ये तब की कहानी है जब मई सूबा सम लड़की ताड़ते रहेता था और चाये की दुकान में सुट्टा मारता था .गर्ल्स कॉलेज के सामने बाइक लगाता था और आने जाने बाली लड़की ओ को पटाने के चक्कर में रहेता था .पर डाल कुछ गल नहीं रही थी तो सोचा क्यू न पुराना तुजुर्बा अपनाऊ .मई अपना कनेक्शन लगा दिया .अरोस परोस की जितने भी भाभी या थी उनकी करैक्टर कैसी है बगेरा बगेरा ,तोह जल्दी मुझे पता लग गया की एक भाभी है जो ये सब चिसो में एक्सपर्ट है .उसकी पति के साथ जमता नहीं और वोह बाहर लडको से चुद्वाता रहता है .मई सोचा क्यू न एक बार कोसिस करके देखू .अगर काम बन गया तो मेरा बात बन जायेगा .मई भाभी का घर का पता वोह दोस्त से ले लिया।
पाता लगाया की भाभी की एक छोटी बेटी है ,जिसको छोरने वोह अक्सर जाया करती है .मई सोचा येही टाइम में उसके साथ बात कर लूँगा .स्कूल के बाहर उसको फॉलो करने लगा .भाबी का नाम था मल्लिका जो बाद में मुझे पता चला .देखने में बरी ही मस्त और जोली नेचर की थी .पूरा सॉलिड माल था .बाल ऑलमोस्ट घुटने तक आती थी .बूब्स भी मस्त और बोहोत बारा था।
Hindi chudai ki kahani भाभी एक दिन स्कूल के बाहर खरी थी ,तो मैंने जाके पूछा की स्कूल कितने बजे छुट्टी होगा .भाभी ने बताया ,उनोने पूछा ,”अप किसके लेने ए है ?”
मई बारा मुसीबत में पर गया ,मई बोल भी नहीं सकता की ,”तुझे पटाने के लिए आया .”तो मैंने बहाना बना दिया ,”की पास में एक लड़का रहेता है ,अज उसकी मम्मी की तबियत ख़राब है ,और घर में भी कोई नहीं है ,इसीलिए मई लेने अई हु .
फिर ऐसेही बातो बातो में मैंने उनका नंबर पूछ डाला .पहेले तो देने में इंकार कर रही थी पर बाद में देने को राजी हो गयी तो मई सोचा चलो पहेले की बजी मर ली .
जाने के पहेले भाभी ने बोला कभी टाइम मिले तो घर भी आया करो .मेरे दिल में उम्मीद जगा ,मई सोचा अब तो मेरे काम होने से कोई रोक नहीं पायेगा
bhabhi ke sath chudai:
उसका नेक्स्ट दिन ही पोहोच गया भाभी के घर ,घर मेरे घर से बोहोत दूर नहीं था ,मई डोर का घंटी बजाया तो भाभी आके दरवाजा खोला .मुझे देख के मुस्कुरायी .मई बोला इधर से गुज़र रहा था मई सोचा अप से मिलते चालू .भाभी कहा अच्छा किया मई भी बोर हो रहा था ,आयो .मुझे सोफा पे बैठने दिया .
उनका घर एक दम मस्त था .देख लग रहा था की पति अच्छा खासा कमाता है ,घर एक दम मार्बल पत्थर से फर्निश्ड और काफी कीमती चीस से भरपूर .भाबी हाथ में सरबत का गिलास ले के आया और मेरे हाथ में पकड़ा दिया .
मल्लिका भाबी ,”तुम क्या करते हो ?”
मई ,”कुछ नहीं भाभी अभी तो कॉलेज कम्पलीट किया हु,और जॉब का तलाश कर रहा हु .अप के पास कोई काम हो गा तो बोलियेगा .
भाभी ,”मेरे पास तो बोहोत सारे काम है देबर जी ,पर अप सलारी कितना लेना चाहेंगे ?
मई ,”अप के लिए तो खुसी खुसी फ्री में कर दूंगा .
भाभी मुस्कुराते हुए ,”ऐसी बात है क्या ?
मई बोला अप बोल के तो देखिये .
भाभी और पूछा ,”तुम्हारा सादी हो गया है ?
मई ,”अब बेकार लड़के को कौन अपना लड़की पकराएगा
भाभी .’क्यू तुम्हारा कोई गर्ल फ्रेंड नहीं है .तुम तो हैण्ड सम भी हो
मई ,’था न पर अब नहीं है ,ब्रेक उप हो गया है एक साल हुआ .क्या करू झूट बोलना परा .इज्जत की सवाल था .
