पहली चुदाई में गांड फाड़ दी

मेरा नाम राजकुमार है। मेरी गर्लफ्रेंड का नाम विनीता है। हम दोनों सेक्स के मामले में बहुत खुले विचारों वाले हैं। हमारी आपस में गजब की समझदारी है। विनीता का फिगर इतना मस्त है कि कोई भी देखे तो लट्टू हो जाए। उसके बूब्स 35 इंच के हैं, कमर पतली सी 25 इंच की, और गांड इतनी आकर्षक कि बस दिल करता है उसे पकड़ लो—37 इंच की चौड़ी, गोलमटोल गांड। उसकी पतली कमर की वजह से गांड और भी उभरकर दिखती है। जब वो चलती है, तो उसकी गांड का हर कदम पर लचकना ऐसा लगता है जैसे कोई नाच रही हो—कभी इधर, कभी उधर। मैं तो हमेशा से गांड का दीवाना रहा हूँ, और विनीता की गांड का तो मैं सबसे बड़ा आशिक हूँ। मैं अक्सर उसकी गांड मार लिया करता था, और वो भी बड़े मजे से मुझसे मरवा लेती थी।

विनीता की एक दोस्त थी, शबाना। उसे हमारे रिश्ते के बारे में पता था कि हम कपल हैं। लेकिन वो मुझसे चिढ़ती थी, क्योंकि एक बार गलती से मेरा उससे झगड़ा हो गया था। वो हमेशा विनीता के सामने मेरे बारे में गंदा-गंदा बोलती थी, गालियाँ देती थी। ये बात न मुझे पसंद थी, न विनीता को। लेकिन डर था कि कहीं वो हमारे रिश्ते की बात बाहर न फैला दे, इसलिए हम चुप रहते थे। एक दिन उसने विनीता से कह दिया, “राजकुमार तो छक्का है!” ये सुनकर विनीता का खून खौल गया, लेकिन उसने उस वक्त कुछ नहीं कहा। उसने मन ही मन ठान लिया कि शबाना को सबक सिखाना है। उसने फैसला किया कि वो मुझे शबाना को चोदने के लिए उकसाएगी, वो भी ऐसे जंगली तरीके से कि शबाना को उसकी औकात पता चल जाए।

अब आते हैं कहानी पर। शबाना का बदन इतना सुंदर था कि कोई भी उसे देखकर पागल हो जाए। वो 23 साल की थी, लेकिन लगती थी जैसे कोई पूरी औरत। उसका फिगर कमाल का था—37 इंच के गोल-गोल, रसीले बूब्स, जो देखकर लगता था कि बस अभी इन्हें चूस लो। उसकी कमर 30 इंच की थी, और गांड—हाय, 38 इंच की चौड़ी, भारी-भरकम गांड, जो चलते वक्त थिरकती थी। मैं कई बार उसे देखकर घर जाकर मुट्ठ मार लिया करता था। उसकी गांड ऐसी थी कि लगता था वो पहले भी कई बार मरवा चुकी हो। मैं हमेशा से उसे चोदना चाहता था, लेकिन विनीता के डर से कुछ कर नहीं पाता था। अब जब विनीता ने खुद हरी झंडी दे दी, तो मैं खुशी से फूला नहीं समा रहा था। मैंने ठान लिया कि शबाना को चोदकर उसकी सारी अकड़ निकाल दूँगा।

मैंने और विनीता ने मिलकर योजना बनाई। पहले शबाना से दोस्ती करनी थी। मैंने विनीता से कहा कि वो शबाना को मेरी तरफ से सॉरी बोले, उस पुराने झगड़े के लिए। विनीता ने ऐसा ही किया, और शबाना मान गई। एक दिन मैंने शबाना को मिलने बुलाया। विनीता उसे मेरे पास लेकर आई। मैंने उसे व्यक्तिगत रूप से माफी मांगी और एक चॉकलेट और फूल गिफ्ट किया। मेरा ये व्यवहार देखकर वो खुश हो गई। उसने मुझे गालियाँ देना बंद कर दिया।

हमारा प्लान चल रहा था। विनीता रोज़ शबाना से सेक्स की बातें करती—कैसे-कैसे मज़े लेते हैं, कितना आनंद आता है। धीरे-धीरे शबाना को भी सेक्स की बातें करने में मज़ा आने लगा। हम तीनों अच्छे दोस्त बन गए। रोज़ साथ घूमने जाते, और वहाँ गंदी-गंदी बातें करते। शबाना अब मुझसे भी खुलकर ऐसी बातें करने लगी थी। वो वाकई बहुत सेक्सी थी। रोज़ टाइट-टाइट कपड़े पहनती, जिनमें उसका भारी-भरकम बदन उभरकर दिखता। मैं उसकी बातें सुनता, उसे देखता, और घर जाकर मुट्ठ मारता।

