Maa Beta aur Beti ka threesome sex story – Maa Beti lesbian sex story: हेलो दोस्तों, मेरा नाम पायल है। मैं 20 साल की हूँ, और मेरे बारे में बस इतना कहूँगी कि मेरा फिगर 32-28-32 का है, जो मुझे काफ़ी सेक्सी बनाता है। मेरे घर में मेरे अलावा मेरी मम्मी और मेरा बड़ा भाई रहते हैं। मेरे पापा नौकरी की वजह से ज़्यादातर बाहर रहते हैं, तो घर में हम तीनों ही होते हैं। मेरी मम्मी का नाम रीना है, और वो 38 साल की हैं। उनका फिगर 36D-30-36 है, और वो इतनी हॉट हैं कि कोई भी उनकी उम्र का अंदाज़ा नहीं लगा सकता। वो हमेशा टाइट साड़ी या सलवार सूट पहनती हैं, जिससे उनकी कर्व्स और भी उभर कर सामने आते हैं। मेरा भाई, राहुल, 22 साल का है, और उसका बदन जिम जाने की वजह से काफ़ी फिट और मस्कुलर है। वो कॉलेज में है और हमेशा अपने दोस्तों के साथ मस्ती करता रहता है।
मेरी और मम्मी की काफ़ी अच्छी बनती है। हम दोनों एक-दूसरे से हर बात शेयर करते हैं, फिर चाहे वो कितनी भी पर्सनल क्यों न हो। बात उस दिन की है, जब मैं अपने कमरे में अकेली थी। मैंने दरवाज़ा बंद किया था और बिस्तर पर लेट कर अपनी चूत में उंगली डाल रही थी। मेरी साँसें तेज़ थीं, और मैं अपनी आँखें बंद करके उस मज़े में डूबी थी। तभी अचानक दरवाज़ा खुला, और मम्मी अंदर आ गईं। मैं एकदम डर गई और चादर से खुद को ढकने की कोशिश की। मुझे लगा कि अब तो डाँट पड़ने वाली है। लेकिन मम्मी ने हल्के से मुस्कुराते हुए कहा, “अरे पायल, उंगली से क्या मज़ा आएगा? रुक, मैं तेरे लिए कुछ लाती हूँ।”
मैं हैरान थी। मम्मी का रवैया देखकर मुझे बिल्कुल अंदाज़ा नहीं था कि वो क्या लाने वाली हैं। वो नीचे किचन में गईं और कुछ मिनट बाद एक मोटी, रसीली गाजर लेकर आईं। मैंने हैरानी से पूछा, “मम्मी, ये क्या?” मम्मी हँसीं और बोलीं, “अरे बेटी, आजकल की लड़कियाँ तो सब करती हैं। मैं भी तो करती हूँ। जब तेरे पापा नहीं होते, तो गाजर, बैंगन, या लौकी से अपनी हवस शांत करनी पड़ती है।” उनकी बात सुनकर मुझे अजीब सा सुकून मिला। मैंने सोचा, अगर मम्मी इतने खुले विचारों की हैं, तो शायद मुझे शर्माने की ज़रूरत नहीं।
मम्मी ने अपनी साड़ी ऊपर उठाई और अपनी चूत दिखाई। उनकी चूत एकदम साफ़ थी, गुलाबी रंग की, जैसे कोई फूल हो। वो बोलीं, “देख, पायल, ऐसे मज़ा लिया जाता है।” उन्होंने दो गाजर लाई थीं, एक मुझे दी और एक खुद रख लिया। फिर वो बिस्तर पर मेरे बगल में लेट गईं और अपनी चूत में गाजर डालने लगीं। मैंने भी वैसा ही किया। गाजर मेरी चूत में धीरे-धीरे अंदर-बाहर होने लगी, और मैं सिसकारियाँ लेने लगी, “आह्ह… मम्मी… ये तो… उफ्फ… बहुत मज़ा दे रहा है।” मम्मी भी सिसकारी ले रही थीं, “हाँ बेटी… आह्ह… ऐसे ही… धीरे-धीरे कर… पूरा मज़ा ले।”
मम्मी का मज़ा अभी भी चालू था, लेकिन मैं जल्दी झड़ गई। मेरी साँसें तेज़ थीं, और मेरी चूत गीली हो चुकी थी। मैंने देखा कि मम्मी अभी भी गाजर से खेल रही थीं। मैंने उनके हाथ से गाजर लिया और कहा, “मम्मी, लाओ, मैं करती हूँ।” मैंने उनकी चूत में गाजर डालना शुरू किया। उनकी चूत इतनी गीली थी कि गाजर आसानी से अंदर-बाहर हो रही थी। मैंने धीरे-धीरे उनकी चूत चाटना शुरू किया। उनकी चूत का स्वाद नमकीन और थोड़ा मीठा था। मम्मी सिसकारियाँ ले रही थीं, “आह्ह… पायल… उफ्फ… तू तो… बहुत अच्छा कर रही है।” फिर मम्मी ने मेरी चूत चाटी। उनकी जीभ मेरी चूत के होंठों पर फिर रही थी, और मैं पागल हो रही थी, “आह्ह… मम्मी… ओह्ह… और चाटो… उफ्फ…”
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उस दिन से हम दोनों हर रात एक-दूसरे के साथ मज़ा लेने लगे। हम नंगे ही सो जाते, और रात को चूत में उंगली या गाजर डाल कर मज़ा करते। मेरा भाई राहुल दूसरे कमरे में सोता था, तो उसे कुछ पता नहीं था। लेकिन एक दिन कुछ ऐसा हुआ कि सब बदल गया।
