हेल्लो दोस्तों, मैं नूरी हूँ, और आज मैं आपको अपनी जिंदगी की वो रात सुनाने जा रही हूँ, जिसने मेरी दुनिया ही बदल दी। मेरा घर कुशीनगर में है, जो गोरखपुर के पास बसा एक छोटा-सा कस्बा है। मैं 22 साल की हूँ, और मेरे दो बड़े भाई, ईशान (25 साल) और राजेश (24 साल), मेरे साथ ही रहते हैं। हमारा घर छोटा-सा है, लेकिन प्यार और गर्मजोशी से भरा हुआ। मम्मी-पापा गाँव के अपने कामों में व्यस्त रहते हैं, और हम तीनों भाई-बहन हमेशा एक-दूसरे के साथ वक्त बिताते हैं। लेकिन उस रात, जो हुआ, वो मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था। मेरी ये कहानी थोड़ी नॉटी, थोड़ी हॉट और बहुत ज्यादा रसीली है। तो तैयार हो जाइए, क्योंकि मैं आपको उस रात की हर डिटेल बताने वाली हूँ।
मैं हमेशा से थोड़ी चुलबुली और हँसमुख रही हूँ। मेरी खूबसूरती की तारीफ गाँव में हर कोई करता है। मेरा रंग गोरा, बदन भरा हुआ, और 36 इंच की चूचियाँ ऐसी कि लड़के बस देखते ही रह जाएँ। लोग कहते हैं कि मैं करिश्मा कपूर की तरह दिखती हूँ, और शायद यही वजह है कि मेरे भाइयों की नजरें भी मुझ पर अटकने लगी थीं। रात में जब मैं सोती थी, ईशान और राजेश मेरे पास आकर मेरे बदन को सहलाते। पहले तो मुझे अजीब लगता था, लेकिन धीरे-धीरे उनकी छुअन मुझे अच्छी लगने लगी। उनके हाथ मेरी चूचियों पर रुकते, और मेरी साँसें तेज हो जातीं। मैं जानती थी कि ये गलत है, लेकिन मेरी जवानी भी तो मुझे बेकरार कर रही थी। मेरी चूत में एक अजीब-सी आग सुलगने लगी थी, और मैं चाहकर भी उस आग को बुझा नहीं पा रही थी।
एक रात, जब मम्मी-पापा अपने कमरे में सो रहे थे, ईशान अपने मोबाइल में एक ब्लू फिल्म लेकर आया। उसकी आँखों में एक शरारती चमक थी। उसने मुझे और राजेश को बुलाया और बोला, “नूरी, आओ बहन, आज रात कुछ मजेदार करते हैं। एक फिल्म देखते हैं, साथ में!” मैंने हँसकर पूछा, “कैसी फिल्म, भैया?” उसने सिर्फ मुस्कुराया और मोबाइल ऑन कर दिया। हम तीनों अपने छोटे-से कमरे में, एक पुराने सोफे पर बैठ गए। कमरा अंधेरे में डूबा था, सिर्फ मोबाइल की नीली रोशनी हमारे चेहरों पर पड़ रही थी। फिल्म शुरू हुई, और वो कोई आम फिल्म नहीं थी—एक हॉट, सेक्सी ब्लू फिल्म थी, जिसमें एक लड़की दो लड़कों के साथ चुदाई कर रही थी। स्क्रीन पर लड़की की सिसकारियाँ, लंड की चमक, और चूत की गीली चमक देखकर मेरी साँसें रुकने लगीं। मेरी चूत में गीलापन बढ़ने लगा, और मैंने देखा कि ईशान और राजेश की पैंट में भी कुछ उभर रहा था। उनके लंड खड़े हो चुके थे, और उनकी साँसें भी तेज चल रही थीं।
“नूरी, कैसी लग रही है फिल्म?” राजेश ने मेरे कान में फुसफुसाया। उसकी गर्म साँस मेरे कानों में पड़ी, और मेरे बदन में एक सिहरन दौड़ गई। मैंने शरमाते हुए कहा, “बस… अच्छी है।” लेकिन मेरी आवाज काँप रही थी। तभी ईशान ने मेरा हाथ पकड़ा और अपनी जींस के उभरे हुए हिस्से पर रख दिया। “ये देख, बहन, तेरा भाई कितना तड़प रहा है।” मैंने उसकी तरफ देखा, उसकी आँखों में वासना की आग थी। मैंने धीरे-धीरे उसका लंड सहलाना शुरू किया। उसका लंड जींस के अंदर से ही इतना सख्त और गर्म लग रहा था कि मेरी चूत में और पानी बहने लगा। दूसरी तरफ राजेश ने भी मेरा दूसरा हाथ पकड़कर अपनी पैंट पर रख दिया। “नूरी, अब मुझसे मत शरमाओ। तू भी तो चाहती है ना ये सब?” उसकी आवाज में एक अजीब-सी मस्ती थी।
