नए साल की पार्टी में भैया के साथ जमकर मस्ती

ये कहानी 2020 के नए साल की है, जब मेरे भैया ने मुझे रात भर और अगली सुबह तक ऐसे प्यार किया कि मेरा जिस्म और मन दोनों तृप्त हो गए। ये मेरी सच्ची कहानी है, जो मैं आपके साथ बांट रही हूँ। उम्मीद है ये आपको उतना ही गर्म कर देगी जितना उस रात हम दोनों ने मजे लिए।

31 दिसंबर की शाम थी। मेरा पति रवि अपने ऑफिस के दोस्तों के साथ न्यू ईयर पार्टी में व्यस्त था। उसने फोन पर कहा, “आज मैं लेट आऊंगा, तुम घर पर मजे करो।” मैंने मन में सोचा, बड़े शहरों में पति ऐसे ही होते हैं, पत्नी की परवाह किसे? तभी तो औरतें अपनी खुशी कहीं और ढूंढ लेती हैं। मैंने उससे मजाक में ताना मारा, “अच्छा, तुमने जो रम की बोतल लाई थी, वो तो तुम दोस्तों के साथ उड़ा दोगे, मैं क्या करूँ?” वो हँसकर बोला, “अरे, तुम्हारी तो फ्लैट वालों के साथ पार्टी है ना? चार परिवार मिलकर मस्ती कर रहे हो, जितना जी चाहे पी लो, आज मैं कुछ नहीं बोलूंगा।” मैंने सोचा, चलो, मौका है, आज कुछ हटके करना है।

तभी मेरे फोन पर भैया का कॉल आया। मैंने रवि को हाल्ट किया और भैया से बात शुरू की। भैया बोले, “दीदी, मैं सोच रहा हूँ इस बार नया साल तुम्हारे और रवि के साथ मनाऊं। मैं आ जाऊं क्या?” मैं तो सुनकर उछल पड़ी। अकेलेपन का डर तो गया ही, साथ में पार्टी का मजा भी दोगुना होने वाला था। मैंने तुरंत कहा, “हाँ भैया, जल्दी आ जाओ, बहुत अच्छा रहेगा!” फिर मैंने रवि को बताया कि संजय भैया आ रहे हैं। वो बोला, “वाह, ये तो कमाल हो गया! मैं अपने दोस्तों के साथ फुल मस्ती करूंगा, और तुम भी भैया के साथ एन्जॉय करो।” बस, फिर तो मेरा जोश सातवें आसमान पर था।

मैंने सोचा, आज तो कुछ ऐसा करना है कि सबकी नजरें मुझ पर टिक जाएं। गुड़गांव की सर्दी थी, फिर भी मैंने स्वेटर को अलविदा कहा और अलमारी से सबसे सेक्सी ब्लैक साड़ी निकाली। ब्लाउज ऐसा चुना जो आगे से इतना गहरा कटा हो कि मेरी गोरी चूचियां उसमें से झलकें। साड़ी को कमर से नीचे बांधा ताकि मेरी नाभि और पतली कमर उभरकर दिखे। बालों को खुला छोड़ा, हल्का मेकअप किया—लाल लिपस्टिक, काजल, और थोड़ा ब्लश। हाई हील्स पहनी और शीशे में खुद को देखा। मैं खुद पर फिदा हो गई—लग रहा था जैसे कोई हॉट मॉडल तैयार होकर निकली हो। फिर मैं निकल पड़ी पड़ोस के फ्लैट में, जहां चार परिवारों ने मिलकर न्यू ईयर पार्टी रखी थी।

पार्टी में ज्यादा भीड़ नहीं थी। कुछ कपल्स थे, सब खा-पी रहे थे, हंसी-मजाक चल रहा था। मेरी सहेलियां मुझे देखते ही चिल्लाईं, “अरे, ये क्या माल लग रही है!” और पलक झपकते मेरे हाथ में व्हिस्की का पेग थमा दिया। एक तरफ तंदूरी चिकन, मटन, रोटी, और न जाने क्या-क्या। मैंने एक पेग गटका, फिर दूसरा, और माहौल गर्म होने लगा। सहेलियां मुझे डीजे फ्लोर पर खींच ले गईं। मैं साड़ी में ठुमके लगा रही थी, मेरा आँचल बार-बार सरक रहा था, और लोग मेरी चूचियों की झलक देखकर सिसकारियां ले रहे थे। तभी भैया आ गए।

