मेरा नाम सनी है, और मेरी उम्र 20 साल है। मैं एक जॉइंट फैमिली में रहता हूँ, जहाँ मेरे दो चाचा, चाची, उनके बच्चे और मेरी एक बड़ी बहन रहती हैं। मेरी बड़ी बहन शिवानी, जो 24 साल की है, उसकी शादी को दो साल हो चुके हैं। वो दिखने में गोरी, मध्यम कद की, और अब शादी के बाद उसका फिगर और भी निखर गया है—उसकी कमर पतली, कूल्हे भरे हुए, और चुचियाँ भारी और उभरी हुई। पहले वो बहुत सादी थी, न ज्यादा दोस्त, न बाहर घूमना, बस घर और कॉलेज की दुनिया। लेकिन शादी के बाद वो बदली-बदली सी लगती थी। उसका पति, मेरा जीजाजी, विदेश में जॉब करता है और ज्यादातर बाहर ही रहता है। ये कहानी उसी शिवानी की है, जिसे मैंने कभी इतना बोल्ड सोचा भी नहीं था।
शिवानी की शादी को चार महीने हुए थे जब मैं उससे मिलने उसके ससुराल गया। उसका घर एक बड़ा-सा मकान था, जिसमें सिर्फ वो और उसकी सास रहती थीं। सास की तबीयत अक्सर खराब रहती थी, इसलिए उनका कमरा ग्राउंड फ्लोर पर था। शिवानी सबसे ऊपरी मंजिल पर रहती थी। उस रात मैंने खाना खाया और दीदी के बेडरूम के बगल वाले कमरे में सोने चला गया। रात करीब डेढ़ बजे मुझे टॉयलेट की जरूरत पड़ी। जैसे ही मैं उठा, देखा कि दीदी के कमरे की लाइट जल रही थी और कुछ आवाजें आ रही थीं। पहले तो मुझे लगा शायद वो फोन पर बात कर रही होगी, लेकिन जैसे ही मैं पास गया, आवाजें साफ हुईं—मदहोश करने वाली सिसकियाँ, और कुछ ऐसी बातें जो मेरे होश उड़ा गईं।
मैंने सोचा, जीजाजी तो विदेश में हैं, फिर ये सब क्या हो रहा है? मेरे कदम अपने आप रुक गए। दीदी की आवाज में एक अजीब-सी मस्ती थी, जो मेरे कानों में गूँज रही थी। उत्सुकता ने मुझे खींच लिया, और मैंने खिड़की के छोटे-से सुराख से अंदर झाँका। जो मैंने देखा, उसने मेरी आँखें फाड़ दीं। मेरी दीदी शिवानी, जो हमेशा साड़ी और मंगलसूत्र में संस्कारी लगती थी, पूरी नंगी होकर पड़ोस के फैज की गोद में थी। फैज, एक 48 साल का गठीला मर्द, जिसका काला, मोटा लंड शिवानी की चूत में अंदर-बाहर हो रहा था। शिवानी की चुचियाँ उछल रही थीं, और वो फैज के सीने में अपने नाखून गड़ाए हुए थी। उसका मंगलसूत्र उसकी गर्दन से लटक रहा था, और कमर पर बंधा काला धागा उसके गोरे बदन पर और उभर रहा था।
मैं एकदम स्तब्ध था। मेरी साँसें रुक-सी गईं। मैंने खुद को पीछे खींचने की कोशिश की, लेकिन दीदी की सिसकियाँ—“आह्ह… फैज… और जोर से…”—मेरे दिमाग में गूँज रही थीं। मैं फिर से झाँकने लगा। शिवानी ने फैज का सिर अपनी चुचियों में दबोच रखा था, और वो उसके लंड पर उछल रही थी, जैसे कोई जंगली घोड़ी। “लाइट बंद कर दो, फैज… मेरा भाई यहाँ है… कहीं देख न ले,” शिवानी ने सिसकते हुए कहा। फैज ने हँसते हुए जवाब दिया, “चुप कर, मेरी रंडी… तेरा ये संस्कारी जिस्म देखे बिना मुझे चैन नहीं आता। और अंधेरे में तेरा वीडियो कैसे बनेगा, मेरी जान?” उसकी बात सुनकर मेरा दिल धक-धक करने लगा। वीडियो? ये क्या माजरा था?
