उधर रावण दहन हो रहा था इधर मुझे भैया चोद रहे थे

Bhai behen chudai sex story: सीमा, 22 साल की, गोरी, लंबे काले बाल, भरी हुई चूचियां और मोटी जांघों वाली एक हसीन लड़की, अपने बेड पर लेटी हुई थी। उसका चेहरा थकान से भरा था, रात की जागने की वजह से आंखें भारी थीं। पास के कमरे में उसका भैया, रवि, 25 साल का, लंबा, चौड़े कंधों वाला, गेहुंआ रंग और मूंछों वाला नौजवान, बिस्तर पर पड़ा था। रवि का चेहरा थोड़ा उदास था, शायद तबीयत की वजह से, लेकिन उसकी आंखों में एक चमक थी जो कुछ और ही कहानी बयां कर रही थी। नीचे से मम्मी की आवाज़ गूंजी, “सीमा, रावण दहन देखने जा रही है कि नहीं? पापा जी पूछ रहे हैं। रवि तो नहीं जा रहा, उसकी तबीयत ठीक नहीं है, जल्दी बता!” मम्मी, शांति, 45 साल की, साड़ी में लिपटी, हमेशा की तरह चटपटी और घर संभालने वाली औरत थीं। पापा, रमेश, 50 साल के, गंभीर स्वभाव के, कार की चाबी हाथ में लिए तैयार खड़े थे।

सीमा ने बिस्तर पर करवट ली, उसकी सलवार-कुर्ती थोड़ी सी सिकुड़ गई थी। उसने ऊपर से ही चिल्लाकर जवाब दिया, “नहीं मम्मी, मैं नहीं जा रही! आप और पापा जी चले जाओ!” मम्मी ने जवाब दिया, “ठीक है, रवि जब उठे तो चाय बना देना।” सीमा ने हल्की सी मुस्कान के साथ कहा, “हां मम्मी, मैं चाय बना दूंगी। आप लोग कब तक आएंगे?” मम्मी ने बताया, “रावण दहन देखकर थोड़ा काम है, राधिका के घर जाना है। शायद रात 9 बजे तक लौटूं। खाना बाहर से ले आऊंगी, तुम मत बनाना।” इतना कहकर मम्मी ने पापा को आवाज़ दी, और दोनों कार में बैठकर रावण दहन देखने निकल गए।

सीमा बिस्तर से उठी, उसकी सलवार नीचे सरक रही थी, जिसे उसने ठीक किया। नीचे जाकर उसने दरवाज़ा बंद किया और वापस ऊपर आई। रवि के कमरे की तरफ झांका तो वो बिस्तर पर लेटा हुआ, हल्का सा मुस्कुरा रहा था। उसने कहा, “सबकी आवाज़ मुझे भी सुनाई दे रही थी, पर मैं चुप रहा, उनको लगा मैं सो रहा हूं।” सीमा हंसते हुए उसके पास गई, उसकी आंखों में शरारत थी। “तुम बहुत गंदे हो!” कहकर उसने रवि के सीने पर हल्का सा मुक्का मारा। रवि ने हंसते हुए तकिया उठाया और सीमा को मारने लगा। सीमा ने भी दूसरा तकिया पकड़ा और दोनों भाई-बहन तकियों से एक-दूसरे को मारने लगे, हंसी-मज़ाक में कमरा गूंज उठा।

तभी सीमा ने रवि को तीन-चार जोरदार तकिए लगाए। रवि ने नाटक करते हुए कहा, “अरे, तुझमें तो बहुत ताकत आ गई है!” उसने तकिया फेंका और सीमा को पकड़कर बेड पर लिटा दिया। वो उसके ऊपर चढ़ गया, उसकी दोनों कलाइयों को अपने हाथों से दबाकर बेड पर चिपका दिया। सीमा हंसते हुए छटपटाई, “छोड़ो, छोड़ो, भैया!” रवि ने शरारती अंदाज़ में कहा, “अब बता, ताकत किसमें है?” उसका चेहरा सीमा के चेहरे के इतना करीब था कि उसकी गर्म सांसें सीमा के गालों को छू रही थीं। सीमा की सलवार-कुर्ती में उसकी भरी हुई चूचियां साफ़ दिख रही थीं, जो सांसों के साथ ऊपर-नीचे हो रही थीं। उसकी गुलाबी होंठों पर हल्की सी लिपस्टिक थी, जो रवि की आंखों को खींच रही थी।

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रवि की नज़रें सीमा के चेहरे पर टिक गईं। उसने धीरे से उसके एक गाल पर चुम्मा दे दिया। सीमा शर्मा गई, उसका चेहरा लाल हो गया। “हटो, ये क्या कर रहे हो?” उसने शर्माते हुए कहा। रवि ने हंसते हुए दूसरे गाल पर भी चुम्मा दे दिया और बोला, “अब बता, ये क्या है?” सीमा ने गुस्से का नाटक करते हुए कहा, “तुम बहुत गंदे हो! कोई अपनी बहन के साथ ऐसा करता है?” रवि ने शरारती अंदाज़ में जवाब दिया, “जब बहन इतनी हॉट और जवान हो, और घर में कोई न हो, तो ये तो बनता है!” सीमा ने हंसते हुए कहा, “हट जाओ, बस अब बहुत हुआ!” लेकिन उसकी आवाज़ में एक अजीब सी कशिश थी, मानो वो खुद भी इस खेल को आगे बढ़ाना चाह रही हो।

