हाय, मैं हूमा। उम्मीद है आपको माँ, बेटा और बहू की ये हॉट इन्सेस्ट थ्रीसम कहानी पसंद आएगी। मैं अमित अपनी कहानी को और रसीला करने के लिए हाजिर हूँ। मेरी उम्र 28 साल है, मैं एक मध्यम कद का नौजवान हूँ, गठीला शरीर, गेहुँआ रंग और 7 इंच का मोटा लंड, जो मेरी माँ और बीवी दोनों को दीवाना बना देता है। मेरी माँ सुमन, 46 साल की, गोरी, भरे हुए चूतड़, 38D की चुचियाँ और रसीली चूत, जो अभी भी जवानी की आग से भरी हुई है। मेरी बीवी सोनिया, 25 साल की, स्लिम फिगर, 34C की चुचियाँ, और टाइट चूत, जो मेरे लंड की प्यासी रहती है। मेरी बहन निधि, 30 साल की, और उसकी सास, 50 साल की, कहानी में थोड़ा रंग भरती हैं।
उस रात अपनी माँ सुमन की चुदाई करने के बाद, मैं अगले दिन सुबह देर से उठा। सुमन नहा-धोकर रसोई में नाश्ता बना रही थी। उसने सिर्फ़ एक पतली सी कॉटन की कुरती पहनी थी, नीचे कुछ भी नहीं। उसका गोरा बदन कुरती के पार से चमक रहा था, और उसकी चुचियाँ कुरती को फाड़ने को तैयार थीं। मैंने पीछे से जाकर उसे अपनी बाहों में कस लिया, उसकी चुचियों को जोर से मसलना शुरू किया। सुमन चौंक पड़ी और हल्के से चिहुंक उठी, “अरे, ये क्या अमित? सुबह-सुबह अपनी माँ को दबोच लिया? पहले नहा तो ले, बेटा! क्या माँ इतनी पसंद आ गई कि सब्र नहीं हो रहा? आज तो मैं तेरी बीवी सोनिया को भी घर ला रही हूँ। फिर कैसे मैनेज करेगा, जब दो-दो औरतों से जूझना पड़ेगा? कहीं सोनिया को शक न हो जाए कि हम माँ-बेटे में क्या चल रहा है। सच कहूँ, अमित, अब मैं तेरे लंड के बिना नहीं रह सकती। कैसे बर्दाश्त करूँगी कि तू किसी और के पास जाए? मेरा दिल तुझे किसी के साथ बाँटने को तैयार नहीं। अरे, धीरे-धीरे मेरी चुचियाँ मसल, मादरचोद, दर्द होता है!”
मैं उसकी चुचियों को मसलते हुए गरम होने लगा। उसकी कुरती के ऊपर से उसकी चूत को रगड़ा, जो पहले से गीली थी। उसकी साँसें तेज हो रही थीं, लेकिन मुझे ऑफिस जाना था। मैंने उसकी चूत को एक आखिरी बार जोर से रगड़ा और नहाने चला गया। नहाते वक्त मेरे दिमाग में सुमन और सोनिया के जिस्म घूम रहे थे। मेरा लंड फिर से कड़क हो गया, 7 इंच का लोहे जैसा। मैंने उसे शांत करने के लिए ठंडे पानी से नहाया, लेकिन वो बेकाबू था। नहाकर बाहर निकला, नंगा ही डाइनिंग टेबल पर बैठ गया और नाश्ता शुरू किया। सुमन को देखकर बोला, “माँ, जब तक मैं नाश्ता करता हूँ, क्यों न तू मेरा लंड चूस ले? मेरा सालों पुराना सपना है कि अपनी माँ को नाश्ते की टेबल पर लंड चुसवाऊँ। चल, जल्दी से मेरा लंड मुँह में ले, मेरी जान।”