भैया को देखते ही जैसे पार्टी में बिजली दौड़ गई। वो टाइट जीन्स और ब्लैक शर्ट में इतने हैंडसम लग रहे थे कि मेरी सहेलियां उन पर लट्टू हो गईं। हम दोनों ने मिलकर खूब पिया—व्हिस्की, रम, और जो भी मिला। चिकन टिक्का, कबाब, और नान खाते-खाते हम डीजे पर फिर से पहुंच गए। मैं भैया के साथ डांस कर रही थी, हमारी कमरें एक-दूसरे से टकरा रही थीं। भैया का हाथ मेरी कमर पर था, और मैं उनकी गर्म सांसें अपने गले पर महसूस कर रही थी। रात साढ़े बारह बजे तक मैं इतना पी चुकी थी कि मेरे पांव लड़खड़ा रहे थे। मैं ठीक से चल भी नहीं पा रही थी। मेरा आँचल बार-बार सरक रहा था, और मेरा गहरा कटा ब्लाउज मेरी चूचियों को और उभार रहा था।

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भैया ने मुझे संभाला। वो मेरे पीछे थे, उनका एक हाथ मेरी कमर पर था, और दूसरा मेरे कंधे पर। मुझे ले जाते वक्त उनके हाथ मेरी चूचियों को बार-बार छू रहे थे। मैं नशे में थी, पर इतना समझ रही थी कि भैया जानबूझकर ऐसा कर रहे हैं। उनकी उंगलियां मेरी गांड के उभारों पर फिसल रही थीं, और मेरी चूत में हल्की-हल्की सनसनी होने लगी थी। मैंने कुछ नहीं कहा, बस होने दिया। घर पहुंचते ही दरवाजा बंद हुआ, और भैया ने मुझे अपनी बाहों में कस लिया। उनके गर्म होंठ मेरे होंठों पर आ टपके, उनकी जीभ मेरे मुँह में घुस गई। मैंने हल्के से मना किया, “भैया, ये क्या कर रहे हो? तुम मेरे भाई हो!” वो मेरे कान में फुसफुसाए, “क्या करूँ, तू आज इतनी हॉट लग रही है, मैं पागल हो रहा हूँ!” मैंने उनकी आँखों में शरारत देखी, और हँसकर कहा, “अच्छा, तो ले ले मजे, भैया!” और मैं भी उनके होंठों से लिपट गई।

मैंने भैया का हाथ पकड़ा और उन्हें बेडरूम में खींच ले गई। कमरे में हीटर ऑन किया, सर्दी को बहाना बनाकर माहौल को और गर्म कर दिया। भैया ने मेरी साड़ी को एक झटके में खींच लिया, वो फर्श पर बिखर गई। मेरा ब्लाउज इतना टाइट था कि मेरी चूचियां बाहर निकलने को बेताब थीं। भैया ने ब्लाउज के बटन खोले, और मेरी ब्रा को पलक झपकते फाड़ दिया। मेरी गोरी चूचियां उनकी आँखों के सामने नाच रही थीं। मैंने भी देर न की, भैया की शर्ट और जीन्स उतार फेंकी। उनका कड़क लंड अंडरवियर में तंबू बना रहा था। मैंने अंडरवियर भी खींच दिया, और उनका मोटा, गर्म लंड मेरे सामने था।

भैया मुझे बिस्तर पर लिटा चुके थे। वो मेरे ऊपर थे, उनके होंठ मेरे होंठों को चूस रहे थे। उनकी जीभ मेरी जीभ से लड़ रही थी, और मैं उनकी पीठ को अपने नाखूनों से खरोंच रही थी। हम दोनों के मुँह से व्हिस्की की महक मिल रही थी, जो माहौल को और कामुक बना रही थी। भैया ने मेरे गले को चूमा, उनकी जीभ मेरे कानों को सहलाने लगी। वो मेरे कान में फुसफुसाए, “आज तुझे रात भर चोदूंगा, मेरी रानी!” मैं सिहर उठी, मेरी चूत गीली होने लगी। उनकी जीभ मेरी चूचियों पर फिसली, वो मेरे निप्पल्स को चूस रहे थे, हल्के से काट रहे थे। मैं सिसकारियां ले रही थी, “आह… भैया… और जोर से… मेरी चूचियां खा जाओ!”