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रवि ने फिर से उसके गाल पर, फिर ललाट पर, फिर नाक पर चुम्मा दिया। सीमा की सांसें तेज़ होने लगीं। जब रवि ने उसके होंठों पर अपने होंठ रखे, तो सीमा के जिस्म में जैसे बिजली दौड़ गई। उसने आंखें बंद कर लीं और हल्के से कहा, “छोड़ दो, भैया…” लेकिन उसकी आवाज़ में विरोध कम और चाहत ज़्यादा थी। रवि ने धीरे-धीरे उसके होंठों को चूसना शुरू किया। उसका एक हाथ सीमा की कलाई छोड़कर उसकी कमर पर चला गया, और दूसरा हाथ उसकी चूची पर। सीमा की सलवार-कुर्ती में उसकी चूचियां उभरी हुई थीं, और रवि ने हल्के से उन्हें दबाया। सीमा के मुंह से सिसकारी निकली, “आह… भैया, ये गलत है…” लेकिन उसका जिस्म कुछ और कह रहा था।

रवि ने अपनी टी-शर्ट उतारी, उसका चौड़ा सीना और हल्के बाल सीमा की आंखों के सामने थे। उसने सीमा की कुर्ती को ऊपर खींचने की कोशिश की, लेकिन सीमा ने शर्माते हुए रोक लिया। “नहीं, भैया, ये ठीक नहीं…” रवि ने फिर से उसके होंठों को चूमा, इस बार और गहराई से। उसकी जीभ सीमा की जीभ से मिली, और सीमा का विरोध पिघलने लगा। उसने धीरे से सीमा की कुर्ती उतारी, और उसकी ब्रा में कैद भरी हुई चूचियां सामने आईं। रवि ने ब्रा के ऊपर से ही उन्हें दबाया, और सीमा के मुंह से एक और सिसकारी निकली, “उफ्फ… धीरे, भैया…”

रवि ने उसकी ब्रा का हुक खोला, और सीमा की बड़ी-बड़ी चूचियां आज़ाद हो गईं। उसके निप्पल गुलाबी और सख्त थे, और रवि ने बिना देर किए एक निप्पल को मुंह में लिया। सीमा की सिसकारियां और तेज़ हो गईं, “आह… ओह… भैया, धीरे… दर्द हो रहा है!” रवि ने निप्पल को चूसते हुए हल्के से दांतों से काटा, और सीमा का जिस्म सिहर उठा। उसने रवि के बाल पकड़ लिए और उसे और करीब खींच लिया। रवि का एक हाथ अब सीमा की सलवार के नाड़े तक पहुंच गया। उसने नाड़ा खींचा, और सलवार नीचे सरक गई। सीमा की काली पैंटी में उसकी चूत की उभरी हुई शेप साफ़ दिख रही थी।

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रवि ने सीमा की पैंटी को धीरे-धीरे नीचे खींचा। सीमा की चूत पर घने काले बाल थे, जो गीले हो चुके थे। रवि ने उंगली से उसकी चूत को सहलाया, और सीमा का जिस्म कांप उठा। “उफ्फ… भैया, ये क्या कर रहे हो…” उसकी आवाज़ में अब शर्म कम और वासना ज़्यादा थी। रवि ने अपनी उंगली सीमा की चूत में डाली, और वो गीली और गर्म थी। उसने धीरे-धीरे उंगली अंदर-बाहर की, और सीमा की सिसकारियां कमरे में गूंजने लगीं, “आह… ओह… भैया, बस करो…” लेकिन रवि रुका नहीं। उसने सीमा की चूत को चाटना शुरू किया, उसकी जीभ सीमा की चूत के होंठों पर फिसल रही थी। सीमा की टांगें कांप रही थीं, और वो बिस्तर पर सिसकारियां ले रही थी, “उफ्फ… आह… भैया, ये गलत है… पर रुको मत…”

रवि ने सीमा की गांड को सहलाना शुरू किया, और उसकी जीभ अब सीमा की गांड के छेद तक पहुंच गई। सीमा पागल हो रही थी, उसकी चूत से गर्म पानी टपक रहा था। उसने रवि के सिर को अपनी चूत पर दबाया और चिल्लाई, “आह… भैया, और करो… चाटो इसे!” रवि का लंड अब पूरी तरह खड़ा था, और उसकी पैंट में तंबू बन गया था। उसने अपनी पैंट उतारी, और उसका 8 इंच का मोटा लंड सीमा के सामने था। सीमा ने उसे देखा और शर्माते हुए कहा, “ये तो बहुत बड़ा है…” रवि ने हंसते हुए कहा, “तेरी चूत इसे पूरा ले लेगी, मेरी रानी।”

