ट्यूशन टीचर ने होमवर्क के बदले चूत दे दी

मेरा नाम आरव है। उन्नीस साल का, लंबा, गोरा, हरियाणवी फैमिली का लड़का। अभी तक पूरा कुंवारा था। मेरा लंड आठ इंच लंबा, मोटा, नसें उभरी हुईं, टोपा गुलाबी और हमेशा चमकदार रहता है। कॉलेज के फाइनल एग्जाम से ठीक आठ दिन पहले रीना मैम का पर्सनल मैसेज तीनों को अलग-अलग आया – मुझे, नेहा को और प्रिया को। मैसेज बिल्कुल सादा था, “कल रविवार सुबह दस बजे से दोपहर दो बजे तक तुम्हारे लिए स्पेशल रिवीजन है, सिर्फ तुम तीनों आना।” हम तीनों अलग-अलग खुश हो गए, किसी को जरा सा भी शक नहीं हुआ कि ये मैम का सोचा-समझा प्लान था।

रविवार सुबह सवा नौ बजे मैं घर से निकला। गली में हल्की सी धूप थी, पर मेरा दिल धक-धक कर रहा था। मैम का घर मोहल्ले के आखिरी छोर पर था, चारों तरफ खेत और शांति। मैंने दरवाजा खटखटाया तो मैम ने खुद खोला। नीली शिफॉन साड़ी पहने हुए थीं, पल्लू हल्का सा सरका हुआ, ब्लाउज़ की गहराई में उनके बड़े-बड़े बूब्स की लहरें साफ दिख रही थीं, क्रीम कलर की ब्रा की लेस झलक रही थी, बाल खुल्ले हुए, होंठों पर गुलाबी लिपस्टिक, गर्दन पर हल्का सा पसीना और उसमें जस्मीन का परफ्यूम इतना तेज़ कि मेरी साँसें अपने आप तेज हो गईं।

“आ जा आरव, बाकी दोनों आ गए हैं,” मैम ने मुस्कुराते हुए कहा और मुझे अंदर ले गईं। कमरे में एसी चल रहा था, पर हवा भारी और गर्म सी लग रही थी। नेहा सफेद टॉप और नीली स्कर्ट में सोफे पर बैठी थी, उसकी पतली गोरी टाँगें एक के ऊपर एक रखी हुईं, ताज़ा नहायी हुई साबुन की मिठास उसके बदन से उठ रही थी। प्रिया टाइट व्हाइट जीन्स और कटा हुआ काला टॉप पहने थी, उसके चुचों के निप्पल टॉप के पतले कपड़े पर साफ उभरे हुए थे, उसकी गर्मी और चॉकलेट लोशन की खुशबू कमरे में फैली हुई थी।

मैम ने दरवाजा लॉक किया, पर्दे आधे बंद किए और बोलीं, “बैठ जाओ, पहले थोड़ा रिवीजन करते हैं।” पहले चालीस मिनट बिल्कुल नॉर्मल पढ़ाई हुई। फिर मैम ने मुस्कुराते हुए कहा, “अब रिएक्शन को फील से समझाऊँगी।” उन्होंने लैपटॉप खोला, लाइट्स धीमी कर दीं, प्रोजेक्टर ऑन किया और पूरा कमरा अंधेरा कर दिया। स्क्रीन पर पोर्न वीडियो शुरू हुआ। पहले सिर्फ तेज़ साँसें, फिर चीखें, “हाँ जीभ अंदर तक डालो… मेरी गाँड फाड़ दो…” कैमरा जूम हुआ, एक लड़की दूसरी की गुलाबी गाँड चाट रही थी, तीसरा लड़का पीछे से जोर-जोर से पेल रहा था। चपचप चपचप की आवाज कमरे में गूँजने लगी।

मैम बीच-बीच में रुक-रुक कर समझाती रहीं, “देखो ये जो लड़की पहली बार ले रही है, ये दर्द है… ये जो खून निकल रहा है, ये सील टूटने का निशान है… और ये जो बाद में चिल्ला रही है, ये मजा है। आज तुम तीनों भी यही फील करोगे।” मेरा लंड पैंट में फटने को था, नेहा की साँसें इतनी तेज थीं कि उसका टॉप ऊपर-नीचे हो रहा था, प्रिया ने अपनी जाँघें कसकर भींच ली थीं और उसकी पैंटी से गीली खुशबू साफ आने लगी थी।

