Diwali sex story – bhai behen ki chudai: अनामिका, उम्र 19 साल, लखनऊ में बी.ए. की पढ़ाई कर रही थी। उसका फिगर 34-28-36, गोरी चमकती त्वचा, और काले लंबे बाल जो कमर तक लहराते थे। उसकी आँखें बड़ी और चंचल थीं, जो हर किसी को अपनी ओर खींच लेती थीं। उसका भाई राजवीर, 22 साल का, असम में इंजीनियरिंग की पढ़ाई करता था। लंबा, गोरा, और कसरती बदन वाला राजवीर अपनी मुस्कान से सबको दीवाना बना देता था। दोनों भाई-बहन का रिश्ता गहरा था, लेकिन इस बार दीपावली में कुछ ऐसा होने वाला था जो उनकी ज़िंदगी को हमेशा के लिए बदल देगा।
दीपावली का दिन था। घर में उत्सव का माहौल था। माँ और पापा, दोनों स्कूल टीचर, पूजा-पाठ में व्यस्त थे। घर को दीयों और रंग-बिरंगी लाइट्स से सजाया गया था। पूरा मोहल्ला जगमग कर रहा था। माँ रसोई में मिठाइयाँ और खाना बना रही थीं, और पापा मामा जी के साथ गपशप में मगन थे। तभी चाचा की बेटियाँ, प्रिया, रिया, और माया, घर पहुँचीं और बोलीं, “चलो, बाहर पटाखे फोड़ते हैं!” अनामिका और राजवीर ने कहा, “पहले छत पर दीये जला लें, फिर आते हैं।” माँ ने हँसते हुए कहा, “हाँ, छत पर भी दीये जलाओ, कोई कोना अंधेरा नहीं रहना चाहिए। और हाँ, छत का दरवाज़ा बंद कर देना, कहीं बिल्ली न घुस आए।”
दोनों भाई-बहन छत पर चले गए। अनामिका ने जीन्स और टाइट कुर्ती पहनी थी, जो उसके कर्व्स को और उभार रही थी। राजवीर ने काले कुर्ते और जीन्स में कूल लुक रखा था। छत पर अंधेरा था, सिर्फ़ नीचे से पटाखों की रोशनी और आवाज़ें आ रही थीं। दोनों ने दीये जलाने शुरू किए। तेल डालते हुए अनामिका ने मुँह बनाकर कहा, “भैया, आपको असम में मेरी याद नहीं आती? इस बार राखी पर भी नहीं आए। और आज दीपावली है, फिर भी कोई गिफ्ट नहीं लाए। लगता है, आप मुझे भूल गए हो।”
राजवीर ने हँसते हुए जवाब दिया, “अरे पगली, तू मेरी लाडली बहन है, तुझे कैसे भूल सकता हूँ? हाँ, गिफ्ट तो नहीं लाया, लेकिन भाईदूज पर तुझे तेरे पसंद का जीन्स-टॉप दिलवाऊँगा, पक्का वादा। और आज दीपावली की खुशी में, अगर तुझे बुरा न लगे, तो तुझे गले लगा लूँ?” अनामिका ने शरमाते हुए कहा, “अरे भैया, प्यार में इजाज़त की क्या ज़रूरत? आ जाओ।”
राजवीर ने अनामिका को गले लगाया। उसकी बाहों की गर्मी और मज़बूत पकड़ ने अनामिका को अंदर तक हिला दिया। राजवीर ने धीरे से उसकी पीठ सहलाई, और अनामिका ने भी जवाब में उसकी पीठ पर हाथ फेरा। फिर राजवीर ने अनामिका के गाल पर एक हल्का सा चुम्बन दे दिया। अनामिका को कुछ समझ नहीं आया, लेकिन उसने भी जवाब में राजवीर के गाल पर चुम्बन दे दिया। दोनों की साँसें तेज़ होने लगीं। बाहर पटाखों की आवाज़ें गूंज रही थीं, लेकिन छत पर एक अजीब सा सन्नाटा था।
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अचानक राजवीर ने अनामिका के होंठों पर अपने होंठ रख दिए। अनामिका चौंक गई, लेकिन उसका शरीर जवाब दे रहा था। उसने खुद को रोकने की कोशिश की, पर उसकी वासना भड़क चुकी थी। दोनों एक-दूसरे को बेतहाशा चूमने लगे। राजवीर ने अनामिका को अपनी बाहों में और कस लिया, और अनामिका ने भी उसकी कमर को पकड़ लिया। उनकी साँसें एक-दूसरे से टकरा रही थीं। राजवीर ने धीरे से कहा, “अनामिका, ये मेरी ज़िंदगी की सबसे हसीन दीपावली है।” अनामिका की आवाज़ काँप रही थी, “हाँ भैया, मेरे लिए भी।”
