Mom son karva chauth sex story – Cuckold Husband on video call: नमस्कार दोस्तों, मैं आज आप सबको अपनी जिंदगी की वो सच्ची कहानी सुनाने जा रही हूँ जो मेरे पति ने मुझे हमेशा के लिए खुश रखने का तोहफा दिया। ये कहानी मेरी और मेरे बेटे के बीच की है, जिसमें पति ने खुद प्लान बनाया कि मैं अपने बेटे से चुदवाऊँ। चलिए सीधे कहानी पर आते हैं। मेरे पति फौज में हैं, पहले हम सब गांव में रहते थे, लेकिन अब मेरे पति ने शहर में एक मकान खरीदकर हमें दे दिया। अब मैं और मेरा बेटा शहर में अकेले रहते हैं। मेरी उम्र अभी ۳८ साल है, मेरे बेटे की उम्र १८ साल है, और मेरे पति की उम्र ६५ साल है। जब मेरी शादी हुई थी, तब मैं सिर्फ १४ साल की थी, क्योंकि मेरे माता-पिता बहुत गरीब थे और पति फौज में होने की वजह से घरवालों ने जल्दी शादी कर दी।
मेरे पति अब फौजियों की गाड़ी चलाते हैं, लेकिन मोटापे की वजह से उनका वजन ९० किलो हो गया है, वो सेक्स करने में बिल्कुल असमर्थ हो गए हैं। मेरा वजन सिर्फ ४२ किलो है, पतली कमर, लेकिन मेरे सीने बहुत बड़े हैं, दूध एकदम मैंगो जैसे गोल-मटोल और भरे हुए, छाती ३६ इंच की, कमर पतली और छुतड़ बाहर निकले हुए। मेरा बेटा हाई स्कूल पास करके अब कॉलेज में है, उसका वजन ५५ किलो है, दुबला-पतला लेकिन तगड़ा बदन, और उसका लंड… बाद में बताऊँगी कितना खतरनाक है। पति जब फोन पर सेक्सी बातें करते हैं, तो मुझे बहुत जोश आता है, लेकिन वो खुद कुछ कर नहीं पाते। एक दिन करवा चौथ का व्रत था, पति को छुट्टी नहीं मिल रही थी।
वो मुझसे बोले, “सुनो, मुझे करवा चौथ देखनी है, वो भी तुम्हें चोदते हुए देखनी है।”
मैं हैरान होकर बोली, “कैसे करूँ? तुम तो हो नहीं यहाँ।”
वो बोले, “मैं एक प्लान बनाता हूँ, तुम बस मेरे प्लान के हिसाब से चलना।”
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मैंने कहा, “ठीक है।”
फिर वो बोले, “रात को मेरे हिस्से के फल-फ्रूट बेटे को देना, कहना कि ये तुम्हारे पापा के हैं, और जब पापा नहीं होते तो पापा के बदले का सारा काम बेटे को ही करना पड़ता है, चाहे वो शादी का हो या कुछ और। मेरा एक ही बेटा है।”
रात को पति का फोन आया, मैं पकवान बना रही थी, बेटा पास ही था। पति बोले, “मुझे बेटे से बात करनी है।” मैंने बेटे को फोन पकड़ाया और कहा, “अंदर जाकर बात करो।” बेटा रूम में गया और बात करने लगा।
पति ने बेटे से कहा, “बेटे, मुझे हार्ट की प्रॉब्लम हो रही है, डॉक्टर ने कहा कई साल जीने को नहीं, मुझे टेंशन में इंजॉय देखना है।”
बेटा बोला, “पापा, मैं आपका बेटा हूँ, आपका दर्द समझता हूँ, आपके लिए जान दे सकता हूँ, बोलो क्या करना है।”
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पति बोले, “तुम बस अपनी मम्मी के इशारों पर चलना, रात को मेरे हिस्से के फल-फ्रूट खाना और मेरे हिस्से का काम करना।”
बेटा बोला, “ओके पापा, मैं कर लूँगा।”
पति बोले, “वेल डन बेटे, आखिर बेटा मेरा ही है।” फिर बेटे ने मुझे फोन दिया। पति मुझसे बोले, “मैंने बेटे से बात कर ली, तुम बस शोर मत करना, इशारों से काम लेना।” मैं घबरा रही थी, लेकिन बोली, “ठीक है।”
रात को चाँद निकला, मैंने जल दिया, पूजा की, फिर अपने रूम में आई। बेटे को हाथ से इशारा किया कि मेरे साथ आओ। वो चुपचाप आ गया। मैंने कहा, “पानी पियो।” उसने पानी पिया। फिर मैंने पति के हिस्से के फल-फ्रूट उसके सामने रखे और बोली, “ये तुम्हारे पापा के हैं, खाओ।”
बेटा बोला, “मम्मी, पापा ने कहा है ना, मुझे मालूम है, बस तुम हुक्म करो, मैं क्या करूँ।”
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मैंने धीरे से कान में फुसफुसाया, “तुम्हें मेरे दूध पीने हैं, कैमरे के सामने, तुम्हारे पापा देखेंगे।”
