हाय दोस्तों, मैं सैंडी, उम्र 25 साल, हाइट 5.4 फीट, लेकर आया हूँ एक नई कहानी। ये कहानी है मेरी मौसी राधा की, जिनकी उम्र 38 साल है, लेकिन वो दिखती हैं 30 की। उनकी हाइट 5.5 फीट है और फिगर 36-32-38, बिल्कुल कातिलाना। मौसी की खूबसूरती ऐसी है कि कोई भी एक बार देखे तो बस देखता रह जाए। उनके बड़े-बड़े मम्मे, गोरी कमर और भारी गांड हर किसी का ध्यान खींच लेते हैं। मौसी का घर मेरे घर से सिर्फ 5 किलोमीटर दूर है और वो मेरे कॉलेज के रास्ते में पड़ता है। मौसी का एक बेटा है, जो बोर्डिंग स्कूल में पढ़ता है, और मौसाजी सरकारी नौकरी में हैं, जो हफ्ते में 2-3 दिन काम के सिलसिले में बाहर रहते हैं। मौसी के सास-ससुर गाँव में अपनी छोटी बेटी के पास रहते हैं।
मैं जब भी मौका मिलता, मौसी के घर चला जाता। मौसी मुझसे बहुत फ्रैंक हैं, जैसे मेरी दोस्त। मैं उन्हें कॉलेज की सारी बातें बताता, यहाँ तक कि सेक्स की बातें भी कभी-कभी हो जाती थीं। मेरे कॉलेज के एग्जाम नजदीक आ रहे थे, और मौसी ने मम्मी को फोन करके कहा, “बेटा, सैंडी का कॉलेज मेरे घर के पास है, और एग्जाम भी आने वाले हैं, तो इसे कुछ दिन मेरे पास रहने दे।” मम्मी मान गईं और मुझे दस दिन के लिए मौसी के घर भेज दिया।
रात के 9 बजे मैंने मौसी के घर की बेल बजाई। दरवाजा खुलते ही मैं तो बस मौसी को देखता रह गया। मौसी ने टाइट गाउन पहना था, जिसमें उनके बड़े-बड़े मम्मे साफ दिख रहे थे। उनकी निप्पल्स तक हल्की-सी उभरी हुई थीं, जैसे गाउन के अंदर कुछ भी नहीं पहना हो। मैं तो बस उनके मम्मों को घूरने लगा।
मौसी: अरे, सैंडी, ऐसे क्या देख रहा है?
मैं: कुछ नहीं मौसी, बस आप आज रोज से भी ज्यादा खूबसूरत लग रही हो।
मौसी: (हँसते हुए) अरे, पहले कभी अच्छी नहीं लगती थी क्या?
मैं: ऐसा नहीं मौसी, लेकिन आज तो आप गजब ढा रही हो।
मैं अंदर गया और हमेशा की तरह मौसी को गले लगाया। मौसी ने भी मुझे जोर से हग किया और मेरे माथे पर प्यार से किस किया। फिर मैं फ्रेश होने गया, और हमने साथ में खाना खाया। खाने के बाद मैं बाहर सोफे पर सो गया, लेकिन रात भर नींद नहीं आई। मेरे दिमाग में बस मौसी के मम्मे घूम रहे थे। उनकी गाउन में उभरी हुई निप्पल्स, उनकी भारी गांड का उभार, सब कुछ मेरे दिमाग में बार-बार आ रहा था। किसी तरह सुबह हुई।
सुबह मौसी ने मुझे उठाया। मैं फ्रेश होकर कॉलेज गया, लेकिन वहाँ भी मेरा मन पढ़ाई में नहीं लगा। मेरे दिमाग में बस मौसी की गोरी कमर, उनके भारी मम्मे और उनकी गाउन में दिखती हुई चूत का आकार घूम रहा था। मैंने सोचा, आज तो जल्दी घर जाना है। दोपहर को मैं जल्दी मौसी के घर पहुँच गया। मौसी घर पर अकेली थीं, क्योंकि मौसाजी काम के सिलसिले में बाहर गए थे। मौसी फिर से एक टाइट गाउन में थीं, जिसमें उनके मम्मे और भी ज्यादा उभर रहे थे। गाउन का गला इतना खुला था कि उनके मम्मों की गहरी खाई साफ दिख रही थी।
मौसी: अरे, सैंडी, इतनी जल्दी कैसे आ गया? कुछ हुआ क्या?
