नवविवाहित भाभी को उसी के बेड पर ठोका

Newly Married Bhabhi sex story हेलो दोस्तों, मेरा नाम आकाश है। मैं दिल्ली में काफी समय से रह रहा हूँ। मेरी उम्र 27 साल है, कद 6 फीट, एवरेज बॉडी, और चेहरा ऐसा कि पड़ोस का लड़का लगूँ। तो चलिए, कहानी शुरू करते हैं।

जब मैं इस बार छुट्टियों के बाद दिल्ली वापस आया, तो आंटी ने बताया कि उन्होंने मेरे बगल वाला बड़ा वाला पॉर्शन किराए पर दे दिया है। मुझे ये बात अच्छी नहीं लगी, क्योंकि उस पॉर्शन में मैं और रितु (लैंडलॉर्ड आंटी की बेटी) खूब मस्ती किया करते थे। लेकिन अब क्या कर सकते थे? रविवार की सुबह उनका सामान आ गया और एक हफ्ते में उन्होंने सब कुछ सेट कर लिया।

वो बस दो लोग थे। भैया (हसबैंड) एक बैंक में जॉब करते थे, सुबह 8 बजे निकल जाते और रात को लौटते। भाभी एक टीचर थीं, दोपहर 2 बजे तक घर वापस आ जाती थीं। भाभी का नाम शालिनी था, उम्र करीब 24 साल, गोरी-चिट्टी, 5 फीट 4 इंच की हाइट, और फिगर 36-28-36। उनके भरे हुए मम्मे और गोल-मटोल गांड देखकर किसी का भी मन डोल जाए। भैया का नाम विकास था, 30 साल के, साधारण कद-काठी, और थोड़े गंभीर स्वभाव के। Desi bhabhi ke sath sex

एक दिन सुबह मैं छत पर एक्सरसाइज कर रहा था। अचानक भाभी कपड़े सुखाने के लिए छत पर आ गईं। मैं अपनी एक्सरसाइज में मस्त था, लेकिन नजर उठाकर देखा तो भाभी चोर नजरों से मेरे मसल्स को घूर रही थीं। उनकी आँखों में एक शरारती चमक थी, जैसे वो मेरे शरीर को स्कैन कर रही हों। मैंने जानबूझकर अपनी एक्सरसाइज जारी रखी, पसीने से भीगी टी-शर्ट में मेरे मसल्स और ज्यादा उभर रहे थे। भाभी कभी मेरी छाती देखतीं, कभी बाइसेप्स, और हल्का सा मुस्कुरातीं।

वो कपड़े सुखाकर चली गईं, लेकिन मैंने गौर किया कि कपड़ों में एक ब्राइट रेड कलर की सेक्सी ब्रा और पैंटी भी थी। वो ब्रा इतनी सेक्सी थी कि उसके कप देखकर ही मन में ख्याल आने लगे। उनके जाने के बाद मैंने वो ब्रा और पैंटी उठा ली और अपने कमरे में ले आया।

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कमरे में जाकर मैंने पैंटी को सूँघा। भाभी की चूत की गंदी, मादक महक अभी भी उसमें बसी थी। वो खुशबू ऐसी थी कि मेरे लंड में तुरंत करंट दौड़ गया। मैंने पैंटी को नाक से सटाकर गहराई से सूँघा, वो गंध चूत की रसीली महक और हल्की पसीने की मिली हुई थी। उस मस्त खुशबू ने मेरे लंड को तुरंत खड़ा कर दिया। मैंने भाभी का नाम ले-लेकर मुठ मारी और सारा माल उस ब्रा और पैंटी पर छोड़ दिया। माल इतना गाढ़ा था कि ब्रा के कप में चिपक गया। फिर थोड़ी देर बाद मैंने उसे धोकर वापस सुखाने के लिए डाल दिया, ताकि कोई शक न हो।

