पति ने फोरप्ले किया और मैंने पूरी चुदाई

हेलो फ्रेंड्स, अनुज यहाँ! नये साल के बाद का टाइम कैसा चल रहा है? मस्त रहा होगा, है ना? आज मैं आपसे मेरा एक और हॉट सेक्स एक्सपीरियंस शेयर करने जा रहा हूँ, जो नये साल के बाद का है(यह कहानी एक लेखक ने नए साल पर भेजी थी लेकिन यह प्रकाशित अभी हो रही है इसीलिए ऐसे नए साल के नजरिये से पढ़े। )। उम्मीद है कि ये आपको मेरी पिछली कहानियों की तरह ही पसंद आएगा। ये बात कुछ हफ्ते पहले की है, जब मेरा खास दोस्त शोमिल विदेश जा रहा था। मैं उसे दिल्ली एयरपोर्ट छोड़ने गया था। वो कई बार विदेश जा चुका था, तो उसका कोई फैमिली मेंबर वहाँ नहीं आया। बस कुछ पुराने दोस्त एयरपोर्ट पर मिलने वाले थे।

हम एयरपोर्ट पहुँचे, वहाँ कुछ दोस्तों से मुलाकात हुई। दोस्तों ने शोमिल को विदा किया, और मैं वापस लौटने को तैयार था। तभी शोमिल ने मुझे एक साइड में बुलाया और कहा, “यार अनुज, अगर कोई दिक्कत ना हो तो मेरी वाइफ आयशा को उसके मायके, यानी हमारे शहर, छोड़ देना।” आयशा का नाम सुनते ही मेरे दिमाग में उसकी तस्वीर उभर आई। मैं शोमिल की पूरी फैमिली को सालों से जानता था। आयशा, उसकी वाइफ, थी एकदम माल! एक साल पहले ही उनकी शादी हुई थी। गोरी, मलायी जैसी चिकनी स्किन, पतली कमर, सेक्सी कर्व्स, और चेहरा ऐसा कि कोई भी देखकर दीवाना हो जाए। मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं थी, और शोमिल को भी मुझ पर पूरा भरोसा था कि मैं उसकी वाइफ को सेफली छोड़ दूँगा। आयशा ने भी हल्की सी स्माइल दी, और मैं समझ गया कि वो भी इस प्लान से कूल थी।

रास्ता लंबा था, और कहीं तो रुकना ही पड़ता। अगर मैं अकेला होता, तो कोई भी साधारण होटल चल जाता, लेकिन आयशा के साथ अब एक अच्छी होटल ढूँढनी थी। रास्ते में ऐसी होटल मिलना आसान नहीं था। फिर भी, थोड़ी मेहनत के बाद एक ठीक-ठाक होटल मिल गई, जो साफ-सुथरी थी और रास्ते में पड़ती थी। हमने अलग-अलग रूम्स बुक किए। मैं अपने रूम में पहुँचा, जूते उतारे, और बिस्तर पर लेट गया। चार घंटे की ड्राइविंग के बाद थकान हो रही थी। दो घंटे बीत चुके थे, और मुझे फ्रेश होना था। तभी मुझे ख्याल आया कि मेरा बैग तो शायद कार में रह गया, या फिर आयशा के रूम में! मैंने कार चेक की, बैग वहाँ नहीं था। अब आयशा को जगाना ही पड़ता, क्योंकि दो घंटे बाद हमें फिर से निकलना था।

मैं आयशा के रूम की तरफ गया। उसका दरवाजा हल्का-सा खुला था। अंदर अंधेरा था, और मुझे थोड़ा टेंशन हुआ। क्या कोई प्रॉब्लम तो नहीं? लेकिन तभी आयशा की आवाज़ सुनाई दी। वो फोन पर किसी से बात कर रही थी। मैंने ध्यान से सुना, तो पाया कि वो शोमिल के साथ ही बात कर रही थी। और यार, क्या बातें थीं! वो फोन सेक्स कर रही थी! गंदी-गंदी, हॉट बातें, और उसकी आवाज़ में वो सेक्सी सिसकारियाँ थीं कि मेरा लंड तुरंत खड़ा हो गया। मैंने चुपके से दरवाजे की झिरी से देखा। उसने अपनी साड़ी उतार दी थी, और ब्लाउज़ के सारे बटन खोल रखे थे। अंधेरे में भी उसके गोल, टाइट बूब्स साफ दिख रहे थे। वो लहंगे में हाथ डालकर “आह्ह… आह्ह… शोमिल, और बोलो ना!” की सिसकारियाँ ले रही थी। उसकी आवाज़ में वो आग थी कि कोई भी पिघल जाए। ऐसा लग रहा था कि ये फोन सेक्स का सिलसिला कब से चल रहा था। कुछ देर बाद शायद शोमिल झड़ गया होगा, क्योंकि उसने फोन रख दिया। लेकिन आयशा अभी भी गर्म थी। उसकी साँसें तेज़ थीं, और वो बिस्तर पर बेचैन सी इधर-उधर करवटें बदल रही थी।

