Sali Ki Virgin Chut: निखिल नाम का एक लड़का दिल्ली में रहता था। उसकी उम्र 25 साल थी और वो दिखने में ठीक-ठाक था। उसके लंड का साइज़ 6.5 इंच था। निखिल आज अपने जीवन की एक सच्ची घटना सुनाने जा रहा था। उसे छोटी उम्र से ही सेक्स में बहुत रुचि थी। वो जब भी समय मिलता, सेक्सी कहानियाँ पढ़ता था। ऐसा करने से उसे बहुत अच्छा लगता और कभी-कभी वो मुठ भी मारता था।
निखिल ने बहुत सी कहानियाँ पढ़ी थीं और एक दिन उसने सोच लिया कि वो भी अपनी कहानी लोगों को सुनाएगा। ये उसकी पहली कहानी थी, इसलिए उसने सोचा कि अगर कोई गलती हो जाए तो लोग उसे माफ कर दें। लेकिन उसे उम्मीद थी कि ये कहानी सबको बहुत पसंद आएगी। अब वो अपनी कहानी पर आता है।
ये कहानी आज से 5 साल पुरानी थी, जब निखिल ने अपने भाई की साली को पटाकर चोदा था। उसकी नज़र अपने भाई की सगाई के दिन से ही उस लड़की पर थी। आखिरकार, भाई की शादी के बाद एक दिन उसे वो मौका मिल ही गया, जिसका वो बहुत बेसब्री से इंतज़ार कर रहा था। वो उस लड़की को सोच-सोचकर कई बार मुठ भी मार चुका था।
उसके भाई की साली की उस वक्त उम्र 18-19 साल रही होगी। उसका नाम दामिनी था। वो दिखने में एकदम सेक्सी थी। उसे एक बार देखकर कोई भी उसे चोदने को तैयार हो जाए। उसका गोरा जिस्म, नशीली आँखें, बड़े-बड़े बूब्स, पतली कमर, अच्छी-खासी दिखने वाली गांड और फूला हुआ बदन—ये सब निखिल को शुरू से ही अपनी ओर आकर्षित करने लगा था। जब निखिल ने उसे पहली बार देखा, तभी उसने मन में ठान लिया था कि वो उसे चोदेगा। उससे पहले भी शादी में निखिल ने उसे कई बार इधर-उधर छुआ था, लेकिन दामिनी ने कुछ नहीं कहा था।
फिर एक दिन, भाई की शादी के बाद, दामिनी अपनी बहन से मिलने निखिल के घर आई। उस वक्त निखिल के भाई और भाभी फिल्म देखने गए थे। घर के बाकी लोग किसी रिश्तेदार के यहाँ समारोह में गए थे। घर पर सिर्फ निखिल अकेला था। वो बोर हो रहा था, इसलिए समय बिताने के लिए टीवी देखने लगा।
तभी दरवाजे की बेल बजी। निखिल ने दरवाजा खोला तो देखा कि बाहर दामिनी खड़ी थी। उसे देखकर निखिल को बिल्कुल विश्वास नहीं हुआ। वो उसके सामने खड़ी थी और बहुत सेक्सी लग रही थी। निखिल ने उससे हैलो कहा और उसे अंदर बुलाया। दामिनी ने इधर-उधर देखा और पूछा, “दीदी कहाँ है?” निखिल ने जवाब दिया, “भैया और भाभी फिल्म देखने गए हैं। घर पर सिर्फ मैं अकेला हूँ।” दामिनी बोली, “ठीक है, मैं बाद में आती हूँ।”
निखिल की भाभी का घर उनके घर से कुछ ही किलोमीटर दूर था। इसलिए दामिनी ने बाद में आने की बात कही। लेकिन निखिल इतना अच्छा मौका अपने हाथ से कैसे जाने देता? उसने दामिनी से कहा, “दो मिनट रुक जाओ। मैं कॉफी बनाता हूँ। कॉफी पीकर चली जाना। थोड़ी देर मेरे साथ बैठकर मेरा साथ दो। मैं अकेला बैठा-बैठा बोर हो रहा हूँ।” दामिनी बोली, “ठीक है, लेकिन मैं ज्यादा देर नहीं रुक सकती। मुझे कहीं और भी जाना है।” निखिल ने कहा, “ठीक है, बस कुछ वक्त मेरे साथ गुज़ारो और फिर चली जाना।”
