रुपाली गुलाबी रंग का पंजाबी वाला सूट

Cinema me chudai मेरा नाम राहुल है, उम्र 25 साल, और मैं मुंबई का रहने वाला हूँ। मैं दिखने में काफी स्मार्ट हूँ, गोरा रंग, औसत कद-काठी, और मेरा लंड सामान्य साइज का है, जो किसी को भी खुश करने के लिए काफी है। मैं एक एक्सपोर्ट हाउस में प्रोडक्शन मैनेजर था, जहाँ मेरा काम माल बनवाने से लेकर उसे लदान तक भेजने का था। मेरे काम के सिलसिले में मुझे कई वेंडर्स से मिलना पड़ता था, और इन्हीं में से एक थी रुपाली। वो एक ऐसी लड़की थी, जो हमारे एक वेंडर के यहाँ सारा काम संभालती थी। उसकी उम्र करीब 30 साल थी, शादीशुदा थी, और एक 2 साल की बेटी की माँ थी। लेकिन उसका फिगर, यार, क्या कहने! 34-28-36 का फिगर, गोल-मटोल स्तन, और साड़ी में उसकी गांड इतनी उभरी हुई कि बस देखते ही लंड खड़ा हो जाए।

रुपाली से मेरी बातचीत फोन पर शुरू हुई थी। हम काम के सिलसिले में अक्सर बात करते थे, लेकिन धीरे-धीरे हमारी बातें पर्सनल हो गईं। हम व्हाट्सएप पर मैसेज करने लगे, कभी-कभी रात को भी चैट होती थी। लेकिन उसकी शादीशुदा जिंदगी की वजह से मैं रात को ज्यादा मैसेज नहीं करता था, ताकि कोई दिक्कत न हो। एक दिन मुझे उसके ऑफिस जाना पड़ा। मैंने उसे पहले कभी देखा नहीं था, बस उसकी आवाज सुनी थी, जो इतनी सेक्सी थी कि मन में ख्याल आता था कि ये औरत कैसी दिखती होगी। जब मैं ऑफिस पहुंचा और उसे देखा, तो बस पागल हो गया। वो गुलाबी साड़ी में थी, उसके स्तन साड़ी के पीछे से ऐसे उभर रहे थे जैसे दो पहाड़ हों। उसकी गांड का तो जवाब ही नहीं, हर कदम पर थिरकती थी। मैं उसे देखते ही पहचान गया, लेकिन उसने मुझे नहीं पहचाना। जब मैंने अपना नाम बताया, तो वो चौंक गई और मुस्कुराते हुए बोली, “अरे, तुम राहुल हो? मैंने तो सोचा था कोई और होगा!”

हमने हाथ मिलाया, और यार, उसका हाथ इतना नरम था कि मेरे बदन में करंट दौड़ गया। मैं उसके स्तन को चोरी-चोरी देख रहा था, और मेरा लंड पैंट में तनने लगा। हम बैठे, चाय मंगाई, और बातें शुरू हुईं। उसकी साड़ी का पल्लू थोड़ा सा सरक गया था, जिससे उसके क्लीवेज की लाइन साफ दिख रही थी। मैं तो बस उसे देखता ही रह गया। मैंने मजाक में कहा, “रुपाली, तुम्हारी आवाज जितनी सेक्सी है, तुम उससे कहीं ज्यादा हॉट हो!” वो हंस पड़ी और बोली, “अच्छा? तुम्हें तो कोई और ही चाहिए था, जो मुझे चने के झाड़ पर चढ़ा रहा है!” मैंने कहा, “नहीं, सच कह रहा हूँ, तुम किसी को भी दीवाना बना सकती हो।” वो शरमा गई, और उसकी हंसी में एक अजीब सी मादकता थी।

चाय पीते-पीते उसने पूछा, “तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है?” मैंने कहा, “हाँ, है,” और अपनी गर्लफ्रेंड का फोटो दिखाया। उसके चेहरे पर हल्की सी उदासी आ गई, लेकिन उसने कहा, “वाह, बहुत सुंदर है।” फिर वो दो मिनट के लिए उठकर चली गई। मेरी नजर उसके पर्स पर गई, जो खुला था। उसमें एक पैड दिखा, शायद वो पीरियड्स में थी। जब वो वापस आई, तो उसकी चाल देखकर मैं फिर से पागल हो गया। उसकी गांड थिरक-थिरक कर चल रही थी, और मैं बस उसे देखता रहा। हमने काम की बातें कीं, और फिर मैंने कहा, “चलता हूँ, फिर मिलेंगे।” उसने कहा, “हाँ, आते रहना, और ऑफिस पहुंचकर मैसेज करना।” उसका लहजा ऐसा था, जैसे मेरी बीवी बोल रही हो। मैंने ऑफिस पहुंचकर मैसेज किया, और उसका जवाब आया, “ठीक है, ख्याल रखना, मिस यू।” मैं हैरान था, लेकिन खुश भी।

