मेरी असली Story of my girlfriend’s honeymoon पढ़ें, जिसमें मेरे घर मालिक की तीन बेटियाँ थीं। सबसे छोटी मेरे स्कूल में पढ़ती थी। वह मेरी प्रेमिका बन गई और मेरी शादी उसके साथ हुई..।
मित्रों, आप सब कैसे हैं? जयपुर से मैं राज कुमार हूँ। आज मैं अपनी आपबीती आपको बताने जा रहा हूँ। मुझे आशा है कि आप सब इस Story of my girlfriend’s honeymoon को पसंद करेंगे।
मेरी उम्र 24 साल है और मैं साढ़े पांच फिट हाइट हूँ। मैं सुंदर दिखता हूँ। दूसरे लेखकों की तरह मेरा लिंग साइज़ 9 या 8 नहीं है..। हां, इतनी है कि मैं किसी भी महिला की चीख निकाल सकता हूँ।
2013 में मैं बारहवीं की परीक्षा देने के बाद जयपुर आया था। मैं कंप्यूटर इंजीनियरिंग में स्नातक करने आया था। मैं एक कमरा किराए पर लेकर वहाँ रहने लगा।
जिस कमरे में मैं रहता था, उसके मालिक के परिवार में दस से बारह लोग रहते थे। उसमें मेरा मकान मालिक, उसकी बीवी, दो बेटे और तीन बेटियां शामिल थे। उसकी दोनों बेटियाँ शादीशुदा थीं..। उन दोनों की शादी हुई थी और उनके तीन छोटे बच्चे थे। सब लोग एक घर में रहते थे। उनका घर बड़ा था।
रिटायर्ड सैनिक मेरा मकान मालिक अकेले रहता था।
वह बीवी से अक्सर बीमार हो जाती थी, जिससे उसे हर दो से चार दिन में हॉस्पिटल ले जाना पड़ता था।
जो उसकी तीनों बेटियों में सबसे बड़ी थी। निष्ठा, पिंकी और रिंकी उनके नाम थे। इस कहानी की नायिका रिंकी है।
फौजी की बड़ी बेटी कॉलेज छोड़ चुकी थी, जबकि पिंकी कॉलेज छोड़ने वाली थी। उसकी बड़ी बहन और उसकी शादी की बात अभी चल रही थी।
बाद में मुझे पता चला कि रिंकी मेरे ही स्कूल में पढ़ती थी। हम एक बार कॉलेज के एक कार्यक्रम में मिले।
उस समय हम सिर्फ देखते रह गए और आपस में कुछ नहीं बोले। हम एक दूसरे से कोई बातचीत नहीं करते थे।
कुछ दिन बीत गए, हम एक दूसरे को हर दिन देखते थे, लेकिन कभी नहीं बोलते थे।
इस प्रकार छह महीने बीत गए। अब उसकी बड़ी बहन निष्ठा शादी करेगी।
तुम ये सब पढ़कर थक जाओगे, लेकिन मेरी कहानी यहीं से शुरू होगी।
Meri Girlfriend ki Suhagrat
उसकी बहन की शादी की तारीख आने पर घर में शादी की तैयारियां शुरू हो गईं।
उनके दोनों बेटे में से एक सेना में था, जबकि दूसरा एक निजी कंपनी में काम करता था। उन्होंने कम टाइम पाया क्योंकि वह उच्च पद पर था।
बाद में उन्होंने मुझसे कहा कि मैं घर पर उनकी मदद करूँगा।
मैंने हाँ कहा।
अब तक मैं बस से आते जाते देखता रहता। तब भी वह कभी नहीं बोली।
मेरे मकान मालिक ने एक दिन मुझे नीचे बुलाया।
मैं नीचे गया तो मेरे मालिक ने कहा कि रिंकी और आंटी को हॉस्पिटल ले जाओ क्योंकि उनकी तबियत थोड़ी खराब है।
मैंने उनको मोटरसाइकिल पर ले जाकर हॉस्पिटल ले गया। उनका घर 10 मिनट की दूरी पर था। वहां, मैं उन्हें दिखाकर वापस ले आया और रिंकी मुझे बार-बार देख रही थी। शायद उसे कुछ बोलने की इच्छा हो।
मैं उससे काफी घुलमिल गया जब मैं उसके घर में उसके कामों में मदद करने लगा। अब मेरा खाना भी वहीं होने लगा था।
इससे मेरी दिनचर्या भी बदल गई और मैं अब उनके यहां ज्यादा समय बिताने लगा।
एक सुबह मेरे मकान मालिक ने मुझसे पूछा कि क्या तुम सिर्फ रिंकी कॉलेज में पढ़ रहे हो?