भाभी बोला कभी गर्ल फ्रेंड के साथ कुछ किया एक्सपीरियंस है ,
मई बोला वोह ज्यादा हाथ नहीं लगाने देता है ,बोहोत टाइम इसी दौरान उसके साथ मेरा बात नहीं होती थी .
भाभी मेरा हाथ पकड़ लिया और बोलने लगी ,मई तुम्हे करने दूंगी तो क्या करोगे मेरे साथ बताओ .
मेरे lund खड़ा हो गया था ,ऐसे गरमा गरम बाते सुनके सायद इसकी भनक भाभी को लग गया था .मई बोला ,”अप जो भी करवाना चाहते हो ,अप एक बार हुकुम कर के तो देखिये .
भाभी मेरे जीन्स की चैन पे हाथ बुला रहा था ,
भाभी ,”तुम्हारा तो काफी बारा मालूम परता है .आंख मारते हुए कहा अज ये चाहिए मेरे अंदर .
भाभी में जीन्स से बेल्ट को खोल दिया ,और jockey को निचे कर दिया मेरे 9 इंच का लुंड उसके सामने आ गया और वोह मु में लेके चूसने लागा जोर जोर से .
सोफा में बैठे बैठे ही मई चुसवा रहा था मेरा लंड .वोह बारे प्यार से मेरी लंड को मु में ले रहा था .
फिर मैंने भाभी से कहा कि भाभी मेरा लंड चूसो, तो उन्होंने मेरा लंड अपने मुँह में लेकर बहुत ज़ोर-ज़ोर से चुसकी लगानी शुरू कर दी। अब मेरा लंड तनकर 8 इंच लंबा हो गया था। फिर भाभी मेरा लंड देखकर हैरान हो गयी और बोली कि हाईईईईईईईई इतना बड़ा तो तुम्हारे भैया का भी नहीं है, में इसे कैसे लूँगी? तो मैंने कहा कि कुछ नहीं होगा भाभी आराम से चला जाएगा, तुम तो बस अपने पैर फैलाकर लेट जाओ। फिर उन्होंने ऐसा ही किया और अपने पैर फैलाए और लेट गयी।
फिर मैंने भाभी की पेंटी उतारी, तो हाईईईईई में मर जाऊं, क्या गुलाबी चूत थी मेरी प्यारी भाभी की? एकदम गुलाब की पंखुडियों की तरह उनकी चूत के गुलाबी होंठ थे। फिर जब मैंने उनकी चूत पर अपना एक हाथ रखा तो उनकी चूत एकदम से फड़फडा उठी और भाभी ने तेज़ सिसकारी ली, हाईईईईई, सीईई, हाईईईईईईईईईई और उनकी चूत का मुँह बार-बार खुलने और बंद होने लगा। अब उसे देखकर ऐसा लग रहा था कि उनकी चूत मेरे लंड को निमंत्रण दे रही हो और कह रही हो कि आ जाओ मेरे राजा और मुझमें पूरा समा जा। अब उनकी चूत की ऐसी हालत देखकर मेरा लंड भी फड़फडा उठा और झटके खाने लगा था।
फिर पहले मैंने भाभी की चूत पर अपने होंठ रखे और उसे चूसना शुरू कर दिया। अब उनकी चूत भी जैसे मेरे होंठो का किस ले रही थी और बार-बार मेरे होंठो पर कस जाती थी। फिर मैंने अपनी जीभ भाभी की चूत में घुसा दी, हाए क्या नमकीन चूत थी? उफफ्फ़ अब में तो जैसे स्वर्ग में था। फिर भाभी ने कसकर मेरे सर को अपनी चूत पर दबाया और अपनी गांड उछलाने लगी और तेज-तेज साँसे लेने लगी और फिर अचानक से उनका शरीर झटके खाने लगा और वो एकदम से चिल्लाई हाईईईईई में गयी और उनकी चूत ने ढेर सारा पानी छोड़ दिया, जिससे उनकी चूत भर गयी। फिर मैंने उनकी चूत का सारा पानी बड़े मज़े से चूसा, अब उनकी चूत काफ़ी चिकनी हो चुकी थी। फिर मैंने कहा कि मेरी प्यारी भाभी अब में तुम्हारी चूत में लंड डालना चाहता हूँ। फिर वो बोली कि मेरे प्यारे राजा आ जाओ, में भी तुम्हारा यह तगड़ा मोटा लंड अपनी चूत में लेना चाहती हूँ। मैंने आज तक ऐसा लंड नहीं खाया है, जरा प्यार से चोदना मुझे डर लग रहा है, मेरी चूत बहुत टाईट है। फिर मैंने कहा कि कोई बात नहीं भाभी अपनी प्यारी भाभी की प्यारी चूत को प्यार से ही चोदूंगा।