अनामिका का दिल ज़ोर-ज़ोर से धड़क रहा था। उसे शर्मिंदगी, उत्तेजना, और डर का मिश्रण महसूस हो रहा था। वो पलटकर अलग खड़ी हो गई, लेकिन राजवीर ने पीछे से उसे कमर से पकड़ लिया। उसका सख्त लंड अनामिका की गोल-मटोल गांड से टकरा रहा था। राजवीर ने धीरे-धीरे अपनी कमर हिलाई, और उसका लंड अनामिका की गांड की दरार में रगड़ने लगा। अनामिका की चूत में गीलापन बढ़ने लगा। उसने सिसकारी भरी, “आह्ह…” राजवीर ने पीछे से उसके 34 साइज़ के गोल, तने हुए बूब्स को पकड़ लिया। वो धीरे-धीरे उन्हें दबाने लगा, जैसे कोई नाज़ुक चीज़ को सहला रहा हो।
“भैया… ये… ये गलत है ना?” अनामिका ने काँपती आवाज़ में कहा, लेकिन उसका शरीर उसकी बातों का साथ नहीं दे रहा था। राजवीर ने उसके कान के पास मुँह लाकर फुसफुसाया, “पगली, ये प्यार है। आज की रात सिर्फ़ हमारी है।” उसने अनामिका की कुर्ती को ऊपर उठाया और उसके नर्म पेट पर हाथ फेरने लगा। अनामिका की साँसें और तेज़ हो गईं। उसकी चूत अब पूरी तरह गीली हो चुकी थी, और उसकी पैंटी में नमी साफ़ महसूस हो रही थी।
राजवीर ने अनामिका को छत के एक कोने में ले जाकर, जहाँ एक दीवार की आड़ थी, उसे दीवार के सहारे खड़ा कर दिया। उसने अनामिका की कुर्ती को और ऊपर उठाया और उसकी ब्रा के ऊपर से उसके बूब्स को चूमने लगा। “आह्ह… भैया… धीरे…” अनामिका की सिसकारियाँ निकल रही थीं। राजवीर ने उसकी ब्रा को ऊपर खिसकाया और उसके गुलाबी निप्पल्स को मुँह में ले लिया। वो एक निप्पल को चूस रहा था और दूसरे को उंगलियों से मसल रहा था। अनामिका का पूरा शरीर काँप रहा था। उसकी चूत में आग लगी थी, और वो अपनी जाँघों को आपस में रगड़ रही थी।
“भैया… कोई देख लेगा…” अनामिका ने डरते हुए कहा, लेकिन उसकी आवाज़ में उत्तेजना साफ़ झलक रही थी। राजवीर ने हँसते हुए कहा, “कोई नहीं आएगा, पगली। दरवाज़ा तो बंद है।” उसने अनामिका की जीन्स का बटन खोला और ज़िप नीचे खींच दी। उसकी गीली पैंटी को छूते ही उसने महसूस किया कि अनामिका पूरी तरह तैयार थी। उसने धीरे से पैंटी को नीचे सरकाया और अनामिका की चिकनी, गीली चूत को अपनी उंगलियों से सहलाया। “आह्ह… भैया… उफ्फ…” अनामिका की सिसकारियाँ अब और तेज़ हो गईं।
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राजवीर ने अनामिका को घोड़ी बनाने को कहा। अनामिका ने शरमाते हुए दीवार का सहारा लिया और झुक गई। उसकी जीन्स और पैंटी अब उसके घुटनों तक सरक चुकी थी। राजवीर ने अपनी जीन्स खोली और अपना 6 इंच का सख्त लंड बाहर निकाला। उसने अनामिका की चूत पर लंड को रगड़ा, जिससे अनामिका की सिसकारियाँ और तेज़ हो गईं। “आह्ह… भैया… डाल दो ना… प्लीज़…” अनामिका ने बेताबी से कहा।
राजवीर ने थूक लगाकर अपने लंड को गीला किया और अनामिका की टाइट चूत में धीरे-धीरे धक्का दिया। “उफ्फ… आह्ह…” अनामिका की चीख निकल गई। उसकी चूत बहुत टाइट थी, और राजवीर का लंड मुश्किल से 2 इंच अंदर गया। उसने धीरे से बाहर निकाला और फिर से कोशिश की। इस बार 3 इंच अंदर गया, लेकिन अनामिका को दर्द हो रहा था। “भैया… धीरे… बहुत दर्द हो रहा है…” उसने कहा। राजवीर ने उसे चुप कराया और उसके बूब्स को सहलाते हुए उसके होंठों को चूमने लगा।
धीरे-धीरे अनामिका का दर्द कम हुआ। राजवीर ने फिर से धक्का दिया, और इस बार उसका लंड 5 इंच तक अंदर चला गया। “आह्ह… उफ्फ… भैया…” अनामिका की सिसकारियाँ अब दर्द और मज़े का मिश्रण थीं। राजवीर ने धीरे-धीरे अंदर-बाहर करना शुरू किया। अनामिका की चूत अब गीली और गर्म थी, जिससे लंड आसानी से फिसल रहा था। “पच… पच…” की आवाज़ छत पर गूंज रही थी। अनामिका अपनी गांड को गोल-गोल घुमा रही थी, और राजवीर ने उसकी कमर पकड़कर धक्कों की रफ्तार बढ़ा दी।