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मैं चुपके से अंदर दाखिल हुआ। वो चौंक गई, लेकिन उसकी आँखों में वो हवस साफ दिख रही थी। मैंने हँसते हुए कहा, “सेक्सी, फोन पर चुदाई की क्या ज़रूरत थी? मुझे बुला लिया होता! तुम तो सच्ची की सेक्स की मल्लिका हो!” वो इतनी गर्म थी कि तुरंत मुझसे लिपट गई। उसने मेरे होंठों पर अपने मुलायम, रसीले होंठ रख दिए, और हम गहरी, गीली स्मूचिंग में खो गए। उसका हर kiss ऐसा था जैसे वो मुझे पूरा निगल लेना चाहती थी। बीच-बीच में वो बोली, “प्लीज़, अनुज, किसी को बताना मत!” मैंने कहा, “अरे मेरी जान, ये बात हमारे बीच ही रहेगी। तू टेंशन मत ले।” फिर मैंने अपनी शर्ट उतारी, पैंट निकाल फेंकी, और उसकी ब्लाउज़ को पूरी तरह खींचकर उतार दिया।

उसके बूब्स, यार, क्या माल थे! गोल, टाइट, और निप्पल्स एकदम पिंक, खड़े हुए। मैं तो बस टूट पड़ा। मैंने उन्हें चूमा, चूसा, और हल्के से काटा भी। वो सिसकारी लेते हुए बोली, “प्लीज़, ज़्यादा मत काटो, शोमिल को शक हो जाएगा!” मैंने हँसकर कहा, “क्या, उसके दाँत नहीं हैं जो इतने सेक्सी बूब्स को एक बार भी नहीं काटता?” वो हँस पड़ी, और उसकी हँसी में वो शरारत थी जो मुझे और गर्म कर रही थी। मैंने उसके निप्पल्स को चूसना शुरू किया, धीरे-धीरे, फिर ज़ोर से। वो सिसकारियाँ ले रही थी, “आह्ह… अनुज… और… प्लीज़ और!” उसकी आवाज़ मुझे पागल कर रही थी। मैंने उसके लहंगे को उतारा, और उसकी पैंटी भी नीचे खींच दी। उसकी चूत पूरी तरह गीली थी, पानी टपक रहा था। मैंने अपनी उंगलियाँ उसकी चूत पर फिराईं, और वो तड़प उठी, “आह्ह… अनुज, मत तड़पाओ!”

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मेरा लंड अब पूरी तरह टाइट था। 7 इंच का लंड अब 8 इंच का हो चुका था, और मैं भी गर्मी में पागल था। उसने तुरंत मेरा लंड पकड़ा और अपने मुँह में डाल लिया। वो पागलों की तरह चूसने लगी, जैसे कोई भूखी शेरनी अपने शिकार पर टूट पड़ी हो। उसका मुँह इतना गर्म और गीला था कि मैं सिसकारियाँ लेने लगा। मैंने उसके सिर को पकड़ा और ज़ोर-ज़ोर से उसके मुँह में धक्के मारने शुरू किए। “आह्ह… आयशा, क्या चूसती हो!” मैं जोश में था। उसने मेरे लंड को गले तक लिया, और उसकी जीभ मेरे लंड के टॉप पर गोल-गोल घूम रही थी। काफ़ी देर तक वो चूसती रही, और मैं उसके मुँह को चोदता रहा। मेरा लंड अब इतना सख्त था कि वो पूरा उसके मुँह में जा भी नहीं रहा था।

