खूबसूरत जवान राधिका को चोद कर नौकरी दी

हाय दोस्तों, मेरा नाम निखिल है। मैं सूरत में रहता हूँ। मेरी उम्र 35 साल की है। देखने में मैं ऐसा लड़का हूँ कि लड़कियाँ मेरी एक झलक पाने को तरसती हैं। मेरा लंड 10 इंच का मोटा तगड़ा हथियार है, जो किसी भी चूत को पल में चीर दे। मेरा कद 6 फीट का है, और जब मैं किसी लड़की की फूली हुई चूचियाँ या मटकती गांड देखता हूँ, तो मेरा लंड पैंट फाड़कर बाहर आने को बेताब हो जाता है। मुझे लड़कियों की चिकनी कमर और 34-28-36 का फिगर देखकर बस चोदने का मन करता है। मैंने अपनी जवानी में ऐसी-ऐसी हसीनाओं को चोदा है कि रंडियाँ भी मेरे सामने पानी माँगने लगें। पड़ोस की लड़कियाँ मेरे पीछे पागल रहती हैं, और कॉलेज के दिनों में मैंने कई लड़कियों की चूत का उद्घाटन किया। अब मैं अपनी कहानी पर आता हूँ।

मैं दिल्ली में एक बड़ी कंपनी में मैनेजर हूँ। यहाँ फैशन और कपड़ों का काम होता है। मेरी कंपनी में रोजाना एक से एक माल लड़कियाँ जॉब के लिए आती हैं। उनकी कातिलाना अदाएँ देखकर मेरा लंड हर बार तन जाता है, और मन करता है कि बस किसी कोने में ले जाकर पेल दूँ। एक दिन मेरी कंपनी में एक लड़की आई। उसने मुझसे पूछा, “सर, यहाँ कोई जॉब मिल सकती है?”

बस, उसकी आवाज़ सुनते ही मेरा लंड सलामी देने लगा। मेरे सामने एक 25 साल की गोरी-चिट्टी, लंबी, हसीन लड़की खड़ी थी। मैंने उसे सिर से पाँव तक निहारा। क्या मस्त माल थी यार! ऐसा लग रहा था जैसे स्वर्ग की अप्सरा मेरे सामने उतर आई हो। मैंने आज तक ऐसी खूबसूरती नहीं देखी थी। मन तो कर रहा था कि अभी उसे बिस्तर पर पटक दूँ। उसकी चूचियाँ इतनी टाइट थीं कि सलवार-कमीज में से उभरकर मेरे लंड को ललकार रही थीं। उसका फिगर होगा कोई 36-26-38, एकदम कयामत ढाने वाला। उसका नाम था राधिका।

उसके रेशमी बाल हवा में लहरा रहे थे, जैसे कोई फिल्म की हिरोइन हो। उसने काजल लगाया हुआ था, जो उसकी आँखों को और नशीली बना रहा था। गालों पर हल्का मेकअप और होंठों पर गुलाबी लिपस्टिक, मानो कह रही हो, “आजा, मुझे चूस ले!” उसने नीली सलवार-कमीज पहनी थी, जो उसके जिस्म से चिपककर हर कर्व को उभार रही थी। मैं तो बस उसकी चूचियों के उभार में खो गया। उसकी कमीज़ में से उसकी क्लीवेज झाँक रही थी, और मैं मन ही मन उसकी चूचियाँ चूसने की कल्पना करने लगा। मैंने उसे कुर्सी पर बैठने को कहा। वो बैठी तो मैं उसकी हर अदा को गौर से देखने लगा। वो भी समझ गई कि मेरी नीयत क्या है, लेकिन उसने कुछ बोला नहीं।

मैंने उससे बात शुरू की। उसने बताया कि उसे जॉब की सख्त जरूरत है। मैंने मौका देखकर कहा, “राधिका, जॉब तो मिल सकती है, लेकिन इसके लिए तुम्हें मेरे साथ थोड़ा टाइम बिताना होगा।” वो थोड़ा शरमाई, लेकिन उसकी आँखों में एक चमक थी। मैंने उसे अपने घर का पता दिया और अगले दिन, यानी रविवार को, सुबह 10 बजे आने को कहा। वो मान गई।

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अगले दिन वो ठीक टाइम पर मेरे घर पहुँच गई। दोस्तों, मैं सूरत में अकेला रहता हूँ। मेरे घरवाले गाँव में हैं, तो मेरा घर मेरी मर्जी का जन्नत है। मैंने उसे अंदर बुलाया। मेरी कामवाली ने चाय दी, लेकिन उसकी आँखों में जलन साफ दिख रही थी। दरअसल, मैंने उसे भी कई बार चोदा था, और वो मुझे किसी दूसरी लड़की के साथ देखकर तिलमिला रही थी। मैंने कामवाली को जाने को कहा और राधिका के साथ बातें शुरू कीं।

वो उस दिन हल्के गुलाबी रंग की चमकदार ड्रेस में थी। उसकी भवें ताजा बनाई हुई थीं, और वो किसी मॉडल से कम नहीं लग रही थी। मैं तो बस उसकी चूचियों को घूर रहा था। मैंने उससे साफ-साफ कह दिया, “राधिका, अगर तुम जॉब चाहती हो, तो मेरी एक शर्त है। मुझे तुम्हारी जरूरत पूरी करनी होगी।” उसने पूछा, “कैसी जरूरत, सर?”

