मैं और मम्मी दोनों मामा से एक साथ चुदवाते हैं

Family Group Sex – Mama Bhanji Chudai: मैं दिल्ली में रहती हूँ। मेरा नाम हेमा है। उम्र अभी 18 साल है। मैं अपनी मम्मी की इकलौती बेटी हूँ। मेरी मम्मी, शशि, अभी 35 साल की हैं, लेकिन उनकी खूबसूरती और जवानी ऐसी है कि कोई भी देखकर दंग रह जाए। उनका फिगर गदराया हुआ है, 36-28-36, और वो हमेशा टाइट सलवार-कमीज या साड़ी पहनती हैं, जिसमें उनकी भारी चूचियाँ और गोल मटोल गांड साफ झलकती है। मेरे छोटे मामा, राहुल, जिनकी उम्र 25 साल है, अक्सर हमारे घर आया करते हैं। वो लंबे, हट्टे-कट्टे, और गठीले बदन वाले हैं, और उनकी मुस्कान में एक अजीब सी कशिश है। वो ज्यादातर मम्मी के कमरे में ही घुसे रहते हैं। मुझे शुरू में कुछ समझ नहीं आया, लेकिन एक दिन मैंने ऐसा नजारा देखा कि मेरे होश उड़ गए।

उस दिन मैं रात को पानी पीने उठी थी। मम्मी का कमरा हल्का सा खुला था, और अंदर से कुछ अजीब सी आवाजें आ रही थीं। मैंने चुपके से झाँका तो देखा कि मम्मी और मामा बिस्तर पर थे। मम्मी की साड़ी कमर तक चढ़ी थी, और मामा उनकी चूत को बड़े प्यार से चाट रहे थे। मम्मी की सिसकारियाँ, “आह्ह… राहुल… और जोर से चाटो…” मेरे कानों में गूँज रही थीं। मैं हैरान थी, लेकिन मेरे बदन में एक अजीब सी गुदगुदी होने लगी। मैं समझ गई कि मम्मी अपने छोटे भाई, यानी मेरे मामा, के साथ चुदाई का मजा ले रही हैं। ये इन्सेस्ट था, लेकिन मुझे बुरा नहीं लगा। बल्कि, उनके चेहरे पर वो मस्ती और सुकून देखकर मेरे मन में भी कुछ कुछ होने लगा।

मुझे अब मामा की हरकतें नोटिस होने लगीं। वो मुझे भी अजीब नजरों से देखने लगे थे। उनकी नजरें मेरी 34C की चूचियों पर अटक जाती थीं, जो मेरी टाइट टी-शर्ट में साफ उभरती थीं। मैं 5 फुट 4 इंच की हूँ, मेरा रंग गोरा है, और मेरी गांड भी मम्मी की तरह गोल और भारी है। जब मामा मुझे घूरते, तो मेरे बदन में सिहरन सी दौड़ जाती। अगर पापा घर पर न होते, तो मम्मी मामा को अपने कमरे में ही सुलातीं। एक रात मैंने फिर चुपके से मम्मी के कमरे की खिड़की से कान लगाया। उनकी बातें सुनकर मैं दंग रह गई।

मामा बोले, “दीदी, अब तो हेमा भी जवान हो गई है। आपने कहा था कि उसका मजा भी लेना है।”
मम्मी हँसते हुए बोलीं, “हाय मेरा प्यारा भैया, तुम्हें कौन रोक रहा है? तुम्हारी भांजी है, जो करना है करो। वो जवान हो गई है, अब उसकी चूत को भी लंड का स्वाद दे दो। जब मैं हेमा की उम्र की थी, तब तो मैं कई लंड खा चुकी थी। पिछले 5 साल से सिर्फ तुमसे चुदवा रही हूँ। आजकल तो लड़कियाँ 18 साल में ही चुदवाने लगती हैं।”

मैं चुपचाप उनकी बातें सुन रही थी। मेरी चूत में गुदगुदी होने लगी, और मैं बेचैन हो उठी। मामा ने कहा, “क्या पता, वो गुस्सा न कर दे।”
मम्मी ने जवाब दिया, “अरे, गुस्सा नहीं करेगी। तुम गधे हो क्या? पहली बार हर लड़की को थोड़ा बुरा लगता है, लेकिन जैसे ही मजा मिलेगा, वो खुद लाइन देने लगेगी। जरा उसकी चूत चाटो, देखना कैसे पागल हो जाएगी।”

मैंने सुना तो मामा मम्मी की चूत चाटने लगे। “पक्क… पक्क…” की आवाजें आने लगीं। मम्मी की सिसकारियाँ तेज हो गईं, “हाय… राहुल… ऐसे ही चाटो… मेरी चूत पूरी गदरा गई है।”
मामा बोले, “हाँ दीदी, तुम्हारी चूत चाटने में बड़ा मजा आता है।”