मैं अब पूरी तरह से वासना के नशे में डूब चुकी थी। मेरे दोनों भाई मेरे साथ वो सब करने को तैयार थे, जो मैंने सिर्फ ब्लू फिल्मों में देखा था। ईशान ने अपनी जींस की चेन खोली और अपना 8 इंच का मोटा, काला लंड बाहर निकाल लिया। “नूरी, मेरी प्यारी बहन, देख तो कितना बड़ा है तेरा भाई का लंड। ले, इसे सहला,” उसने मेरे हाथ में अपना लंड पकड़ा दिया। मैंने पहली बार किसी लंड को इतने करीब से देखा था। वो इतना गर्म, सख्त और चिकना था कि मेरे हाथ काँपने लगे। मैंने धीरे-धीरे उसे सहलाना शुरू किया। उधर राजेश भी बेचैन हो रहा था। उसने अपनी पैंट उतार दी और अपना 9 इंच का लंड मेरे सामने लहराया। “नूरी, अब मेरे लौड़े को भी प्यार दे,” उसने कहा और मेरा दूसरा हाथ अपने लंड पर रख दिया।
मैं अब दोनों भाइयों के लंड सहला रही थी। एक हाथ में ईशान का मोटा लंड, और दूसरे में राजेश का लंबा लौड़ा। दोनों के लंड की गर्मी मेरे हाथों में महसूस हो रही थी। मैंने पहले ईशान का लंड 10 मिनट तक सहलाया, उसकी सुपारी को उंगलियों से दबाया, और उसकी नसों पर हाथ फेरा। वो सिसकारियाँ ले रहा था, “आह… नूरी… तू तो जादू कर रही है।” फिर राजेश ने जलन में कहा, “अब मेरी बारी, बहन!” मैंने उसका लंड पकड़ा और सहलाने लगी। उसका लंड और भी मोटा था, और उसकी सुपारी गुलाबी और चमकदार थी। मैंने धीरे-धीरे उसकी सुपारी को मुँह में लिया और चूसना शुरू किया। राजेश ने मेरे बाल पकड़े और मेरे मुँह में अपना लंड और अंदर धकेल दिया। “चूस, नूरी… और जोर से चूस!” उसकी आवाज में एक अजीब-सी हवस थी।
मैं अब पूरी तरह से रंडी बन चुकी थी। मेरे मुँह में राजेश का लंड था, और मेरे हाथ में ईशान का लौड़ा। राजेश ने मेरे टॉप में हाथ डाला और मेरी 36 इंच की चूचियाँ पकड़ लीं। वो उन्हें जोर-जोर से दबाने लगा, मेरे निप्पल्स को मसलने लगा। मैं सिसकारियाँ ले रही थी, “हाय… भैया… आह… धीरे…” लेकिन मेरी आवाज में दर्द से ज्यादा मजा था। ईशान ने भी मेरे टॉप को फाड़ दिया और मेरी ब्रा खींचकर उतार दी। मेरी गोरी, भरी हुई चूचियाँ अब नंगी थीं, और दोनों भाई उन्हें देखकर पागल हो गए। ईशान ने मेरी बायीं चूची पकड़ी और राजेश ने दायीं। दोनों मेरी चूचियों को दबाने, मसलने और चूसने लगे। मैं “ओह… माँ… आह… उह… भैया… और जोर से…” की आवाजें निकाल रही थी। मेरी चूत अब इतनी गीली हो चुकी थी कि मेरी पैंटी पूरी तरह से भीग गई थी।
“नूरी, तू तो एकदम माल है,” ईशान ने कहा और मेरी पैंटी को एक झटके में उतार दिया। अब मैं पूरी तरह से नंगी थी। मेरा गोरा, भरा हुआ बदन सोफे पर चमक रहा था। मेरी गुलाबी चूत, जिसके आसपास हल्के-हल्के बाल थे, पूरी तरह से गीली थी। राजेश ने मेरी चूत को देखा और बोला, “बहन, तेरी चूत तो किसी जन्नत की तरह है। आज हम दोनों भाई इसका भोग लगाएँगे। बोल, मम्मी को तो नहीं बताएगी ना?” मैंने हवस में डूबकर कहा, “नहीं, भैया… मैं कुछ नहीं कहूँगी। तुम दोनों मुझे आज कसकर चोद लो। मेरी जवानी का रस पी लो।” मेरी बात सुनकर दोनों भाई और जोश में आ गए।