धीरे-धीरे शबाना मुझसे काफी घुलमिल गई। उसे मैं अच्छा लगने लगा, लेकिन वो जानती थी कि विनीता मेरी गर्लफ्रेंड है, इसलिए वो कुछ बोलती नहीं थी। हमने अगला प्लान बनाया कि शबाना को विश्वास दिलाएँ कि मेरा और विनीता का ब्रेकअप हो गया है, ताकि वो मेरे करीब आए। विनीता ने शबाना से कहा कि उसका दूसरा बॉयफ्रेंड बन गया है। शबाना ये सुनकर चौंकी, लेकिन विनीता ने उसे समझा लिया। विनीता ने ये भी कहा कि ये बात मुझे मत बताना। शबाना मान गई।

कुछ दिन तक हम ऐसे ही मिलते रहे। विनीता मेरे सामने शबाना के साथ सामान्य व्यवहार करती, जैसे हम सिर्फ़ दोस्त हों। इससे शबाना को पूरा यकीन हो गया कि हमारा रिश्ता खत्म हो चुका है। एक दिन शबाना ने विनीता से कहा, “तू राजकुमार के साथ धोखा क्यों कर रही है?” विनीता ने जवाब दिया, “इसमें क्या गलत है? राजकुमार भी तो दूसरी लड़कियों के बारे में गंदी बातें करता है।” शबाना ने पूछा, “कौन सी लड़कियों की?” विनीता ने कहा, “अगर तुझे गुस्सा नहीं आएगा, तो बताती हूँ।” शबाना मान गई। तब विनीता ने बताया, “राजकुमार तेरे बारे में बहुत कुछ बोलता है।” शबाना ये सुनकर हल्का सा मुस्कुराई, लेकिन कुछ बोली नहीं। विनीता ने उसकी ये मुस्कान देख ली। घर जाकर विनीता ने मुझे सारी बात बताई।

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अगले दिन जब विनीता और शबाना मिलीं, तो शबाना ने तुरंत पूछ लिया, “राजकुमार मेरे बारे में क्या बोलता है?” विनीता ने कहा, “शबाना, राजकुमार तेरी गांड का दीवाना है। वो रोज़ तेरे फिगर की बातें करता था। कई बार सेक्स के वक्त मैं शबाना बन जाती थी, और वो मुझे तेरा नाम लेकर चोदता था।” ये सुनकर शबाना मन ही मन खुश हो रही थी। उसका चेहरा चमक रहा था।

शबाना वैसे भी बहुत कामुक थी। वो अक्सर अपनी चूत में उंगली डाला करती थी। एक दिन विनीता और शबाना ने मिलकर प्लान बनाया कि वो दोनों आपस में सेक्स करेंगी। एक दिन विनीता के घर में कोई नहीं था। दोनों ने मौका देखकर एक-दूसरे के साथ मज़े किए। कभी शबाना विनीता की चूत चाटती, तो कभी विनीता शबाना की। दोनों एक-दूसरे की गांड और चूत में उंगलियाँ डालतीं, और खूब मज़ा लेतीं। शबाना को ये सब करके पागलपन सवार हो जाता, क्योंकि उसने कभी असली सेक्स नहीं किया था। वो कई बार अपनी गांड में नकली लंड डालती थी, जिससे उसकी गांड का छेद थोड़ा खुला हुआ था।

एक दिन विनीता ने शबाना से कह दिया, “क्यों ना हम किसी असली लंड से चुदवाएँ?” शबाना ये सुनकर खुश हो गई। उसने पूछा, “कौन हमारी प्यास बुझाएगा?” विनीता ने कहा, “क्यों ना तू राजकुमार से चुदवा ले? वो तो कब से तुझे चोदना चाहता है।” शबाना ये सुनकर और उत्साहित हो गई और मान गई। लेकिन उसने कहा, “राजकुमार से कैसे कहूँ कि मुझे चोद दे?” विनीता ने जवाब दिया, “इसमें क्या सोचना? राजकुमार एक नंबर का कामुक लड़का है। वो सेक्स के लिए हमेशा तैयार रहता है।” दोनों ने प्लान बनाया कि शबाना के जन्मदिन के बहाने मुझे उसके घर बुलाएँगे, और उस दिन मैं शबाना को चोदूँगा।