फिर मैम ने वीडियो थोड़ा आगे बढ़ाया और बोलीं, “अब असली प्रैक्टिकल शुरू करते हैं।”

मैम मेरे पास आईं, मेरे कंधे पर हाथ रखा, उनकी गर्म उंगलियाँ मेरी गर्दन पर फेरने लगीं, उनकी साँसें मेरे कान पर लग रही थीं, मैं काँप रहा था। मैम ने फुसफुसाया, “आरव… डर मत… बस फील कर।” फिर वो नेहा के पास गईं, उसके गाल पर हाथ फेरा, धीरे से उसका टॉप ऊपर उठाया और पेट पर उंगलियाँ फेरने लगीं, नेहा की साँसें रुक सी गईं, उसकी आँखें बंद हो गईं, उसकी कमर हल्की सी ऊपर उठी। मैम ने प्रिया को पास बुलाया, उसकी जीन्स की बटन खोली, जिप नीचे की और पैंटी के ऊपर से सहलाने लगीं, प्रिया की कमर काँपने लगी, उसकी साँसें आह्ह्ह आह्ह्ह करने लगीं, उसकी आँखें बंद थीं और होंठ काट रही थी।

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धीरे-धीरे लस्ट सबको खा गया। नेहा अब खुद मैम के ब्लाउज़ के हुक खोल रही थी, मैम के बड़े-बड़े बूब्स बाहर आए, गुलाबी निप्पल कड़क हो चुके थे, नेहा ने एक निप्पल मुँह में लेकर चूसना शुरू किया, ग्ग्ग्ग.. ग्ग्ग्ग.. गी.. गी.. गों.. गों.. गोग, मैम की साँसें तेज हो गईं, उन्होंने नेहा का सिर दबाया और बोलीं, “चूस रंडी… और जोर से चूस…” प्रिया मेरे पैंट की जिप खोल चुकी थी, आठ इंच का मोटा लंड बाहर निकाला, वो घुटनों पर बैठी और टोपा मुँह में लेकर चूसने लगी, ग्ग्ग्ग ग्ग्ग्ग गोंग गोंग गीईईई, मैंने उसका सिर पकड़ा और पूरा लंड उसके गले तक पहुँचा दिया, वो खाँसने लगी, आँसू निकल आए पर फिर भी चूसती रही, ग्ग्ग्ग गोंग गोंग गीईईई, उसकी लार लंड पर लटक रही थी। मैम हँसकर बोलीं, “देखा, वीडियो ने तुम सबको रंडी बना दिया।”

फिर असली खेल शुरू हुआ।

मैम ने नेहा को टेबल पर लिटाया, उसकी नीली स्कर्ट कमर तक ऊपर कर दी, गुलाबी पैंटी धीरे से नीचे सरकाई। नेहा की चूत पर हल्के सुनहरे बाल थे, बिल्कुल गुलाबी, कँपकँपाती हुई। मैम ने पहले सिर्फ उंगलियों से क्लिट सहलाया, फिर एक उंगली चूत में डाली, नेहा की कमर ऊपर उठी, “आह्ह्ह मैम… आह्ह्ह इह्ह्ह…” मैम ने दो उंगलियाँ डालकर अंदर-बाहर करने लगीं, चपचप चपचप, नेहा की साँसें तेज हो गईं, फिर मैम ने घुटने टेककर जीभ से चाटना शुरू किया, जीभ नेहा की क्लिट पर गोल-गोल घूमने लगी, चपचप चपचप चपचप, नेहा की टाँगें काँपने लगीं, “मैम… आह्ह्ह… कुछ होने वाला है… आह्ह्ह ह्ह्ह… ऊईईई…” उसका पहला ऑर्गेज़म आया, चूत से रस की बौछार निकली, मैम ने सारा रस चाट लिया, नेहा की चूत चमक रही थी, वो हाँफ रही थी।

मैम ने मेरे लंड को पकड़ा, मेरे कूल्हे दबाए और बोलीं, “आरव… अब तू डाल… धीरे-धीरे… ये तेरी पहली चूत है और इसकी भी पहली बार है।” मैं काँप रहा था। मेरा लंड नेहा की चूत पर रगड़ा, टोपा अंदर सरकने की कोशिश की। नेहा की चीख निकल गई, “आअह्ह्ह्ह… बहुत मोटा है आरव… नहीं होगा… आह्ह्ह ह्ह्ह…” मैम ने नेहा के आँसू चाटे और बोलीं, “रंडी बनने का यही दर्द है… साँस रोको… अब आएगा।”