ईशान ने मुझे सोफे पर लिटा दिया और मेरी चूचियों को फिर से चूसना शुरू किया। वो मेरे निप्पल्स को दाँतों से हल्के-हल्के काट रहा था, जिससे मेरे बदन में करंट-सा दौड़ रहा था। राजेश मेरे पेट को सहलाने लगा, मेरी नाभि में जीभ डालकर चाटने लगा। उसकी जीभ मेरे पेट से नीचे की ओर बढ़ी और मेरी चूत पर रुक गई। उसने मेरी चूत के होंठों को उंगलियों से खोला और अपनी जीभ अंदर डाल दी। “आह… राजेश भैया… हाय… मम्मी…” मैं चीख पड़ी। उसकी जीभ मेरी चूत के दाने को चाट रही थी, मेरे चूत के रस को पी रही थी। मैं तड़प रही थी, मेरे पैर काँप रहे थे। ईशान ने मेरे मुँह में अपना लंड डाल दिया और बोला, “चूस, नूरी… अपने भाई का लंड चूस!” मैंने उसका लंड मुँह में लिया और जोर-जोर से चूसने लगी।
अब मैं एक रंडी की तरह थी—मेरे मुँह में ईशान का लंड, और मेरी चूत में राजेश की जीभ। दोनों भाई मेरी जवानी का मजा लूट रहे थे। राजेश ने मेरी चूत को 15 मिनट तक चाटा, मेरे चूत के दाने को दाँतों से हल्के-हल्के काटा, और मेरे रस को पूरा पी लिया। मैं दो बार झड़ चुकी थी, और मेरी चूत अब और लंड माँग रही थी। ईशान ने मेरे पैर खोले और अपनी जींस पूरी तरह से उतार दी। उसका 8 इंच का लंड अब मेरी चूत के मुँह पर था। उसने मेरी चूत पर लंड रगड़ा, और फिर एक जोरदार धक्का मारा। “आआह… भैया… मर गई…” मैं चीख पड़ी। उसका लंड मेरी कुंवारी चूत में चाकू की तरह घुस गया। राजेश ने मुझे कसकर पकड़ लिया, ताकि मैं छटपटा न सकूँ।
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ईशान अब मुझे रगड़-रगड़कर चोद रहा था। उसका लंड मेरी चूत की दीवारों को रगड़ रहा था, और हर धक्के के साथ मेरी चूत और गीली हो रही थी। “नूरी, तेरी चूत तो कितनी टाइट है… आह… मजा आ रहा है,” ईशान सिसकारियाँ ले रहा था। उसने मेरी जाँघों को पकड़ा और और जोर-जोर से धक्के मारने लगा। सोफा चरमराने लगा, और कमरे में सिर्फ मेरी सिसकारियाँ और चुदाई की आवाजें गूँज रही थीं। मैं “आह… भैया… और जोर से… चोदो मुझे…” चिल्ला रही थी। ईशान ने मेरी चूत को 20 मिनट तक रगड़ा, और फिर मेरी चूत में ही झड़ गया। उसका गर्म माल मेरी चूत में बहने लगा, और मैं तीसरी बार झड़ गई।
ईशान हटा, तो राजेश मेरी चूत पर आ गया। उसका 9 इंच का लंड मेरी चूत के लिए तैयार था। उसने मेरी चूत पर लंड रगड़ा और एक झटके में पूरा लंड अंदर पेल दिया। “हाय… राजेश भैया… धीरे…” मैं चीखी, लेकिन वो रुकने वाला नहीं था। उसने मेरी चूत को धोबी की तरह धोना शुरू कर दिया। उसका लंड मेरी चूत की हर सिलाई खोल रहा था। मैं काँप रही थी, मेरी चूचियाँ हिल रही थीं। ईशान ने मेरी चूचियाँ पकड़ लीं और उन्हें दबाने, चूसने लगा। राजेश ने मेरी चूत को 25 मिनट तक चोदा, और हर धक्के के साथ मेरी चूत और खुलती गई। फिर उसने अपना लंड बाहर निकाला और मेरी चूत को चाटना शुरू कर दिया। उसकी जीभ मेरी चूत के अंदर तक जा रही थी, और मैं “मम्मी… हाय… राजेश भैया… और चाटो…” चिल्ला रही थी।