सुमन मुस्कुराई और मेरे सामने घुटनों पर बैठ गई। उसने मेरे लंड को अपने मुलायम हाथों में लिया, उसकी गर्मी को महसूस किया, और धीरे से अपने मुँह में डाल लिया। उसकी जीभ मेरे लंड के टोपे पर घूम रही थी, और मैं सिसकारियाँ ले रहा था, “उह्ह… माँ, क्या चूसती है तू!” मैं नाश्ता खाते हुए उसका सिर पकड़कर अपने लंड पर दबाने लगा। तभी डोरबेल बजी। सुमन ने जल्दी से कुरती ठीक की और बाहर गई। मैं जल्दी से अंदर जाकर कपड़े पहनने लगा। बाहर आया तो देखा मेरी बहन निधि और उसकी सास हमारे घर आए थे। निधि की सास को डॉक्टर से दवाई लेनी थी, और उनकी दुकान दोपहर को खुलने वाली थी। जाहिर था, वो हमारे घर ही रुकेंगी। अब सुमन मेरी बीवी सोनिया को लाने मेरे ससुराल नहीं जा पाएगी। मैंने ऑफिस फोन करके बता दिया कि मैं लेट पहुँचूँगा। घर से निकलते वक्त मैंने सुमन को हसरत भरी नजरों से देखा और बोला, “माँ, अब सोनिया के साथ झगड़ा मत करना, नहीं तो घर बर्बाद हो जाएगा। मैं तुम दोनों सास-बहू को चोदता रहूँगा, मेरी रानी।” सुमन ने मुस्कुराकर कहा, “चिंता मत कर, बेटा।”
अपने ससुराल पहुँचा तो सोनिया मुझे देखकर पागल हो गई। वो अपने कमरे में मुझे खींच ले गई और मेरा लंड पकड़कर रोने लगी, “अमित, मादरचोद, मैं तेरे बिना नहीं रह सकती। देख, मेरी चूत का क्या हाल हो गया, सिर्फ़ एक दिन में! मेरे मालिक, मैं आज से तेरी माँ से झगड़ा नहीं करूँगी, कसम से। मैं और सुमन प्यार से रहेंगी, तुझे बिल्कुल तंग नहीं करेंगी। मुझे माफ कर दे, मैं तेरे लंड के बिना मर जाऊँगी!” मैं मन ही मन मुस्कुराया। माँ और बीवी दोनों मेरी खुशी के लिए समझौता करने को तैयार थीं। मेरी किस्मत चमक रही थी। सोनिया जल्दी से तैयार हुई और मेरे साथ मोटरसाइकिल पर घर चल पड़ी। घर पहुँचे तो निधि और उसकी सास दवाई लेकर जा चुकी थीं। मैंने सुमन को बताया कि मैं ऑफिस जा रहा हूँ।
ऑफिस से जल्दी फ्री होकर मैं घर लौटा। न जाने क्यों, मैं मेन गेट से नहीं, पीछे के गेट से अंदर गया। घर में सन्नाटा था। मैं चुपके से सुमन के कमरे के पास पहुँचा। वहाँ सुमन और सोनिया सोफे पर बैठी थीं। सुमन ने सोनिया को अपनी बाहों में लिया और उसके गालों को चूमते हुए कहा, “सोनिया, मेरी बेटी, मैं अब तुझसे कभी नहीं लड़ूँगी। तेरी याद में अमित का बुरा हाल हो गया था। मुझे उसकी ये हालत देखी नहीं जाती। अब मैं तुझे प्यार से रखूँगी, मेरी प्यारी बहू।” सोनिया सुमन के गले लग गई और उसे चूमते हुए बोली, “मैं भी वादा करती हूँ कि ऐसी कोई बात नहीं करूँगी, जिससे तुझे या अमित को दुख पहुँचे। अब हम दोनों अमित को बहुत प्यार करेंगी। अमित हम दोनों से प्यार करता है, तो फिर हम क्यों लड़ें? ओह सुमन, आय लव यू!”