मैंने एक लंबा, धीमा धक्का मारा। टोपा अंदर गया। नेहा की चूत से खून की हल्की लकीर निकली। वो रोने लगी, “आरव… आह्ह्ह्ह… दर्द… बहुत दर्द…” मैम ने उसकी क्लिट चाटी, मैंने 20-25 बार सिर्फ टोपा अंदर-बाहर किया। हर बार नेहा चीखती, “आह्ह्ह्ह्ह… फट गई मैं… आह्ह्ह ह्हीईई…” फिर अचानक नेहा की चूत ने लंड को पूरा निगल लिया। उसकी आँखें बंद, “आरव… अब मजा आ रहा है… और अंदर… आह्ह्ह ऊउइइ ऊईईई…” मैंने पूरा आठ इंच पेल दिया। नेहा की पहली सील टूट चुकी थी।

मैंने धीरे-धीरे स्पीड बढ़ाई। ठपठप… ठपठप… चपचप चपचप… नेहा की चूत से खून और रस मिलकर लंड को चिकना कर रहे थे। नेहा की कमर खुद ऊपर उठने लगी, “हाँ आरव… और जोर से… आह्ह्ह इह्ह्ह… फाड़ दे मुझे… आह्ह्ह ह्ह्ह ऊउइइ…” मैंने उसकी दोनों टाँगें कंधे पर रखीं और मिशनरी में जोर-जोर से पेलने लगा। हर धक्के में उसकी चूत से चपचप की आवाज आ रही थी। नेहा की आँखें लाल, “आरव… मैं फिर झड़ने वाली हूँ… आह्ह्ह ऊईईई… आह्ह्ह ह्ह्ह…” उसकी चूत ने मेरे लंड को कस लिया, वो फिर झड़ गई, उसका रस मेरे लंड पर बह रहा था। मैंने स्पीड और बढ़ाई, ठपठप ठपठप ठपठप ठपठप ठपठप, नेहा की चीखें कमरे में गूँज रही थीं, “आरव… और तेज… आह्ह्ह… मैं तेरी रंडी हूँ… पेल… आह्ह्ह ऊउइइ ऊईईई…” मैंने उसकी चुचियाँ दबाईं, निप्पल मरोड़े, वो और तेज़ चिल्लाई, मैंने ५०० से ज्यादा धक्के मारे, नेहा सात बार झड़ चुकी थी, उसकी चूत से रस और खून की मिक्स लकीरें बह रही थीं, फिर मैंने लंड निकाला, नेहा की चूत खुली हुई थी, हवा ले रही थी, वो हाँफ रही थी, उसकी आँखें बंद थीं, होंठों पर मुस्कान थी।

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अब प्रिया की बारी थी। मैम ने प्रिया को सोफे पर घोड़ी बनाया, उसकी व्हाइट जीन्स और पैंटी नीचे की। प्रिया की चूत नेहा से थोड़ी ज्यादा रसीली थी, गुलाबी फाँकें पहले से ही गीली थीं। मैंने लंड उसकी चूत पर रगड़ा, टोपा उसकी क्लिट पर फेरा, प्रिया काँप रही थी, “आरव… धीरे… मैंने कभी…” मैम ने प्रिया की गाँड पर थूक लगाया, दो उंगलियाँ उसकी गाँड में डालकर सहलाने लगीं और बोलीं, “आरव… अब डाल… ये भी कुंवारी है।”

मैंने धीरे से धक्का मारा। प्रिया की चीख निकली, “आअह्ह्ह्ह्ह… मादरचोद… बहुत दर्द… आह्ह्ह ह्ह्ह इह्ह्ह…” खून की लकीर निकली। मैम ने प्रिया की गाँड चाटी, जीभ अंदर तक डालकर चपचप चपचप किया। मैंने धीरे-धीरे पूरा लंड अंदर किया। प्रिया दर्द से रोने लगी, “आरव… निकाल… आह्ह्ह…” पर बीस धक्कों के बाद उसकी चीखें बदल गईं, “हाँ आरव… अब फाड़ दे… पूरा अंदर… आह्ह्ह ऊउइइ ऊईईई चपचप चपचप…”