उस दिन मेरी छुट्टी थी। दोपहर में मैं सो रहा था कि अचानक दरवाजे पर किसी ने खटखटाया। मुझे लगा शायद रितु होगी, जो अपनी ठरक मिटाने आई हो। बिना सोचे-समझे मैंने दरवाजा खोल दिया। सामने भाभी खड़ी थीं। नींद की वजह से मेरा लंड खड़ा था और शॉर्ट्स में साफ दिख रहा था। भाभी की नजरें मेरे लंड पर गईं और वो इधर-उधर देखने लगीं, लेकिन उनकी आँखों में एक शरारत भरी चमक थी। मुझे अचानक होश आया तो मैंने झट से तौलिया लपेट लिया, लेकिन लंड अभी भी तनकर सलामी दे रहा था।

मैंने नमस्ते की और पूछा, “भाभी, क्या काम है?” उन्होंने कहा, “बेड को थोड़ा सरकाना है, क्या तुम मदद कर सकते हो?” मैंने कहा, “हाँ, 10 मिनट में आता हूँ।” 10 मिनट बाद मैं अपनी कैप्री और टी-शर्ट पहनकर उनके रूम में गया। भाभी ने भी ड्रेस चेंज कर ली थी। अब वो टाइट ब्लैक लेगिंग्स और ढीली टी-शर्ट में थीं। उनकी लेगिंग्स इतनी टाइट थी कि उनकी चूत का उभार साफ दिख रहा था, और गांड के कर्व्स बाहर निकल रहे थे। मन तो किया कि अभी टी-शर्ट के नीचे से हाथ डालकर उनकी चूत मसल दूँ, लेकिन मैंने खुद को कंट्रोल किया।

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बेड की पोजीशन ठीक करते वक्त हम दोनों झुके हुए थे। भाभी की टी-शर्ट का गला थोड़ा ढीला था, और उनकी ब्रा में कैद गोरे-गोरे मम्मे साफ दिख रहे थे। मैंने गौर किया कि वही रेड ब्रा थी, जिसमें मैंने मुठ मारी थी। उनके मम्मे इतने भरे हुए थे कि ब्रा उन्हें मुश्किल से संभाल रही थी। मेरा लंड फिर से खड़ा होने लगा। भाभी भी ये सब देख रही थीं और हल्का सा स्माइल कर रही थीं, जैसे जानबूझकर झुक रही हों।

काम खत्म होने के बाद जब मैं जाने लगा तो भाभी ने कहा, “थैंक्स आकाश, चलो चाय पीकर जाओ।” मैंने कहा, “भाभी, मैं चाय नहीं पीता।” वो हँसते हुए बोलीं, “तो क्या दूध पियोगे?” मैंने तपाक से जवाब दिया, “हाँ भाभी, दूध के लिए तो मैं कभी इंकार नहीं करता।” वो शरमाते हुए बोलीं, “ठंडा या गरम?” मैंने कहा, “गरम हो तो और मजा आएगा।” हम दोनों समझ गए थे कि दोनों तरफ आग लगी हुई है, बस शुरुआत करने की देर थी। भाभी ने दूध का गिलास थमाया, और मैं पीते हुए उनकी तरफ देखता रहा।

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दूध पीते वक्त मेरी नजरें टीवी से ज्यादा उनके मम्मों पर थीं। भाभी ने बात शुरू की और मेरी फिजिक की तारीफ करने लगीं। वो बोलीं, “आकाश, तुम्हारी बॉडी तो कमाल की है, एक्सरसाइज कितनी करते हो?” मैंने मुस्कुराकर कहा, “रोजाना भाभी, ताकि मजबूत रहूँ।” वो मेरे पास आकर बिल्कुल सटकर बैठ गईं। उनकी जांघ मेरी जांघ से छू रही थी, और गर्मी महसूस हो रही थी। मैंने हिम्मत करके अपना हाथ उनकी जांघ पर रख दिया। वो अचानक चुप हो गईं और एक हल्की सी सिसकारी भरते हुए बोलीं, “आह…” उनकी साँसें तेज होने लगीं। मैं समझ गया कि अब समय है।