मैंने झूठ बोलकर कहा कि मैं नहीं जानता अंकल कि रिंकी भी वहां पढ़ती है।
वह चले गए बिना कुछ कहे।
बाद में उनके दोनों बेटे भी छुट्टी लेकर घर आ गए। दिन भर उन दोनों के घर में रहने के कारण मैं नीचे कम जाना शुरू कर दिया। मेरी जरूरत भी अब कम होने लगी। वह खुद मुझे फोन करते थे।
मैंने इन दिनों में एक भले लड़के की छवि बनाने की कोशिश की।
फिर एक दिन रिंकी उठी और कहा, “पापा, मैं तुम्हें फोन कर रहा हूँ।”
जब वह मेरे कमरे में पहुंची, वह बहुत सुंदर दिखती थी..। मैं सिर्फ उसे देखता रहा। उस समय उसने नीली जीन्स और सफ़ेद टॉप पहने हुए एक बड़ी जोरदार पटाखा दिखाई दी।
जब मैं सिर्फ उसे देखने में खो गया, उसने फिर से कहा, “हम्म..।” मैंने कहा कि पिताजी आपको फोन कर रहे हैं।
मैं तुरंत सपने से बाहर आया और हकबकाते हुए नीचे चला गया।
अंकल ने कहा कि रिंकी को कॉलेज में कुछ काम है, इसलिए उसे ले जाओ और जल्दी वापस आ जाओ।
मैं जानता हूँ कि आज कॉलेज में कोई प्रोग्राम या एग्जाम नहीं थे।
मैंने अंकल से कहा, “ओके अंकल, मैं तैयार होकर 10 मिनट में आता हूँ।”
वह पहले से ही वहां खड़ी थी जब मैं तैयार होकर बाहर आया था। मैंने कहा कि चलो।
बाइक पर बैठते ही उसने गांड हिला दी।
मैं धीरे-धीरे बाइक चलाने लगा। मैं उससे कुछ नहीं कह रहा था…। वह सिर्फ बाइक चला रहा था।
मैंने कुछ मिनट बाद कॉलेज पहुंचे और कहा कि जाओ और अपना काम करके आ जाओ, मैं कॉलेज के गार्डन में बैठा रहूँगा..। वहाँ जाओ।
Meri Girlfriend ki Suhagrat
जब मैं इतना बोलकर बाइक खड़ी करके जाने लगा, तो वह कहा, “ठीक है, जाओ जाओ!”
मैंने नहीं समझा क्यों इसने कहा कि “जाओ जाओ।”
जब मैंने उससे इस बारे में पूछा, तो उसने कहा, “अरे यार, मैं घर पर बोर हो रही थी, तभी आई हूँ।” और अब आप जा रहे हैं।
उसके ऐसे शब्द सुनकर मैं सन्न रह गया। लेकिन मैंने कहा- चलो..। फिर आप भी मेरे साथ चलेंगे..। हम गार्डन में बैठते हैं।
मेरे साथ भी आकर बैठ गई। मैं भी दूसरी बेंच पर बैठ गया और फेसबुक का उपयोग करने लगा। बाद में वह उठकर मेरे पास बैठने लगी।
मैंने पूछा: चलें घर?
तो वह गुस्से से मेरी तरफ देखने लगी।
मैंने कहा: “क्या है?” मुझे मारने का विचार है? क्या आप इतना क्रोधित हैं?
तुम जाने की लगी है, उसने कहा..। यहां भी मैं निराश हूँ।
मैंने कहा कि ऐसा करो; अपनी सहेलियों को फोन करके उनसे बात करो।
उसने पूछा: क्यों? मैं आपसे बात नहीं कर सकता?
मैंने कहा: हाँ, मैं कर सकता हूँ..। हम क्या कहेंगे? हम सिर्फ नाम से एक दूसरे को जानते हैं।
उन्होंने कहा कि उस दिन आपने अपने पिता को क्यों मना किया कि आप नहीं जानते थे कि मैं तुम्हारे कॉलेज में पढ़ती हूँ। तुमने भी मुझे उधर देखा था।
मैंने कहा कि मैंने मना कर दिया क्योंकि मैं नहीं चाहता था कि अंकल को पता चले कि मैं आपको कॉलेज में नहीं देखता हूँ। मुझसे आपके बारे में पूछने लगते हैं..। इसलिए मैंने मना कर दिया।
उसने हंसते हुए कहा, “हम्म..।” अर्थात आप स्मार्ट भी हैं।
मैं भी हंसा।
हम दोनों धीरे-धीरे बात करने लगे। ये दो घंटे कब निकल गए पता नहीं चला।
उसके पापा ने उसे फोन किया और पूछा कि घर पर कब तक आएगी। इधर अन्य कार्य हैं।
“पापा, बस कुछ समय और लगेगा,” उसने कहा। हम एक घंटे में मिल जाएंगे।
अंकल को किसी बात की चिंता नहीं थी..। मैं साथ था, इसलिए उन्होंने कुछ नहीं कहा।
फिर से हम बात करने लगे।
उसने पूछा कि आप सुबह कहाँ खो गए? क्या मैं तुम्हारे कमरे में आया था?
