गरमा गरम व्यस्क साहित्य में श्रुति गुप्ता आप सभी का हमारी वासना में स्वागत करती हूँ। सबसे पहले मैं आपको बता दूँ कि मैं बहुत सेक्सी औरत हूँ। मेरे मम्मे ३४ के हैं और पूरा फिगर ३४, ३०, ३२ का है। मेरी आँखों में बहुत कशिश है और जो मर्द भी मुझे एक बार देख लेता है, मुझे चोदने के बारे में फौरन सोचने लग जाता है।
मेरे मायके में मेरे पूरे १२ बॉयफ्रेंड थे। मैं अपनी मर्जी से उनसे चुदवाती थी। मेरे बॉयफ्रेंड मेरा बड़ा ख्याल रखते थे और मुझे रोज नए नए रेस्टोरेंट में ले जाते थे और खूब ऐश कराते थे। इसके बदले वो मुझे जीभरके चोदते थे और अपने लौड़े की आग शांत करते थे। दोस्तों, कितने लड़के मुझे पैसे देते थे और चोदते थे।
उन पैसों से मैं महंगे महंगे पर्स, सैंडल, कपड़े खरीदती थी और खूब ऐश करती थी। पर यारों, मेरी मौज मस्ती मुश्किल से ८-९ साल चल पाई। कुछ मनचले लड़कों ने बीच चौराहे पर मेरा दुपट्टा खींचा और मुझे वहीं चोदने की कोशिश की। इससे मेरे पापा समझ गए कि उनकी लड़की अब जवान हो चुकी है। इससे पहले कोई लड़का भरे बाजार में मेरा रेप कर दे, पापा शादी की बात चलाने लगे।
कुछ दिनों बाद उनको मेरे लिए एक अच्छा रिश्ता मिल गया। मेरी शादी पक्की हो गई। मेरे पापा, जो कि पैसे से वकील हैं, उन्होंने मेरी शादी बड़े धूमधाम से लखनऊ में ही कर दी। मेरे पापा छोटे मोटे वकील थे। ज्यादा कम नहीं पाते थे, पर फिर भी पापा ने ६-७ लाख रुपया मेरी शादी में खर्च किया। ससुराल वालों ने ५ लाख नकद मांगे तो पापा ने उन्हें पैसे दे दिए।
पर दोस्तों, शादी होने के २ महीने बाद ही मेरा उत्पीड़न होने लगा। मेरे ससुराल वाले, मेरे पति, सास, ससुर और ५ लाख की डिमांड करने लगे और मोटरसाइकिल, सोने की चैन, और ५ लाख और कैश मांगने लगे। जब मेरे पापा ने पैसे देने से मना कर दिया तो मेरे ससुराल वाले मुझे मारने लगे। मेरे पति और सास मिलकर मुझे झाड़ू से मारते।
दोस्तों, मैं तो समझ लीजिए नर्क में फंस गई थी। पर कहीं मेरे पापा की बदनामी ना हो जाए, इसलिए सब कुछ बर्दाश्त कर रही थी। जब बार-बार कहने पर मेरे पापा ने उन दहेज के लोभियों को पैसा नहीं दिया तो उन्होंने मुझे घर से निकाल दिया।
रोते रोते किसी तरह मैं घर पर पहुंची और आपबीती सुनाई। “बेटी! अब तुझे उस नर्क में जाने की कोई जरूरत नहीं है! तुम यहीं रहो!” पापा बोले। कुछ दिन बाद मेरी जिंदगी नॉर्मल हो गई। मेरे बॉयफ्रेंड फिर से मुझसे मिलने लगे और मुझसे चूत मांगने लगे।
मेरा सबसे खास बॉयफ्रेंड सतपाल मुझे चोदना चाहता था। मैंने उससे पैसे की मांग की और एक बार चोदने के १ हजार मांगे तो वो फौरन मान गया। मैं उसके घर पर चली गई। आज कितने दिनों बाद मुझे सतपाल से मिलने का मौका मिला। मैंने उससे लगे गई और हम दोनों एक दूसरे को किस करने लगे।