मैं: बस, मौसी, मन नहीं लग रहा था कॉलेज में।
मैं उनकी ओर देख रहा था, और मेरी नजरें बार-बार उनके मम्मों पर जा रही थीं। मौसी ने शायद ये नोटिस कर लिया, लेकिन कुछ बोलीं नहीं।
मौसी: अच्छा, तू फ्रेश हो जा, मैं कुछ खाने को बनाती हूँ।
मौसी किचन में चली गईं। मैं टीवी देखने लगा, लेकिन मेरा ध्यान बार-बार मौसी की ओर जा रहा था। कुछ देर बाद मौसी मॅगी लेकर आईं। जब वो मुझे मॅगी सर्व कर रही थीं, तो उनका गाउन का एक बटन खुला हुआ था, जिससे उनके मम्मों का आधा हिस्सा साफ दिख रहा था। मैं तो बस उन्हें घूरता रह गया। मौसी ने मुझे देखा और शायद समझ गईं कि मैं क्या देख रहा हूँ, लेकिन वो चुप रहीं। मैंने मॅगी खाई और मौसी के बगल में बैठकर टीवी देखने लगा।
मौसी: अच्छा हुआ तू जल्दी आ गया, मैं तो अकेले बोर हो रही थी।
मैं: हाँ, मौसी, मुझे भी लगा कि आप अकेले बोर हो रही होंगी, इसलिए जल्दी चला आया।
मौसी: (हँसते हुए) अरे, कोई गर्लफ्रेंड का चक्कर तो नहीं?
मैं: नहीं, मौसी, मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं। मैं तो अकेला हूँ। (मैंने मजाक में कहा) वैसे, आप मेरी गर्लफ्रेंड बन जाओगी?
मौसी: (हँसते हुए) अरे, सोचकर बताऊँगी। गर्लफ्रेंड बनाओगे तो मुझे गिफ्ट्स देने होंगे, घुमाने ले जाना होगा।
मैं: ठीक है, मुझे मंजूर है। आज से आप मेरी गर्लफ्रेंड।
मौसी हँसने लगीं और बोलीं, “वाह, आजकल तू तो बहुत प्यारी-प्यारी बातें करने लगा है।” मैंने कहा, “नहीं, मौसी, सच में आप दिन-ब-दिन और खूबसूरत लग रही हो।” मैं उनकी ओर देख रहा था, और मेरी नजरें बार-बार उनके मम्मों पर जा रही थीं।
मौसी: (शरारत से) क्या देख रहा है, सैंडी? मेरे मम्मों को?
मैं: (शरमाते हुए) हाँ, मौसी, आपके मम्मे तो बहुत रसीले लग रहे हैं।
मौसी: (हँसते हुए) अरे, रसीले? तुझे कैसे पता? कभी इनका रस पिया है?
मैं: (हिम्मत करके) रस तो नहीं पिया, लेकिन पीना चाहूँगा, अगर आपको बुरा न लगे।
मौसी शरमा गईं, लेकिन कुछ बोलीं नहीं। मैं उनके और करीब गया और पीछे से उन्हें पकड़ लिया। उनके कान में धीरे से कहा, “मौसी, मेरे दोस्त ने अपनी गर्लफ्रेंड को पहली डेट पर 15 मिनट तक लिप-टू-लिप किस किया था। मैं भी आपको किस करना चाहता हूँ।” मौसी ने शरमाते हुए “नहीं” कहा, लेकिन उनकी आँखों में हल्की-सी शरारत थी। मैं समझ गया कि वो तैयार हैं।
मैंने मौसी को अपनी बाहों में लिया और उनके होंठों पर अपने होंठ रख दिए। हम दोनों 15 मिनट तक एक-दूसरे को किस करते रहे। किस करते-करते मैंने उनके नरम, भारी मम्मों पर हाथ फेरना शुरू किया। उनके मम्मे इतने मुलायम थे कि मेरे हाथ बार-बार उनके निप्पल्स को छू रहे थे, जो अब सख्त हो चुके थे। मौसी भी मेरे बालों में हाथ फेर रही थीं और मेरे किस का जवाब दे रही थीं। किस खत्म होने के बाद मौसी ने मेरी ओर देखा, और उनकी आँखों में एक अलग ही चमक थी। मैं समझ गया कि वो अब पूरी तरह तैयार हैं।
मैंने मौसी को गोद में उठाया और बेडरूम में ले गया। बेड पर लिटाकर मैंने फिर से उन्हें जोर-जोर से किस करना शुरू किया। उनके गले पर, उनकी गर्दन पर, मैं हर जगह किस करता गया। उनके मम्मों को मैंने हल्के-हल्के दबाना शुरू किया, और मेरा लंड उनकी गांड पर रगड़ रहा था। मौसी की साँसें तेज हो रही थीं। मैंने उनका गाउन उतारा। उनकी काली ब्रा में उनके मम्मे और भी सेक्सी लग रहे थे। मैंने उनकी ब्रा भी उतार दी, और उनके बड़े-बड़े, रसीले मम्मे मेरे सामने थे। मैं तो पागल हो गया।
मैं: मौसी, क्या मस्त मम्मे हैं आपके! आज तो मैं इन्हें खा ही जाऊँगा। कितना रस भरा है इनमें!