सास और बहू एक-दूसरे के आलिंगन में थीं, एक-दूसरे से लिपट रही थीं। मुझे बड़ा मजा आ रहा था। पहले तो मैं कमरे में जाने वाला था, लेकिन फिर सोचा, क्यों न चुपके से इनकी हरकतें देखूँ। सोनिया सुमन के गालों पर हाथ फेर रही थी, और सुमन अपनी बहू के जिस्म को सहलाने लगी। सुमन ने प्यार से कहा, “सोनिया, तू इतनी सुंदर और सेक्सी है, तभी तो अमित तेरे बिना उदास हो गया था। तेरा जिस्म कितना मस्त है। अमित तो क्या, कोई भी तेरे ऊपर मर मिटे।” सोनिया खुश होकर बोली, “सच? क्या मैं तुझे सेक्सी लगती हूँ? सुमन, तू भी किसी से कम नहीं। तेरा बदन भी इतना सेक्सी है। शायद इसीलिए अमित तुझसे इतना प्यार करता है। कई बार तो मैं सोचती हूँ कि कहीं अमित तुझे चोदना तो नहीं चाहता। सुमन, तू तो प्यार करने के लिए ही बनी है। अगर मैं मर्द होती, तो तुझे बड़े मजे से चोदती। तेरी जवानी का रस पी जाती। एक औरत होते हुए भी मैं तुझसे इतनी आकर्षित हो रही हूँ कि अपने आप पर काबू नहीं कर पा रही। सुमन, सच कहूँ, तू मुझे बहुत अच्छी लग रही है। मेरा मन कर रहा है कि मैं तेरे जिस्म को प्यार करूँ, इसे चूम लूँ। क्या मैं तुझे चूम सकती हूँ?”
ये कहते हुए सोनिया ने सुमन के होंठों पर अपने होंठ रख दिए और उसे चूमने लगी। मुझे हैरानी तब हुई, जब सुमन ने भी जवाब में उसे चूमना शुरू कर दिया। सुमन ने सोनिया की चुचियों पर हाथ फेरना शुरू किया और चूमते हुए कहा, “सोनिया, मेरी बेटी, तू जो चाहे मेरे साथ कर सकती है। मुझे भी तू बहुत पसंद है। तेरी चुचियाँ कितनी मस्त हैं। देख, मेरे हाथ लगते ही कैसे कड़क हो गईं। तेरे निप्पल्स तो पत्थर जैसे सख्त हो गए। तेरा जिस्म मुझे चुदासी बना रहा है। सोनिया, मुझे प्यार कर, मैं तेरे प्यार के लिए तड़प रही हूँ। मैंने कभी नहीं सोचा था कि एक औरत का जिस्म मुझ पर ऐसा असर कर सकता है। मुझे नहीं पता था कि मेरे अंदर लेस्बियन एहसास भी हो सकता है। तेरे स्पर्श से मेरे जिस्म में आग लग गई है। मेरी चूत में पानी बहने लगा है। सोनिया, मुझे प्यार कर, मैं मर रही हूँ। मुझे नंगा कर दे, मेरी साँसें रुक रही हैं, मेरी उत्तेजना बढ़ रही है। मैं अपनी सोनिया को नंगी देखना चाहती हूँ। मैं वो सब देखना चाहती हूँ, जो मेरा बेटा अमित देखकर मस्त हो जाता है। मैं तेरी उस चूत के दर्शन करना चाहती हूँ, जिसमें मेरा बेटा अपना लंड पेलकर तुझे जन्नत दिखाता है। मैं तेरी चूत का रस पीना चाहती हूँ। ओह सोनिया, मेरी चूत से गंगा बह रही है, मुझ पर तरस खा, मुझे प्यार कर!”