शबाना ने मुझे अपने जन्मदिन के बहाने घर बुलाया, हालाँकि उस दिन उसका जन्मदिन नहीं था। उस दिन घर में कोई नहीं था, इसलिए दोनों ने ये मौका चुना। शबाना सुबह पार्लर जाकर पूरी वैक्सिंग करवाकर चिकनी हो गई। उसने अपनी चूत के सारे बाल साफ किए और रात को दुल्हन की तरह सजकर मेरा इंतज़ार करने लगी। जब मैं उसके घर पहुँचा, तो उसने एक खूबसूरत स्कर्ट और टाइट टॉप पहना था, जिसमें उसका पूरा बदन चमक रहा था। हम तीनों—मैं, शबाना, और विनीता—ने थोड़ा जश्न मनाया और थोड़ी व्हिस्की पी। नशे में हम सबके होश उड़ चुके थे।

विनीता ने बहाना बनाया कि उसे नींद आ रही है और वो कमरे में जाकर सो गई। अब घर में सिर्फ़ मैं और शबाना थे। हम दोनों बातें करने लगे, और धीरे-धीरे बातें सेक्सी हो गईं। शबाना ने जाकर चेक किया कि विनीता सो गई है या नहीं। मैंने सोन का नाटक किया। उसे लगा कि विनीता गहरी नींद में है। बाहर आकर शबाना मुझसे और कामुक बातें करने लगी। वो पूरी तरह गर्म हो चुकी थी। अचानक उसने कहा, “राजकुमार, तुम मेरे बारे में गंदी-गंदी बातें करते हो ना?” मैं थोड़ा चौंका, लेकिन मैं जानता था कि वो ये सुनना चाहती है। उसने कहा, “मुझे भी तो बता, मेरी खूबसूरती के बारे में।” मैं मन ही मन मुस्कुराया।

मैंने उसकी तारीफ शुरू की, “शबाना, तेरा फिगर इतना मस्त है कि कोई जवाब ही नहीं। तेरे बूब्स और गांड को देखकर तो किसी का भी लंड खड़ा हो जाए।” ये सुनकर वो अपने दाँतों से होंठ काटने लगी। वो पूरी तरह गर्म हो चुकी थी। मैं धीरे-धीरे उसके करीब गया और उसका बदन सहलाने लगा। वो अब होश खो चुकी थी और चाहती थी कि मैं उसे अभी चोद दूँ। मैंने धीरे-धीरे उसके होंठों पर किस करना शुरू किया। किस करते-करते मैं उसकी चूत और बूब्स को भी सहला रहा था। कुछ देर तक ऐसा करते-करते वो पागल हो गई। मैंने उसका टॉप उतार दिया। अब वो मेरे सामने सिर्फ़ स्कर्ट और ब्रा में थी।

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मैंने उसे अपनी गोद में बिठा लिया। उसकी भारी गांड मेरे लंड से चिपक रही थी। मैंने उसकी ब्रा खोल दी। जैसे ही ब्रा हटी, मेरे होश उड़ गए। उसके बूब्स इतने बड़े और रसीले थे कि मेरे हाथों में समा ही नहीं रहे थे। मैंने देर तक उसके बूब्स चूसे, उनके निप्पल्स को दाँतों से हल्का-हल्का काटा। साथ ही मैं उसकी चूत में उंगली डालकर उसे और गर्म कर रहा था। वो कराह रही थी, “हाय… और प्यार से करो… आज मुझे अपनी रंडी बना लो… जी भरकर चोदो!” उसकी ये बातें सुनकर मेरा जोश और बढ़ गया।

मैंने उसे खड़ा किया और पीछे से उसकी स्कर्ट उतार दी। जिस गांड को मैं इतने दिन से देखकर मुट्ठ मारता था, वो अब मेरे सामने सिर्फ़ पैंटी में थी। उसकी पैंटी उसकी गांड की दरार में फँसी हुई थी, जो उसे और सेक्सी बना रही थी। मैंने अपने कपड़े उतार दिए और सिर्फ़ अंडरवियर में रह गया। मैंने शबाना से कहा कि वो मेरी अंडरवियर उतारे। जैसे ही उसने मेरी अंडरवियर उतारी, वो मेरे लंड को देखकर डर गई। मेरा लंड 10 इंच लंबा और 4 इंच मोटा था, बिल्कुल किसी सांड की तरह तना हुआ।