बेटा बोला, “ठीक है मम्मी।” फिर मैंने अपना ब्लाउज धीरे-धीरे निकाला, ब्रा भी उतारी, मेरे बड़े-बड़े दूध बाहर आ गए, निप्पल्स टाइट होकर खड़े थे। बेटा पास आया, पहले मेरे निप्पल को चूमा, फिर मुँह में लेकर चूसने लगा। “मम्मी, कितने नरम हैं…” वो बोला। मैंने कहा, “आराम से, जल्दी मत।” उसने एक दूध चूसा, हाथ से दूसरे को मसलता रहा, निप्पल को जीभ से घुमाता, चूसता, काटता हल्के से। मैं सिसकारी ले रही थी, “आह्ह… स्स्स… बेटा, अच्छा लग रहा है…” मेरी चूत गीली हो रही थी, मैंने उसका सिर दबाया अपने दूधों में।
फिर मैंने कहा, “अब मेरी नाभि चूमो।” वो नीचे झुका, नाभि पर किस किया, जीभ से चाटा, ऊपर से दूधों की तरफ आता रहा, दोनों दूधों को बारी-बारी चूसता। मैंने अपना पेटीकोट खोल दिया, अब सिर्फ पैंटी थी। बेटे ने मेरी पैंटी भी उतार दी, मैं पूरी नंगी हो गई। मेरी चूत पर हल्के बाल, गीली थी। बेटा घबराया नहीं, मेरे पैरों को चूमा, जाँघों को, फिर चूत के पास आया। मैंने इशारा किया, वो मेरी चूत चाटने लगा, जीभ अंदर डालकर, क्लिट को चूसता। “आह्ह… बेटा… उफ्फ्फ… ऐसे ही…” मैं काँप रही थी।
अब बेटे का लंड देखा तो होश उड़ गए। उसने अपना पैंट उतारा, लंड बाहर आया – मेरे पति से डबल मोटा, डबल लंबा, कम से कम ९ इंच, मोटाई ऐसी कि मुट्ठी नहीं भरती। मैं डर गई, सोचा ये तो मेरी चूत फाड़ देगा। लेकिन बेटा नादान था, कुछ नहीं बोला, बस मेरे माथे को किस किया, होठों को चूमा, दूधों को मसलता रहा। मैंने इशारा किया, वो मेरे ऊपर आया। मैंने उसका लंड पकड़ा, अपनी चूत पर रखा। पहले झटके में आधा लंड अंदर गया, मेरी चीख निकल गई, “आआआह्ह्ह… उई माँ… फट गई…!” चूत से खून जैसा गंदा पानी निकला, जलन हुई। बेटा डर गया, रुक गया। मैंने दिलासा दिया, “कुछ नहीं बेटा, ऐसे ही होता है पहली बार, गंदा पानी है, जारी रख।”
बेटा बोला, “ठीक है मम्मी।” फिर धीरे-धीरे धक्के मारने लगा। पूरा लंड अंदर जाता तो मैं बेहोश सी हो जाती, लेकिन जोश में थी, उसका साथ दे रही थी। “आह्ह… स्स्स… बेटा… धीरे… उफ्फ्फ… कितना मोटा है तेरा लंड… मेरी चूत भर दी…” वो बोला, “मम्मी, टाइट है तुम्हारी… आह्ह…” मैंने पैर उसके कमर पर लपेटे, वो घोड़ी स्टाइल में धक्के मारता, मेरे दूध उछलते। फिर मैं ऊपर आई, उसका लंड पकड़कर बैठ गई, धीरे-धीरे उछली, “पछ पछ… आह्ह… उम्ह्ह…” आवाजें आ रही थीं। बेटे ने मेरे छुतड़ पकड़े, नीचे से धक्के मारे। मैंने उसकी छाती चाटी, निप्पल काटे।
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फिर मैंने कहा, “बेटा, अब पीछे से…” वो पीछे आया, मेरी गांड ऊपर की, लंड चूत में डाला, डॉगी स्टाइल में जोर-जोर से पेलने लगा। “पट पट पट… आह्ह… मम्मी… कितनी गर्म है तुम्हारी बुर… उफ्फ्फ…” मैं चिल्लाई, “चोद बेटा… जोर से… फाड़ दे अपनी मम्मी की चूत… आआह्ह्ह… हाँ… ऐसे ही…” उसने मेरे बाल पकड़े, कमर पकड़ी, तेज धक्के मारे। मैंने तकिया मुँह में दबाया, लेकिन मोअन निकल रहे थे, “उम्ह्ह्ह… ओह्ह्ह… बेटा… आह्ह…” वो मेरी गांड पर थप्पड़ मारता, लंड अंदर-बाहर। फिर मैंने उसे लिटाया, ६९ पोजीशन में, मैं उसका लंड चूसा – मुँह में लिया, जीभ घुमाई, गले तक उतारा, वो मेरी चूत चाटता। “मम्मी… तुम्हारा रस… मीठा है…” मैं बोली, “चूस बेटा… पूरा…”
फिर वापस मिशनरी में, वो मेरे ऊपर, लंड पूरा अंदर, धक्के तेज। मेरी चूत से आवाजें, “फछ फछ… पछ पछ…” मैं झड़ने लगी, “आह्ह… बेटा… मैं गई… उफ्फ्फ…” शरीर काँपा, लेकिन वो रुका नहीं, जारी रखा। उसकी उम्र कम लेकिन स्टैमिना, लंड तगड़ा। आखिर वो बोला, “मम्मी… आने वाला है…” मैं बोली, “अंदर ही डाल… पापा देख रहे हैं…” वो जोर से धक्का मारा, वीर्य अंदर छोड़ दिया, गर्म-गर्म। हम दोनों पसीने से तर, चिपके हुए लेटे।
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मम्मी को ही पेल दिया