मैंने हँसते हुए कहा, “वही जो हर मर्द को चाहिए, और सिर्फ एक हसीन लड़की ही दे सकती है।” वो थोड़ा हकबकाई, बोली, “सर, मैं ऐसी लड़की नहीं हूँ।” मैंने कहा, “कोई बात नहीं, अगर तुम्हें जॉब नहीं चाहिए, तो कहीं और देख लो।” वो गिड़गिड़ाने लगी, “सर, प्लीज, मैं बहुत मजबूर हूँ।” मैंने कहा, “बस एक रात मेरे साथ बिताओ, फिर जॉब पक्का। तुम्हारी चूत तो वैसे भी बॉयफ्रेंड से चुद चुकी होगी, एक बार मेरे साथ क्या फर्क पड़ता है?”

वो बहुत देर तक सोचती रही, लेकिन आखिरकार मान गई। उसने कहा कि वो शाम को आएगी। मैंने दिन में सारा इंतजाम कर लिया। खाने-पीने का सामान, चॉकलेट फ्लेवर का कंडोम, और एक तगड़ी गोली जो मेरी टाइमिंग को बढ़ा दे। मैंने सोचा, आज इस माल को ऐसा चोदूँगा कि वो जिंदगी भर याद रखे।

शाम को वो आई। यार, क्या कयामत ढा रही थी! उसने लाल रंग की टाइट ड्रेस पहनी थी, जिसमें उसकी चूचियाँ और गांड ऐसे उभर रहे थे जैसे मुझसे कह रहे हों, “आजा, हमें आजाद कर!” मैंने उसे अंदर बुलाया और दरवाजा बंद कर लिया। मैंने गोली पहले ही खा ली थी। उसने खाने से मना कर दिया, तो मैंने उसे सीधे बेडरूम में ले जाकर बिस्तर पर बिठाया। वो मुझे नशीली नजरों से देख रही थी। मैंने पूछा, “राधिका, पहले कभी चुदवाया है?”

उसने कहा, “हाँ, मेरा एक बॉयफ्रेंड था। उसके साथ कई बार किया, लेकिन अब बहुत टाइम हो गया।” मैंने पूछा, “तो चुदने का मन नहीं करता?” वो बोली, “करता है, लेकिन मुझे छोटे-मोटे लंड पसंद नहीं। मुझे कम से कम 8 इंच का लंड चाहिए, जो चूत को फाड़ दे।” मैं मन ही मन खुश हो गया। मेरा 10 इंच का लंड आज इसकी चूत का बैंड बजाने वाला था।

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मैंने अपने कपड़े उतारे। जैसे ही मैंने पैंट खोली, मेरा लंड बाहर निकला और खंभे की तरह तन गया। राधिका उसे देखकर चीख पड़ी, “अरे, इतना बड़ा लंड! मैंने तो कभी सपने में भी नहीं देखा। आज तो चुदने में दोगुना मजा आएगा!” मैंने कहा, “अगर आज तू यहाँ न आती, तो ये मौका हाथ से निकल जाता।”

मैं उसके पास गया और उसका जिस्म छूने लगा। उसने मेरा लंड पकड़ा और बोली, “कितना गर्म है ये!” मैंने कहा, “तुझे देखकर तो ये और जल रहा है। कल से मैंने कई बार मुठ मार ली, लेकिन ये शांत ही नहीं हुआ।” वो मेरे लंड को सहलाने लगी। उसकी चूत में भी आग लग चुकी थी। वो मुझसे लिपट गई। मैंने उसे जोर से बाँहों में भरा। उसकी साँसें तेज हो रही थीं। मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रखे और चूसने लगा। उसके रेशमी बालों को सहलाते हुए मैं उसके माथे, गालों और गले को चूमने लगा। वो “आह… स्सी… ओह…” की सिसकारियाँ लेने लगी। उसकी गर्म साँसें मेरे चेहरे पर पड़ रही थीं। मैंने उसके होंठों को काटा तो वो और जोर से सिसकारी।