मैं हैरानी से ये नजारा देख रहा था। मेरी माँ मेरी बीवी की लेस्बियन पार्टनर बन रही थी। मेरे मन में ख्याल आया कि क्यों न चुपके से देखूँ कि ये दोनों मस्त औरतें क्या करती हैं। अगर ये दोनों लेस्बियन प्यार कर लें, तो फिर मुझे कोई भी इन्हें चोदने से नहीं रोक सकता। बीवी के साथ-साथ माँ भी मेरी हमबिस्तर हो जाएगी, और किसी को कोई ऐतराज नहीं होगा। हम तीनों एक जिस्म, एक जान हो जाएँगे।
सोनिया ने सुमन के कपड़े उतारने शुरू किए। सुमन ने साड़ी के नीचे काली पैंटी और ब्रा पहनी थी। उसका गोरा बदन दिन की रोशनी में चमक रहा था। उसके मांसल चूतड़ इतने सेक्सी लग रहे थे कि सोनिया उनके ऊपर हाथ फेरने लगी। सुमन ने भी सोनिया के कपड़े उतारने शुरू किए। सोनिया का सांचे में ढला जिस्म सुमन के हाथों में उत्तेजना से काँप रहा था। कमरे में वासना का माहौल था। सुमन ने सोनिया के पेट पर हाथ फेरते हुए उसकी सफेद पैंटी में हाथ डाल दिया। सोनिया काँप उठी। सुमन ने अपनी बहू की चूत पर हाथ रखा, जिससे सोनिया अपने आप पर काबू न रख सकी। “आह्ह… माँ, तेरे स्पर्श में क्या जादू है! मेरी चूत का रस बहने लगा है। सुमन, अगर तेरे हाथों का ये हाल है, तो जब हम दोनों पूरी तरह नंगी होंगी, तब क्या होगा? जब मेरे होंठ तेरे बदन को चूमेंगे, जब मैं तेरी जाँघों के बीच तुझे चूमूँगी, तेरे निप्पल्स चूसूँगी, जैसे अमित ने कभी चूसे होंगे। ओह सुमन, मैं अमित का लंड तेरी चूत में देखना चाहती हूँ। मैंने कभी माँ-बेटे की चुदाई नहीं देखी। क्या तू मुझे ऐसा मौका देगी? क्या तू मेरे पति से चुदवाएगी, सुमन? मैं तेरी चूत में अपने पति का लंड देखना चाहती हूँ!”
सोनिया मेरे बारे में बात कर रही थी, और मैं बाहर से ये सब देख रहा था। मेरा 7 इंच का लंड 90 डिग्री पर खड़ा था। मेरा हाथ अपने आप मेरे लंड को मुठियाने लगा। सुमन ने अब सोनिया को पूरी तरह नंगा कर दिया। सोनिया की चूत फूली हुई थी, और सुमन उसे सहला रही थी। सोनिया कभी अपनी जाँघें खोल देती, कभी बंद कर लेती। सोनिया ने भी सुमन की ब्रा उतार दी और पैंटी नीचे खींच दी। मेरी माँ और बीवी पूरी तरह नंगी होकर एक-दूसरे से लिपट गई थीं और अपनी चूत को एक-दूसरे की चूत पर रगड़ रही थीं। “ओह्ह मेरी माँ, कितना मजा आ रहा है, सुमन! तेरी चूत कितनी गर्म हो गई है। तेरी चूत मेरी चूत में आग लगा रही है। अमित की माँ कितनी सेक्सी है। हे भगवान, सुमन, ऐसे ही अपनी चूत मेरी चूत पर रगड़कर मेरा रस निकाल दे। मैं उत्तेजना से मर रही हूँ। मेरी चुचियाँ चूस, मेरी सासू माँ! मेरे निप्पल्स कड़क हो गए हैं। मैं मस्ती से भर रही हूँ। मेरी चुचियाँ चूस, मेरी जान! मेरी चूत पानी छोड़ने वाली है। जोर से रगड़ मेरी चूत को, सुमन!” सोनिया उत्तेजना में चिल्ला रही थी। सुमन अपनी बहू के निप्पल्स को जोर से चूस रही थी और अपनी चूत का क्लिट उसकी चूत पर रगड़ रही थी।
