Colony uncle sex story – Fat Indian Cock Sex Story: मेरा नाम सिद्धि है और मैं भोपाल की रहने वाली हूँ। मैं एक कॉल सेंटर में जॉब करती हूँ, और मेरे बारे में तो आप सब जानते ही होंगे। मैं अपने आपको बहुत मेंटेन रखती हूँ। मेरा फिगर 34-28-36 है, और मैं हमेशा टाइट सलवार सूट पहनती हूँ, जिसमें मेरी चूचियाँ और गाँड का उभार साफ दिखता है। मेरी गोरी त्वचा और भरे हुए होंठ देखकर लड़कों का लंड तो खड़ा होता ही है, साथ में कॉलोनी के अंकल लोग भी मुझे घूरते रहते हैं। उनकी आँखों में वो हवस साफ दिखती है, जो मुझे और भी सेक्सी फील करवाती है।
हमारी कॉलोनी में एक अंकल हैं, जिनका नाम राजेश है। वो करीब 45 साल के हैं, थोड़े मोटे लेकिन बहुत हैंडसम। वो अपने आपको बहुत फिट रखते हैं, स्टाइलिश कपड़े पहनते हैं, और हमेशा अच्छे परफ्यूम की खुशबू उनसे आती है। उनकी पत्नी, रीना आंटी, को सेक्स में कोई खास इंटरेस्ट नहीं है, ये बात कॉलोनी में सबको पता है। इसीलिए राजेश अंकल कॉलोनी की औरतों और भाभियों को लाइन मारते रहते हैं। कुछ को तो वो चोद भी चुके हैं, ये भी एक खुला राज है। मुझे भी वो हमेशा घूरते थे, और उनके कमेंट्स से पता चलता था कि वो मेरे टाइट सूट में उभरी मेरी चूचियों और गाँड के दीवाने हैं।
एक दिन की बात है, मैं घर पर थी, तभी राजेश अंकल हमारे घर आए। उनके चेहरे पर वो चिर-परिचित मुस्कान थी, जो कुछ न कुछ शरारत लिए होती थी। वो बोले, “सिद्धि, तुम्हें लैपटॉप चलाना आता है न? मेरा लैपटॉप खराब हो गया है, सेटिंग्स गड़बड़ हो गई हैं। क्या तुम मेरे घर चलकर इसे ठीक कर सकती हो?” मैंने हँसते हुए कहा, “हाँ अंकल, क्यों नहीं! चलिए, देख लेती हूँ।” मैं उनके साथ उनके घर चली गई। उनके घर का माहौल बिल्कुल लग्जरी था—बड़ा सा हॉल, महंगे फर्नीचर, और एकदम साफ-सुथरा। अंकल की पत्नी उस वक्त मेरी मम्मी के साथ कॉलोनी में टहलने गई थी, और घर में सिर्फ हम दोनों थे।
मैंने अंकल का लैपटॉप खोला। उसमें ढेर सारी प्रॉब्लम थी—फोल्डर्स में वायरस, स्लो स्पीड, और कुछ सेटिंग्स पूरी तरह गड़बड़। मैंने सब ठीक करना शुरू किया। इस दौरान अंकल मेरे पास ही बैठे थे, बार-बार मेरी तरफ देख रहे थे। मेरे टाइट सूट में मेरी चूचियाँ साफ उभर रही थीं, और मुझे पता था कि वो मेरे जिस्म को घूर रहे हैं। मैंने जानबूझकर थोड़ा झुककर काम किया, ताकि वो और तड़पें। करीब दो घंटे लग गए लैपटॉप ठीक करने में, और तब तक शाम हो चुकी थी।