मैंने उसकी कमर पकड़ी और डॉगी स्टाइल में जोर-जोर से पेलने लगा। ठपठप ठपठप ठपठप ठपठप, उसकी गाँड पर हर धक्के से लहरें उठ रही थीं, मैंने उसकी गाँड पर थप्पड़ मारे, लाल निशान पड़ गए, प्रिया और तेज़ चिल्लाई, “आरव… मार… और मार… आह्ह्ह… मैं मर जाऊँगी… आह्ह्ह ह्ह्ह… फिर भी पेल… आह्ह्ह ऊईईई…” मैंने उसकी चोटी पकड़कर सिर पीछे खींचा और ६५० से ज्यादा तेज धक्के मारे, प्रिया नौ बार झड़ चुकी थी, उसकी टाँगें काँप रही थीं, चूत से रस और खून की मिक्स लकीरें बह रही थीं, मैंने लंड निकाला, प्रिया की चूत खुली हुई थी, हवा ले रही थी, वो सोफे पर गिर गई, हाँफ रही थी।

अब दोनों लड़कियाँ पूरी तरह ढीली हो चुकी थीं। मैम ने अलमारी से काला स्ट्रैप-ऑन निकाला, सात इंच का, मोटा, नसें उभरी हुईं। कमर पर बाँधा और बोलीं, “अब मैं दिखाती हूँ कि औरत भी कैटेलिस्ट बन सकती है।”

मैम ने नेहा को फिर टेबल पर लिटाया, उसकी टाँगें फैलाईं, स्ट्रैप-ऑन नेहा की चूत पर रगड़ा, फिर एक जोरदार झटका। नेहा चीखी, “मैम… आह्ह्ह आप भी… आह्ह्ह ऊउइइइ…” मैम ने ७०० से ज्यादा तेज धक्के मारे, ठपठप ठपठप ठपठप ठपठप, नेहा की चूत से फिर रस और खून मिला हुआ बहने लगा। मैम ने उसकी टाँगें कंधे पर रखीं और मिशनरी में पेलने लगीं, “ले रंडी… ले… आज तेरी चूत ढीली कर दूँगी…” नेहा की आहें कमरे में गूँज रही थीं, “मैम… आह्ह्ह… आपका इतना मोटा… आह्ह्ह ह्ह्ह ऊईईई…” नेहा दस बार झड़ गई, उसकी चूत से रस की नदी बह रही थी।

फिर मैम ने प्रिया को घोड़ी बनाया, स्ट्रैप-ऑन उसकी चूत में एक झटके में पेल दिया। प्रिया की आँखें लाल, “मैम… आप तो आरव से भी तेज पेल रही हैं… आह्ह्ह ऊईईई फाड़ दो…” मैम ने उसकी कमर पकड़ी और डॉगी में ८०० से ज्यादा धक्के मारे, ठपठप ठपठप ठपठप, प्रिया की चीखें बंद नहीं हो रही थीं, “मैम… आह्ह्ह… मैं मर जाऊँगी… फिर भी पेलो… आह्ह्ह ऊउइइ ऊईईई…” उसकी चूत से रस की नदी बह रही थी, प्रिया बारह बार झड़ गई।

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फिर नेहा ने स्ट्रैप-ऑन माँगा। मैम ने उसे पहनाया। नेहा ने प्रिया को घोड़ी बनाया और स्ट्रैप-ऑन से प्रिया को पेलना शुरू किया। प्रिया चिल्ला रही थी, “नेहा… साली… तू तो मुझे मार डालेगी… आह्ह्ह ह्ह्ह ऊउइइ ठपठप ठपठप…” नेहा ने उसकी गाँड पर थप्पड़ मारे और ७०० धक्के मारे। प्रिया फिर दस बार झड़ गई।

मैंने मैम को सोफे पर लिटाया, उनका पल्लू सरकाया, ब्लाउज खोला, बड़े-बड़े बूब्स बाहर आए, गुलाबी निप्पल कड़क। मैंने दोनों निप्पल जोर-जोर से चूसे, ग्ग्ग्ग गी गी गोंग, फिर उनका पेटीकोट ऊपर किया, पैंटी साइड की और अपना आठ इंच लंड उनकी गर्म रसीली चूत में पेल दिया। मैम की चूत सबसे गर्म, सबसे तंग, सबसे रसीली थी, “हाँ आरव… पेल मुझे… अपनी मैम को रंडी बना… आह्ह्ह इह्ह्ह ओह्ह्ह चोद जोर से…” मैंने उनकी टाँगें कंधे पर रखीं और मिशनरी में ९०० से ज्यादा धक्के मारे। ठपठप ठपठप चपचप चपचप, मैम की चूत से रस की बौछारें निकल रही थीं, “आरव… मैं झड़ रही हूँ… आह्ह्ह ऊईईई… फिर भी मत रुक… पेल…” मैम पंद्रह बार झड़ गईं।