मैंने धीरे से अपना हाथ ऊपर सरकाया, उनकी लेगिंग्स के ऊपर से चूत के उभार को छुआ। वो सिहर उठीं, “उम्म… आकाश…” मैंने कहा, “भाभी, ये दूध तो मैं पी लिया, लेकिन और पीना चाहता हूँ।” उन्होंने आँखें बंद करते हुए कहा, “आकाश, जो पीना है पी लो। सब तुम्हारा है। लेकिन ध्यान रखना, मुझे भी दूध के बदले अच्छी मलाई चाहिए।” मैंने कहा, “भाभी, ऐसी मलाई खिलाऊँगा कि जिंदगी भर याद रहेगा।” ये कहते हुए मैंने उन्हें किस करना शुरू कर दिया। पहले होंठों पर हल्का सा चूमा, फिर जीभ अंदर डाली। वो पागल हो गईं और मेरी टी-शर्ट फाड़ने लगीं। मैंने उन्हें रोका और खुद अपनी टी-शर्ट उतार दी। उन्होंने भी अपनी टी-शर्ट उतार फेंकी। उनकी रेड ब्रा में उनके गोरे मम्मे मस्त लग रहे थे।

मेरा लंड तो पहले से ही तनकर फनफना रहा था। भाभी ने कहा, “इस ब्रा से वीर्य की बू आ रही है, क्या ये तुम्हारा है?” मैंने हाँ में सिर हिलाया। वो बोलीं, “यार, जब मेरी चूत तुम्हारे लिए खुली है, तो मुठ क्यों मारते हो?” मैंने कहा, “अब नहीं मारूँगा, अब तो मेरा लंड सिर्फ तेरा है।” मैंने अपना कैप्री नीचे सरकाया, और अंडरवियर में मेरा लंड उभरा हुआ था। भाभी की नजरें वहाँ टिक गईं। मैंने धीरे से अपना अंडरवियर उतारा, और मेरा 7 इंच का लंड बाहर आ गया, जो पहले से ही गीला था।

भाभी एकदम पागल सी हो गईं और मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसने लगीं। पहले उन्होंने टोपे को जीभ से चाटा, फिर धीरे-धीरे पूरा लंड मुँह में लिया। “उम्म… कितना मोटा है… स्स्स…” वो मुँह में लेते हुए सिसकार रही थीं। ओह माय गॉड! वो रितु से भी बेहतर चूस रही थीं। मेरा लंड उनके थूक से चमक रहा था। मैंने उनकी ब्रा के हुक खोले और ब्रा उतार दी। उनके 36D के मम्मे बाहर आ गए, निप्पल्स सख्त हो चुके थे। चूसते वक्त उनके मम्मे आगे-पीछे हिल रहे थे। मैंने उनके मम्मों को दबाया, निप्पल्स को मसला, और वो सिसकारियाँ भरने लगीं, “आह… आकाश… और जोर से… ओह्ह…” वो इतने मुलायम थे कि उन्हें दबाने से ही मेरा लंड और जोर से उछलने लगता था।

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मैंने उनके बाल पकड़े और धीरे-धीरे उनके मुँह में लंड अंदर-बाहर करने लगा। वो ग्लक-ग्लक की आवाज के साथ चूस रही थीं, और उनके थूक की धार लंड से नीचे टपक रही थी। थोड़ी देर बाद मैंने उन्हें उठाया और उसी बेड पर लिटा दिया। उनकी ब्लैक लेगिंग्स को धीरे-धीरे नीचे सरकाया, उनकी गोरी जांघें नजर आने लगीं। लेगिंग्स उतारते ही देखा कि नीचे कुछ नहीं था। उनकी चूत एकदम चिकनी और गुलाबी थी, हल्की गीली हो चुकी थी। मैंने उनकी जांघों को सहलाया, धीरे से चूत के होंठों को छुआ। वो सिहर उठीं, “आह… वहाँ…”