मैं उनकी बातें सुनकर मस्त हो गई। मम्मी की बातों ने मेरा डर निकाल दिया। मैं समझ गई कि मेरा कुँवारापन अब नहीं बचेगा। मम्मी खुद मुझे चुदवाना चाहती थीं। अगर मम्मी को अपने भाई के लंड से इतना मजा मिल रहा है, तो मुझे भी तो मिलेगा। मैं अपने कमरे में लौट आई, लेकिन मेरी चूचियाँ तेजी से मचल रही थीं, और चूत में गुदगुदी हो रही थी। मैं फिर खिड़की के पास गई। अब “पक्क… पक्क…” की आवाज तेज हो रही थी। मम्मी की सिसकारी सुनाई दी, “हाय… थोड़ा और जोर से… साले बहनचोद, तूने तो आज थका ही दिया।”

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मामा बोले, “अरे साली रंडी, अभी तो मैं तुझे सौ बार और चोदूंगा।”
मम्मी चिल्लाईं, “हाय… तेरा लंड कितना दमदार है… मेरी चूत दो बार झड़ चुकी है… आआह्ह… तीसरी बार भी निकलने वाला है… आआह्ह… बस रजा… निकल गया। तू सच में एक बार में दो-तीन को झड़ा सकता है। जा, अगर तेरा मन और कर रहा है, तो हेमा को जवान कर दे।”

मामा ने पूछा, “वो कहाँ होगी?”
मम्मी बोलीं, “अपने कमरे में। जा, दरवाजा खुला होगा। मुझमें अब जान ही नहीं बची।”

मम्मी की बातों ने मुझे मस्त कर दिया। घर में चुदाई का माहौल था। मामा अपनी बड़ी बहन को चोदने के बाद अब अपनी कुँवारी भांजी की चूत का मजा लेने को तैयार थे। मैं अपने कमरे में लौट आई। मेरा बदन गर्म हो रहा था। मैंने फटाफट मैक्सी पहनी, लेकिन आज चड्डी नहीं पहनी। आज मेरी कुँवारी चूत की ओपनिंग थी। मेरी चूत की धड़कन बढ़ रही थी, और चूचियों में रस भर रहा था। मन कर रहा था कि मामा से कह दूँ, “मम्मी तो बूढ़ी हो गई हैं, मैं जवान हूँ, मुझे चोदो!”

रात के 11:30 बज चुके थे। मैंने दरवाजा खुला रखा। मैक्सी को एक टाँग से ऊपर चढ़ाया और एक चूची को गले की तरफ से थोड़ा बाहर निकाला। मैं ऐसे पोज में थी कि कोई भी देखे तो मेरी चूत और चूचियाँ देखकर पागल हो जाए। मैंने अभी तक लंड नहीं देखा था, बस सुना था। 10 मिनट बाद मामा की आहट सुनाई दी। मेरे रोंगटे खड़े हो गए। मैंने जल्दी से पूरी चूची बाहर निकाली और आँखें बंद कर लीं।

मामा कमरे में आए। मेरी मैक्सी बिखरी हुई थी, और मेरी चूत उनकी आँखों के सामने थी। वो मेरी 18 साल की कुँवारी चूत को घूर रहे थे। मम्मी को चोदकर उनका मजा खराब हो गया था, लेकिन मेरी चूत देखकर वो फिर मस्त हो गए। वो बिस्तर पर मेरे पास आए, अपने हाथ पलंग पर टिकाए, और मेरी रानों पर झुक गए। मैंने आँखें बंद रखीं। मेरी साँसें तेज हो गईं, चूचियाँ और चूत में फूलन होने लगी। मैंने अपनी टाँगें और फैला दीं ताकि मेरी चूत का पूरा दीदार हो।

मामा कुछ देर मेरी चूत को घूरते रहे, फिर धीरे से बोले, “हाय… क्या मस्त चीज है… एकदम ताजी पावरोटी। अगर तू राजी हो जाए तो कितना मजा आए।” इतना कहकर उन्होंने मेरी चूत को बेताबी से चूम लिया। मेरे पूरे बदन में करंट दौड़ गया। मैंने बहाना बनाया कि मैं सो रही थी। मामा ने फिर मेरी चूत को चूमा और मैक्सी को और ऊपर सरकाते हुए बोले, “हाय… क्या मस्त माल है। अब तो दीदी के साथ-साथ तुझे भी चोदकर मजा लूँगा।”

