School Classmate Hardcore Sex Story: हाय दोस्तों, मेरा नाम अरुण है। मैं 18 साल का हूँ और बारहवीं क्लास में पढ़ता हूँ। मेरी स्कूल में लड़के और लड़कियाँ दोनों साथ पढ़ते हैं। मेरी क्लासमेट मुस्कान, जो 18 साल की है, दिखने में इतनी खूबसूरत है कि क्या बताऊँ! उसकी गोरी रंगत, लंबे काले बाल, और वो हल्की-सी मुस्कान जो हर किसी का दिल चुरा लेती है। उसका फिगर तो ऐसा है कि बस देखते ही बनता है—34-28-36, और वो अपनी हिजाब में और भी प्यारी लगती है। हम दोनों पहले अच्छे दोस्त थे, फिर धीरे-धीरे बातें बढ़ीं और हम गर्लफ्रेंड-बॉयफ्रेंड बन गए। लेकिन मुस्कान के घर का माहौल बहुत सख्त था। उसके पापा और भाई को अगर पता चलता कि वो मुझसे मिलती है, तो बवाल मच जाता। इसलिए हम कभी अकेले में नहीं मिल पाए।
एक दिन मौका मिला। मुस्कान ने बताया कि उसके घरवाले गाँव जा रहे हैं और उसे उसकी सहेली के घर रुकने को कहा गया है। उसने हामी भर दी, लेकिन मेरे दिमाग में तो लड्डू फूटने लगे। मैंने सोचा, आज तो मौका है! मैंने शाम को उसे कॉल किया।
“हाय, मुस्कान, आज मिल सकते हैं क्या?” मैंने उत्साह से पूछा।
उसने थोड़ा हिचकते हुए कहा, “हाँ, रुको, मैं देखकर बताती हूँ।”
मैंने “हाँ” बोला और फोन काट दिया। थोड़ी देर बाद उसका कॉल आया।
“ठीक है, अरुण, आज मिलेंगे। लेकिन कहाँ?” उसकी आवाज़ में थोड़ा डर और उत्साह दोनों थे।
“यार, कहीं बाहर चलते हैं। आज स्कूल बंक मारते हैं,” मैंने कहा, मन ही मन खुशी से उछलते हुए।
“हाँ, ठीक है, पर कहाँ जाएँगे?”
“मैं लेके जाता हूँ। मुझे एक जगह पता है, वहाँ कोई आता-जाता नहीं। जंगल के पास एक छोटा-सा वॉटरफॉल है, वहीँ चलते हैं।”
“ठीक है,” उसने कहा, फिर थोड़ा शरमाते हुए पूछा, “क्या पहनकर आऊँ?”
मैं तो मन ही मन पागल हो गया। हँसते हुए बोला, “वो व्हाइट स्लीवलेस टी-शर्ट, मिनी स्कर्ट, और हिजाब।”
“हाँ, ठीक है। मिलते हैं,” उसने हल्के से हँसते हुए कहा।
मैं तो बस ये सोचकर पागल हो रहा था कि आज मुस्कान की चूत फाड़ने का मौका मिलेगा। उसको तो शायद अंदाज़ा भी नहीं था कि मेरे दिमाग में क्या चल रहा है। मैंने अपनी बाइक निकाली, थोड़ा स्टाइल में तैयार हुआ—ब्लैक जीन्स, व्हाइट शर्ट, और हल्का-सा परफ्यूम लगाया। मन में बस एक ही ख्याल था—आज का दिन यादगार होगा।
उसका कॉल फिर आया। “अरुण, मैं बस स्टॉप पर खड़ी हूँ। तू कहाँ है?”