“श्रुति! मेरी जान! सुना है तेरे ससुराल वालों ने तेरा शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न किया। तेरे पति ने तेरी चूत मारी और तेरी सास ने तुझे मारा???” सतपाल बोला।
“हाँ! वो बहनचोद धन के बहुत लोभी हैं!! उन हरामियों को पैसे देने के लिए मैं तुमसे पैसे मांग रही हूँ, वरना मैं तुमको फ्री में चूत देती!” मैंने सतपाल से कहा।
उसके बाद हम दोनों ने अपने अपने कपड़े निकाल दिए। सतपाल ने अपना बनियान और अंडरवियर निकाल दिया और मैंने भी अपनी साड़ी निकाल दी। फिर मैंने अपना ब्लाउस खोल दिया और फिर ब्रा और पेंटी निकाल दी। दोस्तों, अभी मेरी शादी को मुश्किल से ४ महीने ही हुआ था, जिस वजह से मैं ज्यादा चुद नहीं पाई थी।
मैंने अपने पुराने बॉयफ्रेंड सतपाल के साथ मजाक करने लगी। हम दोनों एक दूसरे की बाहों में आ गए और चूत और लंड की गंदी गंदी बातें करने लगे। सतपाल मेरे बूब्स पीने लगा। दोस्तों, मेरे बूब्स बहुत ही बड़े और कसे कसे थे। जो लड़का मुझे एक बार देख लेता था, उसका लंड तुरंत खड़ा हो जाता था।
सतपाल फ्रेंच कट दाढ़ी में था। वो भी मुझे आज बहुत हैंडसम लग रहा था। बहुत खूबसूरत लग रहा था मुझे। वो मेरा दूध पीने लगा। किसी बच्चे की तरह मैं उसको अपनी चुच्ची पिलाने लगी। मेरे स्तन पीते पीते सतपाल का लंड खड़ा हो गया।
फिर वो मेरे बूब्स पर अपना लंड छुआने लगा। मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। मेरे बड़े बड़े कुंदन जैसे सफेद मम्मों में सतपाल अपना कड़ा लंड घुसेड़ रहा था और मेरे मम्मों से खेल रहा था। उसका ये खेल मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। बहुत मधुर और मीठा खेल था ये।
फिर सतपाल जैसा बॉडीबिल्डर जोर जोर से मेरे मुलायम दूध पर अपना लंड पटकने लगा और मेरे बड़े बड़े चुच्चों को अपने स्टिक जैसे लंड से मारने लगा। जब वो ऐसा कर रहा था तो मेरी चूत गीली हो गई और मन हुआ कि वो मुझसे खिलवाड़ न करे और मुझे जल्दी से चोदे। “आह्ह… सतपाल… अब बस कर…!” मैंने सिसकारी लेते हुए कहा।
“सतपाल! मेरी जान! अब मेरे जिस्म से और खिलवाड़ मत करो!! और छेड़खानी मत करो और मुझे जल्दी से चोदो!!” मैंने कहा।
पर दोस्तों, मेरा पुराना बॉयफ्रेंड तो मेरी बात जरा भी नहीं सुन रहा था। वो अपने लंड से चट चट मेरे फूले फूले बूब्स पर मार रहा था, जैसे टीचर बच्चों के हाथ पर डंडी से मारता था। इससे मुझे बहुत ज्यादा मजा मिलने लगा और मेरा रोम रोम फड़क उठा। “उह्ह… सतपाल… और कर…!” मैंने गर्म सिसकारी ली। मुझे अभूतपूर्व मजा मिलने लगा दोस्तों।
मेरे दोनों चुच्ची बिलकुल तन कर कड़ी कड़ी हो गई और तिकोने नारियल जैसी लगने लगी। अब मैं सतपाल को और ज्यादा सेक्सी और चुदासी लग रही थी। फिर सतपाल ने मेरे दोनों रबर जैसे सॉफ्ट गेंदों के बीच में अपना लंड डाल दिया। मेरे दोनों बूब्स को आपस में जोड़ दिया और कमर मटका मटकाकर मेरे चुच्चे चोदने लगा।