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कुछ महीनों बाद मैंने वो नौकरी छोड़ दी और पापा के बिजनेस में लग गया। इस दौरान मेरा पुराना फोन भी बदल गया, और रुपाली से संपर्क टूट गया। मैं उदास था, लेकिन अचानक एक दिन उसका कॉल आया। मैं खुशी से पागल हो गया। हमने फिर से बातें शुरू कीं। उसने मेरे परिवार के बारे में पूछा, और मैंने भी उससे उसके पति के बारे में पूछा। उसने बताया कि उसका पति एक मल्टीनेशनल कंपनी में ड्राइवर है, और वो उससे 8 साल बड़ा है। उसने ये भी बताया कि उसकी शादी जल्दबाजी में हुई थी, और वो अपने पति से पूरी तरह संतुष्ट नहीं थी। उसकी बातों से लग रहा था कि वो सेक्स के मामले में भूखी थी। हमारी बातें अब और खुलने लगीं। वो कहती, “मेरी सास मेरे साथ ही सोती है, क्योंकि उनके बेडरूम में एसी है।” मैंने मजाक में कहा, “तो तुम रात को कुछ करते नहीं?” वो हंसकर बोली, “कई महीनों से कुछ नहीं हुआ।” अब हमारी बातें और खुल गईं। वो कहती, “पता नहीं, इतना मन करता है चुदाई का, लेकिन क्या करूँ?” मैंने कहा, “अरे, तुम्हारा पति कितना लकी है, फिर भी तुम्हें तड़पने देता है!” वो हंसने लगी और बोली, “हाँ, तुम्हारी बीवी होगी, वो लकी होगी।”

उसकी बातों से मुझे हरी झंडी मिल रही थी। मैंने कहा, “रुपाली, क्यों ना हम कहीं घूमने चलें? दोपहर का खाना खाएंगे, मन हल्का हो जाएगा।” वो हंसकर बोली, “अच्छा, मौका मारना चाहते हो?” मैंने कहा, “नहीं, मेरा मतलब दोपहर का खाना और मस्ती।” वो मान गई। मैंने कहा, “शुक्रवार को मेरी छुट्टी होती है, तुम भी आधा दिन की छुट्टी ले लो, शाम तक साथ रहेंगे।” वो तैयार हो गई।

शुक्रवार का दिन आया, और मेरे मन में लड्डू फूट रहे थे। मैं सोच रहा था कि इसे कैसे चोदा जाए, लेकिन डर भी लग रहा था कि कहीं वो गलत न समझ ले। दोपहर 2 बजे हम एक होटल में मिले। उसने गुलाबी रंग का पंजाबी सूट पहना था, जो उस पर गजब ढा रहा था। उसके स्तन सूट में से उभर रहे थे, और उसकी गांड हर कदम पर मटक रही थी। हम बैठे, खाना ऑर्डर किया, और बातें करने लगे। मैं सोच रहा था कि यहाँ बैठने से कुछ नहीं होगा। मैंने कहा, “रुपाली, तुम्हें कितने बजे घर जाना है?” वो बोली, “6-6:30 बजे तक।” मैंने कहा, “यहाँ इतनी देर क्या करेंगे? खाना खाने के बाद फिल्म देखने चलें?” वो चुप रही, लेकिन मेरे लंड में तो आग लगी थी। खाना आया, और खाते-खाते मैंने फिर कहा, “रुपाली, यहाँ बैठने से अच्छा है फिल्म देखें। कोई डर भी नहीं होगा, और मजा आएगा।” उसने मेरी आँखों में देखा और बोली, “ठीक है।”