वो बोली, “राजकुमार, तुम सिर्फ़ मेरी चूत मारो। तुम्हारा लंड मेरी गांड फाड़ देगा।” लेकिन मैंने कहा, “अगर चोदूँगा, तो दोनों मारूँगा, वरना एक भी नहीं।” वो थोड़ा मना करने के बाद मान गई। मैंने उसकी पैंटी उतार दी। अब वो पूरी नंगी थी। हम दोनों नंगे होकर एक-दूसरे से लिपट गए। मैंने उसे बिस्तर पर लिटाया और उसकी चूत चाटने लगा। उसकी चूत एकदम चिकनी थी, जैसे अभी-अभी शेव की हो। उसकी चूत फूली हुई और गुलाबी थी, मानो मुझे चोदने का न्योता दे रही हो। मैंने देर तक उसकी चूत चाटी, उसके दाने को जीभ से सहलाया। वो कराह रही थी, “हाय… और चाटो… मेरी चूत को खा जाओ!” कुछ देर बाद वो झड़ गई, और मैंने उसका सारा पानी पी लिया।

अब मैंने उसे लिटाया और उसकी गांड के नीचे एक तकिया रखा, ताकि उसकी चूत और उभर जाए। मैंने उसकी टाँगें चौड़ी कीं और अपने कंधों पर रख लीं। उसकी चूत मेरे सामने खुली हुई थी। उसने मुझसे कंडोम लगाने को कहा, लेकिन मैंने कहा, “तुझे प्रेग्नेंट नहीं करूँगा, चिंता मत कर।” वो मान गई। मैंने देखा कि विनीता दरवाजे से ये सब देख रही थी। उसने इशारा किया कि शबाना की चूत और गांड को एक ही झटके में फाड़ दो। मैंने हामी भर दी।

मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रखा और एक ज़ोरदार झटका मारा। मेरा 10 इंच का लंड आधा उसकी चूत में घुस गया। वो दर्द से चीख पड़ी, “हाय… निकालो… मर गई… मादरचोद, निकाल इसे!” लेकिन मैं रुका नहीं। मैंने थोड़ा रुककर उसे संभलने का मौका दिया। जब उसका दर्द थोड़ा कम हुआ, तो मैंने एक और ज़ोरदार झटका मारा। इस बार मेरा लंड उसकी चूत की गहराई में उतर गया। उसकी चूत से खून निकलने लगा, क्योंकि शायद वो वर्जिन थी। वो चीख रही थी, “नहीं… निकालो… मुझे मत चोदो!” लेकिन मैंने उसकी एक न सुनी। मैंने एक आखिरी ज़ोरदार झटका मारा, और मेरा पूरा लंड उसकी चूत में जड़ तक घुस गया।

वो दर्द से तड़प रही थी, मुझे गालियाँ दे रही थी, “मादरचोद… धीरे कर… मेरी चूत फट गई!” मैंने कहा, “जान, झटके से चोदने में ही मज़ा है।” मैंने तीन झटकों में उसकी चूत फाड़ दी थी। थोड़ी देर मैं वैसे ही रुका रहा। जब उसका दर्द कम हुआ, तो मैंने लंड पूरा बाहर निकाला और एक बार फिर ज़ोर से पूरा अंदर पेल दिया। वो फिर चीखी, लेकिन इस बार मैंने उसकी चीखों को अनसुना कर दिया। मैं बार-बार लंड बाहर निकालकर ज़ोर-ज़ोर से झटके मारने लगा। धीरे-धीरे उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया, और उसकी चूत गीली हो गई। अब मेरा लंड आसानी से अंदर-बाहर हो रहा था।

लगभग 45 मिनट तक मैं उसकी चूत चोदता रहा। वो अब मेरा साथ दे रही थी। अपनी गांड उठा-उठाकर चूत को आगे-पीछे कर रही थी। इस दौरान वो तीन बार झड़ चुकी थी। आखिरकार मैंने भी ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारे और उसकी चूत में ही अपना सारा माल निकाल दिया। मैं वैसे ही उसकी चूत पर लेट गया। हम दोनों थककर चूर थे। थोड़ी देर बाद हम उठे। उसकी चूत से ढेर सारा पानी और खून मिलकर बह रहा था। उसने अपनी चूत साफ की। मैंने देखा तो उसकी चूत सूजकर लाल हो गई थी। हम दोनों सोफे पर बैठ गए और कुछ फल खाने लगे।