मुझे बहुत मजा मिलने लगा। मेरी ससुराल में मेरे पति ने एक बार भी मेरे बूब्स नहीं चोदे थे। आज कितने दिनों बाद मेरा पुराना बॉयफ्रेंड मेरे बूब्स चोद रहा था। “आह्ह… सतपाल… कितना मजा आ रहा है… और जोर से…!” मैं सिसकारियां ले रही थी। मुझे बहुत सुख मिल रहा था। मेरे बदन में और ज्यादा चुदवाने की आग लग गई थी। ये सब बहुत कमाल का था।
सतपाल बड़ी देर तक मेरे साथ स्तन मैथुन करता रहा। फिर उसने मेरे स्तन छोड़ दिए और अपने लहराते रबर जैसे लंबे लंड को मेरे मुँह पर ले आया और इस तरह मेरे चेहरे पर अपने लंबे लंड से थपकी देने लगा। उसका लंड मेरे चेहरे जितना लंबा था। उसे मैं हैरत से देख रही थी। सतपाल जोर जोर से मेरे चेहरे को लंड से प्यार भरी थपकी देने लगा।
मैं उसे जीभ निकालकर चाटने लगी। और कुछ देर बाद मैंने सतपाल का लंड अपने मुँह में भर लिया और चूसने लगी। “ओह्ह्ह… कितना मजा आ रहा है…!” मैंने सिसकारी ली। मैं सिद्दत से अपने आशिक का लंड चूस रही थी। उसे अपने मुँह में अंदर तक ले रही थी। मुखमैथुन में मुझे बहुत मजा मिल रहा था। मेरी आग और ज्यादा पैदा हो रही थी। मैं बहुत ज्यादा गर्म हो रही थी।
सतपाल ने अपने दोनों हाथ मेरी दोनों बड़ी बड़ी चुच्ची पर रख दिए और मेरी काली काली निपल्स को कामुकता से मसलने लगा। मुझे अजीब तरह का सुख मिल रहा था दोस्तों। मैंने जोर जोर से उसके लंड को अपने मुँह में लेकर अंदर बाहर करने लगी और उसका मुख मैथुन करने लगी। “उह्ह… सतपाल… तेरा लंड कितना टेस्टी है…!” मैंने गंदी बात की।
मैंने हाथ से उसका लौड़ा भी फेट रही थी। सतपाल मेरी दोनों कड़ी कड़ी निपल्स को अपनी उंगलियों से मसल रहा था, जैसे कोई नचाने वाली फिरकी हो। उसका सुपाड़ा बहुत लाल और बहुत मीठा था। मैंने पूरा का पूरा लंड लेकर अच्छी तरह से चूस रही थी।
“सक इट बेबी!! सक माई डिक!!! यू आर डूइंग ग्रेट!!” सतपाल बोला।
तो मैं और मेहनत से उसका लंड चूसने लगी। बड़ी देर तक मैं उसका लंड चूसती रही। फिर सतपाल मुझे आँख मारने लगा तो जवाब में मैं भी उसे आँख मारने लगी। सतपाल ने मेरा सिरा दोनों हाथों से पकड़ लिया और अपनी गांड चला चलाकर मेरा मुँह उसी तरह चोदने लगा जैसे लंड से बुर चोदी जाती है।
वो जोर जोर से मेरा मुँह चोदने लगा। मुझे लगा कि कहीं मेरा मुँह ही न फट जाए। कुछ देर बाद सतपाल इतना कामोत्तेजक हो गया कि उसका माल छटक गया। वो मेरे मुँह में स्खलित हो गया। मैंने उसके माल की एक भी बूंद बेकार नहीं होने दी और सारा माल पी गई। फिर सतपाल ने अपना लंड मेरे मुँह से निकाल दिया।
“श्रुति! मेरी जान कैसा लगा मुँह चुदवाने में???” सतपाल ने पूछा।
“सच में सतपाल मजा आ गया यार!! मेरे पति ने तो एक बार भी मेरा मुँह नहीं चोदा था। थैंक्स यार!!” मैंने कहा।
