बहकती बहू-16
कहानी का पिछला भाग: बहकती बहू-15 काम्या बेकाबू हो गई। गरम, खुरदुरी जीभ की छुअन से ऐंठी, सिसकारी निकली, और झर-झर बहने लगी। मदनलाल अमृत को लपर-लपर पीने लगा, जैसे जन्मों का प्यासा हो। काम्या निढाल होकर साँसें संयत करने लगी। मदनलाल बाजू में लेट गया, बहूरानी की नंगी जवानी निहारने लगा। धीरे से एक …