निखिल जल्दी से कॉफी बनाने किचन में गया। कॉफी बनाते हुए वो सोचने लगा कि अब क्या किया जाए, जिससे वो दामिनी को चोद सके। उसने कॉफी बनाई और उसे थोड़ा ठंडा होने दिया। फिर उसने एक प्लान बनाया कि वो कॉफी को दामिनी पर गिराएगा। कुछ देर बाद निखिल कॉफी लेकर किचन से बाहर आया। उसने दामिनी को कॉफी देते हुए जानबूझकर थोड़ी सी कॉफी उसकी छाती वाले हिस्से पर गिरा दी।
दामिनी के बूब्स लगभग 34 साइज़ के होंगे, लेकिन मस्त मुलायम थे। कॉफी गिरते ही निखिल ने कप को नीचे रखा और सॉरी बोलते हुए उसकी छाती पर गिरी कॉफी को साफ करने लगा। इसी के साथ वो धीरे-धीरे उसके बूब्स भी सहलाने लगा। दामिनी उसे मना कर रही थी और बार-बार कह रही थी, “कोई बात नहीं, रहने दो। मैं खुद साफ कर लूँगी।” लेकिन अब निखिल का बूब्स मसलना दामिनी को भी पसंद आने लगा था। वो मना करते हुए भी अपने बूब्स पर निखिल के हाथों को और दबाने लगी।
निखिल समझ गया कि शायद अब दामिनी को भी मज़ा आने लगा था। ये उसके लिए ग्रीन सिग्नल था। उसने कपड़े साफ करने के बहाने से दामिनी को अपने बेडरूम वाले बाथरूम में ले गया।
निखिल दामिनी को अपने बेडरूम वाले बाथरूम में ले गया। रूम में पहुँचते ही उसने इतने अच्छे मौके को न गँवाते हुए दामिनी को पीछे से पकड़ लिया और उसके बूब्स दबाने लगा। पहले तो दामिनी थोड़ा हिचकिचाई, लेकिन बाद में उसे भी मज़ा आने लगा। फिर निखिल ने उसे अपनी ओर घुमाया और अपने होंठों को उसके होंठों पर लगाकर एक लंबी किस दी। किस करते-करते वो उसे अपने बेड पर ले गया और उसके ऊपर आ गया।
फिर निखिल ने दामिनी के जिस्म की हर एक जगह पर किस करना शुरू कर दिया। दामिनी अब धीरे-धीरे मदहोश हो रही थी। उस वक्त वो सलवार कुर्ते में थी। निखिल ने धीरे-धीरे उसके कपड़े निकालने शुरू किए। कपड़े निकालते-निकालते वो उसे किस किए जा रहा था। अब दामिनी उसके सामने पूरी नंगी थी। निखिल ने भी अपने सारे कपड़े उतार दिए और वो भी एकदम नंगा हो गया। उसे नंगा देखकर दामिनी शरमा गई। उसने निखिल से कहा, “निखिल, मैं अभी तक वर्जिन हूँ। प्लीज़ इस बात का ध्यान रखना और थोड़ा धीरे-धीरे करना, वरना मैं कहीं की नहीं रहूँगी।”
निखिल ने जवाब दिया, “तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो। तुम्हें कुछ नहीं होगा मेरी जानेमन। तुम सिर्फ़ मज़े ही मज़े लो। तुम टेंशन मत लो।” फिर दामिनी खड़ी होकर निखिल के पास आई। निखिल ने उसे ज़ोर से पकड़ लिया और बेड पर लेटाकर उसके पूरे शरीर को चूमा और चाटा। अब उसने अपने एक हाथ की दो उंगलियों से दामिनी की चूत को सहलाना शुरू किया और उसे चूसने लगा। जैसे ही निखिल ने उंगली को उसकी चूत में डाला, दामिनी एकदम से पूरी तरह हिल गई। उसने बेड को अपने दोनों हाथों से ज़ोर से पकड़ लिया। निखिल उसे उंगलियों से चोदे जा रहा था।
फिर निखिल ने दामिनी का एक हाथ अपने लंड पर रख दिया। दामिनी उसे धीरे-धीरे सहलाने लगी। निखिल उसकी चूत को ज़ोर-ज़ोर से चोदे जा रहा था। उसने दामिनी से लंड चूसने को कहा, लेकिन दामिनी ने साफ मना कर दिया। निखिल के बहुत कहने पर उसने कहा, “तुम सिर्फ़ होंठों पर घुमा सकते हो।” निखिल ने अपने लंड को एक हाथ से पकड़कर दामिनी के गुलाबी होंठों पर घुमाया और थोड़ा सा लंड उसके दोनों होंठों के बीच में डाला। दामिनी ने अपनी दोनों आँखें बंद करके निखिल के लंड को अपने होंठों पर महसूस किया।