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रवि ने सीमा की टांगें चौड़ी कीं और अपने लंड को उसकी चूत के मुंह पर रखा। उसने धीरे से रगड़ा, और सीमा की सिसकारी निकली, “उफ्फ… भैया, धीरे…” रवि ने धीरे से लंड अंदर डाला, और सीमा की टाइट चूत ने उसे कस लिया। “आह… दर्द हो रहा है…” सीमा ने कहा, लेकिन उसकी आंखों में वासना थी। रवि ने धीरे-धीरे धक्के शुरू किए, और सीमा की चूत गीली होने की वजह से लंड आसानी से अंदर-बाहर होने लगा। “चट-चट-चट” की आवाज़ कमरे में गूंज रही थी, और सीमा की सिसकारियां तेज़ हो गईं, “आह… ओह… भैया, और जोर से… चोदो मुझे!”

रवि ने अपनी रफ्तार बढ़ाई, और उसका लंड सीमा की चूत में गहराई तक जा रहा था। उसने सीमा की चूचियों को मसलना शुरू किया, और सीमा की सिसकारियां अब चीखों में बदल गईं, “उफ्फ… आह… भैया, फाड़ दो मेरी चूत!” रवि ने सीमा को पलटा और उसे घोड़ी बनाया। उसकी मोटी गांड हवा में थी, और रवि ने पीछे से अपना लंड उसकी चूत में डाला। “पट-पट-पट” की आवाज़ के साथ सीमा की गांड हिल रही थी, और वो चिल्ला रही थी, “हाय… भैया, और जोर से… मेरी चूत को चोद डालो!” रवि ने उसकी गांड पर एक हल्का सा चमाट मारा, और सीमा की सिसकारी निकली, “उफ्फ… मारो और… मुझे और सजा दो!”

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करीब 15 मिनट तक रवि ने सीमा को अलग-अलग पोज़ में चोदा। कभी वो उसे मिशनरी में चोदता, तो कभी घोड़ी बनाकर। सीमा की चूत अब पूरी तरह गीली थी, और वो दो बार झड़ चुकी थी। उसकी सिसकारियां कमरे में गूंज रही थीं, “आह… ओह… भैया, तुमने तो मुझे पागल कर दिया…” रवि ने अब सीमा को अपनी गोद में बिठाया और उसे ऊपर-नीचे करने लगा। सीमा की चूचियां उछल रही थीं, और रवि उन्हें चूस रहा था। सीमा ने अपने नाखून रवि की पीठ में गड़ा दिए और चिल्लाई, “हाय… भैया, मैं फिर से झड़ रही हूं… आह!”

तभी बाहर पटाखों की आवाज़ गूंजने लगी। शायद रावण दहन शुरू हो गया था। लेकिन सीमा और रवि की अपनी आग अभी बुझी नहीं थी। रवि ने सीमा को और जोर से चोदा, और उसका लंड अब सीमा की चूत की गहराई में जा रहा था। सीमा की सिसकारियां और तेज़ हो गईं, “उफ्फ… भैया, तुम्हारा लंड मेरी चूत को फाड़ रहा है… और जोर से!” रवि ने उसकी गांड को सहलाते हुए एक उंगली उसके गांड के छेद में डाली, और सीमा की चीख निकल गई, “आह… ये क्या… भैया, वहां नहीं!” लेकिन उसकी आवाज़ में मज़ा था।

करीब 10 मिनट बाद रवि भी झड़ गया। उसका गर्म माल सीमा की चूत में गिरा, और सीमा तीसरी बार झड़ गई। दोनों हांफते हुए बिस्तर पर लेट गए। रवि नंगा था, और सीमा की पैंटी और सलवार बिस्तर पर पड़ी थी। रवि ने सीमा की तरफ देखा, उसकी एक टांग सीमा की जांघ पर रखी और उसकी चूचियों को सहलाते हुए कहा, “तू तो बहुत हॉट है, सीमा।” सीमा ने शरारती अंदाज़ में कहा, “तुमने तो अपनी बहन को चोद डाला, भैया। उधर रावण जल रहा था, और इधर तुमने मेरे जिस्म में आग लगा दी।” रवि ने हंसते हुए कहा, “रावण की आग बुझ गई, और तेरी चूत की आग भी।” दोनों हंसने लगे।

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बाहर पटाखों की आवाज़ धीमी हो चुकी थी। सीमा और रवि एक-दूसरे की बाहों में लेटे थे, उनकी सांसें अभी भी तेज़ थीं। सीमा ने कहा, “ये गलत था, पर मज़ा बहुत आया।” रवि ने उसके होंठों पर एक चुम्मा दिया और कहा, “अब तो ये हमारा राज़ है।” दोनों ने एक-दूसरे को देखा और मुस्कुराए।

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