मैं उनकी बातें सुनकर और मस्त हो गई। उनकी चूत पर की गई किस से गुदगुदी हो रही थी। मन कर रहा था कि उनसे लिपट जाऊँ और कह दूँ, “अब और बर्दाश्त नहीं होता, मेरी कुँवारी चूत को लूट लो।” लेकिन मैं चुप रही। मामा बिस्तर पर बैठ गए और मेरी रानों पर हाथ फेरते हुए मेरी चूत को सहलाने लगे। उनकी उंगलियाँ मेरी चूत की फांकों को छू रही थीं। इतना मजा आ रहा था कि मन कर रहा था, “राजा, मुझे नंगी करके पूरे बदन को सहलाओ।”

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तभी उनकी एक उंगली मेरी चूत की फांकों के बीच में गई। मैं तड़प उठी और बोल पड़ी, “हाय… कौन?”
मामा बोले, “मैं हूँ मेरी जान, तेरा चाहने वाला। हाय, अच्छा हुआ तू जाग गई। क्या मस्त जवानी पाई है। आज मैं तुझे…” और वो मेरी चूचियों को टटोलते हुए बोले, “हाय… क्या गदराई जवानी है।”

मैं उनकी हरकतों से सातवें आसमान पर थी। उन्होंने मेरे गाल पर अपने गाल लगाए और मेरी चूचियों को दबाते हुए बोले, “बस एक बार चखा दे, देख कितना मजा आता है।”
मैंने कहा, “हाय मामा, छोड़ो, ये क्या कर रहे हो? मम्मी आ जाएँगी।”
वो बोले, “मम्मी से मत डर। उन्होंने ही मुझे भेजा है। बोलीं, जा, मेरी बेटी जवान हो गई है, उसे जवानी का मजा दे। बहुत दिन से ललचा रही हूँ, तुझे बड़ा मजा आएगा।” इतना कहकर उन्होंने मेरी चूचियों को मैक्सी के ऊपर से जोर से दबाया। मैं मस्ती में डूब गई।

“मम्मी सो गईं क्या?” मैंने पूछा।
वो बोले, “हाँ, आज तेरी मम्मी को मैंने इतना चोदा कि वो रात भर सोएँगी। बस मेरी रानी, एक बार आजा। देख, मेरे साथ कितना मजा आएगा।”

उन्होंने मेरे निप्पलों को चुटकी दी। मैं पूरी तरह राजी हो चुकी थी। उनकी हरकतों में इतना मजा आ रहा था कि मैंने कहा, “मामा, आप मम्मी के साथ सोते हो, वो तो आपकी बहन हैं।”
वो बोले, “अरे, आज तुझे अपनी बाहों में सुलाकर जन्नत की सैर कराऊँगा। बहन है तो क्या, मम्मी का माल तो बड़िया है।”

मैंने मस्ती में कहा, “दरवाजा खुला है।” मेरे बदन में बिजली दौड़ रही थी। कपड़े अब बुरे लग रहे थे। मामा ने मेरी चूचियों को मसलते हुए मेरे होंठों को चूमना शुरू किया। उनके होंठ मेरे होंठों पर लगते ही मैं ढीली हो गई। मामा मेरी मस्ती देखकर और जोश में आ गए। उन्होंने मुझे बिस्तर पर लिटाया और मेरी चूचियों पर झुककर मेरी रानों पर हाथ फेरते हुए बोले, “अब तू पूरी जवान हो गई है। कब लेगी अपनी जवानी का मजा? डर मत, मैं तुझे कली से फूल बना दूँगा।”

मैंने कहा, “मम्मी को आप रोज चोदते हो?”
वो बोले, “हाँ मेरी जान, तेरी मम्मी को रोज चोदता हूँ। तू तैयार हो तो तुझे भी रोज चोदूँगा। हाय, कितनी खूबसूरत है तू। जरा और खोल ना।”

मैंने अपनी टाँगें और फैला दीं। मामा ने मेरी चूत की फांकों को चुटकी से मसला। मैं तड़पकर बोली, “हाय मामा, आप अपनी छोटी बहन को भी मम्मी की तरह चोदते हो?”
वो बोले, “हाँ, यहाँ तेरी मम्मी को चोदता हूँ, और घर में अपनी छोटी बहन, यानी तेरी मौसी को हचककर चोदता हूँ। तेरी चूचियाँ तो बहुत गदराई हैं। बोल, राजी है?”