कुछ देर तक हम दोनों आशिकों की तरह चिपके रहे। सतपाल मेरा दूध पीता रहा। फिर उसका लंड १० मिनट बाद फिर से खड़ा हो गया। उसने मेरे पैर खोल दिए और मेरी चूत पीने लगा। फिर उसने तेज़ तेज़ ऊँगली करने लगाए। मैं तो कांपने लगी दोस्तों। “आह्ह… सतपाल… धीरे… उह्ह…!” मैं सिस्कारियां ले रही थी। मुझे चरम सुख मिलने लगा।
सतपाल बहुत ज्यादा उत्तेजक हो गया था और मेरे भोसड़े में अपना पूरा हाथ डाल रहा था। पहले १ ऊँगली, फिर २, फिर ३, ऐसे करते करते उसने पूरा हाथ कलाई तक मेरी चूत में डाल दिया। मुझे लगा कि कहीं चुदवाते चुदवाते मैं शहीद ना हो जाऊं। “ओह्ह… सतपाल… धीरे…!” मैंने सिसकारी ली।
“सतपाल! मेरे जानम!! प्लीज अपना हाथ बाहर निकाल लो, वरना मैं मर जाऊँगी!!!” मैंने उससे कहा।
“कुतिया! शादीशुदा होने के बाद पैसे के लिए गैर मर्दों से चुदवाती है और कह रही है कि मार जाएगी! अगर तू मरती है तो मर जा, पर मैं ये हाथ नहीं निकालूँगा!!” सतपाल बोला।
और जोर जोर से अपनी पूरा का पूरा सीधा हाथ मेरे भोसड़े में डालने लगा। मैं उसे बाहर बाहर से मना जरूर कर रही थी, पर अंदर अंदर से मैं चाहती थी कि वो ऐसे ही करता रहे। कुछ देर बाद वो दूसरे हाथ से मेरे चूत के दाने को रगड़ने लगा और दूसरा हाथ मेरे भोसड़े में था। मुझे इस वक्त डबल मजा मिल रहा था दोस्तों। “आह्ह… सतपाल… और कर…! उह्ह…!”
कुछ देर बाद सतपाल की ऊँगली ने मेरा जी स्पॉट हिट कर दिया और मेरे चूत का झरना एकाएक झर्र झर्र बहने लगा। अब मैं समझ पाई सतपाल यही तो चाहता था। वो और तेज तेज़ अपना पूरा हाथ कोहनी तक मेरे भोसड़े में डालने लगा तो चूत से झर्र झर्र बहने लगा।
जैसे मेरी चूत नहीं कोई नदी हो। जब सारा पानी निकल गया तो सतपाल ने अपने लंबा लंड मेरी चूत में दे दिया और मुझे चोदने लगा। “चट चट… चप चप…” की आवाज़ कमरे में गूँज रही थी। “आह्ह… सतपाल… और जोर से…!” मैं चिल्ला रही थी। सायद इस बार की चुदाई मेरी जिंदगी की सबसे धाकड़ और धांसू चुदाई थी।
मैंने अपने दोनों पैर हवा में उठा लिए और सतपाल से चुदवाने लगी। मेरी बहुत ही सॉफट नर्म चूत को मारने का सौभाग्य सतपाल को मिल रहा था। वो मुझे पेलने लगा तो मेरा रोम रोम खड़ा हो गया। “उह्ह… सतपाल… कितना मजा आ रहा है…!”
“सतपाल! मेरे आशिक! मेरे दोस्त! समझ लो कि मैं तुम्हारी प्रेमिका नहीं बीवी हूँ!! कसके चोदो मुझे!!….और जोर से!!” मैं चिल्लाने लगी तो वो भी मुझे जल्दी जल्दी तेज तेज ठोंकने लगा।
“ले बिच!! ले माई डिक!!” सतपाल बोला और मुझे हलाहल करके चोदने लगा।
मेरे तन मन में अजीब सी खुमारी चढ़ने लगी। आह दोस्तों, इतना मजा तो ठुकाई में मुझे आज तक ना मिला था। सतपाल बिना रुके किसी कुत्ते की तरह अपनी कुतिया को पेल रहा था। उसके धक्के बेहद नशीले थे। ऐसा लग रहा था जैसे कोई मेरी चूत की बड़े कायदे से मसाज कर रहा है। “आह्ह… सतपाल… और जोर से… उह्ह…!”
