Maid sex story – village kamwali sex story: हैलो फ्रेंड्स, कैसे हैं आप सब, उम्मीद करता हूं कि आप सब अच्छे होंगे और मेरी पिछली कहानी वासनामयी भाभी की चुदाई की ख्वाहिश आपको पसंद आई होगी, आज मैं अपनी नयी देसी मेड सेक्स कहानी लेकर हाजिर हूं जो एक साल पहले की है जब मेरे एग्जाम खत्म हो चुके थे और मैं छुट्टियों में गांव वाले घर जाने वाला था, इस कहानी में मैंने घर पर काम करने वाली आंटी की चूत चुदाई का भरपूर मजा लिया था. मैं दिखने में गोरा 5 फिट 7 इंच का स्मार्ट लड़का हूं और मेरा लंड औसत लंबाई से कुछ ज्यादा लम्बा और मोटा है जो किसी भी औरत की चूत को तृप्त कर सकता है.
मेरे गांव वाले घर पर सिर्फ बाबा ही अकेले रहते हैं क्योंकि दादी की मृत्यु एक साल पहले हो चुकी थी और तब से बाबा ने घर के सारे कामकाज संभालने के लिए शांति नाम की एक औरत को रख लिया था जो 28 साल की थी, वो अपने बच्चों के साथ घर के बाहर वाले हिस्से में रहती थी जहां एक कमरा और बाथरूम बना हुआ था जबकि उसका पति पुणे में नौकरी करता था. दोस्तो शांति आंटी की जवानी देखकर कोई नहीं कह सकता था कि इसके दो बच्चे हैं क्योंकि उसकी बॉडी एकदम लड़कियों जैसी टाइट और कसी हुई थी, बाबा ने खेतों के काम के लिए भी कई मजदूर रखे हुए थे और हम जमींदार खानदान से होने की वजह से गांव में हमारी अच्छी इज्जत थी.
मैं रात के 2 बजे घर पहुंचा तो बाबा सो रहे थे, मैंने उनसे मिलकर थोड़ी देर बात की और फिर अपने कमरे में जाकर सो गया, सुबह करीब 10 बजे किसी के बुलाने से आंख खुली तो सामने शांति आंटी खड़ी मुस्कुरा रही थी और मुझे देखकर मैं चौंक गया क्योंकि मुझे पता नहीं था कि घर पर इतना मस्त माल काम कर रहा है. सच में वो बहुत शोला माल थी, उसके चुचे ब्लाउज में से फूले हुए थे और आंखों में चुभ रहे थे, नीचे देखा तो उसकी गांड एकदम गोल और उठी हुई थी जिसका फिगर 34-30-36 का लग रहा था, कामवासना से मेरा लंड तुरंत सलामी देने लगा और मन कर रहा था कि इसे अभी नीचे लेकर चोद दूं लेकिन मैंने खुद को काबू में रखा क्योंकि इतनी जल्दी कुछ करना मुमकिन नहीं था.
उसने मीठी आवाज में मुस्कुराते हुए कहा कि आप खाना खा लीजिए, मैं समझ गया कि यही घर के काम के लिए रखी गई है, मैंने कहा ठीक है आप चलिए मैं आता हूं, वो ठीक है कहकर मुड़ी और इठलाती हुई गांड मटकाते चली गई, मैं आंखें फाड़े उसकी मदमस्त गांड को थिरकते देखता रहा और नजरों से ही उसे चोद रहा था, अब वो मेरे दिमाग में पूरी तरह सेट हो चुकी थी कि इसे किसी भी तरह लेना है. कुछ देर बाद मैं फ्रेश होकर नीचे पहुंचा, नाश्ता किया और बाबा से बातें करने लगा, थोड़ी देर इधर उधर की बात हुई फिर टीवी देखा और कमरे में जाकर सो गया, शाम को उठकर गांव के तालाब की तरफ गया जहां पुराने दोस्त मिले और बातचीत हुई फिर घर लौट आया लेकिन दिमाग में बस यही चल रहा था कि शांति आंटी की चूत को भोसड़ा बनाना है और इसके लिए प्लान सोचने लगा.
रात को बाबा के साथ खाना खाया, थोड़ी देर टीवी देखा और फिर रूम में सोने चला गया लेकिन दिन में सोने की वजह से नींद नहीं आ रही थी, आंटी को याद करके लंड सहलाया और मुठ मारकर लंड को शांत किया फिर सो गया. रात में नींद खुली तो प्यास लगी, पानी पिया और फोन देखने लगा, तभी नीचे कुछ गिरने की आवाज आई तो मैं धीरे से बिना आवाज किए नीचे उतरा, बाबा के कमरे की लाइट जल रही थी और अंदर से बातचीत की आवाज आ रही थी, मैं खिड़की के पास जाकर झांकने लगा और जो देखा उससे मेरा दिमाग खराब हो गया.
