होटल में बॉयफ्रेंड के साथ सेक्स

Boyfriend ke saath Hotel mein chudai: हेलो दोस्तों, मेरा नाम सुहानी है। मैं 24 साल की हूँ, और मेरा परिवार साधारण मगर प्यार से भरा हुआ है। मेरे घर में मम्मी, पापा, और मेरा बड़ा भाई सौरभ है, जो मुझसे तीन साल बड़ा है। मम्मी हाउसवाइफ हैं, और पापा का छोटा-सा बिजनेस है, जिसमें वो दिन-रात मेहनत करते हैं। सौरभ एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करता है, और उसी ने मेरी भी एक अच्छी-सी जॉब लगवाई थी। मैं और सौरभ रोज सुबह एक साथ ऑफिस जाते हैं, क्योंकि हमारा ऑफिस एक ही बिल्डिंग में है।

मैं दिखने में काफी खूबसूरत हूँ, ऐसा लोग कहते हैं। मेरा फिगर 34-28-36 है, और मेरी चाल में एक अलग-सी अदा है। जब मैं चलती हूँ, तो मेरी गांड का हिलना हर किसी का ध्यान खींच लेता है। मेरी चूचियाँ भी भरी-पूरी हैं, और मैं अपने कपड़ों का खास ख्याल रखती हूँ, ताकि मेरा फिगर और उभर कर दिखे। ऑफिस में लड़के मुझे घूरते रहते हैं, और कई बार तो उनकी नजरें मेरी चूचियों और गांड पर ही अटक जाती हैं। पहले मुझे ये सब थोड़ा अजीब लगता था, पर अब मैं इसकी आदी हो चुकी हूँ।

ऑफिस में मेरी एक सहेली बनी, जिसका नाम छवि है। वो 25 साल की है, और एकदम बिंदास और चालू टाइप की लड़की है। वो खुलकर बात करती है, और उसने ऑफिस में कई लड़कों को अपने जाल में फँसाया हुआ है। छवि के साथ रहते-रहते मैं भी खुल गई। वो मुझे अपने बॉयफ्रेंड्स के साथ अपनी चुदाई की कहानियाँ सुनाती थी, और मैं सुनकर गर्म हो जाती थी। उसकी बातें सुनकर मेरी चूत में एक अजीब-सी गुदगुदी होने लगती थी, और रात को मैं अपनी चूत में उंगली किए बिना सो नहीं पाती थी।

ऑफिस में एक लड़का था, गौरव, जो 26 साल का था। वो लंबा, गोरा, और अच्छा-खासा हैंडसम था। उसका शरीर फिट था, और उसकी मुस्कान में एक अजीब-सा आकर्षण था। धीरे-धीरे हमारी बातें शुरू हुईं। पहले तो बस हाय-हेलो, फिर व्हाट्सएप पर चैट, और फिर कॉफी ब्रेक के दौरान लंबी-लंबी बातें। मेरे भाई को इसकी भनक तक नहीं थी, क्योंकि मैं और गौरव ऑफिस के बाहर ही ज्यादा बात करते थे।

एक रात मैं अपने रूम में थी, और नींद नहीं आ रही थी। मैंने देखा कि सौरभ के रूम की लाइट जल रही थी। वो अक्सर लाइट बंद करना भूल जाता था। मैं लाइट बंद करने उसके रूम की तरफ गई, तो खिड़की से देखा कि वो अपने मोबाइल में पोर्न देख रहा था। उसका लंड पूरा तना हुआ था, और वो उसे जोर-जोर से हिला रहा था। मैं एकदम हैरान रह गई। जल्दी से बाहर आ गई, पर उस सीन ने मेरे दिमाग में आग लगा दी। मैं अपने रूम में आई और मोबाइल में पोर्न देखने लगी। छवि मुझे अक्सर ऐसे वीडियो भेजती थी, और मैंने भी कई बार देखे थे। उस रात मैंने अपनी चूत में उंगली की, और इतना जोश आया कि मैं झड़ गई। पर फिर भी मन में एक कमी-सी थी। उंगली करने से वो मजा नहीं आ रहा था, जो मैं चाहती थी।