मेरे मुँह से इस पर कुछ नहीं निकल रहा था।
उसने पूछा, “अब अपने दोस्तों को भी नहीं बताओगे?”
मैंने पूछा, दोस्त?
हां, हम दोनों अब दोस्त हैं!
तब भी मैं कुछ देर चुप रहा।
उसने कहा, “बताओ न यार..।” सुबह मैं कहां खो गया था।
मैं हँसने लगा।
उन्होंने कहा कि वे नहीं बता रहे हैं, इसलिए चलो..। घर जाओ।
“मेरे प्यारे भोलूराम, अभी बैठो,” उसने कहा जब मैं खड़ा हुआ। तुम क्या देख रहे हो, पहले मुझे बताओ..। तभी घर जाएंगे।
मैंने कहा कि आज तुम बहुत सुंदर लग रहे हो, इसलिए मैं तुम्हारी सुंदरता में खो गया।
उसने मुझे घूरा, तो मैंने विनती की, “अंकल को मत बोलना”। नहीं तो मेरा कमरा खाली हो जाएगा।
थोड़ी देर बाद उसने हंसकर कहा, “ओके..।” मैं नहीं बोलूँगा, लेकिन पहले तुम मेरे अच्छे दोस्त बनोगे।
मैंने कहा कि ठीक है, आज से हम दोस्त हैं, लेकिन घर पर ऐसा नहीं होना चाहिए।
इस पर भी वह सहमत थी।
हम दोनों घर निकलने को हुए, तो मैंने उसे जूस की दुकान पर ले जाकर जूस पिलाया।
अब शादी के घर में इतना काम होता है कि हर कोई अपना काम करता था। अब हम एक दूसरे को देखते ही हंसकर हाय-हैलो कहते हैं।
दिन गुजरने लगे।
तब शादी का दिन आया। उस दिन वह बहुत खूबसूरत लग रही थी।
मैंने उससे पूछा: आज कितनों को मारने वाली हो?
उसने भी स्पष्ट रूप से कहा, “मैं नहीं जानता कि कितने लोग आपको मार डालेंगे, लेकिन एक विचार जरूर है।”
इसके बाद वह हंसकर चली गई।
थोड़ी देर बाद अंकल पहुंचे और कहा कि पिंकी और निष्ठा पार्लर चले गए हैं, तुम रिंकी के साथ जाकर उनको ले आओ। यदि समय मिले तो, ये पर्चा और पैसे ले जाओ, साथ ही कुछ बाजार से भी पैसे निकाल लो।
ओके कहते हुए मैंने पर्चा और पैसे लिए।
जब मैं और रिंकी उन दोनों को लेने गए, तो पता चला कि इसके लिए अधिक समय लगेगा।
रिंकी ने मुझसे कहा कि वह यहां रुको, मैं मार्केट में काम करके आता हूँ। जब आप मुक्त हो जाएँ, फोन करके बता दें।
इस पर उसने कहा कि मैं तुम्हारा नया नंबर नहीं है।
अब मुझे याद आया कि मैंने कल मेरे मोबाइल में सिम बदलकर रिंकी को नंबर नहीं दिया था। किसी कारण से पुराना आंकड़ा काम नहीं कर रहा था।
मैंने उसे अपना नया नंबर देकर चला गया। एक अज्ञात नंबर से कॉल आया, जिसे अभी पंद्रह मिनट ही हुए थे।
मैंने फोन उठाया, लेकिन कोई नहीं बोल रहा था। मैं फोन काट देता हूँ।
उस नंबर से फिर से फोन आया तो मैंने पूछा कि अगर कोई बात नहीं है तो कॉल क्यों करते हैं?
इस पर उसने कहा, “मैं रिंकी हूँ।” क्या मेरा फोन नंबर सुरक्षित नहीं है?
मैंने कहा: “ओके” मैं इसे सेव कर रहा हूँ। तुम लोग मुक्त हो गए?