बाबा शांति आंटी की चूत चाट रहे थे और आंटी धीरे धीरे सिसकारियां लेते हुए बाबा के सिर को अपनी चूत पर दबा रही थी जैसे कोई चुदासी रंडी हो, फिर बाबा उठे और अपना 7 इंच लम्बा 2 इंच मोटा लंड आंटी के मुँह में दे दिया, आंटी रंडी की तरह लंड मुँह में लेकर चूसने लगी, पांच मिनट बाद बाबा उसके मुँह में ही झड़ गए और फिर आंटी के चुचे और चूत मसलने लगे, लंड मुरझाया हुआ था तो बाबा आंटी को बाहों में लेकर दूध चूस रहे थे. आंटी बगल में रखी व्हिस्की की बोतल से पैग बनाकर बाबा को दे रही थी और सिगरेट सुलगाकर खुद भी पीने लगी, बाबा ने पैग एक झटके में खाली किया और सिगरेट का धुंआ उड़ाने लगे, आंटी नीचे झुककर बाबा के लंड को चूसते हुए गोटियों को सहलाने लगी और लंड फिर से खड़ा होने लगा.
कुछ देर बाद बाबा का लंड पूरी तरह सलामी देने लगा तो उन्होंने आंटी को इशारा किया, आंटी चुत पसारकर लेट गई और बाबा उसके ऊपर चढ़ गए, बाबा ने खड़ा लंड चूत पर रखा और एक जोरदार झटके में पूरा लंड चूत के अंदर पेल दिया, लंड लेते ही आंटी जोर से चिल्ला दी लेकिन बाबा ने मुँह पर हाथ रखकर कहा साली ज्यादा चिल्ला मत वरना आयुष उठ जाएगा, आंटी चुप हो गई और बाबा धीरे धीरे चुत चोदने लगे. तभी मेरे दिमाग में आइडिया आया कि चुदाई का वीडियो बना लूं, मैंने फोन निकाला और दोनों की चुदाई रिकॉर्ड करने लगा, बाबा अब जोर जोर से थप्पड़ मारते हुए चोद रहे थे और आंटी दोनों टांगें हवा में उठाकर सिसकार रही थी, आह और जोर से चोदो मजा आ रहा है, उसकी आवाज वासना से भरी थी और गांड हिलाते हुए लंड चुत में लेते हुए मादक सिसकारियां ले रही थी, आह कितना मस्त चोदता है मेरा बालम आह फाड़ कर रख देता है आह उईई, बाबा हूँ उहूँ ले कहते हुए चोद रहे थे और आंटी चिल्ला रही थी आई उई चोदो मेरे राजा फाड़ दो मेरी चूत आह उई उई, बीस मिनट की धकापेल चुदाई के बाद दोनों झड़कर शांत हो गए.
मैं जल्दी से रूम में लौटा और सोचने लगा कि अब देसी मेड सेक्स का काम आसान हो जाएगा क्योंकि मेरे पास वीडियो थी, यही सोचते हुए बाबा और आंटी की चुदाई याद करके लंड हिलाया और सो गया. सुबह फ्रेश होकर नीचे आया तो देखा बाबा कहीं जा रहे थे, मैंने पूछा इतनी सुबह कहां जा रहे हैं, उन्होंने कहा दोस्त के यहां जमीन का झगड़ा है शाम तक लौटूंगा, ये कहकर वो चले गए. आंटी रसोई में खाना बना रही थी, मैंने कहा एक कप चाय बना दीजिए, वो मुस्कुराकर बोली ठीक है अभी लाती हूं, चाय लेकर आई तो मैं वही रात की वीडियो टीवी पर चला रहा था, ये देखकर उसके चहरे का रंग उड़ गया और वो रोने लगी, प्लीज किसी को मत बताना वरना बदनामी हो जाएगी, मैंने कहा बताने की जरूरत नहीं बस मेरे साथ भी वही करो और मुझे मना लो.