छवि के साथ मैं कई बार भाई से छुपकर घूमने जाती थी। वो अपनी स्कूटी से आती थी, और हम दोनों छुट्टी के दिन मॉल या पार्क चले जाते थे। एक दिन गौरव भी हमारे साथ आया। हम तीनों ने खूब मस्ती की, और उसी दिन गौरव ने मुझे अपने गर्लफ्रेंड बनने के लिए प्रपोज किया। मैंने उस वक्त कुछ नहीं कहा, पर छवि से सलाह लेने के बाद अगले दिन मैंने हाँ कर दी। अब मैं और गौरव रोज बात करने लगे। वो मुझे फोन पर प्यार भरी बातें करता, और कई बार तो फोन पर ही हमारी बातें गर्म हो जाती थीं।

इसे भी पढ़ें   लॉकडाउन में पड़ोसन टीचर को चोदा- 1 | Sexy Teacher

छवि मुझे अपनी चुदाई की कहानियाँ विस्तार से बताती थी। वो बताती थी कि कैसे वो अपने बॉयफ्रेंड के साथ होटल में जाती है, और कैसे वो उसका लंड अपनी चूत में लेती है। उसकी बातें सुनकर मेरी चूत गीली हो जाती थी, और मैं सोचती थी कि मुझे भी ऐसा कुछ करना चाहिए। मैं रोज रात को अपनी चूत में उंगली करती, पर अब मेरा मन असली लंड से चुदवाने का करने लगा था।

एक दिन गौरव ने मुझे कॉफी शॉप में मिलने बुलाया। हम दोनों एक कोने की टेबल पर बैठे थे। उसने मेरे हाथ को पकड़ा और धीरे से कहा, “सुहानी, मैं तुम्हारे साथ और करीब आना चाहता हूँ।” उसकी आँखों में एक चमक थी, और मेरे दिल की धड़कन तेज हो गई। मैंने शरमाते हुए कहा, “गौरव, मैं भी यही चाहती हूँ।” उसी रात छवि ने मुझे होटल में जाने की सलाह दी। उसने बताया कि वो अपने बॉयफ्रेंड के साथ एक खास होटल में जाती है, जहाँ प्राइवेसी अच्छी होती है।

हमने अगले वीकेंड का प्लान बनाया। मैंने भाई से कहा कि मैं छवि के साथ मॉल जा रही हूँ। उस दिन मैंने अपनी सबसे टाइट जीन्स और एक गहरे गले का टॉप पहना, जिसमें मेरी चूचियाँ और उभरकर दिख रही थीं। गौरव मुझे लेने आया, और हम दोनों उस होटल में पहुँचे, जिसके बारे में छवि ने बताया था। गौरव ने रूम बुक किया, और हम दोनों लिफ्ट में चढ़े। लिफ्ट में ही उसने मुझे दीवार से सटा लिया और मेरे होंठों पर एक गहरा किस कर दिया। मेरी चूत में गुदगुदी होने लगी, और मैंने उसे जोर से पकड़ लिया।

रूम में पहुँचते ही हम एक-दूसरे पर टूट पड़े। गौरव ने मुझे अपनी बाँहों में भरा और मेरे होंठों को चूमने लगा। उसकी जीभ मेरे मुँह में थी, और मैं भी उसे उतनी ही गर्मजोशी से चूम रही थी। उसने मेरे टॉप को धीरे-धीरे ऊपर उठाया और मेरी ब्रा के ऊपर से मेरी चूचियों को दबाने लगा। मैं सिसकारियाँ लेने लगी, “आह… गौरव… और जोर से…” उसने मेरी ब्रा को खोल दिया, और मेरी चूचियाँ आजाद हो गईं। उसकी आँखें मेरी चूचियों को देखकर चमक उठीं। उसने मेरी एक चूची को मुँह में लिया और जोर-जोर से चूसने लगा। मैं सिहर उठी, “उम्म… आह… गौरव… कितना अच्छा लग रहा है…” उसकी जीभ मेरे निप्पल्स पर गोल-गोल घूम रही थी, और मेरी चूत पूरी तरह गीली हो चुकी थी।

