हेलो दोस्तो, मेरा नाम रजत (असली नहीं) है, उम्र 25 साल, हाइट 5 फीट 11 इंच, रंग गोरा और मैं पंजाब से हूँ। पिछले कई सालों से मैं सेक्स स्टोरीज पढ़ता आ रहा हूँ और मुझे लगता है कि ज्यादातर स्टोरीज तो बस बनावटी होती हैं। लेकिन आज जो कहानी मैं आपको सुनाने जा रहा हूँ, वो मेरी भाभी सीमा की है। ये बात करीब एक साल पुरानी है, जब मेरे कजिन भाई की शादी हुई थी। उस वक्त मेरे एग्जाम्स चल रहे थे, तो मैं शादी में शामिल नहीं हो पाया। लेकिन सबने मुझे बताया कि मेरी नई भाभी सीमा बहुत ही सुंदर हैं, मानो कोई फिल्म की हिरोइन हो। मेरे मन में उत्सुकता जागी, पर मैंने सोचा कि देखा जाएगा जब मिलने का मौका आएगा।
दो महीने बाद मुझे भाई के घर जाने का मौका मिला। मैं जब उनके घर पहुँचा, तो भाई ऑफिस के लिए निकल चुके थे। घर पर सिर्फ भाभी और मेरी भुआ थीं। भाभी उस वक्त अभी सो रही थीं, शायद रात को देर तक जागी थीं। मैं नहाने के लिए बाथरूम गया, तो देखा कि धोने वाले कपड़ों में भाभी की पैंटी पड़ी थी। मेरा दिल जोर-जोर से धड़कने लगा। मैंने उस पैंटी को हाथ में लिया, उसकी सॉफ्टनेस को महसूस किया और मन ही मन भाभी को इमेजिन करने लगा। मेरा लंड तुरंत खड़ा हो गया, पर मैंने खुद को कंट्रोल किया और नहाकर बाहर आ गया।
ब्रेकफास्ट करते वक्त भुआ ने बताया कि भाभी अब उठ चुकी हैं और नहाने गई हैं। मैंने चुपके से उनके रूम की तरफ देखा, जहाँ से भाभी निकलकर आईं। दोस्तो, क्या बताऊँ, वो तो बिल्कुल प्रीति जिंटा जैसी लग रही थीं। लंबे काले बाल, गीले-गीले, जो उनकी कमर तक लहरा रहे थे। उन्होंने हल्की सी कैप्री और टाइट टॉप पहना था, जिसमें उनके 34 साइज के बूब्स उभरे हुए साफ दिख रहे थे। उनकी कमर इतनी पतली थी कि मन कर रहा था बस उसे पकड़कर अपनी बाहों में भर लूँ। मैंने हल्के से हेलो-हाय किया, और वो मुस्कुराते हुए मुझसे बात करने लगीं। उनकी आवाज में एक अजीब सी मिठास थी, जो मेरे दिल को और बेकरार कर रही थी।
फिर भाभी ने मुझे अपनी शादी का एल्बम दिखाना शुरू किया। मैं तो बस उनके चेहरे और उनकी बॉडी को घूर रहा था। एल्बम के पेज पलटते वक्त वो थोड़ा आगे झुकीं, और मुझे उनके क्लीवेज की झलक मिली। दोस्तो, वो नजारा देखकर मेरा दिमाग खराब हो गया। उनके गोल-गोल बूब्स, वो हल्का सा गैप ब्रा में, मैं तो पागल हो गया। मन कर रहा था कि अभी पकड़कर उनकी चुदाई कर दूँ। लेकिन मैंने खुद को कंट्रोल किया। फिर भाभी ने कहा कि उन्हें मार्केट जाना है, और मैं तब तक उनकी शादी की सीडी देख लूँ। वो अपने रूम में चली गईं। मेरा मन तो बस उनके पीछे-पीछे जाने को कर रहा था।
मैं चुपके से उनके रूम के पास गया और लॉक होल से झाँकने की कोशिश की। अचानक वो सामने आईं और कपड़े बदलने लगीं। दोस्तो, क्या बताऊँ, उनकी नंगी बॉडी देखकर मेरी साँसें रुक गईं। उनकी गोल-मटोल गांड, वो पतली कमर, और उनके बूब्स जो ब्रा में भी पूरी तरह छुप नहीं रहे थे। मैं तो बस देखता रह गया। लेकिन तभी मुझे डर लगा कि कहीं भुआ ना आ जाएँ, तो मैं वापस सीडी देखने का नाटक करने लगा। थोड़ी देर बाद भाभी कपड़े बदलकर बाहर आईं और मार्केट चली गईं।