फैज ने शिवानी को बेड पर पटका और उसे घोड़ी बनाया। उसका मोटा, काला लंड शिवानी की चूत में गपागप अंदर-बाहर हो रहा था। “थप… थप… थप…” की आवाज कमरे में गूँज रही थी। शिवानी की चूत गीली थी, और हर धक्के के साथ उसकी सिसकियाँ तेज हो रही थीं—“उह्ह… आह्ह… फैज… मत रुको… और जोर से…”। फैज उसके भारी कूल्हों पर थप्पड़ मार रहा था, और उसके बम लाल हो चुके थे। “साली, कितनी गर्म है तू… तेरी चूत तो जन्नत है,” फैज ने गंदी हँसी के साथ कहा। शिवानी ने जवाब दिया, “बस करो… आह्ह… मुझे और मत तड़पाओ…”। मैं ये सब देखकर पसीने-पसीने हो गया। मेरा लंड मेरी पैंट में तन गया था। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मेरी बहन इतनी जंगली हो सकती है।
फैज ने शिवानी के बूब्स को इतनी बेरहमी से मसला कि वो दर्द और मजे में सिसकने लगी। “आह्ह… धीरे… फैज… मेरी चुचियाँ दुख रही हैं…” शिवानी ने कहा, लेकिन उसकी आवाज में मस्ती साफ थी। फैज ने उसकी एक चूची को मुँह में लिया और चूसने लगा, जैसे कोई भूखा शेर। उसका दूसरा हाथ शिवानी की चूत को सहला रहा था, और वो उंगलियों से उसकी चूत के दाने को रगड़ रहा था। शिवानी का पूरा बदन काँप रहा था। “उह्ह… फैज… मैं… मैं झड़ने वाली हूँ…” शिवानी चीखी। फैज ने और तेजी से धक्के मारे, और शिवानी का पूरा शरीर अकड़ गया। उसकी चूत से रस बहने लगा, जो बेडशीट पर टपक रहा था।
फैज ने शिवानी को उठाया और अपना लंड उसके मुँह में दे दिया। शिवानी ने पागलों की तरह उसे चूसना शुरू किया। “चप… चप… चप…” की आवाज कमरे में गूँज रही थी। फैज ने उसके बाल पकड़े और उसका मुँह अपने लंड पर दबाया। “साली, तू तो रंडी से भी बढ़कर है… और चूस… आह्ह…” फैज ने कहा। शिवानी ने उसका पूरा लंड अपने गले तक लिया, और उसकी आँखों में आँसू आ गए। “बोल, कहाँ लेगी? मुँह में या चूत में?” फैज ने पूछा। शिवानी ने सिसकते हुए कहा, “बाहर गिरा दो…”। फैज ने उसके गाल पर एक थप्पड़ मारा। “रंडी, मेरा बीज बर्बाद नहीं होता। बोल, अंदर चाहिए कि नहीं?” शिवानी ने हार मानते हुए कहा, “अंदर ही कर दो…”।
फैज ने शिवानी की टाँगें उठाईं और अपना मोटा लंड उसकी चूत में गहरे तक पेल दिया। “थप… थप… थप…” की आवाज फिर शुरू हुई। शिवानी की सिसकियाँ अब चीखों में बदल गईं—“आह्ह… फैज… धीरे… उह्ह… मेरी चूत फट जाएगी…”। फैज ने और जोर से धक्के मारे, और आखिरकार उसका गर्म वीर्य शिवानी की चूत में भर गया। इतना ज्यादा था कि वो बाहर टपकने लगा। शिवानी का चेहरा लाल हो चुका था, और वो हाँफ रही थी। फैज ने हँसते हुए कहा, “साली, गोली खा लेगी ना?”
कपड़े पहनते वक्त फैज ने शिवानी से कहा, “तूने कहा था डिंपल से मिलवाएगी। कब मिलवा रही है?” डिंपल मेरी दूसरी बहन है, जो 22 साल की है। शिवानी ने कहा, “थोड़ा सब्र कर…”। फैज ने जवाब दिया, “सब्र ही तो कर रहा हूँ, वरना तुझे लंड कहाँ मिलेगा?” शिवानी ने हल्के से हँसते हुए कहा, “हाँ, पता है…”। फैज ने फिर कहा, “वैसे तेरे घर में सब एक से बढ़कर एक माल हैं।” ये सुनकर मेरा दिमाग सुन्न हो गया।
अगले दिन मैं छत पर बैठा था। तभी फैज दूसरी छत पर दिखा। वो 48 साल का था, लेकिन उसका शरीर पहलवान जैसा—चौड़ा सीना, मोटी भुजाएँ, और चेहरा रौबदार। उसने मुझे देखा और अपने पास बुलाया। “कल रात तू खिड़की के पास था ना?” उसने पूछा। मैं हकबका गया और ना में सिर हिलाया। उसने हँसते हुए कहा, “डर मत, मैं शिवानी को कुछ नहीं बताऊँगा। बोल, तुझे कैसा लगा जो देखा?” मैंने कहा, “ये सब ठीक नहीं है। जीजाजी को पता चला तो?” वो जोर से हँसा। “तेरे जीजाजी कुछ कर नहीं सकते। मैंने तेरी दीदी की शादी बचा रखी है।” मैंने हैरानी से पूछा, “कैसे?”