राजेश ने मेरी चूत को 15 मिनट तक चाटा, और फिर दोबारा अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया। इस बार उसने मेरी चूचियाँ पकड़ीं और मुझे और जोर-जोर से चोदने लगा। मेरी चूत अब पूरी तरह से फट चुकी थी, लेकिन मजा इतना था कि मैं और चुदवाना चाहती थी। राजेश ने मुझे 20 मिनट और चोदा, और फिर मेरे मुँह के सामने अपना लंड लाया। ईशान भी अपने लंड को मेरे मुँह के पास लाया। दोनों भाई अपने लंड को हाथ से फेटने लगे, और कुछ ही देर में उनके लंड से गर्म-गर्म माल मेरे मुँह में गिरने लगा। मैंने उनका सारा माल चाट लिया, और उसे पी गई। मेरी चूत और मुँह अब दोनों भाईयों के माल से भरे थे। मैं थककर सोफे पर पड़ गई, और मेरे दोनों भाई मेरे बगल में लेट गए।
कुछ देर बाद, दोनों भाइयों के लंड फिर से खड़े हो गए। “नूरी, अब तेरी गाँड की बारी है,” ईशान ने कहा। मैंने शरमाते हुए कहा, “भैया, गाँड में दर्द होगा… किसी और दिन…” लेकिन वो दोनों माने नहीं। उन्होंने मुझे सोफे पर कुतिया बना दिया। मैं अपने घुटनों पर थी, मेरा गोल, गोरा पिछवाड़ा ऊपर उठा हुआ था। मैं पूरी तरह से नंगी थी, और मेरी चूत से रस टपक रहा था। ईशान मेरे पुट्ठों को सहलाने लगा, उन्हें चूमने लगा। उसकी जीभ मेरी गाँड के छेद पर रुकी, और वो मेरी कुंवारी गाँड चाटने लगा। “हाय… भैया… ये क्या… आह…” मैं सिसकारियाँ ले रही थी। उसकी जीभ मेरी गाँड में अंदर तक जा रही थी, और मेरे बदन में आग सी लग गई थी।
ईशान ने मेरी गाँड को 10 मिनट तक चाटा, और फिर अपनी उंगली मेरी गाँड में डाल दी। उसकी उंगली मेरी टाइट गाँड में घुसी, और मैं दर्द से चीख पड़ी। “भैया… धीरे…” लेकिन वो रुका नहीं। उसने मेरी गाँड को 15 मिनट तक उंगली से चौड़ा किया, और फिर अपना 8 इंच का लंड मेरी गाँड के छेद पर रख दिया। उसने धीरे-धीरे लंड अंदर धकेला, और आधा लंड मेरी गाँड में चला गया। मैं दर्द से तड़प रही थी, लेकिन मजा भी आ रहा था। मैंने सोफे की गद्दी कसकर पकड़ ली। ईशान ने मेरे पुट्ठों पर हाथ रखे और जोर-जोर से मेरी गाँड चोदने लगा। उसका लंड मेरी गाँड को फाड़ रहा था, और मैं “आह… भैया… मर गई… उह… और जोर से…” चिल्ला रही थी।
ईशान ने मेरी गाँड को 30 मिनट तक चोदा, और फिर मेरी गाँड में ही झड़ गया। उसका गर्म माल मेरी गाँड में बहने लगा। वो हटा, तो राजेश मेरी गाँड पर आ गया। उसने अपना 9 इंच का लंड मेरी गाँड में डाल दिया और चोदने लगा। उसका लंड मेरी गाँड में और गहराई तक जा रहा था, और मैं दर्द और मजा दोनों में डूब गई थी। “हाय… राजेश भैया… आह… मेरी गाँड फट गई…” मैं चीख रही थी। राजेश ने मेरी गाँड को 35 मिनट तक रगड़ा, और फिर मेरी गाँड में ही झड़ गया। उसका माल मेरी गाँड से टपकने लगा।
हम तीनों थककर सोफे पर लेट गए। मेरी चूत और गाँड दोनों फट चुकी थीं, लेकिन मेरे दिल में एक अजीब-सा सुकून था। मैंने अपने दोनों भाइयों के लंड खाए, उनकी गाँड मरवाई, और उनकी जवानी का रस पिया। वो रात मेरी जिंदगी की सबसे हॉट रात थी। अगले दिन मेरे बदन में दर्द था, लेकिन मेरे चेहरे पर एक नशीली मुस्कान थी। मम्मी को आज तक कुछ नहीं पता। अब जब भी मेरे भाई मेरी चूत या गाँड माँगते हैं, मैं खुशी-खुशी दे देती हूँ। ये मेरी जिंदगी का वो राज है, जो सिर्फ मेरे और मेरे भाइयों के बीच है।
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Acha hai main bhi gkp se agli part dalo tumkuhi se hun