मैंने 3 अंकल्स से चुदाई कराई

Papa ke dosto ne choda – एक बार मेरे पापा के पुराने दोस्त अमेरिका से आए हुए थे, प्रणव और डेनिस, जो पहले पापा के साथ ही पढ़ते थे। बाद में बिजनेस के लिए अमेरिका चले गए थे। अब इंडिया घूमने आए थे। उनके साथ उनका एक अमेरिकी दोस्त विश्वा भी था। मम्मी-पापा ऑफिस चले जाते थे और मेरी छुट्टियां थीं, तो वो ज्यादा वक्त मेरे साथ गुजारते। वो मेरे साथ गंदे जोक्स सुनाते, प्रणव तो ज्यादा ही खुला हुआ था। एक दिन मैंने पूछा कि वहां की जिंदगी कैसी है, तो प्रणव बोला, तुम्हारी जितनी लड़कियां तो मां बन जाती हैं। वो बोला, तनु, तुमने कभी सेक्स का मजा लिया है? मैं बोली, नहीं। वो बोला, अच्छा, वहां तो लड़कियां 19 की उमर में ही चुदाई करवा लेती हैं। मैं उनके मुंह से चुदाई वर्ड सुनकर बहुत खुश हुई। मैं बोली, अंकल, कैसे बातें करते हो। इतने में डेनिस और विश्वा भी आ गए। प्रणव ने अलग जाकर कुछ समझाया, तो वो मेरे पास आकर बोले, हम थोड़ी देर घूमकर आते हैं। प्रणव अंकल रुक गए। अब घर में हम दोनों थे। family friend chudai

मैं बोली, अंकल, मेरी फ्रेंड तो बताती है कि सेक्स में लड़की को बहुत दर्द होता है। अंकल बोले, वो अनाड़ी होते हैं, बाकी थोड़ा दर्द के बाद मजा ही मजा है। अंकल मेरे पास बैठे, मेरे गाल सहला रहे थे। तभी उनका एक हाथ मेरे बूब्स पर आ गया। मैं चुप बैठी रही। वो मेरी आंखों में देखकर मुस्कराए और हल्का सा मेरी चूची को दबा दिया। मेरे मुंह से उई मां निकला। जब उन्होंने देखा कि मैं कुछ नहीं बोल रही, अंकल मेरे पास आकर बैठ गए। मुझे पता चल गया था कि आज मेरी चूत को खुराक मिलने वाली है। मैं बोली, अंकल, मेरी सहेली बताती है कि उसका बीएफ उसे बहुत गालियां देकर सेक्स करता है। वो बोले, हां, सेक्स में अच्छा होता है। उनका हाथ मेरी चूचियां दबा रहा था। धीरे-धीरे मेरे सारे कपड़े जमीन पर थे। वो मेरे लिप्स चूस रहे थे। मैं झूठ-मूठ का विरोध कर रही थी। मैं बोल रही थी, अंकल छोड़ दो, कोई आ जाएगा, प्लीज मत करो।

इतने में घर की बेल बजी। तो अंकल मुझे जकड़े हुए ही लिप्स चूसते हुए फोन तक ले गए। पापा का फोन था। पापा बोले, क्या कर रहे हो? उन्होंने लाउडस्पीकर ऑन कर दिया।

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पापा: क्या कर रहे हो?

अंकल: कुछ नहीं, बस आम चूसने की तैयारी है। (मेरी चूचियों पर हाथ फेरते हुए बोले)

पापा: यार, मुझे और तेरी भाभी को तो पार्टी में जाना पड़ेगा, सुबह तक ही आ पाएंगे। तुम तनु का खयाल रखना।

अंकल: आराम से जाओ, यार इतने दिन हो गए आए हुए, कोई लौंडिया नहीं मिली। कोई जवान कली से खेलने का मन कर रहा है। (मैं मुस्करा रही थी)

पापा: तुम्हारी आदत गई नहीं क्या अभी तक, जवान लड़कियों से मजा लेने की। अब तो सुधर जाओ यार।