जैसे ही वो गईं, मैंने घर लॉक किया और बाथरूम में जाकर उनकी पैंटी को सूँघते हुए मुठ मारने लगा। दोस्तो, वो खुशबू, वो सॉफ्ट कपड़ा, मैं तो बस पागल हो गया। दो मिनट में ही मेरा डिसचार्ज हो गया। अगले 23 दिन मैं रोज चुपके से उन्हें कपड़े बदलते देखता। उनकी हर अदा, हर कर्व मुझे और दीवाना बना रहा था।
आखिरकार वो दिन आ गया, जिसका मुझे इंतजार था। एक दिन मैं नहाने गया, तो देखा कि धोने वाले कपड़ों में भाभी की ब्लैक पैंटी पड़ी थी। मैंने उसे उठाया, सूँघा, और फिर उनकी चूत को इमेजिन करते हुए उसमें अपना कम डिसचार्ज कर दिया। अगले दिन भाभी छत पर कपड़े धो रही थीं। उन्होंने सलवार-कमीज पहनी थी, लेकिन चुन्नी नहीं ली थी। मैं उनके पास जाकर बैठ गया और उनकी तरफ देखने लगा। उनके बूब्स सलवार में से साफ उभर रहे थे। मैं बस उन्हें घूर रहा था। अचानक भाभी ने अपनी ब्लैक पैंटी को बाल्टी से निकाला और उस पर मेरे कम के दाग देखे। उनकी नजर मुझ पर पड़ी, और मैं डर गया।
भाभी ने हल्के से मुस्कुराते हुए कहा, “बड़ा हो गया है अब तू, तेरी शादी जल्दी करवानी पड़ेगी।” मैं तो घबरा गया कि कहीं वो किसी को बता न दें। मैं चुप रहा और नीचे देखने लगा। तभी भाभी कपड़े तार पर डाल रही थीं, और उनका पैर स्लिप हो गया। वो गिर पड़ीं। मैंने फट से उन्हें पकड़ा और उठाने लगा। उस वक्त वो मुझसे पूरी तरह चिपक गई थीं। मेरा लंड खड़ा हो गया, और शायद उन्होंने उसे महसूस कर लिया। मैंने उन्हें पकड़कर कुर्सी पर बिठाया। वो बोलीं, “मेरी कमर और टांग में चोट लगी है, प्लीज हेल्प कर।” मैंने कहा, “डॉक्टर के पास चलते हैं।” लेकिन उन्होंने मना कर दिया और बोलीं, “बस थोड़ी मूव की मालिश कर दे।”
मैं तो खुशी से पागल हो गया। मैंने उन्हें उनके रूम में ले जाकर बेड पर लिटाया। उन्होंने अपनी कमीज थोड़ी ऊपर की, और मैं उनकी कमर पर मूव लगाने लगा। उनकी सॉफ्ट स्किन को छूते ही मेरा लंड और टाइट हो गया। फिर उन्होंने कहा, “थोड़ा नीचे दर्द है।” मैंने हिम्मत करके अपनी दो उंगलियाँ उनकी सलवार के अंदर डाल दीं। सलवार का नाड़ा टाइट था, तो मैंने कहा, “नाड़ा तो टाइट है, कैसे करूँ?” उन्होंने फट से नाड़ा ढीला कर दिया। अब मेरा हाथ उनकी पैंटी के इलास्टिक के अंदर था। मैं उनकी गांड पर हाथ फेरने लगा। उनकी गोल-मटोल गांड इतनी सॉफ्ट थी कि मैं तो बस खो गया। मैंने चुपके से उनकी सलवार थोड़ी नीचे कर दी, और उनकी पैंटी साफ दिखने लगी।
मैंने धीरे से अपनी उंगली उनकी चूत के पास ले जाने की कोशिश की, तो भाभी बोलीं, “भैया, ये क्या कर रहे हो?” मैं चुप रहा और नॉर्मल मालिश करने लगा। लेकिन 5-10 मिनट बाद मैंने नोटिस किया कि भाभी लंबी-लंबी साँसें ले रही थीं। उनकी आँखें बंद थीं, और वो हल्के से सिसक रही थीं। मैं समझ गया कि वो भी मजा ले रही हैं। मैंने कहा, “भाभी, टांग पर भी मालिश कर दूँ?” पहले तो उन्होंने मना किया, लेकिन मेरे जोर देने पर वो मान गईं। उन्होंने मुझे बाहर जाने को कहा ताकि वो बेडशीट ले सकें।