मौसी: (सिसकारते हुए) ओह, सैंडी, आराम से! दुख रहा है… स्स्स्स…
मैं: मौसी, इतने मस्त मम्मे आपने कहाँ छुपा रखे थे? अब तो मैं इन्हें चूस-चूसकर पूरा रस निकाल दूँगा।
मैंने उनके एक मम्मे को मुँह में लिया और जोर-जोर से चूसने लगा। उनका निप्पल मेरे मुँह में था, और मैं उसे चूसते हुए उनकी दूसरी चूची को जोर-जोर से दबा रहा था। मौसी सिसकारियाँ भर रही थीं, “ओह, सैंडी… कितना मस्त चूसता है तू… मेरे मौसाजी तो इनको छूते भी नहीं। आज तू इनका सारा रस पी जा… स्स्स्स… मजा आ रहा है…” मैं उनके मम्मों को चूसता रहा, और फिर धीरे-धीरे नीचे की ओर बढ़ा। उनकी नाभि पर जीभ फेरी, जिससे मौसी की हालत और खराब हो गई। वो सिसकारियाँ भर रही थीं, “हाय… सैंडी… और कर… मजा आ रहा है…”
फिर मैं उनकी चूत के पास पहुँचा। मैंने उनकी पैंटी उतारी। वाह! क्या मस्त चूत थी। काले-काले बालों में छुपी हुई, लाल-लाल, फूली हुई, जैसे पावरोटी। उसमें से हल्का-हल्का पानी निकल रहा था। मैंने धीरे से उनकी चूत पर जीभ फेरी। मौसी चिल्ला उठीं, “हाय… सैंडी… क्या कर रहा है… मार डालेगा आज तू…” मैंने उनकी चूत में जीभ डाल दी और जोर-जोर से चूसने लगा। मौसी की सिसकारियाँ तेज हो गईं, “ओह… चूस… और जोर से चूस… हाय… इतना मजा तो कभी नहीं आया…” मैं उनकी चूत को जीभ से चोदता रहा। उनका स्वाद इतना मस्त था कि मैं रुक ही नहीं पा रहा था। कुछ देर बाद मौसी ने जोर से चिल्लाया, “हाय… सैंडी… मेरा निकलने वाला है…” और फिर उनकी चूत से ढेर सारा पानी मेरे मुँह पर निकल गया। मेरा मुँह उनकी चूत के रस से भर गया।
मौसी: (हाँफते हुए) वाह, सैंडी… तूने तो कमाल कर दिया। कितने दिनों बाद मेरा पानी निकला। तूने बिना चोदे ही मेरा पानी निकाल दिया। मैं तो बहुत खुश हूँ।
मौसी ने मुझे जोर से किस किया। मैंने कहा, “मौसी, अभी तो सिर्फ शुरुआत हुई है। पूरी पिक्चर बाकी है।” मैं फिर से उन्हें किस करने लगा और उनके मम्मों को सहलाने लगा। मेरा एक हाथ उनकी चूत पर गया, और मैं उसे सहलाने लगा। कुछ ही देर में मौसी फिर से गर्म हो गईं। उन्होंने मेरे लंड को पैंट के ऊपर से सहलाना शुरू किया, जो पहले से ही खड़ा था।
मौसी: (हँसते हुए) हाय… कितना बड़ा लंड है तेरा, सैंडी। ये तो मेरे मौसाजी से भी बड़ा है।
मौसी ने मेरी पैंट उतार दी, और अब हम दोनों पूरी तरह नंगे थे। मेरा लंड उनकी चूत को सलामी दे रहा था, और उनकी चूत मेरे लंड को बुला रही थी। मौसी मेरे लंड तक पहुँची और उसे जोर-जोर से चूसने लगीं।
मौसी: हाय… कितना मस्त, मोटा लंड है तेरा। आज तो मैं इसे खा ही डालूँगी।
मैं: मौसी, आपको लंड चूसना इतना पसंद है? लगता है, आपने पहले कभी इतना मस्त नहीं चूसा।
मौसी: हाँ, सैंडी। तेरे मौसाजी को लंड चुसवाना पसंद नहीं। वो तो बस हिलाकर खड़ा करते हैं और शुरू हो जाते हैं। मेरी तमन्ना थी कि मैं किसी का लंड चूसूँ, और आज वो पूरी हो गई।
मौसी मेरे लंड को चूसती रहीं। उनका मुँह मेरे लंड पर ऊपर-नीचे हो रहा था, और उनकी जीभ मेरे लंड के टोपे को चाट रही थी। मैं तो पागल हो रहा था। कुछ देर बाद मौसी बेड पर लेट गईं और अपनी चूत को खोलकर उसमें उंगली करने लगीं। “देख, सैंडी, मेरी चूत कैसे तेरे लंड के लिए तड़प रही है। आ, इसे बुझा दे।”