लैपटॉप ठीक करने के बाद अंकल ने कहा, “सिद्धि, तुमने तो कमाल कर दिया! बोलो, क्या चाहिए तुम्हें?” मैंने हँसते हुए कहा, “अरे अंकल, कुछ नहीं चाहिए। बस आपका लैपटॉप ठीक हो गया, ये ही काफी है।” लेकिन वो नहीं माने। बोले, “नहीं सिद्धि, कुछ तो लेना होगा। बोलो, क्या चाहिए?” मैंने मजाक में कहा, “ठीक है अंकल, मेरे जियो सिम का रिचार्ज करवा दीजिए।” अंकल ने तुरंत ऑनलाइन 599 वाला रिचार्ज कर दिया। मैं खुश हो गई और बोली, “चलती हूँ अंकल, अब तो शाम हो गई।”
अंकल ने थोड़ा नाटक करते हुए कहा, “अरे, काम खत्म हुआ तो मुझे छोड़कर भाग रही हो?” मैंने हँसकर जवाब दिया, “नहीं अंकल, ऐसी बात नहीं। बस घर जाना है।” वो बोले, “अरे सिद्धि, थोड़ा रुक जाओ। चलो, साथ में कुछ पीते हैं। मैं बियर पी लूँगा, और तुम कॉफी बना लो।” मैंने सोचा, ठीक है, थोड़ा और रुकने में क्या हर्ज है। मैं किचन में गई और कॉफी बनाई। अंकल ने अपनी बियर की बोतल खोली और हम दोनों हॉल में बैठकर पीने लगे। मैं कॉफी की चुस्कियाँ ले रही थी, और अंकल अपनी बियर। माहौल में थोड़ी सी खामोशी थी, और मुझे थोड़ा बोरियत हो रही थी।
तभी मैंने अंकल का लैपटॉप फिर से खोला। स्क्रीन पर एक फोल्डर दिखा, जिसका नाम कुछ अजीब सा था। मैंने उत्सुकता में उसे खोला, और अंदर ढेर सारी एचडी ब्लू फिल्में थीं। मेरे तो होश उड़ गए! मैंने एक वीडियो चला दिया। स्क्रीन पर एक लड़की अपनी चूत में उंगली कर रही थी, और उसकी सिसकारियाँ कमरे में गूँज रही थीं—आह्ह… उह्ह… मैं वीडियो देखने में इतनी खो गई कि मुझे ध्यान ही नहीं रहा कि अंकल मेरे पास बैठे हैं। ब्लू फिल्म देखते ही मेरी चूत में गीलापन होने लगा। मेरी साँसें तेज हो गईं, और मेरे जिस्म में एक अजीब सी गर्मी सी दौड़ने लगी।
अंकल ने मेरी हालत देख ली थी। वो थोड़ा नशे में थे, और उनकी आँखों में वही हवस थी जो मैं पहले भी देख चुकी थी। वो मेरे पास आए और बोले, “क्या देख रही हो, सिद्धि?” मैं घबरा गई और बोली, “कु… कुछ नहीं अंकल।” वो हँसते हुए बोले, “अरे, कोई बात नहीं। देख लो, मैं किसी को नहीं बताऊँगा। अगर मन करे तो मेरा लैपटॉप ले जाओ, घर पर आराम से देख लेना।” उनकी बातों से मुझे समझ आ गया कि वो भी चुदाई के मूड में हैं।
मैंने उनकी तरफ देखा, और उनकी आँखों में वो शरारत थी जो मुझे और गरम कर रही थी। वो मेरे और करीब आए, और धीरे से मेरे गाल को छुआ। मैंने कुछ नहीं कहा। मेरी चूत पहले ही गीली हो चुकी थी, और अब मेरा जिस्म भी जवाब दे रहा था। अंकल ने मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए। उनकी साँसों में बियर की हल्की सी खुशबू थी, जो मुझे और उत्तेजित कर रही थी। मैंने भी उनका साथ देना शुरू कर दिया। हम दोनों एक-दूसरे को पागलों की तरह चूमने लगे। उनकी जीभ मेरे मुँह में थी, और मैं उनकी जीभ को चूस रही थी।