अब उसकी चूत की बारी थी। मैंने उसे बिस्तर पर लिटाया। उसकी चूत इतनी गीली थी कि चमक रही थी। वो बोली, “प्लीज़, अनुज, धीरे डालना। मुझे इतने बड़े लंड की आदत नहीं है।” मैंने हँसकर कहा, “मेरी जान, इतनी सेक्सी चूत के गाँव तो सगे पति को भी नहीं पता चलता!” हम दोनों हँस पड़े। मैंने उसे मिशनरी पोज़िशन में लिया और पहला धक्का मारा। मेरा लंड आधा अंदर गया, और वो चीख पड़ी, “आह्ह… प्लीज़, धीरे!” मैंने दूसरा धक्का मारा, और इस बार पूरा लंड उसकी चूत में समा गया। वो फिर चीखी, “आह्ह… अनुज, कितना बड़ा है!” मैंने उसे स्मूच करना शुरू किया ताकि वो ज़्यादा चीख न सके। फिर मैंने ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारने शुरू किए।

वो अब कूल्हे हिलाकर मेरा साथ देने लगी। उसने अपने पैर मेरी पीठ पर लपेट लिए थे, और उसकी चूत मेरे लंड को जकड़ रही थी। उसकी सिसकारियाँ और मोनिंग कमरे में गूँज रही थीं, “आह्ह… अनुज, चोद दो मुझे! मेरी चूत फाड़ दो! और ज़ोर से… पूरा डाल दो!” मैं भी पूरे जोश में था। मैंने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी। उसकी चूत इतनी टाइट और गीली थी कि हर धक्के में मज़ा दोगुना हो रहा था। मैंने उसे पलटा और अब डॉगी स्टाइल में लिया। उसकी गोल, चिकनी गांड को देखकर मैं और पागल हो गया। मैंने उसकी कमर पकड़ी और ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारने शुरू किए। वो चीख रही थी, “आह्ह… हाँ… और ज़ोर से! फाड़ दो मेरी चूत!” मैंने उसकी गांड पर हल्के से थप्पड़ मारा, और वो और सिसकारी, “हाँ, अनुज, और मारो!”

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लगभग डेढ़ घंटे तक हमने अलग-अलग पोज़िशन्स ट्राई कीं। कभी मैंने उसे अपनी गोद में उठाकर चोदा, उसकी चूत को अपने लंड से रगड़ा। कभी उसने मुझे रिवर्स काउगर्ल स्टाइल में लिया, और उसकी गांड मेरे सामने उछल रही थी। उसकी चूत से पानी बार-बार निकल रहा था, और वो तीन बार झड़ चुकी थी। मैं भी अब झड़ने वाला था। मैंने कहा, “आयशा, मेरा निकलने वाला है!” वो बोली, “मेरे मुँह में डाल दो, अनुज!” मैंने अपना पूरा माल उसके मुँह में डाल दिया, और वो हर बूंद चाट गई। उसने मेरे लंड को चूस-चूसकर साफ किया, और उसकी आँखों में वो तृप्ति थी जो मुझे और जोश दे रही थी।

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हम दोनों थककर बिस्तर पर लेट गए। वो मेरे सीने पर सिर रखकर लेटी थी, और हमारी साँसें अभी भी तेज़ थीं। मैंने उसके गाल पर एक हल्की सी kiss की और कहा, “आयशा, तुम सच में हॉट और सेक्सी हो। ये बात हमारे बीच ही रहेगी।” वो मुस्कुराई और बोली, “थैंक्स, अनुज। ये सफर इतना मज़ेदार होगा, सोचा नहीं था।” उसकी आवाज़ में एक शरारती चमक थी।

पंद्रह मिनट आराम करने के बाद हम तैयार हुए। वो थोड़ा हिचक रही थी, शायद उसे डर था कि कहीं कोई बात बाहर न चली जाए। मैंने उसे गले लगाया और कहा, “ट्रस्ट मी, आयशा, ये हमारा सीक्रेट है।” फिर मैंने उसके होंठों पर एक हल्की सी kiss की और कहा, “बाकी का आफ्टरप्ले कार में करेंगे, या फिर बाद में! अब तो हम एक ही शहर में हैं!” वो बस मुस्कुराई, और उसकी उस स्माइल में मुझे सारा जवाब मिल गया।

तो दोस्तों, कैसा लगा ये हॉट एक्सपीरियंस? नये साल के बाद का ये सफर मेरे लिए तो यादगार बन गया। आपकी राय और सजेशन्स ज़रूर बताइए। थैंक्स फॉर रीडिंग!

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