मैंने उसकी ड्रेस पर हाथ रखा और उसकी चूचियाँ दबाने लगा। वो एकदम मुलायम और रसीली थीं, जैसे आम के गुदे। मैंने उसकी ड्रेस उतारी। अब वो सिर्फ ब्रा और लैगी में थी। उसकी चूचियाँ ब्रा में कैद थीं, लेकिन इतनी उभरी हुई थीं कि मैं पागल हो गया। मैंने ब्रा के ऊपर से ही उसकी चूचियाँ चाटनी शुरू कीं। फिर मैंने पीछे से हुक खोलकर ब्रा उतार दी। उसकी चूचियाँ आजाद होकर मेरे सामने थीं। मैंने दोनों को हाथों में भरा और मसलने लगा। उसके निप्पल टाइट हो चुके थे। मैंने उन्हें मुँह में लिया और जोर-जोर से चूसने लगा। राधिका बोली, “आह… और जोर से चूसो… मेरी चूचियों को पी जाओ!” मैंने उसे और गर्म कर दिया।

अब मैंने उसकी लैगी खींचकर उतार दी। वो सिर्फ पैंटी में थी। मैंने उसे बिस्तर पर लिटाया और उसकी पैंटी भी निकाल दी। उसकी चूत गोरी और चिकनी थी, जैसे ताजा मलाई। मैंने अपनी जीभ उसकी चूत पर रखी और चाटने लगा। उसकी चूत की खुशबू मुझे मदहोश कर रही थी। मैंने चूत के दाने को काटा तो वो तड़प उठी। वो बिस्तर को नोचने लगी और “आह… ओह… स्सी… चाटो… और चाटो…” चिल्लाने लगी। मैंने उसकी चूत को तब तक चाटा जब तक उसका पानी नहीं निकल गया।

अब मैंने अपना लंड उसके मुँह में दे दिया। वो उसे लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी। उसकी जीभ मेरे लंड पर जादू कर रही थी। मैंने कंडोम निकाला, चॉकलेट फ्लेवर वाला, और अपने लंड पर चढ़ाया। फिर मैंने लंड को उसकी चूत पर रगड़ा। वो चुदने को बेकरार थी। उसने अपनी चूत को उंगलियों से फैलाया और बोली, “डाल दो… अब और मत तड़पाओ!” मैंने लंड का सुपारा उसकी चूत पर रखा और एक धक्का मारा। मेरा आधा लंड उसकी चूत में घुस गया। वो चीखी, “आह… मम्मी… धीरे… फट जाएगी!” मैंने दूसरा धक्का मारा और पूरा लंड उसकी चूत में पेल दिया।

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मैंने उसकी कमर पकड़ी और जोर-जोर से चोदने लगा। लंड उसकी चूत में लप-लप अंदर-बाहर हो रहा था। उसकी चूत से घच-घच की आवाज़ें कमरे में गूंज रही थीं। मेरा लंड उसकी चूत की गहराई तक जा रहा था। वो भी अपनी गांड उठा-उठाकर चुदवाने लगी। कुछ देर बाद मैं थक गया। मैं लेट गया और राधिका मेरे ऊपर आ गई। उसने मेरा लंड पकड़ा और अपनी चूत में डाल लिया। वो उछल-उछलकर चुदवाने लगी। उसकी चूचियाँ हवा में लहरा रही थीं, और उसके बाल मेरे चेहरे पर गिर रहे थे। वो “आह… उंह… हाय… चोदो… और जोर से…” चिल्ला रही थी। पूरा कमरा उसकी सिसकारियों से भर गया।

वो थककर मेरे ऊपर लेट गई। मैंने उसे घोड़ी बनाया और पीछे से उसकी चूत में लंड पेल दिया। मैंने उसकी कमर पकड़ी और जड़ तक लंड डालकर चोदने लगा। वो “आह… हाय… मम्मी… फाड़ दो…” की आवाज़ें निकाल रही थी। कुछ देर बाद मैंने उसकी गांड पर निशाना साधा। मैंने लंड उसकी गांड के छेद पर रखा और धीरे-धीरे अंदर डाला। वो चीखी, “नहीं… वहाँ नहीं… दर्द होगा!” लेकिन मैंने धक्का मारा और लंड उसकी गांड में घुस गया। मैंने उसकी गांड को तब तक चोदा जब तक वो मजे से सिसकने नहीं लगी।

आखिरकार मैंने अपना सारा माल उसकी गांड में निकाल दिया। हम दोनों नंगे ही बिस्तर पर पड़े रहे। रात भर हमने कई बार चुदाई की। हर बार वो और जोश में चुदवाती थी। सुबह मैंने उसे रिसेप्शनिस्ट की जॉब दे दी। अब राधिका मेरी खास बन गई है। जब भी मन करता है, मैं उसे बुलाकर चोद लेता हूँ।

कहानी आपको कैसी लगी, जरूर बताना!

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