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मैंने उनकी चूत पर टूट पड़ा। पहले जीभ से चूत के ऊपर वाले हिस्से को चाटा, क्लिट को हल्का सा चूसा। उनकी चूत गुलाबी से लाल हो गई। उनकी शादी को 2 महीने ही हुए थे, लेकिन चूत अभी भी काफी टाइट थी। मैंने पूछा, “भाभी, ये इतनी टाइट कैसे?” वो बोलीं, “बस चाटते रहो, बाद में बात करना।” मैं उनकी चूत को चाटने लगा। जीभ से उनके क्लिट को सहलाया, चूत के होंठों को चूसा। वो सिसकारियाँ ले रही थीं, “आह… आकाश… ओह्ह… और चाट… हाय… स्स्स…” मैंने चूत में उंगली डाली, धीरे-धीरे अंदर-बाहर की, और जीभ से क्लिट चूसता रहा।

मैंने ध्यान रखा कि कहीं बाइट न करूँ, वरना उनके पति को शक हो सकता था। वो इतनी उत्तेजित हो गई थीं कि अपने नाखून मेरी पीठ और कूल्हों पर गड़ा रही थीं। वो नशे में बोलीं, “आकाश, ये तो मेरी चूत को चाटते ही नहीं… ना लंड चूसने देते हैं… मैं बहुत प्यासी हूँ… जीभ और अंदर डालो… आह… और जोर से… उम्म… स्स्स…” मैंने उनकी चूत में जीभ घुसा दी, और उंगली से जी-स्पॉट को मसला। वो चिल्ला उठीं, “हाय… ओह्ह… स्स्स… और चूसो… रुको मत… आह… हाँ…” थोड़ी देर बाद वो जोर से चिल्लाईं, “आह… हाँ… हाँ… ओह्ह…” और उनका सारा पानी मेरे मुँह पर छूट गया। वो निढाल होकर लेट गईं।

मैंने उन्हें उल्टा किया, उनकी गांड पर 3-4 थप्पड़ मारे और कहा, “उठ साली कुतिया, तू तो ठंडी हो गई, लेकिन इस लंड की प्यास का क्या? इसे कौन बुझाएगा?” वो हँसते हुए बोलीं, “अच्छा जी, तो भाभी से कुतिया हो गई? कोई बात नहीं, भाभीचोद, तूने मुझे वो सुख दिया है, जिसके लिए मैं तड़प रही थी। इतने दिनों बाद आज मस्त ऑर्गेज्म आया। तू टेंशन मत ले, इस लंड की प्यास मैं ही बुझाऊँगी। बस एक बार मूतने दे।”

वो बाथरूम चली गई। मेरा दिमाग खराब हो रहा था। मैं भी बाथरूम में गया। जैसे ही उन्होंने हाथ धोए, मैंने उन्हें पकड़ लिया और उनके मम्मों को दबाने लगा। मैंने उनके निप्पल्स को चुटकी में लिया, धीरे से मसला। वो फिर से मूड में आ गईं और मेरे बालों में उंगलियाँ फिराने लगीं, “आह… आकाश… फिर से… उम्म…” अचानक वो भागकर बेड पर लेट गईं। उन्होंने अपनी दोनों टाँगें हवा में उठा लीं, गांड के नीचे तकिया रखा और बोलीं, “आज कुत्ते, तेरी कुतिया की चूत तेरे लंड के लिए तड़प रही है।” उनकी गालियाँ सुनकर मैं हैरान था, लेकिन मुझे सेक्स के दौरान गालियाँ देना पसंद है।

मैंने पूछा, “कॉन्डम कहाँ है?” वो बोलीं, “बेड के ड्रॉअर में ड्यूरेक्स का फैमिली पैक पड़ा है, ले ले।” उनकी टाँगें अभी भी हवा में थीं। मैंने लंड पर कॉन्डम चढ़ाया और उनकी चूत पर रख दिया। पहले मैंने लंड के टोपे से उनकी चूत के होंठों को रगड़ा, ऊपर-नीचे किया। वो सिसकार रही थीं, “उम्म… आह… और रगड़ो…” मैं उनके मम्मों को दबाने लगा। मेरा लंड का टोपा उनकी चूत से रगड़ खा रहा था। उनका शरीर काँप रहा था। वो बोलीं, “आकाश, और मत तड़पाओ… अपनी भाभी को पेल दो… अब बर्दाश्त नहीं होता…”