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“बस 10 मिनट में आया,” मैंने जल्दी से कहा।
“जल्दी आ, ठीक है,” उसकी आवाज़ में थोड़ा बेसब्री थी।
मैं बाइक भगाकर बस स्टॉप पहुँचा। वहाँ मुस्कान खड़ी थी—व्हाइट स्लीवलेस टी-शर्ट में उसकी गोरी बाहें चमक रही थे, मिनी स्कर्ट में उसकी टाँगें इतनी सेक्सी लग रही थीं कि मैं बस देखता रह गया। हिजाब में उसका चेहरा और भी मासूम और हॉट लग रहा था। मैंने उसे बाइक पर बिठाया। वो पीछे बैठकर मेरी कमर पकड़ ली, और उसका गर्म स्पर्श मेरे बदन में करंट दौड़ा गया। हम जंगल की तरफ निकल पड़े। रास्ते में वो मुझसे सटकर बैठी थी, और उसकी साँसें मेरे कंधे पर महसूस हो रही थीं।
करीब आधे घंटे बाद हम उस सुनसान जगह पर पहुँचे। वहाँ एक छोटा-सा वॉटरफॉल था, चारों तरफ घना जंगल, और दूर-दूर तक कोई नहीं। मैंने बाइक रोकी, और हम नीचे उतरे। हवा में हल्की-सी ठंडक थी, और वॉटरफॉल की आवाज़ माहौल को और रोमांटिक बना रही थी।
मुस्कान अचानक बोली, “अरुण, मुझे पिशाब करना है।”
मैंने मज़ाक में कहा, “अरे, यहाँ तो इतनी जगह है, कहीं भी कर ले।”
वो थोड़ा शरमाई, “ठीक है, तू उधर जा, मैं अभी आती हूँ।”
मैंने हँसते हुए कहा, “क्यों? मैं यहाँ हूँ तो क्या प्रॉब्लम है? अगर कोई साँप आ गया तो?”
“हाय अल्लाह, मुझे साँप से बहुत डर लगता है,” उसने घबराते हुए कहा। “ठीक है, यहीं रुक, लेकिन इधर मत देख।”
“हाँ, ठीक है, मैं यहीं हूँ,” मैंने कहा, लेकिन मन में तो कुछ और ही चल रहा था।
वो थोड़ा दूर गई और झाड़ियों के पीछे बैठ गई। जैसे ही उसने पिशाब शुरू किया, “प्प्प्र्र्र” की आवाज़ आई। मैंने मौका देखकर चुपके से उसकी तरफ बढ़ा और सामने बैठ गया। उसकी मिनी स्कर्ट ऊपर थी, और उसकी पैंटी थोड़ी नीचे। उसकी गोरी, चिकनी चूत से पिशाब की धार निकल रही थी। उसकी चूत इतनी पिंक और खूबसूरत थी कि मैं पागल हो गया। उसका लाल-सा दाना और गीली चूत देखकर मेरा लंड तन गया।
“हाय अल्लाह, ये क्या कर रहा है?” मुस्कान चिल्लाई, उसकी आवाज़ में शर्म और गुस्सा दोनों थे।
“चुप कर, तेरा काम कर। मुझे तो बस देखना है,” मैंने शरारत से कहा।
“छी, हट सामने से! तू बहुत गंदा है!” वो शरमाते हुए बोली, लेकिन पिशाब रोक नहीं पाई।
“अरे, मैं तेरा बॉयफ्रेंड हूँ। मेरा हक है। जो करना है, करूँगा,” मैंने हँसते हुए कहा।
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“हाय, मैं तुझे बाद में बताती हूँ। अब जो करना है कर,” उसने लाचार-सी आवाज़ में कहा।
मैं और करीब गया। उसकी चूत से निकलती पिशाब की धार को देखकर मेरा लंड जीन्स में तड़पने लगा। जैसे ही वो उठी, मैंने उसे बाहों में खींच लिया। उसकी पैंटी अभी भी पूरी तरह ऊपर नहीं चढ़ी थी। मैंने उसे ज़ोर से किस करना शुरू किया। उसके होंठ इतने नरम थे कि मैं पागल हो गया। एक हाथ से मैंने उसकी टी-शर्ट के ऊपर से उसके 34 साइज़ के चूचे दबाए, और दूसरे हाथ से उसकी गीली चूत में उंगली डाल दी।