उसने बताया, “तेरे जीजाजी नामर्द हैं। शिवानी की सील भी मैंने तोड़ी। अगर मैं न होता, तो वो तलाक लेकर मायके में होती। एक दिन वो मुझसे टकरा गई, और मैंने उसे वो सुख दिया जो उसने कभी सोचा भी नहीं था। उसने कहा था कि वो तलाक ले लेगी, लेकिन मैंने समझाया कि तलाक लिया तो फिर क्या पता किस नामर्द से शादी हो जाए। यहाँ रह, पति के पैसे से मजे ले, और मेरे लंड से भी।” मैं चुपचाप सुनता रहा। उसने कहा, “तूने देखा ना, वो कितनी खुश है? पहले पतली-सी थी, अब देख, दो महीने में कैसे गदराई है। अगर तूने देख लिया तो कोई बात नहीं। मैं तुझे और भी दिखाऊँगा।”
उसने मुझे एक वीडियो दिखाया, जिसमें वो मेरी दीदी की सहेली मिताली को चोद रहा था। मिताली भी शिवानी की तरह मजे ले रही थी। फिर उसने एक फोटो दिखाई—मेरी कजिन प्रिया की। उसने प्रिया की टॉपलेस फोटो और सेक्स चैट दिखाई। मैं हैरान था। उसने हँसते हुए कहा, “देख, तेरा नुनु भी मचल रहा है।”
फैज ने कहा, “तू चुप रह, मैं भी किसी को कुछ नहीं बताऊँगा।” फिर उसने पूछा, “बता, तुझे भी शिवानी को चोदना है?” मैंने कहा, “पहले तो कभी नहीं सोचा, लेकिन कल रात के बाद मन तो कर रहा है।” उसने कहा, “आज रात तैयार रह। जो दूध शिवानी दे, वो मत पीना।” मैंने हाँ में सिर हिलाया।
रात को खाना खाने के बाद शिवानी ने मुझे एक गिलास दूध दिया। मैंने दरवाजा बंद किया और दूध को बिना पिए रख दिया। मेरी आँखों से नींद गायब थी। मैं फैज के आने का इंतजार कर रहा था। रात ठीक एक बजे मुझे कुछ आहट सुनाई दी। मैंने दरवाजा खोला और देखा कि शिवानी के कमरे की लाइट जल रही थी। मैं उसी खिड़की के पास गया। आज फैज अकेला नहीं था। उसके साथ एक 20-21 साल का लड़का, रिजवान, था, जो मेरी ही कद-काठी का था।
शिवानी फैज से कह रही थी, “तुम कुछ दिन रुक नहीं सकते? मेरा भाई यहाँ है।” फैज ने गुस्से में कहा, “बहन की लोड़ी, मुझे नखरे पसंद नहीं। रिजवान को लाया हूँ, वो भी लेगा तेरा। कोई दिक्कत है?” शिवानी चुप रही। फैज ने रिजवान को कहा, “चल, अपनी आरजू पूरी कर।” रिजवान ने शिवानी के होंठ चूमने शुरू किए। शिवानी ने पहले तो ज्यादा रिस्पॉन्स नहीं दिया, लेकिन जैसे ही रिजवान ने उसकी गर्दन पर kisses दीं और उसके बूब्स मसलने शुरू किए, शिवानी गर्म होने लगी। “उह्ह… रिजवान… धीरे…” वो सिसक रही थी।
रिजवान ने शिवानी की साड़ी उतार दी। अब वो सिर्फ पेटीकोट और ब्लाउज में थी। उसकी गोरी कमर और नाभी चमक रही थी। तभी फैज ने रिजवान को रोका। “आज कुछ नया ट्राई करते हैं,” उसने कहा। उसने शिवानी के दोनों हाथ बेड के ऊपर लगे कड़ी से बाँध दिए और उसकी आँखों पर कपड़ा बाँध दिया। शिवानी सिर्फ ब्लाउज और पेटीकोट में खड़ी थी, उसकी नाभी और गोरा पेट देखकर मेरा लंड फिर तन गया।
फैज ने हल्के से दरवाजा खोला और मुझे अंदर बुलाया। उसने मेरे कपड़ों पर वही इत्र छिड़का जो रिजवान ने लगाया था। “जा,” उसने इशारा किया। शिवानी बोल रही थी, “क्या हुआ? क्या कर रहे हो?” फैज ने कहा, “रुक जा, आ रहा है।” मैं शिवानी के पास गया। मेरा पूरा बदन पसीने से तर था। मैंने उसके बूब्स पकड़ लिए। उफ्फ, कितने टाइट थे। मैं उन्हें मसलने लगा। शिवानी सिसक रही थी—“आह्ह… धीरे… कोन है ये…?” मैंने उसकी नाभी को चूमना शुरू किया। उसका गोरा पेट इतना मुलायम था कि मैं खुद को रोक नहीं पाया।
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कहानी का अगला भाग: करवा चौथ पर अपनी दीदी की चुदाई देखी
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