अंकल ने धीरे-धीरे मेरे सलवार सूट के ऊपर से मेरी चूचियों को दबाना शुरू किया। मेरी चूचियाँ टाइट ब्रा में कैद थीं, और उनके दबाने से मुझे हल्का दर्द और बहुत सारा मजा दोनों मिल रहे थे। वो मेरे सूट का कुरता ऊपर उठाने लगे। मैंने कोई विरोध नहीं किया। उन्होंने मेरा कुरता उतार दिया, और अब मैं सिर्फ काली ब्रा और सलवार में थी। मेरी गोरी त्वचा देखकर उनकी आँखें चमक उठीं। वो बोले, “सिद्धि, तेरा जिस्म तो किसी हीरोइन से कम नहीं।” मैंने शरमाते हुए कहा, “अंकल, बस करो न…” लेकिन मेरी आवाज में वो नखरे थे, जो उन्हें और उकसा रहे थे।
उन्होंने मेरी ब्रा के हुक खोल दिए, और मेरी 34 साइज की चूचियाँ आजाद हो गईं। मेरे गुलाबी निप्पल्स को देखकर वो पागल हो गए। वो मेरी चूचियों को दोनों हाथों से मसलने लगे, और फिर मेरे निप्पल्स को मुँह में लेकर चूसने लगे। “आह्ह… अंकल… धीरे…” मैं सिसकारियाँ ले रही थी। वो मेरे निप्पल्स को हल्के से काट रहे थे, जिससे मुझे दर्द और मजा दोनों हो रहा था। मेरी चूत अब पूरी तरह गीली हो चुकी थी, और मेरी पैंटी में गीलापन साफ महसूस हो रहा था।
अंकल ने मेरी सलवार का नाड़ा खींचा, और मेरी काली पैंटी भी नीचे खींच दी। अब मैं उनके सामने पूरी नंगी थी। मेरी चूत पर हल्के-हल्के बाल थे, और वो गीली चमक रही थी। अंकल ने मेरी चूत को देखा और बोले, “सिद्धि, तेरी चूत तो बिल्कुल फ्रेश माल है।” उनकी बात सुनकर मैं शरमा गई, लेकिन मेरे जिस्म में गर्मी और बढ़ गई। वो नीचे झुके और मेरी चूत को चाटने लगे। उनकी जीभ मेरी चूत के दाने को छू रही थी, और मैं पागल हो रही थी। “आह्ह… उह्ह… अंकल… क्या कर रहे हो… आह्ह…” मैं सिसकारियाँ ले रही थी। उनकी जीभ मेरी चूत के अंदर तक जा रही थी, और मैं अपने कूल्हे हिलाकर उनका साथ दे रही थी।
करीब 10 मिनट तक वो मेरी चूत चाटते रहे। मेरी चूत से पानी निकल रहा था, और मैं एक बार झड़ चुकी थी। फिर अंकल खड़े हुए और बोले, “सिद्धि, अब तू मेरा लंड चूस।” मैंने उनकी पैंट की जिप खोली। उनका लंड बाहर निकला—करीब 7 इंच लंबा और मोटा। मैंने उसे अपने हाथ में लिया और सहलाने लगी। फिर मैंने उसे अपने मुँह में लिया और चूसना शुरू किया। “उम्म… उम्म…” मैं उनके लंड को पूरा मुँह में ले रही थी, और उनकी सिसकारियाँ निकल रही थीं। “आह्ह… सिद्धि… तू तो कमाल चूसती है…” वो मेरे बालों को सहलाते हुए बोले। मैंने उनके लंड को और तेजी से चूसा, और कुछ ही मिनटों में वो मेरे मुँह में झड़ गए। मैंने उनका सारा माल निगल लिया।