अंकल: यार, तुम तो पार्टी में मजा लोगे, हम यहां क्या करें। किसी लड़की को भेज दो यार।

पापा: देखना, कहीं तुम तीनों तनु को ही न रगड़ देना। (मैं हैरान हो गई पापा के मुंह से मेरे बारे में सुनकर) उसका खयाल रखना।

अंकल: यार, पूरी तरह से खयाल रखूंगा। लो बात कर लो।

मैं: हां पापा।

पापा: बेटा, अंकल की बात मानना और जो मांगे वो दे देना। मैं रात को नहीं आऊंगा, ओके बाय।

मैं: बाय पापा।

फोन रखते ही अंकल मुझ पर टूट पड़े। मेरी चूचियां कस-कस के रगड़ने लगे। मैं बोली, अंकल ये क्या कर रहे हो। वो अपना लंड अपनी पैंट में से निकालते बोले, करना क्या है मेरी बुलबुल। उनका लंड खड़ा था। बोले, मेरी जान, इससे मिल, अब ये करेगा। और मेरा हाथ अपने मोटे से लंड पर रख दिया। हाथ लगते ही वो उछलने लगा। मैं भी मस्ती के मूड में आ गई। मैं बोली, अंकल, ये उछल बहुत रहा है। अंकल बोले, ये तेरी जैसी बुलबुल देखकर खुशी के मारे उछल पड़ता है। मैं बोली, अंकल, पर ये दर्द बहुत देता है। उन्होंने मुझे ज्यादा न बोलते हुए सोफे पर लिटाया। पहले धीरे से मेरी चूत को छुआ, उंगलियां फेरकर सहलाया, फिर 3-4 किस मेरी चूत पर कर के अपना लंड मेरी चूत पर लगा दिया। मैं ना-ना करती रही, पर उन्होंने मेरी चूची पकड़ के एक झटका मारा। आधा लंड चूत में घुस गया। मेरी चूत में जोरदार जलन हुई। मां… मर गई… साली मां को याद करती है, तेरी रंडी मां तो खुद कहीं चुद रही होगी साली। ये लौड़ा तेरी मां ने भी अपनी चूत में लिया है, देख ले मां-बेटी दोनों इस लंड के नीचे आ गई। कहते हुए पूरा लंड चूत में सरका दिया। मैं दर्द से चीखे जा रही थी, पर अंकल कोई तरस खाने के मूड में नहीं थे। साली दोनों मां-बेटी टाइट हैं।

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धीरे-धीरे वो लंड अंदर-बाहर करने लगे, पहले धीमे धक्के, मेरी चूत की दीवारों को सहलाते हुए। मैं दर्द से कराह रही थी, आह… उई… मां… लेकिन थोड़ी देर बाद दर्द कम हुआ और मजा आने लगा। मैंने पूछा, अंकल, तुमने मम्मी को कब चोदा है? वो बोले, अकेले मैंने ही नहीं, हम तीनों ने ही उस रंडी को चोदा है। वो आगे बोलते, इतने में ही डेनिस अंकल और विश्वा अंकल अंदर आ गए। मैं डर और शर्म से सब भूल गई। दोनों मेरे पास आए, मेरी चूचियों पर हाथ फेराते हुए बोले, मान गए प्रणव, बेटी तो मां से भी बढ़कर लगती है। विश्वा अंकल बोले, देखो कितनी प्यारी है। और मेरा निप्पल जोर से मसल दिया। आआ… मेरे मुंह से निकला। उन दोनों ने भी अपने कपड़े उतार दिए। प्रणव अंकल का लंड मोटा ज्यादा था, विश्वा अंकल का लंड एकदम गोरा, लाल टोपा, बिलकुल मशरूम की तरह। देख के मेरे मुंह में पानी आ गया।