फिर सब स्वैप करते रहे। मैंने प्रिया को फिर घोड़ी बनाकर पेला, उसकी गाँड पर थप्पड़ मारते हुए, ७०० धक्के। नेहा ने मैम को स्ट्रैप-ऑन से मिशनरी में पेला, मैम की चीखें, “नेहा… साली… तू तो मुझे खत्म कर देगी… आह्ह्ह ऊउइइ ऊईईई…” फिर मैंने मैम को खड़ा किया, दीवार से सटा कर खड़े-खड़े पेला, उनकी एक टाँग ऊपर उठाकर, ६०० धक्के। प्रिया ने नेहा को लिटाकर स्ट्रैप-ऑन से पेला, नेहा की चीखें, “प्रिया… आह्ह्ह… तू तो बहुत तेज़ हो गई… आह्ह्ह ऊईईई…” फिर मैंने नेहा को फिर लिटाया, उसकी टाँगें फैलाकर मिशनरी में ७५० धक्के। प्रिया और नेहा एक-दूसरे को 69 पोजीशन में चाटने लगीं, चपचप चपचप, दोनों की जीभें एक-दूसरे की चूत में, दोनों बार-बार झड़ रही थीं। मैम मेरे लंड को चूस रही थीं, ग्ग्ग्ग ग्ग्ग्ग गोंग गोंग गीईईई, गला तक ले रही थीं। फिर मैंने मैम को फिर घोड़ी बनाया, ८०० धक्के। फिर नेहा और प्रिया दोनों ने मिलकर मेरा लंड चूसा, दोनों की जीभें एक साथ लंड पर, ग्ग्ग्ग गोंग गीईईई। फिर मैंने प्रिया को लिटाकर उसकी टाँगें फैलाकर ७०० धक्के और मारे। फिर मैम ने स्ट्रैप-ऑन से नेहा को फिर पेला, फिर प्रिया को, फिर नेहा ने मैम को पेला, फिर मैंने तीनों को एक के बाद एक पेला। कमरे में सिर्फ ठपठप ठपठप, चपचप चपचप और चारों की मिली हुई आहें – आह्ह्ह ऊउइइ ओह्ह्ह ह्ह्ह आह्ह्ह ऊईईई। हर कोई पसीने से तर, चूतें लाल और खुली हुईं, लंड चमक रहा था।

जब मैं झड़ने लगा तो मैम ने तीनों को घुटनों पर बिठाया, मेरा गाढ़ा, गर्म, ढेर सारा माल उनके मुँह, चेहरे, चुचों, बालों पर उड़ेला। नेहा और प्रिया एक-दूसरे के चेहरे से माल चाट रही थीं, ग्ग्ग्ग गी गी गोंग, मैम ने मेरे लंड को मुँह में लेकर बचा हुआ माल चूसा।

मैम ने अपना फोन उठाया, पूरा सेशन रिकॉर्ड हो चुका था, फिर मुस्कुराकर बोलीं, “अब हर रविवार सुबह दस बजे यही स्पेशल क्लास चलेगी। और हाँ… तुम तीनों चाहो तो अगली बार और लंड भी ला सकते हो… अपना कोई दोस्त, कोई भाई… मैं भी अपनी दो सहेलियाँ ला सकती हूँ। फिल्म किसी को नहीं भेजूँगी, अगर तुम सब मेरी बात मानते रहे।”

नेहा और प्रिया अब पूरी रंडी बन चुकी थीं, हँसकर बोलीं, “मैम… अगली बार हम दो-दो लंड लाएँगे… आप तैयार रहना।”

अब मैं वर्जिन नहीं रहा, और तीन रंडियों का मालिक बन गया हूँ। हर रविवार का इंतज़ार रहता है।

कहानी कैसी लगी, कमेंट में अपनी फैंटसी लिखकर बताना।

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