नौकर ने ब्लैकमेल करके चोदा मुझे

Naukar Blackmail sex story मैं, रानी, एक 32 साल की शादीशुदा औरत हूँ। मेरा फिगर 36-28-38 है, और मेरी गोरी त्वचा और भरे हुए कूल्हों की वजह से मर्दों की नजरें मुझ पर ठहर ही जाती हैं। मेरे पति, अजय, 38 साल के हैं, एक बड़े व्यापारी हैं और महीने में बीस दिन तो बाहर ही रहते हैं। उनकी इस आदत ने मुझे अकेलापन दे दिया, और मेरी जिस्मानी जरूरतें अधूरी रहने लगीं। मैंने सोचा कि अब मुझे भी अपनी खुशी का कोई जुगाड़ करना पड़ेगा। मेरे मन में ख्याल आया कि कहीं ना कहीं तो कोई मर्द होगा जो मेरी प्यास बुझा सके।

एक दिन अजय अपने करीबी दोस्त रमेश को घर लाए। रमेश, 35 साल का एक लंबा-चौड़ा मर्द, जिसकी आँखों में चालाकी और जिस्म में ताकत साफ झलकती थी। वो मुझे देखते ही मेरे बदन पर नजरें गड़ाने लगा। मैंने भी अपने आप को आईने में देखा था, मेरी टाइट साड़ी में मेरे भरे हुए गोलवे और कूल्हे ऐसे उभर रहे थे कि कोई भी मर्द पागल हो जाए। मैंने सोचा, “क्यों ना इसका फायदा उठाया जाए?” जब अजय बाथरूम गए, तो रमेश ने मेरी तरफ देखकर हल्की सी स्माइल दी। मैंने भी आँखों ही आँखों में उसका जवाब दिया। बस, बात पक्की हो गई।

एक रात अजय बाहर थे। मैंने मौका देखकर रमेश को फोन किया। रात के नौ बजे वो मेरे घर पहुँच गया। मैंने उस रात एक पारदर्शी नाइटी पहनी थी, जिसके नीचे मेरी लाल ब्रा और पैंटी साफ दिख रही थी। मैं उसे अपने बेडरूम में ले गई। कमरे में घुसते ही रमेश ने मुझे कमर से पकड़ लिया और मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए। उसका चुंबन इतना गहरा था कि मेरी साँसें रुकने लगीं। “रानी, तू तो बिल्कुल आग है,” उसने मेरे कान में फुसफुसाया। मैंने शरमाते हुए कहा, “बस, अब तू मुझे और गर्म कर दे।”

उसने मेरी नाइटी के ऊपर से मेरे गोलवों को दबाना शुरू किया। मेरे मुँह से हल्की सी सिसकारी निकली, “आह…” उसने मेरी नाइटी उतार दी और मेरी ब्रा के हुक खोलकर मेरे गोलवों को आजाद कर दिया। वो मेरे निप्पल्स को मुँह में लेकर चूसने लगा, जैसे कोई भूखा शेर दूध पी रहा हो। मैं गर्म हो चुकी थी, मेरी चूत में गीलापन महसूस होने लगा। मैंने उसका लन्ड पकड़ा, जो पहले से ही खड़ा था। करीब सात इंच का, मोटा और गर्म। मैंने उसे धीरे-धीरे सहलाया, और वो सिसकने लगा, “रानी, तू तो जादूगरनी है।”

उसने मुझे बेड पर लिटाया और मेरी पैंटी उतार दी। मेरी चूत पूरी तरह गीली थी, और वो उसे देखकर पागल हो गया। उसने अपनी जीभ मेरी चूत पर रखी और चाटना शुरू किया। “आह… रमेश… और जोर से…” मैं सिसक रही थी। उसकी जीभ मेरी चूत के दाने को छू रही थी, और मैं तड़प रही थी। उसने अपनी उँगली मेरी चूत में डाली और अंदर-बाहर करने लगा। मेरे मुँह से चीख निकली, “उह… आह… रमेश, मुझे और चाहिए!”