हमने 3:45 बजे की ‘बदमाश कंपनी’ फिल्म की टिकट ली। हॉल में भीड़ नहीं थी, क्योंकि फिल्म को रिलीज हुए दो हफ्ते हो चुके थे। हम कोने की आखिरी पंक्ति में बैठ गए। मेरे मन में खुशी और टेंशन दोनों थे। वो शादीशुदा थी, तो मैं डर रहा था कि कहीं कुछ गलत न हो जाए। फिल्म शुरू हुई, और हॉल की सारी लाइट्स बंद हो गईं। 10 मिनट बाद मैंने धीरे से अपना हाथ उसकी तरफ बढ़ाया। उसने मेरा हाथ पकड़ लिया। मैं 10 मिनट तक उसका हाथ पकड़े बैठा रहा। उसके गुलाबी सूट में उसके स्तन इतने उभरे हुए थे कि मेरा लंड पैंट में तन गया। मैंने आसपास देखा, कोई नहीं था। मैंने धीरे से अपना हाथ उसके कंधे पर रखा और सहलाने लगा। उसने मुझे देखा और बोली, “हाथ हटाओ।” मैंने उदास चेहरा बनाया और हाथ हटा लिया। 5 मिनट बाद उसने मेरा हाथ अपनी कोहनी से छुआ और अपना सिर मेरे कंधे पर रख दिया। बोली, “मुझे आराम चाहिए, बहुत टेंशन है।”

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मैंने उसका गाल सहलाया और कहा, “रुपाली, तुम बहुत अच्छी हो। मैं तुम्हें खुश देखना चाहता हूँ। अपने सारे टेंशन भूल जाओ।” उसने लंबी सांस ली और रिलैक्स हो गई। मैं उसके गालों को सहला रहा था, फिर मेरा हाथ उसके होंठों पर गया। मैंने उसके होंठों को छुआ, और उसने मुझे जोर से पकड़ लिया। मैंने उसका सिर अपने कंधे से हटाया और उसकी आँखों में देखने लगा। वो भी मुझे देख रही थी। मैंने धीरे से उसके गाल पर Kiss किया और उसके कान में कहा, “मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूँ। तुम्हें खुश रखूंगा।” फिर मैंने उसके कान पर Kiss किया और गर्म सांस छोड़ी। उसके बदन में झटका सा लगा। मैंने कहा, “क्या मैं अपनी रुपाली परी को Kiss कर सकता हूँ?” वो मुस्कुराई और बोली, “हाँ, तुम्हारी रुपाली को बहुत अच्छा लगेगा।”

मैंने उसका चेहरा अपनी तरफ किया और उसके होंठों पर Kiss किया। धीरे-धीरे मैंने अपनी जीभ उसके होंठों पर फेरी और उन्हें चूसने लगा। शुरू में उसने कोई रिएक्शन नहीं दिया, लेकिन थोड़ी देर बाद वो भी मेरे होंठ चूसने लगी। मैंने अपनी जीभ उसके मुँह में डाली और उसकी जीभ से खेलने लगा। यार, क्या मजा आ रहा था! लग रहा था जैसे मैं किसी और दुनिया में हूँ। मैंने अपना हाथ उसके स्तन पर रखा और सहलाने लगा। उसने मेरा हाथ पकड़ा और हटा दिया, बोली, “नहीं।” मैंने उसकी आँखों में देखा और कहा, “रुपाली, तुम टेंशन मत लो, मैं कुछ गलत नहीं करूंगा।” फिर मैंने उसके होंठ चूमने शुरू किए। मैंने फिर से अपना हाथ उसके स्तन पर रखा और सहलाने लगा। दूसरा हाथ उसकी गर्दन से होते हुए उसके स्तन तक ले गया। हर बार जब मैं उसके स्तन दबाता, उसके बदन में झटका लगता।

मैं उसके स्तन जोर-जोर से दबाने लगा। उसके निपल्स सूट के ऊपर से ही सख्त हो गए थे। मैं एक तरफ उसके होंठ चूस रहा था, दूसरी तरफ उसके निपल्स रगड़ रहा था। मैंने अपना हाथ उसके कमीज के अंदर डाला। उसका बदन इतना मुलायम था कि मैं तो पागल हो गया। मैंने उसकी नाभि को छुआ, फिर मेरा हाथ ऊपर की तरफ गया। उसकी ब्रा के ऊपर से मैंने उसके स्तन दबाए। वो अपना कंट्रोल खो रही थी। मैंने उसकी ब्रा ऊपर की और उसके नंगे स्तन मसलने लगा। उसके निपल्स सख्त हो गए थे। मैंने अपना हाथ बाहर निकाला, अपनी उंगलियों को जीभ से गीला किया, और फिर से उसके निपल्स मसलने लगा। वो सिसक रही थी, “राहुल, धीरे, मुझे कुछ हो रहा है।” लेकिन मैं कहाँ सुनने वाला था! मैं एक तरफ उसका निपल मसल रहा था, दूसरी तरफ उसके होंठ चूस रहा था।