उसने मेरी जीन्स की बटन खोली और उसे नीचे सरका दिया। मेरी पैंटी भी गीली हो चुकी थी। उसने मेरी पैंटी को धीरे से उतारा और मेरी चूत को देखकर बोला, “सुहानी, तुम्हारी चूत कितनी गुलाबी है… इसे चाटने का मन कर रहा है।” मैं शरमा गई, पर मेरे अंदर की आग और भड़क उठी। उसने मुझे बिस्तर पर लिटाया और मेरी टाँगें फैला दीं। उसकी जीभ मेरी चूत पर पड़ते ही मैं चीख पड़ी, “आह… उई… गौरव… ये क्या कर रहे हो…” उसने मेरी चूत को चाटना शुरू किया, और उसकी जीभ मेरी चूत के हर कोने को छू रही थी। मैं सिसकारियाँ ले रही थी, “उम्म… आह… हाय… और जोर से चाटो…” मेरी चूत से पानी बह रहा था, और मैं पागल-सी हो रही थी।

इसे भी पढ़ें   Mama ki ladki ke saath suhaagraat

गौरव ने अपनी जीन्स उतारी, और उसका लंड मेरे सामने था। वो करीब 7 इंच का था, मोटा और सख्त। मैंने उसे हाथ में लिया और धीरे-धीरे हिलाने लगी। गौरव सिसकारियाँ ले रहा था, “सुहानी… आह… कितना मजा आ रहा है…” मैंने उसके लंड को अपने मुँह में लिया और चूसने लगी। उसका लंड मेरे मुँह में पूरा नहीं समा रहा था, पर मैंने पूरी कोशिश की। गौरव मेरे बालों को सहलाते हुए बोला, “बस… अब और नहीं… मैं तुम्हारी चूत में डालना चाहता हूँ।”

उसने मुझे बिस्तर पर लिटाया और मेरी टाँगें फैलाईं। उसका लंड मेरी चूत के मुँह पर था। उसने धीरे से धक्का मारा, और उसका लंड आधा मेरी चूत में चला गया। मुझे दर्द हुआ, और मैं चीख पड़ी, “आह… गौरव… धीरे…” उसने मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए और मुझे चूमने लगा, ताकि मेरी आवाज बाहर न जाए। उसने धीरे-धीरे अपना पूरा लंड मेरी चूत में डाल दिया। दर्द के साथ-साथ मजा भी आने लगा। मैं सिसकारियाँ ले रही थी, “उम्म… आह… गौरव… और जोर से…” वो मेरी चूत को धीरे-धीरे चोदने लगा, और हर धक्के के साथ मेरी चूत में उसका लंड गहराई तक जा रहा था।

मैंने अपनी गांड उठा-उठाकर उसका साथ देना शुरू किया। हम दोनों एक-दूसरे की आँखों में देख रहे थे, और हमारे शरीर एक-दूसरे से टकरा रहे थे। “थप… थप…” की आवाज कमरे में गूँज रही थी। मैं चिल्ला रही थी, “आह… उई… गौरव… चोदो मुझे… और जोर से…” उसने मेरी चूचियों को जोर से दबाया, और मेरी सिसकारियाँ और तेज हो गईं। वो मेरे निप्पल्स को चूसते हुए मेरी चूत को चोद रहा था। मैं पागल-सी हो रही थी, “उम्म… हाय… गौरव… कितना मजा आ रहा है…”

कुछ देर बाद उसने पोजीशन बदली। उसने मुझे घोड़ी बनने को कहा। मैं घोड़ी बन गई, और उसने मेरी गांड को जोर से दबाया। उसकी उंगलियाँ मेरी गांड के छेद को छू रही थीं, और मैं सिहर रही थी। उसने मेरी चूत को फिर से चाटा, और फिर अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया। “थप… थप…” की आवाज के साथ वो मुझे चोदने लगा। मैं चीख रही थी, “आह… उई… गौरव… और जोर से… मेरी चूत फाड़ दो…” वो मेरी गांड को थपथपाते हुए मुझे चोद रहा था। उसका लंड मेरी चूत की गहराइयों को छू रहा था, और मैं हर धक्के के साथ सिसकारियाँ ले रही थी।