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फिर उसने मुझे घोड़ी बनाया। मैंने अपने कूल्हे हवा में उठाए, और उसने अपना लन्ड मेरी चूत पर रगड़ा। “रानी, अब तुझे जन्नत दिखाता हूँ,” उसने कहा और एक जोरदार धक्का मारा। “आ…आ…आ…” मेरी चीख निकल गई। उसका लन्ड मेरी चूत को चीरता हुआ अंदर चला गया। वो धीरे-धीरे धक्के मारने लगा, और मैं हर धक्के के साथ सिसक रही थी, “उह… आह… और जोर से… फाड़ दे मेरी चूत को!” उसने मेरे कूल्हे पकड़कर और तेज धक्के मारे। मेरी चूत से पानी बह रहा था, और कमरे में ‘पच-पच’ की आवाज गूँज रही थी।

करीब बीस मिनट तक उसने मुझे घोड़ी बनाकर चोदा। फिर उसने मुझे सीधा लिटाया और मेरी टाँगें अपने कंधों पर रखीं। “अब तुझे और गहराई में ले जाऊँगा,” उसने कहा और फिर से अपना लन्ड मेरी चूत में डाल दिया। इस बार उसका हर धक्का मेरी बच्चेदानी को छू रहा था। “आ… उह… रमेश… मैं झड़ने वाली हूँ…” मैं चिल्लाई। उसने और तेज धक्के मारे, और मैं झड़ गई। मेरी चूत से पानी की धार निकली, और उसी वक्त रमेश भी झड़ गया। उसका गर्म माल मेरी चूत में भर गया।

पूरी रात हमने चार बार चुदाई की। हर बार उसने मेरी चूत को अपने माल से भरा। मैं पाँच बार झड़ी, और सुबह चार बजे तक मेरा बदन टूट चुका था। रमेश पाँच बजे चला गया, और मैं थककर बिस्तर पर नंगी ही सो गई। मेरी चूत अभी भी गीली थी, और मेरा पूरा शरीर दर्द कर रहा था।

लेकिन मेरी असली मुसीबत तब शुरू हुई जब सुबह छह बजे मुझे एक आवाज सुनाई दी, “मेमसाब… मेमसाब…” मैंने आँखें खोलीं तो देखा हमारा नौकर भोला मेरे सामने खड़ा था। भोला, 28 साल का एक हट्टा-कट्टा गाँव का लड़का, जिसकी आँखों में एक अजीब सी हवस थी। वो सिर्फ़ लुंगी में था, और उसका लन्ड लुंगी के नीचे से साफ दिख रहा था। मैंने आलस में कहा, “क्या है भोला, इतनी सुबह?”

उसने मुस्कुराते हुए कहा, “मेमसाब, मैंने रात को आपकी पूरी फिल्म देखी।” मेरे होश उड़ गए। मैं फटाक से बिस्तर पर बैठ गई, मेरी नाइटी आधी खुली थी, और मेरे गोलवे बाहर झाँक रहे थे। “क्या मतलब?” मैंने डरते हुए पूछा। उसने फोन निकाला और एक वीडियो दिखाया जिसमें मैं और रमेश चुदाई कर रहे थे। मेरी साँस अटक गई। उसने कहा, “मेमसाब, अब मुझे भी मजा दो, वरना साहब को सब बता दूँगा।”

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मैं डर गई। मैंने कहा, “भोला, प्लीज, मैं बहुत थकी हूँ। बाद में बात करते हैं।” लेकिन वो कहाँ मानने वाला था। उसने मेरे बाल पकड़े और मुझे बेड से नीचे खींच लिया। मैं चिल्लाई, “आ… आ…” लेकिन मेरी चीख पूरी होने से पहले उसने अपना लन्ड मेरे मुँह में ठूँस दिया। उसका लन्ड दस इंच का था, मोटा और काला। मेरी साँस रुक गई, लेकिन उसने मेरे मुँह में ही धक्के मारने शुरू कर दिए। “चूस साली, जोर से चूस,” उसने गुर्राया। मैं मजबूर थी। मैंने उसका लन्ड चूसना शुरू किया। उसका स्वाद नमकीन था, और वो इतना गर्म था कि मेरा मुँह जलने लगा।

पाँच मिनट बाद वो मेरे मुँह में ही झड़ गया। उसका माल इतना गाढ़ा और गर्म था कि मेरा मुँह भर गया। मैंने उसे निगल लिया, क्योंकि मेरे पास और कोई चारा नहीं था। उसने मेरी नाइटी फाड़ दी और मुझे पूरी तरह नंगी कर दिया। “अब तुझे असली मजा देता हूँ,” उसने कहा और मुझे बेड पर लिटा दिया।

वो मेरे ऊपर चढ़ गया और मेरे गोलवों को जोर-जोर से दबाने लगा। “आह… भोला, धीरे…” मैंने कहा, लेकिन वो मेरी बात सुनने के मूड में नहीं था। उसने मेरे निप्पल्स को मुँह में लिया और चूसने लगा। उसकी जीभ मेरे निप्पल्स पर गोल-गोल घूम रही थी, और मुझे मजा आने लगा। फिर वो मेरे पेट को चूमता हुआ नीचे गया और मेरी चूत पर अपनी जीभ रख दी। उसकी जीभ मेरी चूत के दाने को छू रही थी, और मैं तड़प रही थी। “आह… भोला… तू तो कमाल है…” मेरे मुँह से निकल गया।