“हाय अल्लाह, अरुण, ये क्या कर रहा है? चोद दे मुझे, आह्ह,” वो कराहते हुए बोली।
“आज तुझे चोद के ही छोडूंगा,” मैंने कहा और उसे ज़मीन पर लिटा दिया। उसकी टी-शर्ट ऊपर की और उसके चूचे ब्रा से बाहर निकाले। उसके गुलाबी निप्पल देखकर मैंने मुँह लगाया और ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगा। “आआह्ह, अम्मी, हाय अल्लाह,” वो कराह रही थी। उसकी आवाज़ में दर्द और मज़ा दोनों थे। मैंने एक चूचा मुँह में लिया और दूसरे को ज़ोर से दबाया। उसकी साँसें तेज़ हो रही थीं।
मैं नीचे गया और उसकी पैंटी पूरी तरह उतार दी। उसकी चूत अभी भी गीली थी, और उसकी खुशबू मुझे और पागल कर रही थी। मैंने अपना मुँह उसकी चूत पर रखा और ज़ोर से चूसना शुरू किया। “अरुण, ये क्या कर रहा है? चोद दे ना, ये मत कर,” वो चिल्लाई।
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“चुप कर, आज तेरी चूत का रस पीना है,” मैंने कहा और उसकी चूत का दाना चूसने लगा। मेरी जीभ उसकी चूत के अंदर-बाहर हो रही थी। वो पूरी तरह बेकाबू हो गई। “आआह्ह, अम्मी, हाय अल्लाह, अरुण, रुक जा, आआह्ह, नहीं, रुक,” वो चिल्ला रही थी। मैंने 20 मिनट तक उसकी चूत चाटी, और वो दो बार झड़ गई। उसका रस मेरे मुँह पर था, और मैंने सारा चाट लिया।
अब मैंने अपने कपड़े उतारे। मेरा 7 इंच का लंड पूरा तना हुआ था। मैंने उसे मुस्कान की चूत पर रगड़ा। वो तड़प रही थी, “अरुण, डाल दे, हाय, और मत तड़पा।” मैंने ज़ोर का धक्का मारा, और मेरा पूरा लंड उसकी चूत में घुस गया। “आआआह्ह्ह, नहीं, निकाल, दर्द हो रहा है, हाय अल्लाह,” वो चिल्लाई। लेकिन मैंने नहीं सुना। मैंने ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारने शुरू किए। “चप्प-चप्प” की आवाज़ जंगल में गूँज रही थी। “आह्ह, अरुण, धीरे, आह्ह, अल्लाह,” वो कराह रही थी।
10 मिनट तक मैंने उसे चोदा, फिर लंड निकाला और फिर से उसकी चूत चाटने लगा। वो अब पूरी तरह पागल हो चुकी थी। “अरुण, बस कर, चोद दे, आह्ह,” वो चिल्ला रही थी। मैंने फिर से लंड डाला और ज़ोर-ज़ोर से चोदने लगा। उसके चूचे उछल रहे थे, और मैं उन्हें दबाते हुए चोद रहा था। “आआह्ह, अरुण, मैं झड़ रही हूँ, आआह्ह,” वो चिल्लाई और फिर से झड़ गई। मैंने भी ज़ोर से धक्के मारे और उसकी चूत में ही झड़ गया।
हम दोनों हाँफ रहे थे। वो मेरी बाहों में लेटी थी, उसकी साँसें अभी भी तेज़ थीं। मैंने उसे किस किया और कहा, “अब तो तू मेरी है।” उसने शरमाते हुए कहा, “तू बहुत गंदा है, पर मजा आया।”
आगे क्या हुआ, वो अगली कहानी में बताऊँगा। आप क्या सोचते हैं, मुस्कान और अरुण का ये रिश्ता कहाँ तक जाएगा? कमेंट में बताएँ!