उसने कहा, “नहीं, मैं अभी कहां”। मैं अकेला बोर हो रहा था, इसलिए उसने फोन किया। कुछ देर बिताओ।
मैंने कहा: ओके।
Indian Girlfriend Suhagraat Kahani
हम कुछ समय बात करने के बाद उसने कहा, “अब आ जाओ, हम सब ठीक हो गए हैं।”
मैं अपनी कार लेकर उनके पास पहुंचा। हम सब सीधे मैरिज गार्डन में पहुंचे..। जहां शादी की योजना थी
ऐसे ही शादी टूट गई और मैं और रिंकी अच्छे दोस्त बन गए। शादी के कुछ दिन बाद सब ठीक हो गया। अब वह मुझसे फोन पर बात करने लगी। धीरे-धीरे हम भी नाईट में बात करने लगे और खुलने लगे।
उस समय छोटी बहन पिंकी अपनी पढ़ाई के लिए चली गई।
मैं उनके यहां एक साल रह चुका था। अब मैं उनके परिवार की तरह रहने लगा। मुझसे भी दोनों भाभियां कभी कभी बात करती थीं।
अब रिंकी और मेरे कॉलेज के एग्जाम हैं। अब मैं और वो पढ़ाई करने लगे.
एक अंकल मुझसे बोले- तुम रिंकी की पढ़ाई में उसकी मदद कर दिया करो.
इस बात के बाद से रिंकी मेरे रूम में रात तक पढ़ाई करने लगी. कभी वो 10 तो कभी 11 बजे नीचे जाने लगी.
ऐसे ही रात को कभी कभी मजाक में मैं उसे छू लिया करता, तो वो कुछ नहीं बोलती थी. इससे मेरी हिम्मत बढ़ने लगी. मैं भी उससे प्यार करने लगा. लेकिन उससे इजहार नहीं कर पा रहा था.
हमारे एग्जाम का सेंटर एक ही कॉलेज में पड़ा था तो साथ ही होने थे. हम साथ ही जाने लगे थे.
एक दिन हम दोनों एग्जाम देकर वापस लौट रहे, तो वो बोली- रुको.
मैं बोला- क्या हुआ?
उसने बोला- मेरा पेट दर्द हो रहा है … जल्दी से घर चलो या मुझे कहीं किसी टॉयलेट में लेकर चलो.
मैं उसे टॉयलेट लेकर गया.
थोड़ी देर में वो बाहर आकर बोली- अपना रूमाल देना.
मैंने पूछा- क्यों?
वो बोली- दो ना.
मैंने अपना रूमाल उसे दिया और वो 10 मिनट बाद वापिस आकर बोली- चलो अब घर चलते हैं.
मैंने बोला- रूमाल मेरा?
वो बोली- घर चलो.
फिर हम दोनों घर आ गए और वो भाग कर अपने रूम में चली गई. मैं मेरे रूम में आ गया. उस दिन शाम तक हमारी कोई बात नहीं हुई. मैंने उसे मैसेज भी किया, पर उसने कोई जवाब नहीं दिया.
सात बजे जब वो आई, तो मैंने गुस्से से उसे देखा और इग्नोर कर दिया.
तब उसने बोला- क्या हुआ?
मैंने बोल दिया- अब आई हो … एक बार बताया भी नहीं कि तुम्हारा दर्द कैसा है? मैं तो यह सोच सोच कर परेशान हो रहा था कि पता नहीं तुम कैसी हो?
वो कुछ नहीं बोली.
फिर मैंने उससे अपना रूमाल मांगा, तो बोली- मरो मत … मैं नया ला दूंगी.
मैं बोला- नहीं … मुझे वो ही चाहिए.
तो वो कुछ नहीं बोली.
फिर मैंने जोर देकर पूछा- उस रूमाल का क्या किया तुमने?
वो फिर चुप रही और नीचे जाने लगी.
मैंने बोल दिया- मत बताओ अब दोस्तों से बातें भी छुपाने लगी हो.
इस पर उसने मेरी तरफ देखा और बोली- रात को पढ़ाई के लिए आऊंगी, तब बता दूंगी.
दोस्तो, हो सकता है कि आपको मेरी इस पहली सेक्स कहानी में सेक्स कम मिले, लेकिन ये मेरी सच्ची कहानी है. अगले भाग में है कि मैंने अपनी गर्लफ्रेंड के साथ सुहागरात कैसे मनायी. जिससे आपको मजा आएगा. इस सेक्स Story of my girlfriend’s honeymoon के लिए आपके मेल का मुझे इन्तजार रहेगा.
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