तभी सुमन ने सोनिया के निप्पल्स छोड़े और उसकी जाँघों के बीच अपना मुँह ले गई। उसने सोनिया की चूत में अपनी जीभ डाल दी। “आह्ह्ह… सुमन!” सोनिया ने अपनी जाँघें पूरी तरह खोल दीं और सुमन की जीभ अपनी चूत में ले ली। सुमन ने सोनिया के चूतड़ों को कसकर पकड़ लिया और उसकी चूत का रस पीने लगी। सोनिया की जाँघों पर भी उसका रस टपक रहा था, और सुमन लगातार उसका रस चाट रही थी। “आह्ह… सुमन, अपनी जीभ से मुझे चोद दे! मेरी चूत उत्तेजना से फट रही है। मेरा रस पी जा! मैं झड़ रही हूँ! इतना रस मेरा कभी नहीं बचा। तेरी जीभ है या लंड? मुझे चोद दे, मेरी सुमन! हाँ, मेरे क्लिट को ऐसे ही चाट! आह्ह… मैं झड़ रही हूँ… सुमन, मैं गईीी!” सोनिया अपने चूतड़ पागलों की तरह उछाल रही थी। साफ था कि वो झड़ चुकी थी। सुमन अभी भी उसकी चूत चाट रही थी। सोनिया की आँखें बंद थीं। सुमन की गाण्ड मेरी आँखों के सामने थी, और मेरा लंड अब बेकाबू हो चुका था।
मैं चुपके से पीछे गया और अपना 7 इंच का लंड निकालकर सुमन के चूतड़ों की दरार के बीच उसकी चूत में घुसा दिया। “फचाक!” मेरे लंड ने उसकी गीली चूत में प्रवेश किया। सुमन चौंक पड़ी, “अरे, ये क्या! कौन है? तू अंदर कैसे आया?” तब तक मेरा लंड उसकी चूत में पूरा घुस चुका था। सोनिया ने भी आँखें खोलीं और नकली गुस्सा दिखाते हुए बोली, “अमित, ये क्या कर रहा है, मादरचोद? अपनी माँ को चोद रहा है, साले बहनचोद!” मैं हँस पड़ा, “साली छिनाल, तूने मेरी माँ को छोड़ा था क्या? अभी आते ही मेरी माँ के साथ लेस्बियन संबंध बना लिया और मुझे मादरचोद कह रही है? अगर मैं सुमन को चोद रहा हूँ, तो क्या हुआ? मेरी माँ इतनी सेक्सी है कि कोई भी उसे चोदना चाहेगा। क्यों, मेरी चुदक्कड़ सुमन, कैसा था मेरी बीवी की चूत का रस? साली, कितने मजे से चाट रही थी। अब मैं तुझे चोदता हूँ, और तू मेरी बीवी की चूत चाटती रह। सोनिया, अब हम तीनों में ये समझौता हो गया है कि हम जब चाहें, जिसके साथ चाहें, कर सकते हैं। हम माँ, बेटा और बहू एक-दूसरे के हमबिस्तर हैं। क्यों, मेरी सोनिया, तुझे ये प्रोग्राम पसंद आया कि नहीं? सोनिया, तू माँ की चुचियाँ चूस, और मैं इसकी चुदाई करता हूँ। मेरे घर में इतनी छिनाल औरतें रहती हैं, और मुझे पता ही नहीं था। खैर, अब मुझे चूत की और तुम्हें लंड की कमी नहीं होगी। क्यों, माँ, कैसा लग रहा है अपने बेटे का लंड अपनी चूत में, अपनी बहू के सामने? और तू, सोनिया, खुश है न अपने बेटे को अपनी माँ की चुदाई करते देखकर?”
सुमन अपनी गाण्ड मेरे लंड पर ठेलने लगी, और सोनिया उसकी चुचियाँ चूसने लगी। मैं “फच-फच” धक्के मार रहा था। सुमन की चूत इतनी गीली थी कि हर धक्के के साथ “पच-पच” की आवाज आ रही थी। “आह्ह… बेटा, तेजी से चोद! मैं झड़ने वाली हूँ!” सुमन चिल्लाई। उसकी चूत मेरे लंड को जकड़ रही थी। सोनिया उसकी चुचियों को चूसते हुए अपने हाथ से अपनी चूत रगड़ रही थी। “आह्ह… अमित, चोद अपनी माँ को! सुमन, तेरी चूत कितनी रसीली है!” मैं तेजी से धक्के मार रहा था। सुमन की गाण्ड मेरे लंड पर थप-थप की आवाज कर रही थी। “आह्ह… बेटा, मैं गईीी!” सुमन झड़ गई, और उसकी चूत का रस मेरे लंड पर बहने लगा। मैं भी झड़ने वाला था। “माँ, मैं भी झड़ रहा हूँ!” मैंने तेज धक्के मारे और अपना माल सुमन की चूत में छोड़ दिया। हम तीनों हाँफ रहे थे। सुमन बोली, “बेटा, आज मुझे जन्नत का मजा मिला। मेरा बेटा मादरचोद बन गया, और मेरी बहू मेरी चुदाई पार्टनर। अब हमारे घर में सिर्फ़ खुशियाँ होंगी। हे भगवान, हमारे घर की खुशी को किसी की नजर न लगे।”
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