, थोड़ी देर बाद दर्द कम हुआ, मैं भी किस करने लगी, विवेक समझ गया, अब झटके मारने लगा, मेरी पहली चुदाई शुरू हो गई, जैसे जैसे झटके मार रहा था, मेरे मुंह से आह्ह इह्ह ओह्ह निकलने लगा, आह विवेक और जोर से.

लगभग 10 मिनट चुदाई के बाद विवेक ने सारा माल चूत में निकाल दिया, साइड में लेट गया, मैं उठी तो देखा चूत से खून निकल रहा था, बाथरूम गई, चूत साफ की, सोच रही थी सील टूट गई, अब शादी के बाद पति को पता चला तो क्या होगा.

साफ करके बाहर आई, विवेक के गले लगकर लेट गई, बोली विवेक मुझे कभी मत छोड़ना, वो मुझे गले लगाए रहा, फिर होंठों पर किस करने लगा, मैं भी साथ देने लगी, अब चूत में फिर खुजली होने लगी, विवेक ने फिर कपड़े उतारे, बूब्स चूसने लगा, मैं उसके लंड को अंडरवियर के ऊपर से सहलाने लगी.

हाथ से छुआ तो लगा 6 इंच का है, विवेक ने चूत में उंगली की, फिर ऊपर आया, एक झटके में लंड पेल दिया, इस बार दर्द कम, मजा ज्यादा, मैं भी गांड उठाकर साथ देने लगी, आह्ह ओह्ह विवेक, फिर उसने मेरी दोनों टांगें कंधों पर रखीं, जांघें पकड़ीं, जोरदार झटका मारा, पूरा लंड अंदर, आह्ह्ह उइईई बाबू और जोर से.

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अब मुझे जबरदस्त मजा आ रहा था, सोच रही थी आज तो ये मेरी चूत फाड़ देगा, 15 मिनट चुदाई के बाद विवेक ने लंड निकाला, सारा माल बूब्स पर गिरा दिया, हम दोनों थक चुके थे, मैं उठी तो चलने में दिक्कत हो रही थी, बाथरूम गई साफ की, फिर विवेक के गले लग गई.

तभी उसकी बुआ के लड़के का कॉल आया कि भाई अब आ जा, बहुत टाइम हो गया, विवेक बोला 20 मिनट में आता हूं, मैं समझ गई अभी एक बार और चुदाई होगी, मैं भी खुश थी, मन कर रहा था, इस बार विवेक ने मुझे 20 मिनट तक खूब चोदा, सारा माल चूत में निकाला, किस करके बोला अब तेरी सील टूट गई, आगे सिर्फ मजा आएगा, जल्दी बुलाना.

मैंने किस किया, बोली अब तो मेरी चूत तेरे लंड की दीवानी हो गई, बुलाना ही पड़ेगा, हमने एक दूसरे को किस किया, विवेक चला गया.

इसके बाद हम हर हफ्ते मिलने लगे, मैं खूब चुदाई करवाने लगी, एक दिन चुदाई करवा रही थी तो मेरे भाई ने देख लिया, फिर मैंने भाई को पटाया ताकि घर पर ना बताए, उसका लंड चूसा और चूत मरवाई, वो बात अगली कहानी में.

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