मैं तुरंत बेड पर चढ़ गया। मौसी ने मेरा लंड पकड़ा और अपनी चूत पर रखा। “हाय… अब डाल दे, सैंडी… जल्दी…” मैंने एक जोरदार धक्का मारा, और मेरा आधा लंड उनकी चूत में चला गया। उनकी चूत पहले से ही चुदवाकर ढीली थी, लेकिन फिर भी टाइट लग रही थी। मैंने एक और जोरदार धक्का मारा, और मेरा पूरा लंड उनकी चूत में समा गया।
मौसी: हाय… क्या मस्त शॉट मारा, सैंडी। मजा आ गया। आज अपनी मौसी को चोदकर दीवाना बना दे।
मैं: हाँ, मौसी, आज मैं आपको इतना चोदूँगा कि आप भूल जाएँगी मौसाजी को।
मैं जोर-जोर से धक्के मारने लगा। मौसी की चूत से पानी निकल रहा था, और हर धक्के के साथ “पच-पच” की आवाज आ रही थी। मौसी चिल्ला रही थीं, “हाय… और जोर से… मार… फाड़ दे मेरी चूत को…” करीब 15 मिनट तक मैं उनकी चूत को चोदता रहा। मौसी झड़ने वाली थीं। “हाय… सैंडी… और जोर से… मेरा निकलने वाला है…” और कुछ ही देर में वो झड़ गईं। मैंने भी 10-15 धक्के और मारे और उनके पेट पर झड़ गया। हम दोनों कुछ देर तक ऐसे ही पड़े रहे।
मौसी: सैंडी, आज तूने मुझे इतना मजा दिया। कितने दिनों बाद मुझे चुदवाने में इतना मजा आया। तेरा लंड तो सचमुच मस्त है।
मैं: मौसी, अभी तो बस चूत मारी है। आपकी गांड तो बाकी है।
मौसी: अरे, गांड नहीं। चूत जितनी मरनी हो, मार ले, लेकिन गांड में बहुत दर्द होता है।
मैं: मौसी, दर्द में ही तो मजा है। चूत का मजा लिया, अब गांड का भी लो। ज्यादा दर्द हुआ तो मैं निकाल लूँगा।
मौसी मान गईं। मैंने नारियल का तेल लिया और अपने लंड पर लगाया। फिर उनकी गांड पर भी तेल लगाया। उनकी गांड तेल लगने से और चमकने लगी। मैंने मौसी को घोड़ी बनने को कहा। वो घोड़ी बन गईं। मैंने उनकी गांड को एक हाथ से फैलाया और अपने लंड को उनकी गांड के छेद पर रखा।
मौसी: आराम से, सैंडी… दर्द मत होने दे।
मैंने हल्का-सा धक्का मारा, और मेरे लंड का टोपा उनकी गांड में चला गया। मौसी चिल्लाईं, “हाय… मार गई…” मैंने फिर से एक हल्का धक्का मारा, और मेरा आधा लंड उनकी गांड में चला गया। मौसी बोलीं, “बस, अब और मत डाल… तेरा लंड बहुत बड़ा है…” मैं कुछ देर तक हल्के-हल्के धक्के मारता रहा। फिर अचानक एक जोरदार धक्का मारा, और मेरा पूरा लंड उनकी गांड में चला गया।
मौसी: हाय… हरामी… फाड़ दी मेरी गांड… निकाल इसे…
मैं: बस, मौसी, अब दर्द नहीं होगा।
कुछ देर बाद मौसी का दर्द कम हुआ, और अब उन्हें मजा आने लगा। वो अपनी गांड हिलाकर मेरे धक्कों का जवाब दे रही थीं। “हाय… सैंडी… और जोर से… फाड़ दे मेरी गांड को…” करीब 10 मिनट तक मैं उनकी गांड मारता रहा, और फिर हम दोनों एक साथ झड़ गए। हम एक-दूसरे की बाहों में सो गए।
कुछ देर बाद मौसी उठीं और बाथरूम चली गईं। फ्रेश होकर आईं और बोलीं, “सैंडी, तूने तो आज जान ही निकाल दी। इतना मस्त चोदता है तू।” मैंने हँसते हुए कहा, “मौसी, अगर सामने वाली भी चुदवाने वाली होती, तो भी आप जैसा माल कोई नहीं।” हम दोनों जोर-जोर से हँसने लगे। उस दिन मैंने मौसी को तीन बार चोदा और दो बार उनकी गांड मारी। अब जब भी मौका मिलता है, मैं मौसी को चोदता हूँ।