उन्होंने मेरी मैक्सी के गले से हाथ डाला। मैं पूरी तरह राजी थी। मैंने कहा, “राजी हूँ, लेकिन मम्मी से मत बताना।” मैं नहीं चाहती थी कि उन्हें पता चले कि मैं कब से राजी थी। मामा मेरी चूचियों को पकड़कर बोले, “मम्मी से मत डर, उन्होंने पूरी छूट दी है। बस तू तैयार हो जा।”

उन्होंने मेरी चूचियों को इतनी जोर से दबाया कि मैं तड़प उठी। मैंने कहा, “मुझे कुछ नहीं आता।”
वो बोले, “मैं सिखा दूँगा।” फिर उन्होंने मेरा गाल काटा। मैंने कहा, “हाय, बड़े बेदर्द हो मामा।”

वो मेरी इस अदा पर मस्त हो गए और बोले, “इसे उतार दे।”
मैंने कहा, “हाय, पूरी नंगी करके?”
वो बोले, “हाँ मेरी जान, मजा तो नंगे होने में ही आता है। बोल, पूरा मजा लेगी ना?”
मैंने कहा, “हाँ।”

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वो कमरे से बाहर चले गए। मेरा बदन गर्म हो रहा था। मैंने फटाफट मैक्सी उतारी और पूरी नंगी होकर बिस्तर पर लेट गई। मम्मी चुदवाने के बाद अपने कमरे में सो रही थीं, और अपने यार को मेरे पास भेज दिया था। मैं अपने नंगे बदन को देख रही थी कि मामा वापस आए। मुझे नंगी देखकर वो खिल उठे। पास आकर मेरी पीठ पर हाथ फेरते हुए बोले, “अब तुझे जन्नत का मजा मिलेगा।”

उन्होंने अपनी लुंगी उतारी। उनका लंड, जो अभी पूरा खड़ा नहीं था, फिर भी 6 इंच का था। मैं उसे देखकर मस्त हो गई। मामा बिस्तर पर आए और मेरी कमर पकड़कर बोले, “मेरी गोद में आ।”

मैं उनकी गोद में बैठी। मेरी गांड उनकी जाँघों पर थी। उन्होंने मेरी दोनों चूचियों को अपने हाथों में लिया। मेरे बदन में करंट दौड़ने लगा। वो बोले, “ठीक से बैठ, तभी असली मजा मिलेगा।”

उनका लंड मेरी गांड में गड़ रहा था। मैं उनकी नंगी गोद में नंगी बैठी थी। मेरी चूचियाँ उनके हाथों में मचल रही थीं। उन्होंने मेरे निप्पलों को चुटकी से दबाया और पूछा, “बोल मेरी जान, कैसा लग रहा है?”
मैंने कहा, “हाय… अब और मजा आ रहा है।”

वो बोले, “घबराओ मत, तुझे भी मम्मी की तरह पूरा मजा दूँगा। तेरी चूचियाँ तो दीदी से भी मस्त हैं।” वो मेरी जवानी को पकड़कर पागल हो गए थे। उन्होंने मुझे गोद से उतारा और बिस्तर पर लिटाया। मेरे निप्पलों को होंठों से चूसने लगे। मैं मस्ती में पागल हो रही थी। मामा 10 मिनट तक मेरी चूचियों को चूसते रहे। फिर उन्होंने मेरी टाँगें फैलाने को कहा। मैंने खुशी-खुशी अपनी चूत उनके लिए खोल दी।

मामा ने मेरी कुँवारी चूत पर अपनी जीभ फेरी। मैं तड़प उठी। “आआह्ह…” मेरी सिसकारी निकल गई। वो मेरी चूत को चाटने लगे। मैं चिल्लाई, “हाय… मामा… बस करो… आआह्ह… नहीं…”
वो बोले, “अभी तो लेती रह।”

वो 10 मिनट तक मेरी चूत चाटते रहे। फिर वो मेरे ऊपर आए। उनकी चूत चाटने की हरकत ने मुझे पहले ही मस्त कर दिया था, इसलिए दर्द कम हुआ। मामा धीरे-धीरे पेल रहे थे। मेरी चूत ताजी थी। वो बोले, “हाय… अब तो सारी रात तुझे चोदूंगा।”

मैंने कहा, “मैं भी अब आपसे रोज चुदवाऊँगी।” उस रात मामा ने मुझे दो बार चोदा। अगली रात जब वो मुझे पेल रहे थे, तभी मम्मी मेरे कमरे में आ गईं। मैं थोड़ा घबरा गई, लेकिन मामा उसी तरह चोदते रहे। मम्मी मेरे पास आकर लेट गईं और मेरी चूचियों को पकड़कर बोलीं, “हाय बेटी, अब तू चोदने लायक हो गई है। ले मजा मेरे यार के तगड़े लंड का।”

मैंने कहा, “हाय मम्मी, मामा बहुत अच्छे हैं। बहुत मजा आ रहा है।” अब मैं और मम्मी दोनों मामा से एक साथ चुदवाते हैं।

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