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जब मैं वापस आया, तो देखा कि उन्होंने सलवार उतार दी थी और बेडशीट से अपनी टांगें ढक रखी थीं। मैं उनके पैरों के सामने बैठ गया और धीरे-धीरे मूव लगाने लगा। जैसे ही मैं उनके घुटनों से ऊपर गया, उन्होंने मेरा हाथ पकड़ लिया और बोलीं, “हाथों पर कंट्रोल रखो।” मैं हँस पड़ा, और वो मुझे हँसता देख शरमा गईं। फिर मैंने कहा, “भाभी, अपने पैर मेरे ऊपर रखो और टांग को थोड़ा मोड़ो।” मैंने ऐसा इसलिए कहा ताकि उनका पैर मेरे लंड को छू सके। और हुआ भी वही। उनका पैर मेरे लंड पर था, और वो हल्के-हल्के उसे दबा रही थीं।
अचानक वो चिल्लाईं, “हाय, यहीं दर्द है!” और उन्होंने मेरे लंड को अपने पैर की उंगलियों से जोर से दबा दिया। मैं समझ गया कि अब वो तैयार हैं। मैंने धीरे-धीरे अपना हाथ उनकी जांघों तक ले गया। इस बार वो कुछ नहीं बोलीं, बस मेरे लंड को और जोर से दबाने लगीं। मैं और पास आ गया और बेडशीट के अंदर अपना हाथ उनकी चूत के पास ले गया। मैंने धीरे-धीरे उनकी चूत को मसलना शुरू किया। दोस्तो, उनकी चूत पहले से ही गीली थी। मैंने देखा कि वो अब पूरी तरह गर्म हो चुकी थीं।
मैंने फट से बेडशीट हटाई और उनके ऊपर लेट गया। मैंने उनके होंठों को चूमना शुरू किया। पहले तो उन्होंने हल्का सा नाटक किया, लेकिन जब मैंने चूमना नहीं छोड़ा, तो वो भी मुझे जोर से पकड़कर चूमने लगीं। मैंने अपना हाथ उनके सूट के अंदर डाला और उनके बूब्स दबाने लगा। उनके बूब्स इतने सॉफ्ट थे कि मैं तो बस खो गया। मैंने जल्दी से उनका सूट उतार दिया। अब वो सिर्फ ब्रा और पैंटी में थीं। मैंने भी अपने कपड़े उतार दिए। वो मेरे लंड को अपने हाथ में लेकर मसलने लगीं। मैंने उनकी ब्रा उतारी और उनके गुलाबी निपल्स को चूसने लगा। उनकी सिसकियाँ तेज हो गईं। मैंने उनकी पैंटी उतारी, और हम 69 की पोजीशन में आ गए।
मैं उनकी चूत को चाट रहा था, और वो मेरे लंड को मुँह में लेकर चूस रही थीं। उनकी चूत की खुशबू, वो गीलापन, मैं तो पागल हो गया। वो अपनी गांड को तेज-तेज हिलाने लगीं और कुछ ही देर में वो झड़ गईं। वो चिल्लाईं, “जान, प्लीज अब और मत तड़पाओ। मेरे अंदर डाल दो, मुझे चोद दो।” मैंने अपना लंड उनकी चूत पर सेट किया और धीरे-धीरे अंदर डालने लगा। उनकी चूत अभी भी टाइट थी, जिससे मुझे और मजा आ रहा था। मैंने धक्के मारने शुरू किए। उनकी सिसकियाँ, उनकी चीखें, वो माहौल, सब कुछ मुझे और गर्म कर रहा था।
मैंने उनकी टांगें अपने कंधों पर रखीं और जोर-जोर से चोदने लगा। वो बार-बार चिल्ला रही थीं, “हाय… और जोर से… फाड़ दो मेरी चूत…” मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी। करीब 25 मिनट बाद मैं झड़ गया, और उस वक्त तक वो तीन बार झड़ चुकी थीं। हम दोनों एक-दूसरे से लिपटकर लेट गए। उनकी साँसें अभी भी तेज थीं, और उनका चेहरा संतुष्टि से चमक रहा था।
दो दिन बाद मैं पंजाब वापस आ गया। लेकिन हम फोन पर बात करते रहते हैं। जब भी वो पंजाब आती हैं या मैं उनके पास जाता हूँ, हम कोई मौका नहीं छोड़ते। दोस्तो, ये थी मेरी और मेरी भाभी की कहानी। अगर कोई गलती हो गई हो, तो माफ करना, क्योंकि ये मेरी पहली कहानी है, और बिल्कुल सच्ची है। ऐसी और भी कई कहानियाँ हैं, जो मैं आपके रिस्पॉन्स के बाद सुनाऊँगा।
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