विश्वा और डेनिस मेरे अगल-बगल में बैठ गए। मेरे हाथों में अपने लंड पकड़ा दिए और दोनों ने मेरी एक-एक चूची मुंह में ले ली। दोनों बुरी तरह से मेरी चूची चूस रहे थे, निप्पल को दांतों से काटते, जीभ से चाटते। मैं ओह… ओह… अंकल प्लीज… कर रही थी। प्रणव मेरी चूत में धक्के लगे हुए थे, अब तेज हो गए थे। मेरा पानी निकलने वाला था। मैं मस्ती में चूर थी। आआह… उं… अंकल फक मी… हार्ड… डीप… आआ… हां… यस… फक… फक मी फास्ट… अंकल आई एम ऑल योर्स… फक मी लाइक अ बिच… ओह्ह्ह… यस… आह्ह्ह… आई एम कमिंग… और मेरा जोर से पानी निकला। प्रणव लगे हुए थे, मैं निढाल सी हो गई थी। डेनिस मेरे लिप्स बुरी तरह चूसते हुए बोले, हरामजादी, बिलकुल अपनी मां की तरह हॉट है।

प्रणव अंकल ने अपना लंड निकाला और मुझे नीचे अपने घुटनों पर करके मेरा सिर विश्वा की गोदी में टिका दिया। मेरा उनका लंड मेरे गालों पर रगड़ खा रहा था। प्रणव अंकल ने पीछे से मेरी चूत पर लंड टिका जोर से धक्का मारा। उईईई… मां… लंड पूरा मेरी चूत में था। विश्वा अंकल ने मेरा सिर पकड़ कर अपना लंड मेरे मुंह में देने लगे। मैं बोली, अंकल मुंह में नहीं। प्रणव अंकल धक्के मारते बोले, आज तू किसी बात के लिए मना नहीं कर सकती। आज तो सारी रात तुझे कुत्ती की तरह चोदना है। ले-ले, तेरी मां बड़े शॉक से चूसती है। विश्वा बोले, मां-बेटी एक जैसी ही रंडी हैं, वो भी लंड चूसने में पहले ना-ना करती है। मैंने मुंह में लंड भर लिया। डेनिस का लंड मेरे हाथ में था और वो मेरी चूचियां दबा रहा था। जब पीछे से चूत पर धक्का पड़ता, लंड पूरा गले तक घुस जाता।

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वो तीनों मुझे मेरी मां का नाम ले-ले कर चिढ़ा रहे थे। प्रणव अंकल की स्पीड बढ़ गई थी। मैं समझ गई वो झड़ने वाले हैं। ओह्ह… बेबी… गुड… आई एम कमिंग… उन्होंने अपना लंड अंदर तक चूत में दबा दिया। गर्म-गर्म वीर्य की गर्मी पाकर मैं भी झड़ चुकी थी। डेनिस अंकल ने एकदम मेरी बगलों में हाथ डाला और मेरा मुंह अपने लंड के पास ले आया। विश्वा अंकल ने प्रणव अंकल की सीट ले ली। अब मेरे घुटने जमीन पर थे, हाथ डेनिस के बैक पर थे। पीछे से विश्वा अंकल, आगे से डेनिस अंकल। चूत गीली होने के कारण पच-पच की आवाजें आ रही थीं। विश्वा अंकल ने पहले मेरी चूत को उंगलियों से सहलाया, क्लिट को रगड़ा, फिर लंड डाला और धीमे-धीमे धक्के देने लगे, धीरे-धीरे स्पीड बढ़ाई। डेनिस अंकल मेरे मुंह में लंड डालकर चूसवा रहे थे, मेरे बाल पकड़कर आगे-पीछे कर रहे थे। 10 मिनट बाद डेनिस अंकल भी झड़ गए। सारा वीर्य मेरे मुंह पर बिखरा पड़ा था। विश्वा अंकल लगातार धक्के मार रहे थे। मैं मस्ती में चीख रही थी, ओह्ह्ह… यस्स्स… फक मी अंकल… ओह्ह्ह… माय गॉड… अंकल फक योर बिच… मेक मी योर स्लट… या… या… फक हार्डर अंकल… आआह… उंं… हां… यस… मैं एकदम बुरी तरह से जरी। अंकल ने लंड निकाला और मेरे मुंह में दे दिया। वीर्य और मेरी चूत का पानी का स्वाद आ रहा था। 2-4 धक्के मुंह में मारने के बाद वो भी झड़ गए।

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