वो मना करने लगी तो मैंने कहा मेरे लंड में कांटे हैं क्या, वो हंसकर बोली कांटे सह लूंगी लेकिन बाबू जी को पता चला तो नौकरी चली जाएगी, मैंने कहा ठीक है गांव वालों को वीडियो दिखा देता हूं, वो बोली इससे बाबा की भी बदनामी होगी, मैंने कहा बाबा तो दिख ही नहीं रहे वीडियो में, वो चुप हो गई. मैंने कहा मैं सब समझ रहा हूं तुम्हारा भी मन है, कमरे में इंतजार कर रहा हूं आ जाओ, वो बोली देखती हूं डर लग रहा है, मैं कमरे में चला गया लेकिन वो नहीं आई, गुस्सा आ गया और मन कर रहा था कि मादरचोद रंडी नाटक कर रही है, मैंने चिल्लाकर कहा शांति पानी लेकर ऊपर आओ लेकिन कोई जवाब नहीं आया.
नीचे गया तो वो कहीं नहीं थी, मैं रूम में लौटा और वीडियो देखते हुए लंड हिलाने लगा, तभी दरवाजे पर आहट हुई और आंटी अंदर आ गई, मेरे हाथ में खड़ा लंड देखकर वो हंस पड़ी और बोली वीडियो डिलीट कर दो मैं चुदने को तैयार हूं, मैंने कहा पहले चोद लूं फिर डिलीट करूंगा. मैं उस पर टूट पड़ा और ब्लाउज के ऊपर से चुचों को जोर जोर से दबाने लगा, वो उह आह धीरे करो चिल्लाने लगी लेकिन अगले ही पल खुद लंड पकड़कर हिलाने लगी, मैंने उसके सारे कपड़े उतारकर फेंक दिए और उसके भरे हुए उठे हुए दूध देखने लगा, वो मुस्कुरा रही थी और इशारे से मुझे दूध चुसवाने लगी.
मैंने कहा पहले लंड का पानी निकाल लूं फिर सब करूंगा, वो चुपचाप चुत खोलकर लेट गई, मैंने लंड पर थूक लगाया और उसके ऊपर चढ़ गया, लंड चुत पर रखकर एक जोरदार झटके में पूरा अंदर पेल दिया, वो चिल्लाई अरे मर गई धीरे करो बहुत दर्द हो रहा है, मैंने लंड निकालकर मुँह के पास किया और चूसने को कहा लेकिन वो मना कर दी, मैंने कहा बाबा का तो चूसती हो मेरा क्या जाता है, वो बोली नौकरी बचाने के लिए चूसती हूं, मैंने सोचा अभी चुदाई का मजा लेता हूं और उसकी चूत पर मुँह रखकर चाटने लगा.
वो गर्म होकर चिल्लाने लगी आह अंदर पेल ना क्यों तड़पा रहा है आह उइ मां अब चोद दे, मैंने उसकी तड़प का मजा लिया और एक उंगली चूत में डालकर जोर जोर से चूसने लगा, वो सिहर उठी और मेरे सिर को चूत पर दबाने लगी, मैं पूरा मुँह रगड़ रहा था, वो गांड उठाकर बड़बड़ा रही थी आह आज पहली बार इतना मजा मिला आह चूस और तेज चूस ले, पांच मिनट बाद वो मेरे मुँह में झड़ गई और मैंने सारा रस चाटकर साफ कर दिया. वो मुस्कुराकर बोली इतना मजा पहले कभी नहीं मिला अब से तुम्हारी हूं रोज चुदूंगी, मैंने कहा तो मेरा लंड भी चूसो, वो हंसकर मुँह में ले लिया और चूसने लगी लेकिन शायद अच्छा नहीं लग रहा था.
मैंने लंड निकालकर फिर चूत पर रखा और झटके में पूरा पेल दिया, वो आह करके गांड हिलाने लगी, आह मजा आ गया उई आह और तेज रगड़ दो आह मस्त लंड है तुम्हारा आह, मैं पूरी रफ्तार से चूत में लंड चला रहा था, थोड़ी देर बाद चूत में रस छोड़ दिया और सांसें संभालते हुए बगल में लेट गया, आंटी ने चूमकर कहा जितना मजा आज मिला उतना कभी नहीं मिला, जब तक चाहो रोज चोद लेना, थोड़ी देर बाद वो उठकर चली गई. उसके बाद मैंने आंटी को कई बार चोदा लेकिन साली आज भी मेरा लंड नहीं चूसती, मैंने उसे अपने दोस्तों से भी चुदवाया है वो अगली कहानी में लिखूंगा, आप लोगों को मेरी देसी मेड सेक्स कहानी कैसी लगी.