फिर मैंने भाभी के दोनों पैर अपने कंधों पर रखे और अपना लंड उनकी चूत के मुँह पर रख दिया। फिर उनकी चूत का स्पर्श पाते ही मेरा लंड फनफ़ना उठा और उनकी चूत भी लंड खाने के लिए लपलपा रही थी। फिर मैंने एक हल्का सा धक्का मारा तो मेरा लंड फिसलकर ऊपर को हो गया, क्योंकि उनकी चूत का मुँह कुछ ज़्यादा ही छोटा था और मेरा लंड मोटा था और यह हाल देखकर भाभी कुछ घबरा गयी और बोली कि देवर जी यह तो अंदर ही नहीं ज़ा रहा है। फिर मैंने कहा कि क्यों नहीं जाएगा? भाभी अभी डालता हूँ। फिर मैंने अच्छी तरह से अपना लंड उनकी चूत पर रखकर एक ज़ोर का धक्का दिया तो मेरा लंड उनकी चूत के अंदर थोड़ा सा चला गया। अब उनकी चूत का मुँह एकदम से खुल गया था और भाभी एकदम से चीखी, हाए में मररररर गइईई और उनके दाँत निकल गये, अब वो सीईईईईइ करने लगी थी। फिर मैंने एक धक्का और लगाया तो इस बार मेरा लंड भाभी की चूत में 5 इंच तक चला गया। अब भाभी की आँखों से आँसू निकल आए थे।
फिर में थोड़ी देर रुककर भाभी को किस करता रहा और फिर जब उनका दर्द कुछ कम हुआ तो मैंने एक जोरदार धक्का लगाया तो इस बार मेरा पूरा 8 इंच लंबा लंड उनकी कसी हुई चूत में समा गया। फिर भाभी ज़ोर से चिखी हाईईईईईईई में मररर गइईईईईई, मुझे छोड़ दो, प्लीज अपना लंड बाहर निकालो, मुझे बहुत दर्द हो रहा है, लेकिन मैंने कुछ नहीं सुना और धक्के मारने लगा। अब भाभी बुरी तरह से सिसकियाँ ले रही थी कि मुझे छोड़ दो, में मर जाउंगी, प्लीज बाहर निकालो। अब मेरा लंड उनकी चूत में बहुत ही टाईट जा रहा था। फिर मैंने अपने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी, अब भाभी रोने लगी थी, लेकिन में नहीं रुका। अब कुछ देर बाद भाभी को भी मज़ा आ रहा था और वो भी मेरा साथ देने लगी थी और अपनी चूत ऊपर करके चुदवाने लगी थी। अब उस पूरे रूम में फचक-फचक की आवाज़ें आ रही थी
कुछ देर बाद वोह अपना साड़ी ऊपर किया और बोला चल अब सोफे पे लेट जा ,मुझे तेरे ऊपर बैठना है ,मई धीरे से सोफे में लेट गया और वोह मेरे ऊपर उछालती रही ,आधा घंटा में मई उसके चूत को अपने सफ़ेद रंग से रंगा दिया .
अब भाभी बुरी तरह से सिसकियाँ ले रही थी हाए मेरे राजा और ज़ोर से चोदो, आज मेरी चूत को फाड़ दो, हाए आयी आयी, उउफफफफ्फ, सीईईईइईईईई, उम्म्म्मममह, हा हा आआहह और में बुरी तरह से चोद रहा था। फिर भाभी मुझसे बुरी तरह लिपट गयी और बोली कि हाए मेरे राजा में गयी, हाईईईईईई और फिर वो झड़ गयी। अब जब वो झड़ रही थी तो उनकी चूत मेरे लंड को ऐसे ज़कड़ रही थी कि बस पूछो मत, मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे कोई मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर चूस रहा हो। अब भाभी की चूत लप-लप मेरे लंड को चूस रही थी। फिर उनकी चूत थोड़ी ढीली हो गयी और उनकी चूत क्या पूरा शरीर ढीला हो गया था?
हम दोनो ही थक्के सोफे पे लेटे हुए थे ,उस दिन और भी दो बार लगाया ,उसके बाद भाभी के घर में मेरा आना जाना लगे रहेता था .