“अनामिका, तेरी चूत कितनी टाइट है… उफ्फ…” राजवीर ने उत्तेजना में कहा। अनामिका ने शरमाते हुए जवाब दिया, “भैया… आपका लंड भी तो… आह्ह… बहुत मोटा है…” दोनों अब पूरी तरह वासना में डूब चुके थे। राजवीर ने अनामिका को सीधा किया और उसे ज़मीन पर लिटा दिया। अनामिका ने अपने पैर फैलाए, और राजवीर ने अपने मोबाइल की टॉर्च जलाई। उसने अनामिका की गीली चूत को देखा, जो चमक रही थी। उसने लंड को चूत पर सेट किया और एक ज़ोरदार धक्का मारा। “आह्ह… भैया… उफ्फ…” अनामिका की चीख निकली, लेकिन इस बार मज़ा ज़्यादा था।
राजवीर ने धीरे-धीरे धक्के मारने शुरू किए। अनामिका अपनी गांड उठा-उठाकर उसका साथ दे रही थी। “आह्ह… उह्ह… भैया… और ज़ोर से…” अनामिका की आवाज़ में वासना थी। राजवीर ने उसकी चूचियों को मसलते हुए धक्कों की रफ्तार बढ़ा दी। “पच… पच… फच…” की आवाज़ अब और तेज़ हो गई थी। अनामिका की सिसकारियाँ और राजवीर की आहें छत पर गूंज रही थीं।
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करीब 10 मिनट तक राजवीर ने अनामिका को उसी पोज़िशन में चोदा। फिर उसने अनामिका को उठाकर दीवार के सहारे खड़ा किया और उसका एक पैर उठाकर अपने कंधे पर रख लिया। इस बार उसने लंड को और गहराई तक डाला। “आह्ह… भैया… ये तो… उफ्फ… बहुत गहरा जा रहा है…” अनामिका की सिसकारियाँ अब और ज़ोरदार थीं। राजवीर ने उसकी चूत को ज़ोर-ज़ोर से पेलना शुरू किया। अनामिका की चूत से रस टपक रहा था, जो उसकी जाँघों पर बह रहा था।
“अनामिका, तू कितनी मस्त है… तेरी चूत ने तो जादू कर दिया…” राजवीर ने कहा। अनामिका ने शरमाते हुए जवाब दिया, “भैया… आप भी तो… आह्ह… मुझे पागल कर रहे हो…” दोनों अब पूरी तरह एक-दूसरे में खो चुके थे। राजवीर ने अनामिका को फिर से घोड़ी बनाया और पीछे से उसकी चूत में लंड डाला। इस बार उसने अनामिका की गांड को थपथपाया और ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारने लगा। “आह्ह… उह्ह… भैया… हाँ… ऐसे ही…” अनामिका की सिसकारियाँ अब चीखों में बदल गई थीं।
करीब 20 मिनट की चुदाई के बाद राजवीर का शरीर अकड़ने लगा। “अनामिका… मैं… मैं झड़ने वाला हूँ…” उसने कहा। अनामिका ने बेताबी से कहा, “भैया… अंदर ही… आह्ह… अंदर ही छोड़ दो…” राजवीर ने एक ज़ोरदार धक्का मारा और “आह्ह… उह्ह…” की आवाज़ के साथ अपना पूरा वीर्य अनामिका की चूत में छोड़ दिया। अनामिका का शरीर भी काँप रहा था, और उसकी चूत ने भी रस छोड़ दिया। दोनों एक-दूसरे से लिपटकर हाँफ रहे थे।
उन्होंने जल्दी से अपने कपड़े ठीक किए। राजवीर ने मोबाइल की टॉर्च जलाई तो देखा कि ज़मीन पर वीर्य और खून के धब्बे थे। शायद अनामिका की सील टूटी थी। उसने अनामिका को गले लगाया और कहा, “हैप्पी दीपावली, मेरी प्यारी बहन। ये रात हम कभी नहीं भूलेंगे।” अनामिका ने शरमाते हुए जवाब दिया, “हाँ भैया, ये मेरी ज़िंदगी की सबसे हसीन दीपावली थी।” दोनों ने एक-दूसरे को गले लगाकर दीपावली की बधाई दी और बचे हुए दीये जलाने लगे।
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Ok
Kya okk
Lko me kha rheti ho
Apna number do
Mast story hai meri jaan kas pass hote to syd feel hi kiya ja sakta hai yarr abhi to
Seal itni jaldbazi me tod kr maza aa hi nhi sakta. Ya to behan pehle se ch@di hui thi ya fir story jhuti h
Miloge
Sahi kaha heena g