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मैंने निशाना लगाया और एक धक्का मारा। लंड का टोपा उनकी चूत में घुस गया। उन्होंने बेडशीट को कसकर पकड़ लिया और होंठ भींच लिए। मैं समझ गया कि उन्हें दर्द हो रहा है। लेकिन मैंने एक और जोरदार धक्का मारा। मेरा पूरा लंड उनकी चूत की दीवारों को तोड़ता हुआ अंदर घुस गया। मैं तो जैसे स्वर्ग में था। उनकी चूत रितु की चूत जितनी ही टाइट थी। वो दर्द से कराह रही थीं, “आह… धीरे… ओह्ह…”

उन्हें दर्द हो रहा था, लेकिन वो तैयार थीं। मैंने धीरे-धीरे अंदर-बाहर करना शुरू किया। थोड़ी देर बाद वो भी कमर उठा-उठाकर मेरा साथ देने लगीं। “आह… आकाश… और जोर से… स्स्स…” वो सिसकारियाँ ले रही थीं। मैंने स्पीड बढ़ा दी। उनकी गांड भी हिल रही थी, और मैंने उनकी गांड में उंगली डालने की कोशिश की, लेकिन वो बहुत टाइट थी। मैंने फिर से उनकी चूत को जोर-जोर से चोदना शुरू कर दिया। चप-चप-चप की आवाज कमरे में गूँज रही थी।

वो बोलीं, “धीरे आकाश… धीरे… तू चोद रहा है या खोद रहा है? मैं कोई रंडी नहीं, तेरी भाभी हूँ… आराम से कर… रात को विकास ने भी लेनी है… मैं मर जाऊँगी…” मैंने कहा, “चुप कर साली, मेरे लिए तो तू रंडी ही है। अब से तू मेरी रंडी है। जब मन करेगा, तुझे रंडी की तरह चोदने आ जाऊँगा। वैसे भी रितु से मेरा मन भर रहा है।” मैंने उन्हें उल्टा किया, अब कुत्ते की तरह पीछे से चूत में लंड डाला। उनकी गांड मेरे धक्कों से थरथरा रही थी।

वो बोलीं, “इसका मतलब तू रितु की भी लेता है?” मैंने डाँटते हुए कहा, “ज्यादा दिमाग मत लगा कुतिया, अपनी गांड उठा… मैं झड़ने वाला हूँ… बोल, मेरा वीर्य कहाँ लेगी?” वो बोलीं, “मलाई तो मेरी है, मेरे मुँह में आ जा मेरे राजा।” मैं फुल स्पीड पर उन्हें चोद रहा था। उनकी चूत की चिकनाहट से कमरे में चप-चप-चप की आवाजें गूँज रही थीं। वो एक बार फिर झड़ चुकी थीं। उनकी चूत फूल गई थी और चूत के होंठ खुले पड़े थे। मैंने बीच में रुककर फिर से उनकी चूत चाटी, ताकि और गीली हो जाए।

मैंने कॉन्डम उतारा और उनके मुँह में लंड पेल दिया। वो मस्ती से चूस रही थीं, “उम्म… स्स्स… आह…” उनके होंठ लंड के चारों तरफ लिपटे थे, और वो जीभ से टोपे को चाट रही थीं। मेरे शरीर में अकड़न होने लगी। मैंने उनका सिर अपने लंड पर दबाया और एक जोरदार शॉट के साथ सारी मलाई उनके मुँह में डाल दी। उन्होंने एक बूँद भी बर्बाद नहीं की और सारी मलाई पी गई। फिर भी वो तब तक मेरा लंड चाटती रहीं, जब तक वो ढीला नहीं पड़ गया। इसके बाद हम दोनों थोड़ी देर के लिए वहीँ सो गए।

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तो दोस्तों, कैसी लगी कहानी? जल्दी से कमेंट करें। जितने ज्यादा कमेंट आएँगे, उतनी जल्दी अगली स्टोरी आएगी। अगले पार्ट में मैंने भाभी की वर्जिन गांड मारी।

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