उसका लन्ड फिर से खड़ा हो गया था। मैंने उसे नीचे लिटाया और उसके होंठ चूमने लगी। उसका लन्ड मैंने हाथ में लिया और सहलाने लगी। वो फिर से दस इंच का हो गया था। मैंने उसे मुँह में लिया और चूसने लगी। “मेमसाब, मैं फिर झड़ जाऊँगा,” उसने कहा। मैंने कहा, “नहीं, अब मेरी चूत में डाल।”

मैंने उसे बेड पर लिटाया और उस पर चढ़ गई। उसका लन्ड मेरी चूत पर रगड़ा, और मैंने धीरे से उसे अंदर लिया। “आ… उह…” मेरी सिसकारी निकली। उसका लन्ड मेरी चूत को फाड़ रहा था। मैं धीरे-धीरे ऊपर-नीचे होने लगी, और वो मेरे कूल्हे पकड़कर मुझे और तेज करने लगा। “साली, तेरी चूत तो बहुत टाइट है,” उसने कहा। मैंने कहा, “भोला, मेरी चूत को फाड़ दे!”

उसने मुझे नीचे पटका और मेरी टाँगें फैलाकर अपना लन्ड मेरी चूत में डाल दिया। “आ… आ… उह…” मेरी चीख निकली। वो जोर-जोर से धक्के मारने लगा, और मेरे गोलवे दबाता रहा। कमरे में ‘पच-पच’ की आवाज गूँज रही थी। मैंने कहा, “भोला, मेरी गान्ड में भी डाल!” उसने अपनी उँगली मेरी गान्ड में डाली, और मैं चिल्लाई, “आ… आ… और जोर से!”

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करीब आधे घंटे तक उसने मुझे अलग-अलग पोज में चोदा। कभी घोड़ी बनाकर, कभी मेरी टाँगें उठाकर, कभी मुझे अपनी गोद में बिठाकर। आखिर में हम दोनों एक साथ झड़ गए। उसका माल मेरी चूत में भर गया, और मैं थककर उसके सीने पर गिर गई।

वो बोला, “मेमसाब, अब रोज चुदाई करेंगे। मेरे दो दोस्त भी हैं, उन्हें भी मजा चाहिए।” मैंने डर के मारे हाँ कह दिया, लेकिन मुझे क्या पता था कि ये हाँ मेरी जिंदगी बदल देगी।

सुबह नौ बजे मैं बमुश्किल बेड से उठी और बाथरूम गई। मैं पूरी नंगी थी, और मेरी चूत अभी भी खुली हुई थी। मैंने शावर लिया, और जैसे ही साबुन लगाया, मेरी आँखें बंद हुईं। तभी मुझे पीछे से किसी के आने की आहट हुई। उसने मेरे दोनों हाथ पकड़ लिए, और मैंने महसूस किया कि उसका लन्ड मेरे कूल्हों के बीच टकरा रहा था। मैंने मुड़कर देखा, वो भोला था। उसने मुझे घोड़ी बनाया और मेरी चूत पर अपना लन्ड रख दिया। “भोला, अब नहीं…” मैंने कहा, लेकिन उसने मेरी कमर पकड़ी और एक जोरदार धक्का मारा। “आ… उ… उह…” मेरी चीख निकली। उसका लन्ड मेरी चूत को चीरता हुआ अंदर चला गया।

वो मुझे जोर-जोर से चोदने लगा। मेरे मुँह से बस “आ… उह… आ…” की आवाजें निकल रही थीं। पन्द्रह मिनट बाद उसने अपना लन्ड मेरी चूत से निकाला और मुझे घुटनों पर बिठाकर मेरे मुँह में डाल दिया। “चूस, साली, जोर से चूस!” उसने कहा। मैंने उसका लन्ड चूसा, और वो मेरे मुँह में झड़ गया। उसका माल इतना गर्म और गाढ़ा था कि मैं हैरान रह गई। उसने मुझे नहलाया और बेड पर लिटा दिया। मैं थककर सो गई।

ये मेरी पहली रात की चुदाई थी। इसके बाद भोला से, फिर रमेश से, फिर भोला और उसके दोस्तों से, दूधवाले से, और यहाँ तक कि मेरे पति से भी मेरी चुदाई हुई। मेरी जिंदगी अब चुदाई की कहानियों से भरी है। मैं अपनी सारी कहानियाँ आपको भेजूँगी। पहले आप मुझे बताएँ कि ये कहानी आपको कैसी लगी?

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