फिर निखिल ने दामिनी के दोनों पैर फैलाए और उसकी चूत के पास पहुँचकर पहले चूत को चूमा और फिर उसे चाटने लगा। निखिल के ऐसा करने से दामिनी एकदम तड़प उठी और सिसकियाँ लेने लगी। वो कहने लगी, “प्लीज़ मुझे अब और मत तड़पाओ, अह्ह्ह उह्ह।” निखिल ने भी देर न करते हुए अपने लंड को दामिनी की चूत पर रखा और धीरे-धीरे उस पर घुमाने लगा। उसने धीरे से एक धक्का दिया तो थोड़ा सा लंड अंदर गया। लेकिन दामिनी को बहुत दर्द हो रहा था, क्योंकि वो वर्जिन थी। उसने अपनी गांड को थोड़ा पीछे कर लिया, जिससे लंड फिसलकर बाहर निकल गया।
निखिल ने फिर दामिनी के बूब्स मसलने शुरू किए और उसे किस करने लगा। सही मौका देखकर उसने एक ज़ोर का धक्का लगाया। पूरा लंड दामिनी की चूत में चला गया। दामिनी बहुत ज़ोर से चीखी और दर्द से छटपटाने लगी। वो कहने लगी, “प्लीज़ इसे बाहर निकालो, अहह उईईइ माँ, मैं मर गई।” उसने अपनी गांड को फिर से पीछे करने की कोशिश की, लेकिन निखिल ने ऐसा होने नहीं दिया। वो उसे चूमते, चाटते, सहलाते हुए उसके शांत होने का इंतज़ार करने लगा। कुछ देर बाद जब दामिनी शांत हुई, निखिल ने अपने लंड को धीरे-धीरे अंदर-बाहर करना शुरू किया।
फिर एक और ज़ोरदार झटके के साथ उसने पूरा लंड दामिनी की चूत में पेल दिया। दामिनी बहुत ज़ोर से चीख पड़ी। निखिल ने उसके होंठों पर एक लंबा किस किया। थोड़ी देर बाद जब दामिनी शांत हुई, निखिल ने लंड को धीरे-धीरे आगे-पीछे करके चोदना शुरू किया। कुछ देर बाद उसने अपनी स्पीड बढ़ा दी और ज़ोर-ज़ोर से धक्के देकर चोदने लगा। अब दामिनी को भी अपनी वर्जिन चूत चुदवाने का मज़ा आने लगा था। वो अपनी गांड को धीरे-धीरे झटके देकर निखिल के हर एक धक्के का जवाब दे रही थी।
निखिल और दामिनी की यह चुदाई लगभग 15-20 मिनट तक चली। निखिल ने दामिनी की चूत को बहुत जोश में आकर चोदा और बहुत धक्के दिए। फिर कुछ देर बाद निखिल को महसूस हुआ कि दामिनी की चूत से पानी निकलने लगा था। शायद अब वो झड़ चुकी थी। वो एकदम ढीली होकर अपने पूरे जिस्म को निखिल के लंड के हवाले करके चुपचाप अपनी दोनों आँखें बंद करके पड़ी रही।
फिर उसके कुछ देर बाद निखिल भी झड़ गया। उसने दामिनी के बूब्स को चूसना शुरू कर दिया। कुछ देर चूसने के बाद वो थककर दामिनी के ऊपर ही लेट गया। अब दोनों एक-दूसरे को किस करने लगे। दामिनी ने निखिल से कहा, “तुमने आज मुझे जन्नत दिखा दी। मैं बहुत समय से अपनी चूत को शांत करना चाहती थी और आज तुमने उसे एकदम शांत कर दिया।” वो निखिल के गले लग गई। फिर दामिनी ने उसे किस किया और कुछ देर बाद अपने कपड़े पहनकर निखिल को फिर से मिलने का वादा देकर चली गई।
दामिनी के चले जाने के बाद निखिल ने करीब दो घंटे बाद एक बार मुठ मारी और अपने लंड को शांत किया। लेकिन उसके बाद उसने दामिनी को अपने घर पर तो कभी उसके घर पर बहुत बार चोदा। दोनों ने चुदाई के बहुत मज़े लिए।
बहुत. सुन्दर. कहानी. है ❤️