भैया ने मेरी एक चूची को मुँह में लिया, दूसरी को अपने हाथ से मसल रहे थे। उनकी उंगलियां मेरे निप्पल को चुटकी में दबा रही थीं, और मैं दर्द और मजे के बीच झूल रही थी। फिर वो नीचे सरके, मेरी नाभि को चूमने लगे। उनकी जीभ मेरी नाभि में घूम रही थी, और मैं अपनी कमर उछाल रही थी। भैया ने मेरी पैंटी को दांतों से खींचकर उतारा। मेरी चूत उनके सामने थी—गीली, गुलाबी, और रस से चमकती हुई। भैया ने मेरी चूत को सूंघा, उनकी सांसें मेरे क्लिट को छू रही थीं। फिर उनकी जीभ मेरी चूत के होंठों पर फिसली। वो मेरी चूत को चाट रहे थे, उनकी जीभ मेरे क्लिट को बार-बार टटोल रही थी। मैं चिल्ला रही थी, “भैया… आह… चूस लो इसे… मुझे पागल कर दो!”

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भैया ने मेरी चूत में अपनी एक उंगली डाली, फिर दूसरी। उनकी उंगलियां मेरी चूत में अंदर-बाहर हो रही थीं, और उनकी जीभ मेरे क्लिट को चूस रही थी। मैंने उनकी गर्दन पकड़ी और उनकी जीभ को अपनी चूत में और दबा दिया। वो मेरी गांड के छेद को भी नहीं छोड़ रहे थे। उनकी एक उंगली मेरी गांड में घुस गई, और मैं सिहर उठी। वो मेरी चूत और गांड को एक साथ तृप्त कर रहे थे। मैं इतने जोश में थी कि मेरी चूत ने रस छोड़ दिया। मेरा पूरा बदन कांप रहा था, और मैंने भैया के मुँह को अपने रस से भिगो दिया।

अब मैंने भैया को पलटा। वो नीचे थे, और मैं उनके मुँह पर बैठ गई। मैं अपनी चूत को उनके होंठों पर रगड़ रही थी, उनकी नाक मेरी चूत में दब रही थी। वो मेरी चूत को चूस रहे थे, उनकी जीभ मेरे रस को पी रही थी। मैंने उनकी गांड को टटोला, मेरी उंगलियां उनके छेद में घूम रही थीं। फिर मैं नीचे सरकी और उनका लंड पकड़ लिया। उनका लंड मोटा था, गर्म था, और नसों से भरा हुआ। मैंने उसे अपने मुँह में लिया, मेरे होंठ उसके सुपारे पर फिसल रहे थे। मैंने उसे पूरा गले तक लिया, मेरी जीभ उसके लंड के हर इंच को चाट रही थी। भैया सिसकार रहे थे, “आह… तू तो जादू करती है… और चूस!”

मैंने उनका लंड चूसा, फिर उनकी गोटियों को मुँह में लिया। मेरी जीभ उनकी गोटियों पर नाच रही थी, और मैं उन्हें हल्के से काट रही थी। भैया का लंड और सख्त हो गया। मैंने उनकी आँखों में देखा और कहा, “अब चोदो मुझे, भैया!” मैं नीचे लेट गई, मेरी टांगें हवा में थीं। भैया ने अपना लंड मेरी चूत पर रगड़ा, उसका गर्म सुपारा मेरी चूत के होंठों को सहला रहा था। मैं तड़प रही थी, “भैया, डाल दो… और मत तड़पाओ!” उन्होंने एक जोरदार धक्का मारा, और उनका पूरा लंड मेरी चूत में समा गया। मैं चीखी, “आह… कितना मोटा है… फाड़ देगा!” वो हँसे और बोले, “बस अभी तो शुरूआत है, मेरी जान!”

भैया ने धक्के शुरू किए, हर धक्के के साथ मेरी चूचियां उछल रही थीं। मैं उनकी कमर को पकड़कर और अंदर खींच रही थी, “जोर से… और जोर से!” उनकी रफ्तार बढ़ी, उनका लंड मेरी चूत की गहराइयों को छू रहा था। मेरी चूत का रस उनके लंड को चिकना कर रहा था, और कमरे में सिर्फ हमारी सिसकारियां और चुदाई की थप-थप की आवाजें गूंज रही थीं। भैया ने मेरी टांगें अपने कंधों पर रखीं, और अब उनका लंड मेरी बच्चेदानी को ठोक रहा था। मैं पागल हो रही थी, मेरी चूत बार-बार सिकुड़ रही थी। मैंने चिल्लाकर कहा, “भैया, मैं झड़ने वाली हूँ!” और उसी पल मेरी चूत ने रस छोड़ दिया, मेरा पूरा बदन कांप रहा था।