कुछ ही देर में हम दोनों झड़ गए। उसका गर्म पानी मेरी चूत में बह रहा था, और मैं भी थककर बिस्तर पर लेट गई। हम दोनों ने एक-दूसरे को गले लगाया और कुछ देर तक चुपचाप लेटे रहे। गौरव ने कॉफी ऑर्डर की, और जब वेटर आया, तो मैं बाथरूम में चली गई, क्योंकि मैं पूरी नंगी थी। वेटर के जाने के बाद हमने कॉफी पी और टीवी पर रोमांटिक गाने देखे। गौरव मुझे अपनी बाँहों में लिए हुए था, और मेरी चूचियों को धीरे-धीरे दबा रहा था।

इसे भी पढ़ें   मैंने पड़ोस की एक जवान लड़की की बुर मारी | Vergin Girl Antarvasna Sex Story

कॉफी पीने के बाद हम फिर से गर्म हो गए। गौरव ने मुझे फिर से चूमना शुरू किया। उसकी जीभ मेरे होंठों पर थी, और मैं भी उसे जोर-जोर से चूम रही थी। उसने मेरी चूचियों को मसलना शुरू किया, और मैं उसके लंड को हिलाने लगी। उसका लंड फिर से सख्त हो गया था। उसने मेरी चूत में अपनी दो उंगलियाँ डालीं और अंदर-बाहर करने लगा। मैं सिसकारियाँ ले रही थी, “आह… उई… गौरव… और करो…” उसने मेरी चूत को फिर से चाटा, और फिर अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया। इस बार उसने इतना जोर से धक्का मारा कि मैं चीख पड़ी, “आह… उई… गौरव… धीरे…” पर वो रुका नहीं। वो मेरी चूत को जोर-जोर से चोदने लगा, और मैं हर धक्के के साथ चिल्ला रही थी, “उम्म… हाय… और जोर से…”

हमने फिर से पोजीशन बदली। इस बार मैं उसकी गोद में बैठ गई, और उसका लंड मेरी चूत में था। मैं ऊपर-नीचे हो रही थी, और मेरी चूचियाँ उछल रही थीं। गौरव मेरी चूचियों को चूस रहा था, और मैं सिसकारियाँ ले रही थी, “आह… उई… गौरव… कितना गहरा जा रहा है…” हम दोनों एक-दूसरे को जोर से गले लगा रहे थे। कुछ देर बाद हम फिर से झड़ गए, और थककर बिस्तर पर लेट गए।

जोरदार चुदाई के बाद हम दोनों को नींद आ गई। जब आँख खुली, तो शाम हो चुकी थी। मैं बाथरूम गई, अपनी चूत को अच्छे से साफ किया, और फिर कपड़े पहन लिए। गौरव भी बाथरूम से फ्रेश होकर आया और अपने कपड़े पहने। हमने कुछ देर रूम में बैठकर बातें कीं, और फिर होटल से बाहर निकल गए। मैंने अपना चेहरा स्कार्फ से ढक लिया था, ताकि कोई मुझे पहचान न ले। हम एक पास के गार्डन में गए, वहाँ कुछ देर बैठे, एक-दूसरे को चूमा, और फिर अपने-अपने घर चले गए।

मैंने ये सारी बात छवि को बताई, तो वो भी गर्म हो गई। अगले दिन वो अपने बॉयफ्रेंड के साथ उसी होटल में चली गई। अब हम दोनों सहेलियाँ अपनी चुदाई की कहानियाँ शेयर करती हैं। छवि तो कई बॉयफ्रेंड्स बदल चुकी है, पर मैं अभी भी गौरव के साथ ही हूँ।

क्या आपको मेरी ये चुदाई की कहानी पसंद आई? आपकी अपनी कोई चुदाई की कहानी हो, तो कमेंट में जरूर बताएँ।

Related Posts

Report this post

Leave a Comment