एक रात मैंने मम्मी से कहा, “चलो मम्मी, आज साथ में नहाते हैं।” मम्मी मुस्कुराईं और बोलीं, “ठीक है, चल।” हम दोनों बाथरूम में चले गए। वहाँ हमने एक-दूसरे की चूत में उंगली की, और फिर मैंने मम्मी की गीली चूत को चाटा। मम्मी ने मेरी गाँड में उंगली डाली, और मैं सिसकारियाँ लेने लगी, “आह्ह… मम्मी… उफ्फ… ये तो बहुत मज़ा दे रहा है।” फिर मम्मी ने कहा, “पायल, जा, किचन से लौकी ले आ।” मैंने सोचा, राहुल तो सो रहा है, तो मैं नंगी ही किचन चली गई।
जब मैं लौकी लेकर वापस आई, तो मैंने देखा कि राहुल बाथरूम के बाहर खड़ा था। वो मम्मी को नंगा नहाते हुए देख रहा था और अपनी चड्डी में हाथ डालकर लंड हिला रहा था। उसका लंड काफ़ी बड़ा था, शायद 7 इंच का, और मोटा भी। मैं उसके पास गई और बोली, “ये क्या कर रहा है तू?” वो एकदम चौंक गया और मुझे देखने लगा। मैं तो पूरी नंगी थी। उसका मुँह खुला का खुला रह गया। फिर वो बोला, “पायल, तुम दोनों साथ में नहा रही थीं?” मैंने कोई रास्ता न देखते हुए हाँ कह दिया।
राहुल ने मुस्कुराते हुए कहा, “मेरी प्यारी बहन, मुझे भी एक बार साथ में नहाने दे।” मैं उसे मम्मी के पास ले गई और सब बता दिया। मम्मी ने शांत स्वर में कहा, “देख बेटा, हम बस अपनी शारीरिक ज़रूरतें पूरी करते हैं। तू भी कोई संत तो नहीं है। चल, कपड़े उतार और आ जा, तेरी भी मदद कर देंगे।”
राहुल ने झट से अपने कपड़े उतारे और बाथरूम में हमारे साथ आ गया। उसका लंड अब पूरा खड़ा था, और वो उसे सहला रहा था। उसने लौकी देखी और पूछा, “ये लौकी क्यों?” मैंने कहा, “चूत में डालने के लिए।” राहुल हँसा और बोला, “ये फेंक दे, आज तो मैं हूँ ना।” ये कहकर उसने मुझे दीवार से सटा लिया। उसने मेरे होंठों को चूमा, और उसकी जीभ मेरे मुँह में थी। मैं भी उसे चूमने लगी। फिर उसने मेरी चूत पर अपना लंड रगड़ा। मेरी चूत पहले से गीली थी, और उसका लंड धीरे-धीरे अंदर गया। “आह्ह… राहुल… उफ्फ… कितना मोटा है… धीरे… आह्ह…” मैं सिसकारियाँ ले रही थी।
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राहुल ने धीरे-धीरे धक्के मारने शुरू किए। हर धक्के के साथ मेरी चूत में आग लग रही थी। “फच… फच…” की आवाज़ बाथरूम में गूँज रही थी। मैं चिल्ला रही थी, “आह्ह… राहुल… और ज़ोर से… चोद मुझे… उफ्फ…” मम्मी हमें देख रही थीं और अपनी चूत में उंगली कर रही थीं। फिर मैंने कहा, “देख मम्मी, तेरा बेटा मुझे चोद रहा है। आह्ह… कितना मज़ा दे रहा है। तू भी चुदवा ले।”
राहुल ने मम्मी को पकड़ा और उनकी चूत में अपना लंड डाल दिया। मम्मी की चूत इतनी गीली थी कि लंड आसानी से अंदर चला गया। “आह्ह… बेटा… उफ्फ… तेरा लंड तो… बहुत मोटा है… चोद अपनी माँ को…” मम्मी सिसकारी ले रही थीं। राहुल ने मम्मी को दीवार के सहारे झुकाया और पीछे से उनकी चूत में लंड डाला। “फच… फच… फच…” की आवाज़ तेज़ हो गई। मम्मी चिल्ला रही थीं, “आह्ह… राहुल… और ज़ोर से… फाड़ दे मेरी चूत… उफ्फ…”
मैं राहुल के पीछे गई और उसकी गाँड पर चूमने लगी। फिर मम्मी ने कहा, “पायल, देख, तेरा भाई अपनी माँ को चोद रहा है। आह्ह… कितना मज़ा दे रहा है।” फिर मम्मी बोलीं, “बेटा, अब मेरी गाँड मार।” राहुल ने मम्मी की गाँड पर थोड़ा तेल लगाया और अपना लंड धीरे-धीरे उनकी गाँड में डाला। मम्मी चिल्लाईं, “आह्ह… उफ्फ… धीरे बेटा… तेरी माँ की गाँड तंग है…” लेकिन राहुल ने धीरे-धीरे धक्के मारने शुरू किए। “पच… पच…” की आवाज़ गूँज रही थी।
मैंने मम्मी की चूत चाटना शुरू किया, और वो पागल हो रही थीं, “आह्ह… पायल… उफ्फ… तू और चाट… राहुल, और ज़ोर से मार मेरी गाँड…” राहुल ने कहा, “मम्मी, तुम्हारी चूत और गाँड में इतना मज़ा है। पायल, तेरी चूत भी कमाल है। अब तो मुझे रोज़ चाहिए।” हम तीनों ने उस रात खूब मज़ा किया। अब हर रात हम तीनों साथ में चुदाई करते हैं और नंगे ही सो जाते हैं।
दोस्तों, आपको मेरी कहानी कैसी लगी? क्या आपने कभी ऐसी चुदाई की है? नीचे कमेंट में बताइए।
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Very nice story gher ka mall gher may
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