मैंने उसका हाथ पकड़ा और अपनी पैंट के ऊपर से अपने लंड पर रख दिया। मेरा लंड रॉक की तरह सख्त था। वो उसे महसूस कर रही थी, और मुझे बहुत मजा आ रहा था। मैंने अपना हाथ उसकी जांघों पर फेरा और धीरे-धीरे उसकी चूत की तरफ ले गया। उसके पायजामे के ऊपर से मैंने उसकी चूत को छुआ। पायजामा इतना पतला था कि उसकी चूत की गर्मी साफ महसूस हो रही थी। मैं जोर-जोर से उसकी चूत रगड़ने लगा। वो पागल सी हो रही थी, “आह… आह… राहुल, धीरे!” उसने मेरे होंठ अपने दांतों से दबा लिए और मेरे लंड को जोर से पकड़ लिया। मैंने उसके पायजामे का नाड़ा खोला और अपना हाथ अंदर डाल दिया। उसकी पैंटी के ऊपर से मैं उसकी चूत मसलने लगा। वो सिसक रही थी, “आह… आह… हाँ…” उसकी सांसें तेज हो गई थीं, और उसकी चूत की गर्मी मेरे हाथ में महसूस हो रही थी।

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मैंने अपना हाथ उसकी पैंटी के अंदर डाला। उसने मेरा हाथ रोकने की कोशिश की, लेकिन मैंने उसे Kiss करते हुए उसका भरोसा जीता। उसने अपने पैर थोड़े ढीले किए, और मेरा हाथ उसकी झांटों से होता हुआ उसकी चूत तक पहुंच गया। उसकी चूत इतनी गीली थी कि मेरा हाथ फिसल रहा था। मैंने अपनी एक उंगली उसकी चूत में डाली। वो कांपने लगी, “आह… राहुल, धीरे… आह…” मैं अपनी उंगली अंदर-बाहर करने लगा। वो मदहोश हो रही थी। उसने मेरी पैंट की जिप खोली और मेरा लंड बाहर निकाल लिया। मेरा लंड 6 इंच का, मोटा और सख्त था। वो उसे जोर-जोर से हिलाने लगी। मैं उसकी चूत में उंगली डाल रहा था, और वो मेरे लंड को मुठ मार रही थी।

5-7 मिनट तक मैं उसकी चूत में उंगली करता रहा। वो सिसक रही थी, “आह… हाँ… और जोर से… आह…” अचानक उसकी चूत से पानी निकलने लगा। उसका पूरा बदन कांप रहा था। मैंने अपनी गति कम की और पूछा, “और करूँ?” वो बोली, “रुक मत, और जोर से कर!” मैंने फिर से उसकी चूत में उंगली डाल दी और जोर-जोर से करने लगा। उसने मेरी गर्दन को जोर से पकड़ लिया और सिसकने लगी, “आह… हाँ… और… आह…” उसकी चूत से फिर से पानी निकला, और मेरा हाथ पूरा गीला हो गया। मैंने 5 मिनट तक और उंगली की, फिर अपना हाथ बाहर निकाला और अपनी उंगलियों को उसके होंठों पर लगाया। उसने मेरी उंगलियाँ चाटीं, और फिर मैंने अपनी उंगलियाँ उसकी चूत में डालकर उसका रस चाटा। क्या स्वाद था, यार!

अब वो झड़ चुकी थी, और शांत थी, लेकिन मेरा लंड अभी भी तना हुआ था। मैंने अपना लंड बाहर निकाला और उसके हाथ में दे दिया। वो उसे जोर-जोर से हिलाने लगी। उसने अपने हाथ पर थूक लगाया और मेरे लंड को गीला करके मुठ मारने लगी। 5 मिनट बाद मैं भी झड़ गया, और मेरा माल उसके हाथ पर गिर गया।

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