अंकल ने मुझे सोफे पर लिटाया और अपनी जेब से एक कंडोम निकाला। उन्होंने अपने लंड पर कंडोम चढ़ाया और मेरी चूत के मुँह पर रखा। मेरी चूत टाइट थी, और उनका लंड मोटा। मैंने कहा, “अंकल, धीरे… थोड़ा दर्द हो रहा है।” वो बोले, “अरे, कुछ नहीं होगा। बस थोड़ा सा…” और धीरे-धीरे उन्होंने अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया। “आह्ह… उह्ह…” मैं दर्द और मजा दोनों महसूस कर रही थी। वो धीरे-धीरे धक्के मारने लगे। “चट… चट…” उनकी चुदाई की आवाज कमरे में गूँज रही थी।
कुछ देर बाद मैंने भी अपने कूल्हे हिलाने शुरू किए। “आह्ह… अंकल… और जोर से… चोदो न…” मैं सिसकारियाँ ले रही थी। वो मेरी चूचियों को दबाते हुए जोर-जोर से धक्के मार रहे थे। “सिद्धि, तेरी चूत तो बिल्कुल टाइट है… आह्ह… क्या माल है तू…” वो गंदी बातें कर रहे थे, जो मुझे और गरम कर रही थी। करीब 15 मिनट की चुदाई के बाद मैं फिर से झड़ गई। मेरी चूत से पानी निकल रहा था, और अंकल अभी भी चोद रहे थे।
फिर उन्होंने मुझे घोड़ी बनाया। मैंने सोफे पर अपने घुटने टिकाए, और वो मेरे पीछे आ गए। उन्होंने मेरी गाँड पर हल्के से चपत मारी और बोले, “सिद्धि, तेरी गाँड तो किसी पोर्नस्टार से कम नहीं।” मैंने हँसते हुए कहा, “अंकल, बस अब चोदो न…” उन्होंने अपना लंड मेरी चूत में पीछे से डाला और जोर-जोर से धक्के मारने लगे। “फट… फट…” उनकी चुदाई की आवाज और मेरी सिसकारियाँ—“आह्ह… उह्ह… अंकल… और तेज…”—कमरे में गूँज रही थीं। इस बार वो मेरी गाँड को भी सहला रहे थे, और उनकी उंगलियाँ मेरी गाँड के छेद को छू रही थीं, जिससे मुझे एक अजीब सा मजा आ रहा था।
करीब 20 मिनट की चुदाई के बाद अंकल भी झड़ गए। हम दोनों पसीने से तर थे। वो मेरे ऊपर लेट गए, और हम दोनों एक-दूसरे को चूमने लगे। फिर अंकल ने कहा, “सिद्धि, मेरी बीवी को चुदाई में मजा नहीं आता। इसीलिए मैं कॉलोनी की औरतों को चोदता हूँ। मेरी साली को भी चोदता हूँ, वो दिल्ली में ही रहती है।” मैंने हँसते हुए कहा, “अंकल, आप तो पूरे खिलाड़ी हो।” वो बोले, “सिद्धि, तू जो कहेगी, मैं करूँगा। तेरा रिचार्ज तो मैंने कर दिया, और कुछ चाहिए?”
मैंने उन्हें फिर से चूमा और बोली, “अंकल, बस ऐसे ही प्यार करते रहो।” फिर हमने थोड़ी देर और बातें कीं। अंकल ने बताया कि वो कॉलोनी की कई औरतों और लड़कियों को चोद चुके हैं, लेकिन मेरे साथ उन्हें सबसे ज्यादा मजा आया। मैंने भी माना कि उनका मोटा लंड और चुदाई का स्टाइल मुझे बहुत पसंद आया।
उसके बाद मैं अपने घर आ गई। अब अंकल और मेरे बीच एक खास रिश्ता बन गया है। वो मुझे बहुत प्यार करते हैं, मेरी शॉपिंग करवाते हैं, और जब भी मौका मिलता है, हम दोनों खूब चुदाई करते हैं। अंकल मुझे अपनी हर चुदाई की कहानी बताते हैं, और मुझे भी उनके साथ चुदाई में बहुत मजा आता है।
दोस्तो, आपको मेरी ये कहानी कैसी लगी? क्या आपने भी कभी ऐसी चुदाई का मजा लिया है? कमेंट में जरूर बताइए!