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थोड़ी देर बाद मेरा लंड फिर से तन गया। मैंने शबाना से कहा, “अब तेरी गांड की बारी है।” वो मना करने लगी, बोली, “नहीं, मेरी गांड नहीं मारो।” लेकिन मैंने उसे हमारा वादा याद दिलाया। काफी मना करने के बाद वो मान गई, लेकिन बोली, “धीरे-धीरे करना, और अपने लंड पर तेल लगा लेना।” मैंने उसकी बात मान ली। मैंने उसे मेरा लंड मुँह में लेकर चूसने को कहा। उसने मेरे लंड को चूसा, और वो फिर से सख्त हो गया। मैंने उसे तेल की बोतल लाने को कहा। वो अंदर गई। जब वो तेल लेने झुकी, तो मैंने उसकी गांड में पीछे से एक उंगली डाल दी। उसकी गांड का छेद थोड़ा खुला हुआ था।

वो तेल लेकर आई। उसने मेरे लंड पर ढेर सारा तेल लगाया और देर तक मालिश की। फिर मैंने उसे डॉगी स्टाइल में आने को कहा। उसकी गांड इस पोज़ में इतनी मस्त लग रही थी कि बस दिल करता था उसे चाट लूँ। उसकी गांड गोल-गोल और फैली हुई थी। मैंने उसके गांड के छेद पर लंड रखा। उसका छेद थोड़ा बड़ा था। मैंने पूछा, तो उसने बताया कि वो अक्सर उंगली और नकली लंड डालती है। मैंने कहा, “अच्छा, तो मेरा लंड लेने में तुझे दिक्कत नहीं होगी।” वो बोली, “तेरा लंड बहुत बड़ा और मोटा है। मैंने इतना बड़ा कभी नहीं लिया। धीरे करना।”

मैंने पहले उसकी गांड में एक उंगली डाली, फिर दो, और फिर तीन। उसकी गांड का छेद अब काफी खुल गया था। मैंने सोच लिया कि मैं एक ही झटके में पूरा लंड उसकी गांड में डाल दूँगा। मैंने उसके गांड के छेद पर लंड का सुपारा रखा और उसकी कमर को कसकर पकड़ लिया। उसकी गांड इतनी उभरी हुई थी कि मेरा लंड बेकरार था। मैंने एक ज़ोरदार झटका मारा। मेरा लंड उसकी गांड को चीरता हुआ आधा अंदर घुस गया। वो दर्द से चीख पड़ी, “हाय… निकालो… मेरी गांड फट गई… प्लीज़, निकालो!” लेकिन मैंने उसकी एक न सुनी। मैंने और ज़ोर से धक्के मारे। वो गालियाँ दे रही थी, “गांडू, मेरी गांड छोड़ दे… मादरचोद, निकाल!” लेकिन मैं रुका नहीं। मैंने ज़ोर-ज़ोर से उसकी गांड मारी।

थोड़ी देर बाद उसका दर्द कम हुआ। अब उसे दर्द के साथ मज़ा भी आने लगा। वो बोली, “और ज़ोर से मार… मेरी गांड फाड़ दे… तू यही चाहता था ना? आज मेरी गांड को नानी याद दिला दे!” मैंने उसकी बात सुनी और और तेज़ी से उसकी गांड मारी। मेरा लंड उसकी गांड की गहराई में जाता और बाहर आता। लगभग 45 मिनट तक मैं उसकी गांड मारता रहा। आखिरकार मैंने उसकी गांड में ही अपना सारा माल निकाल दिया और वैसे ही उसकी गांड पर लेट गया।

विनीता ये सब अंदर से देख रही थी। वो बाहर आई। हम दोनों नंगे पड़े थे। मेरा लंड अभी भी शबाना की गांड में था। विनीता को देखकर शबाना चौंक गई, बोली, “तू तो सो गई थी!” विनीता ने कहा, “ये मेरा ही प्लान था कि राजकुमार तेरी जंगली चुदाई करे। तूने राजकुमार को छक्का बोला था ना? देख, इस लंड में कितना दम है!” शबाना थक चुकी थी। वो बोली, “हाँ, इस लंड में बहुत दम है।” मैंने उसकी गांड से लंड निकाला। जैसे ही लंड बाहर आया, उसकी गांड से मेरा सारा माल बहने लगा। उसकी गांड का छेद बड़ा हो गया था। विनीता ये देखकर हँस पड़ी। शबाना की चूत और गांड बुरी तरह सूज गई थीं। हम तीनों थककर सोफे पर गिर गए, और उस रात का मज़ा हमेशा याद रहा।

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