लेकिन भैया नहीं रुके। उन्होंने मुझे पलटा और घोड़ी बना दिया। मेरी गांड हवा में थी, और भैया ने मेरी गांड के छेद पर थूक लगाया। उनकी दो उंगलियां मेरी गांड में घुसीं, और मैं सिहर उठी। वो मेरी गांड को उंगलियों से चोद रहे थे, और मैं अपनी चूत में उंगलियां डालकर मजे ले रही थी। फिर भैया ने अपना लंड मेरी गांड पर सेट किया। मैंने कहा, “भैया, धीरे… फट जाएगी!” वो बोले, “चिंता मत कर, तुझे स्वर्ग दिखाऊंगा!” उन्होंने धीरे-धीरे अपना लंड मेरी गांड में डाला। दर्द के साथ-साथ एक अजीब सा मजा था। उनका लंड मेरी गांड में पूरा घुस गया, और वो धीरे-धीरे धक्के मारने लगे।

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मैं चिल्ला रही थी, “आह… भैया… और जोर से!” उनकी रफ्तार बढ़ी, उनका लंड मेरी गांड को चीर रहा था। मैं अपनी चूत को रगड़ रही थी, और मेरा बदन फिर से गर्म हो रहा था। भैया ने मेरी कमर पकड़ी और मुझे और जोर से पेलने लगे। उनकी गोटियां मेरी चूत पर टकरा रही थीं, और मैं दर्द और मजे के बीच झूल रही थी। करीब आधे घंटे तक भैया ने मेरी गांड और चूत को बारी-बारी चोदा। फिर वो बोले, “मेरा होने वाला है!” मैंने कहा, “मेरी चूत में निकाल दो, भैया!” उन्होंने आखिरी धक्के मारे, और उनका गर्म माल मेरी चूत में भर गया। मैं फिर से झड़ गई, मेरी चूत उनके माल से लबालब थी।

हम दोनों हांफते हुए बिस्तर पर गिर पड़े। भैया ने मुझे बाहों में लिया, मेरे माथे पर चूमा और बोले, “नया साल मुबारक, मेरी रानी!” मैंने हँसकर कहा, “तूने तो मेरी चूत और गांड का बैंड बजा दिया!” हम थोड़ी देर ऐसे ही लेटे रहे, हमारे बदन पसीने से तर थे। लेकिन हमारा जोश खत्म नहीं हुआ। थोड़ी देर बाद भैया का लंड फिर से तन गया। इस बार मैं उनके ऊपर चढ़ी। मैंने उनका लंड पकड़ा और अपनी चूत में डाल लिया। मैं उछल रही थी, मेरा पूरा बदन हिल रहा था। भैया मेरी चूचियों को मसल रहे थे, मेरे निप्पल्स को चूस रहे थे। मैं चिल्ला रही थी, “भैया… और जोर से… मेरी चूत फाड़ दो!”

इस बार हमने एक घंटे तक चुदाई की। कभी मैं उनके लंड पर कूदी, कभी उन्होंने मुझे दीवार से सटाकर पेला। उनकी जीभ मेरी चूत को चूस रही थी, और मेरा रस उनके मुँह में बह रहा था। रात में हमने तीन बार चुदाई की, हर बार कुछ नया आजमाया। सुबह सात बजे हमारी आँख खुली। भैया का लंड फिर से तन गया था। मैंने उसे मुँह में लिया, मेरी जीभ उसके सुपारे पर नाच रही थी। फिर वो मेरे ऊपर चढ़ गए। उन्होंने मेरी चूचियों को इतना चूसा कि निशान पड़ गए। मेरी चूत को उन्होंने फिर से अपने माल से भरा, और मैं चिल्ला-चिल्लाकर झड़ती रही।

मेरा पति रवि सुबह दस बजे घर आया। शायद वो किसी और के साथ अपनी पार्टी मना रहा था। मुझे कोई फर्क नहीं पड़ा, क्योंकि मैंने भैया के साथ नए साल का ऐसा जश्न मनाया था कि मेरी हर इच्छा पूरी हो गई। भैया ने मुझे वो सुख दिया जो रवि कभी नहीं दे पाया। उस रात और सुबह की चुदाई ने मेरे जिस्म और मन को तृप्त कर दिया। अब तो जब भी मौका मिलेगा, मैं भैया के साथ ऐसे ही मजे लूंगी।

दोस्तों, ये थी मेरी नए साल की चुदाई की कहानी। जल्दी ही अगली कहानी लेकर आऊंगी। तब तक के लिए अलविदा!

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