उसकी कमर मुझे जल्दी जल्दी चोद रही थी। ऐसा लग रहा था कि मैं सतपाल से चुदने के लिए ही पैदा हुई थी। मैं जोर जोर से गर्म गर्म सिसकारी ले रही थी। “ओह गॉड!!! फक मी हार्ड!! फक मी हार्ड सतपाल!!” मैं यही कह रही थी। हम दोनों में गजब का संतुलन और तालमेल देखने को मिल रहा था।। paise ke liye chudai
मेरी इस वक्त पलंग तोड़ चुदाई चल रही थी। मैं सतपाल के घर पर ही उससे चुदवा रही थी। उसका बेड चूं चूं की आवाज़ कर रहा था। फिर मैंने अपने पुराने यार सतपाल से चिपक गई और हम दोनों दो जिस्म एक जान हो गए। मेरी चूत में प्रेशर कुकर की तरह सतपाल ने ६-७ सीटियाँ बजा दी थीं मुझे ठोंक ठोंककर।। “चट चट… चप चप…!”
मेरी कमर अपने आप मोर की तरह नाच रही थी। मैं अपनी गांद और दोनों गोरी गोरी जांघें उठा रही थी। फिर सतपाल का पेट और पेडू मेरे पेट और पेडू से टकराने लगा और चट चट की मदहोश कर देने वाली आवाज़ पूरे कमरे में सुनाई देने लगी। ये मीठी आवाज़, ये मीठा शोर मेरे चुदने का ही शोर था।। “आह्ह… उह्ह…!”
सतपाल गमागम मुझे पेल रहा था। मेरी चूत बहुत रसीली हो चुकी थी और कभी कभी उसका झरना छटक जाता था।। सतपाल का लंड बड़े आराम से मेरी चूत में फिसल रहा था। हम दोनों वास्तव में दो जिस्म और एक जान हो चुके थे।। मैं अभी तक कई लड़कों से चुदवाया था, पर मैं कहूँगी कि ससतपाल का लंड बिल्कुल लोहे जैसा सख्त था, जो मुझे सबसे ज्यादा मजा दे रहा था।। “ओह्ह… सतपाल… तेरा लंड… कितना टाइट है…!”
मेरी हड्डियां चट चट चटक रही थी।। उसकी आवाज़ मैं अपने कानों से सुन सकती थी।। जो इस बात का संकेत कर रही थी कि मुझे सतपाल का भरपूर प्यार और सेक्स मिल रहा था।। कुछ देर बाद उसने अपना लंड मेरी चूत से निककाला और मेरे पेट और मम्मों पर उसने अपना माल गिरा दिया।। मैं अच्छी तरह से चुद चुकी थी। सतपाल ने मुझे १ हजार दिया।
“सतपाल! अपने सारे दोस्तों से बोल दे कि शहर में एक नई रंडी आई है!! जिसको जिसको चोदना हो हजार रुपया ले आना!!” मैंने कहा।
उसके बाद तो दोस्तों, मुझे चोदने में पूरा का मोहल्ला आने लगा। दोस्त अपने दोस्तों को बताते। फिर वो अपने दोस्तों को बताते। मैं साल भर अपने मायके में रही और मैंने ५ लाख रुपये जोड़ दिए। वो पैसे मैंने अपने ससुराल वालों को दे दिए। “बहन के टको!! ये लो ५ लाख और अब कभी तुम लालची लोगों ने अपना मुँह खोला तो तुम लोग जेल की सलाखों के पीछे होंगे,” मेरे पापा ने मेरी सास, पति और ससुर से कहा।। दोस्तों, अब मैं अपनी ससुराल में मजे से रहती हूँ और मुझे कोई कुछ नहीं कहता। Sex for money
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